Chapter 3 - पहली मुलाकात

फोन के दोनों छोर पर अचानक एक भयानक-सा सन्नाटा छा गया| यहाँ तक कि सू नान, जो सिटी एक्सएक्स में बहुत दूर थी, फोन की खामोशी के माध्यम से भावनाओं और उदासी की घुटन को महसूस कर सकती थी, जैसे की साँस लेने में तकलीफ़ हों रही हों| उसे अचानक इस खबर को बताना पछतावा जैसे लगा, लेकिन कुछ ऐसी बातें थीं, जिनका सामना करना उसके लिए ज़रूरी था| शियाए... क्या तुम ठीक हो?"

दूसरी और से सु नान की चिंतित आवाज़ आई जिससे लगा की उससे कितना अफ़सोस हुआ है|"मुझे माफ़ करना ... मुझे तुम्हे यह नहीं बताना चाहिए था,लेकिन आप इसका इंतेज़ार नहीं कर सकते की वो तुम्हारे सामने हस्ते हुए दिखे,वह और दर्दनाक होता और आप ज़्यादा दुखी होती| इससे तो अभी बताना ठीक था|

थोड़ी देर चुप रहने के बाद, शियाए ने अचानक किताब जो उसके हाथ मैं थी उसे बंद कर ली और धीरे से अपनी आँखें बंद कर ,फिर, उन्हें खोल कर ,उसकी धुंधली आँखों में उदासीनता और रूखापन चमकने लगा|उसकी एक दूं अलग रूप से शांत आवाज़ आई "मम्म, मैं समझ गयी , धन्यवाद,सु नान|"

सु नान ने गहरी सांस ली। उसकी आवाज़ में सहानुभूति का संकेत था क्योंकि दोनो में एक मायूसी सी छा गयी थी|"शियाए, क्या तुम ठीक हो? परेशान मत हो ... इस तरह का व्यक्ति किसी लायक नहीं ..."

शियाए ने अपना सिर नीचे किया और अपनी उंगलियों के बीच चाय के प्याले को देखने लगी| बड़ी मुश्किल और बैठे हुए स्वर से उसने कहा,"मैं ठीक हूं। आप आराम क्यों नहीं करते? मैं शाम को आपको लेने आती हूँ|"इससे पहले कि सु नान कुछ जवाब दे पाती, उसने अचानक फोन रख दिया|

तीन साल हो गए, तीन साल !

शियाए ने महसूस किया कि जैसे जैसे ठंडी हवा चल रही थी उसकी उंगलियो का तापमान ठंडा होता जा रहा था |उसके खूबसूरत एवं लुभावने चेहरे पर जैसे किसी के लिए नफ़रत छा रही हों|यह पता चला कि एक रिश्ता, जो उसने सोचा था कि समय के समुद्र में उतार-चढ़ाव से गुजरने के बाद भी स्थिर है, अंत में फीका हो जाएगा| यह इस कप की चाय की तरह ठंडा हो चुका है, इस ठंडी हवा के बीच सारी गर्माहट धीरे-धीरे ठंडी होती गयी| अपने आप को मुक्त होने का मौका दें, शी शियाए। अब आप युवा नहीं रही| वह काफ़ी देर के लिए चुपचाप बैठी रही| यह समय इतना लंबा लग रहा जैसे की एक दशक पूरी हों गयी| इससे पहले कि वह अपने होश में आए,उसने कस कर अपना सिर उठा लिया और ठंडी चाय का प्याला पी लिया। जैसे ही उसने चाय का घुट पिया,एकदम से उसे कड़वा और ठंडे का स्वाद उसके सीने तक पहुच गया| इतनी ठंड ने उसे कठोर बना दिया था,और उसकी छाती पर जैसे कोई डॅंक मार रहा हों| निराशा के भंवर में फँसी हुई थी तभी उसके दादाजी का कॉल आया| 

"शियाए, दादाजी बोल रहा हूँ| आप कहां हैं? क्या आप निकल गयी है? बाहर ठंडा है,ज़्यादा कपड़े पहने रखना और याद रखें, देर न करें!" उसके दादाजी के प्यार और चिंतित आवाज ने याद दिलाया, "यह बांस मेपल फ़ॉरेस्ट टैवर्न में पहला सुईट है, गलत ना चले जाओ| उस पल में, शियाए को याद आया कि उसने अपने दादा से किस बारे में बात की थी, तभी उसे सिरदर्द शुरू हुआ।

शियाये ने साँस लेते हुए, धीरे से उठी, और फिर किताब को वापस शेल्फ पर रख दिया और धीरे से उत्तर दिया, "समझ गयी, मैं बाहर पर मैं समय पर वहाँ पहुँच जाऊँगी।आप चिंता मत करो, दादाजी।"

"आज रात घर पर जाओ,आपकी माँ भी छुट्टी पर है|मैं उन्हे कुछ अच्छे पकवान तुम्हारे लिए बनाने को बोलता हूँ|मैने सुना है इन दिनो तुमने काफ़ी काम किया है"शेन यूए ने कहा|.

"मुझे जाना है और रात में फ्रेंड को एरपोर्ट से लेना है और उसका स्वागत भी करना है|मैं आपको और माँ को कुछ दिन में मिलने आती हूँ और कुछ अच्छी मिठाई लाती हूँ| फोन की दूसरे और से शेन यू की दुखी और ईर्ष्यालु आवाज आयी "क्या आपके दादाजी और आपकी माँ आपके दोस्त की तरह महत्वपूर्ण नहीं हैं?"

शियाए हँसी और प्यार से बोली"मैं कल पूरे दिन तुम दोनों के साथ रहूँगी। क्या यह ठीक है?

 "यह ज़्यादा बेहतर है!"

जब उसने अपना फोन रखा, तो शियाए ने समय देखा, समय को देखकर महसूस किया कि अभी भी बहुत वक़्त है, इसलिए उसने अपने दादा, शेन यू, और उसकी माँ, शेन वेन्ना के लिए कुछ उपहार लेने का फैसला किया। वह काफी समय से वापस नहीं गई थी और उनकी बहुत याद भी आती थी| शियाए को वक़्त की क़द्र थी, वह हमेशा बहुत समय की पाबंद थी और शायद ही कभी देरी करी होगी|

जब वह नियत स्थान पर पहुंची,बांस मेपल फॉरेस्ट टैवर्न, बराबर 3:30 बजी थी| हालाँकि यह चाय का समय था, क्योंकि यह जगह काफ़ी एकांत थी,और एक बहुत ही उच्च-श्रेणी का स्थल था,इसीलिए काफी कम लोग दिख रहे थे|

शी शियाए को जल्द ही बैठने की जगह मिल गयी,जो कि बांस मैपल फॉरेस्ट टैवर्न का पहला सुईट था।

उसने प्रवेश करने से पहले उसे खटखटाया, हल्की और निर्मल चाय की खुश्बू उसकी नाक तक पहुँच गई।उसने जैसे ऊपर देखा एक आदमी की परछाई नज़र आने लगी|

उस आदमी ने फुल वाइट सूट पहना था| अपनी सीट पर आराम से बैठकर चाय की चुस्की ले रहे थे| दूर से,ऐसा लग रहा था मानो कोई कठोर सा आदमी बैठा है|

शी शियाए ने हल्की साँस लेते ली, और घूरना बंद करा और अपनी गति बदाते हुए आगे गयी, वह आदमी के सामने नरम सोफे पर जाकर बैठ गई। उसने उसके समान को साइड में किया और उसे देखने लगी, उसी पल आदमी ने भी उसे देखा|

वह बेहद खूबसूरत था,समुद्र की तरह गहरी आँखें और उनमें एक गहराई और ज्ञान था। उसकी नाक नुकीली सी थी, पतले होंठ और उनके आस-पास एक अलग सा वातावरण था जो काफिे लुभावना था, काफी सीमित सा था और दिखावटी नहीं दिख रहा था| थोड़ा अलग से रहने वाला दिख रहा था,कोमल और शांत मन का लग रहा था| कुछ पल के लिए दोनो की दिल की धड़कने जैसे थम सी गयी थी|

शी शियाए अपने होश में आई| उसका सुंदर और शरमाता चेहरा एक पल के लिए मानो थम सा गया क्योंकि उसकी आँखों में खुशी अलग ही झलक रही थी|

"यह आदमी जादूगर है"

म्यू युकेन ने शी शियाए पर एक नज़र डाली, और वही चमक उनकी आँखों में साफ दिख रही थी| उन्होंने शियाये को सिर हिलाते हुए फोन पर व्यक्ति से स्पष्ट रूप से कहा "इसे हल करने के लिए, आपको जैसा जमता है करे|

उसकी धीमी आवाज़ एक सेलो इनस्टरूमेंट की तरह थी,तनी अलग एवं अत्यंत मनमोहक और कानों के लिए बहुत सुखदायक था।

उस एक वाक्य के साथ, उसने अपना कॉल समाप्त कर दिया।

दरअसल, दोपहर के भोजन समाप्त करने पर , म्यू यूकेन की दादी ने उसे हेरान कर रखा था। हर तीन से पांच मिनट में वह उसे इस मुलाकात के बारे में याद दिला रही थी| वह एक सांस लेने के लिए बाहर निकलना चाहता था, लेकिन उसके पास का फोन बजना बंद ही नहीं हों रहा था| असहाय रूप से, वह केवल अपनी दादी वांग हुई को खुश करने के लिए मिलने आया था ताकि उनकी दादी और परेशान ना कर सके| उसने शांति से शियाए को देखा जो उसके सामने बैठी थी|

उसने एक हल्की क्रीम वाला मिड-लेंथ कोट पहना था और एक नाजुक और एलिगेंट लग रही थी| उसके बाल लंबे और खूबसूरत थेयजो उसके चेहरे पर बार बार आ रहे थे|उसकी आँखें सॉफ और वह काफी लुभावनी लग रही थी|

"हेलो, मैं शी शियाए हूँ" उसने देखा उसे फोन रखते हुए तभी बोली| हल्का सा रूखापन था उसकी सुंदर आवाज़ में|

उसके दादाजी ने केवल इतना सा कहा था कि वह जिस व्यक्ति से उसके मिलने की बात करी थी, वह उनके पुराने साथी जो उनके साथ काम करते थे उनका पोता है| उन्होने उसे सूचित किया कि वह काफी सभ्य और स्वभाव भी अच्छा है।असल में,वह पहले आर्मी फोर्स में घुलमिल गया था, और शी शियाए की तरह, सैन्य अकादमी में गया था| अफसोस की बात यह है कि उसने वहाँ अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की थी,इसके बजाय, वह विदेश में उँची शिक्षा प्राप्त करने के लिए चली गयी थी| जबकि उसके सामने वाले आदमी को देखकर लग रहा था,कि वह फोर्स कुछ साल रहा और फिर विदेश में घुमा होगा|

म्यू युकेन ने विनम्रता से शी शियाए को एक कप चाय परोसी, जवाब में उनका सुंदर चेहरा न्र आसानी से कहा,"नमस्ते, मिस शी।" शी शियाए मुस्कुराइ, उसने अपना कप उठाते हुए, घूंट लिया और फिर पूछा, "क्या आपको काफ़ी समय तक इंतजार करना पड़ा?"

"मैं भी अभी पहुचा हूँ" म्यू यूकेन ने सरलता से जवाब दिया। फिर, उनकी लंबी उंगलियों ने उनके बगल में रखे मेनू पर इशारा | "खाने के लिए कुछ ऑर्डर करना चाहती है? यहाँ की मिठाइयाँ काफ़ी लोकप्रिय हैं।"

शी शियाए ने मिठाई के मेनू पर एक नज़र डाली जो खुली हुई थी और सभी प्रकार के डेसर्ट प्रदर्शित किए गए थे। उसने हल्के से अपना सिर हिलाया और धीरे से कहा, "कोई ज़रूरत नहीं। मुझे भूख नहीं है।"

"आपको मीठा खाना पसंद नहीं है?" मु युकेन ने उसकी ओर उत्सुकता से देखा,उनकी धीमी आवाज़ में प्रश्न पूछा, लेकिन उनकी आँखें आत्मविश्वास से भरी थीं।

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