"बहुत हुआ|"
दूसरी तरफ हान यिफ़ेंग जिसने अभी तक चुप्पी साधे रखी थी,आख़िरकार शांति से बोला| उसने शी शिशिई को बचाने के लिए पीछे धकेल दिया और फिर सु नान को गुस्से से देखने लगा|"सु नान, अगर तुम किसी चीज़ के लिए परेशान हो तो मेरे पास आ सकती हो| तुम्हे शी शिशिई से कुरूरता से बात करने की ज़रूरत नहीं|"
जब उसने उसे सुना, तो सु नान ना चाहते हुए भी हँसी और उसकी आँखों में दया आ गई। "कुरूरता से बात करते हुए हमला? हान यिफेंग, मैंने कभी नहीं सोचा था कि तुम एक कमीने आदमी हो जिसके पास दिल नहीं है | तुम ऐसा करके शियाए को कैसा महसूस करा रहे हो?
शियाए.....
जब उसने नाम सुना, तो शी शिशिई दंग रह गयी और उसका शरीर जैसे बेबस हो गया |
"शियाए और मेरे बीच जो था उससे शिशिई का कोई लेना देना नहीं है| उसको निशाना बनाने की कोई ज़रूरत नहीं है।"
हान यिफेंग की आंँखों में कुछ चमक आई,उनकी धीमी आवाज धुंधली होते हुए बूंँदा-बांँदी से गुजरी और जब उसका नाम सुना, तो उसकी आवाज़ में कड़वाहट आ गयी|
शी शिशिई ने उसके होंठ थोड़े चबाते हुए चेहरा शांत रखा जैसे उसने अपना अपमान निरंतर सहा हो| उसके साथ थोड़ी सहानुभूति जताई,उसने तुरंत हान यिफेंग का हाथ पकड़ कर उसकी आस्तीन खींच ली। शी शिशिई ने अपना सिर धीरे से हिलाया।
"यिफेंग, बहुत हो गया, वह सही है जो मेरी आलोचना कर रही है| यह मेरी ग़लती है सारी, मैंने ही हमेशा से इसकी दोषी रही हूँ | ..."
"शिशिई, इससे तुम्हारा कोई लेना-देना नहीं है। तुम्हें खुद को दोषी ठहराने की कोई ज़रूरत नहीं है!"
सु नान ने फिर दुख के साथ तिरस्कार किया| उसकी आँखों से आंँसू रुक नहीं रहे थे| उसने धीरे से अपना हाथ उठाया और शी शिशिई को इशारा किया जो हान यिफ़ेंग के पीछे खड़ी थी और रोते हुए बोली "बहुत हो गया!अब और आपको नाटक करने की ज़रूरत नहीं है। किसके लिए कर रहे हो? शियाए अंँधी थी जो तुम दोनों को पसंद करती थी, बेदिल, धोकेबाज़ लोग| तुम लोगों ने वह सब चुरा लिया जो शियाए का था| क्या अब खुश हो तुम दोनों ?मैं,सू नान जो करीब ३० साल की हूँ ,मैंने आज तक ऐसी बेशरम और घिनोनी औरत नहीं देखी| सारा दिन, आप वर्जिन मैरी की तरह एक शुद्ध-सफेद कमल की तरह बनती थी,पर असल में तुम चालें चलने वाली डायन हो| जो भी तुम्हे पसंद करता है वह अँधा है| एक बदचलन औरत,धोखेबाज आदमी के लायक है! "
सु नान गंदे शब्द मशीन गन की तरह फायर कर रही थी|वह बस यही चाह रही थी उसकी कठोर नज़रों से उन दोनों को हज़ार बार मौत मिले|
"तुम अपना व्यावहार देखो, सु नान!"
हान यिफेंग के सुंदर भौंह मैं एक और गांठ-सा हुआ| भयानक शब्द जो उसके कान में प्रवेश कर रहे थे,वैसे उसको फ़र्क नहीं पड़ता है फिर भी उसके कानों में चुभ रही थी वे बातें|
" शियाए और मेरे बीच की बात को केवल कुछ शब्दों में समझाया नहीं जा सकता है। इसके अलावा, यह उसके और मेरे बीच की बात है| मुझे आशा है कि तुम हस्तक्षेप नहीं करोगी!"
"व्यवहार ? क्या मुझे अपने व्यवहार की परवाह करनी चहिए जब भयानक लोगों की बात हूँ | मेरी बातें तुम निगल नहीं पा रहे? जंगली मुर्गी! वह एक जंगली मुर्गी है! उससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कैसे कपड़े पहनती है, वह सबसे अलग नहीं बन सकती। हान यिफेंग, तुम्हें पक्के से पछतावा होगा!
सु नान गुस्से में थी और उसका छोटा-सा चेहरा चुकंदर जैसा दिख रहा था।
हान यिफ़ेंग के आवभाव और बिगड़ने लगे, उसकी आँखों में गुस्सा भर गया और अपनी मुट्ठी बंद करते हुए वह ज़ोर से चिल्लाया, "सु नान! तुम्हारी फिर से हिम्मत कैसे हुई यह कहने की ?!"
"क्या गलत है? क्या मैंने कुछ गलत कहा है?" सु नान साहस करते हुए फिर से चींखी, "मैं कह रही हूँ शिशिई एक जंगली मुर्गी है| वह कैसे कपड़े पहने उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता | वह सिर्फ एक बेशर्म सफेद कमल है जो कुछ सस्ती चालें चलती है जीवन में आगे बढ़ने के लिए| क्या मैंने कुछ गलत कहा? "
"चुप रहो!"
परेशान?
तो, अब पता चला है कि इसे कैसे देखा गया था।
यह वह पल था जब उसने सालों पहले ऐसा ही महसूस किया था|
वह बरसात की रात, वह सड़क पर ऊँची रोशनियों के साथ खड़ी थी|
वह मुस्कुराई और टूटे हुए अतीत को देखने लगी| ...
शी शियाए , जो सु नान के पीछे खड़ी थी, उसने अचानक गहरी साँस ली और अपनी आँखें बंद कर लीं। फिर, उनको खोलते हुए वह घूम गयी| उसने सु नान के पतले शरीर को देखा और सरलता से कहा, "कार में जाओ, सु नान|"
उसकी अचानक से कमजोर और बैठी हुई आवाज बाहर आई,जिससे सब स्तब्ध थे|
हान यिफ़ेंग ने धीरे से देखा और फिर उसे लगा कि कार के बगल में सु नान से बहुत दूरी पर नहीं, शी शियाए, जिसकी टिमटिमाती आँखें चुपचाप यह सब देख रही थीं, रिमझिम फुहार में छाता पकड़े हुए खड़ी थी|
बर्फ़ीली हवा से उसके कपड़े फड़फड़ाने लगे,और हवा के झोंके ने उसके शरीर को और भी कमजोर बना दिया था, फिर भी उसका सुंदर चेहरा जो उसके चश्मों से आधा ढंका हुआ था उससे और भी ठोस और बेपरवाह लग रहा था|
"शियाए"
हान यिफेंग का सुंदर चेहरा अचानक कठोर हो गया।भावनाओं का मिश्रण तेज़ी से उसकी गहरी और खामोश आँखों में चमक उठा उसने उसके हाथों को धीरे-धीरे कस लिया ।
शी शियाए को भी ऐसा लगा जो हाथों ने उसकी कमर को पकड़ा है वह अचानक से सख़्त हो गयी है| अपने होठों को हल्का सा चबाते हुए शियाए ने धीरे से ऊपर देखा उसकी सुंदर चमचमाती आँखों से कमजोरी और लालसा झलकने लगी जब उसने शी शियाए को देखा| हल्की सी साँस लेते हुए, एकदम से उसकी आँखों में पानी आना शुरू हो गया | तभी उसने शियाए को एक कर्कश आवाज़ के साथ पुकारा, "बहन ... मैं ... मैं तुम्हें सच में बहुत याद करती हूँ"|
बहन?
मुझे तुम्हारी सचमुच याद आती है?
शी शियाए के कानों में गूँजने वाले ये शब्द ऐसे लगे जैसे कोई पुराने घाव पर फिर से तेज चाकू से खरोंच रहा हो, जो घाव कभी भरा ही नहीं पाए| सर्दी ने उसके बदन को जकड़ लिया था|
लोगों ने कहा था की वक़्त सब ठीक कर देता है, और समय के चलते, बुरे से बुरा घाव भी ठीक हो जाता है|
उसने यह भी कहा है की तुम जिसे एक बार जाने देते हो , असल में वह इतना महत्वपूर्ण नहीं होता| उन्होंने कहा है कि रिश्ता टूटना और अकेलेपन की आदत होने के बाद, आप उस व्यक्ति से उतना प्यार नहीं करते जितना आपने सोचा था और जितना आपने किया था|
पहले, उसने सोचा कि चूंँकि काफी साल हो गए हैं, इसलिए ये चीजें अतीत में बह जाएगी| उसे इसकी आदत हो गई थी। धीरे-धीरे, वह यह सब सहन भी कर रही थी, लेकिन अफवाहें तो अफवाहें हैं ,कौन साबित कर सकता है कि ये सब सच है?
दूसरी बार में,उसे काफ़ी कुछ महसूस होने लगा| उसकी छाती दुखने लगी और उसे सांस लेने में मुश्किल होने लगी जिससे उसका सिर भी घूम रहा था और दिल भी बार बार दुख रहा था |
हालाँकि, जितनी भी असुविधाओं ने उसे तकलीफ दी, वह सिर्फ़ वहाँ से मुड़ सकती थी| उसने ज़ोर से अपनी आँखें बंद कर लीं और अपने आप को शांत किया। फिर, उसने अपनी आँखें खोलीं और चश्मे के नीचे उनको छुपा लिया, जो कि अब सामान्य-सी हो गयीं थीं|
थोड़ी साँस लेते हुए और बेपरवाही से देखा उन दो लोगों को जो उसकी और खड़े थे|उसके पतले होंठ जान फीके से पड़ गये थे| उसने सु नान के कंधे को हल्के से सहलाते हुए अपना हाथ हटा लिया। दंपति पर नज़रअंदाज़ करते हुए उसने अपना छाता बंद किया और कार में जाने के लिए झुक गयी| शुरू से लेकर अंत तक, उसने हान यिफ़ेंग और शी शिशिई को एक शब्द तक नहीं कहा।
"शियाए, तुम कैसी है? क्या तुम ठीक हो ?!"
इस समय, सु नान की आँखें जल रहीं थीं जब उसने महसूस किया शियाए को, उसने जैसे ही मुड़ना चाहा उसने देखा शियाए कार में सिर को एक तरफ करके बैठी थी उसका बहुत दिल दुखा था| ना चाहते हुए उसने अपना आधा चेहरा हाथों से छुपा लिया था| उसकी उग्र निगाहें हिन यिफेंग और शी शिशिई की ओर चमकते हुए रंगों से गुज़रीं ...
"हान यिफेंग, तुमको कभी नहीं मालूम पड़ेगा की तुमने क्या खोया है? तुम धोकेबाज़ो को जानने से बेहतर मैं खुद को अंधी मानती हूँ|
कर्कश आवाज़ में, सु नान ने कार में जाने से पहले कहा|
"शियाए, कैसी हो? कुछ तो बोलो!"
कार में, वह शी शियाए की ओर झुकी और उसके दोनों हाथों ने शी शियाए के कंधे को कसकर पकड़ लिया।जब उसने देखा कि वह बिल्कुल नहीं हिल रही है, तो वह घबराने लगी।
शी शियाए ने सु नान के हाथों को धक्का दिया जो उसके कंधों पर थे और वह कार की खिड़की से बाहर देखने लगी| शांति से आश्वासन देते हुए बोली, "मैं ठीक हूंँ। ड्राइवर, चलो । उत्तर में एंपरर एंटरटेनमेंट सिटी पर चलो|"
उसके कहते ही , ड्राइवर ने तुरंत अपना इंजन चालू कर दिया|