शियाए को अकड़ में देखकर शिशिई सिसिकने लगी और आंँह भरते हुए बोली "मैने लगातार खुद को दोषी ठहराया है, लेकिन बहन, मैं वास्तव में यिफेंग से प्यार करती हूँ , इसलिए कृपया, हमें माफ़ कर दो| हम केवल आपके आशीर्वाद से ही खुश रह सकते हैं|बहन, तुम मेरे लिए वास्तव में महत्वपूर्ण हो। मुझे वास्तव में तुम्हारी माफी और आशीर्वाद की आवश्यकता है, प्लीज़| शी शिशिई की सिसकियाँ और नाज़ुक-सी आवाज़ शियाए को उदासीन कर गयी और दिल में चुभने लगी| यह इतना दर्दनाक था की वह खुद को मृत महसूस कर रही थी|
कितनी जालिम है, वो लड़की जो उसके सामने खड़ी थी उसकी सबसे प्रिय दोस्त थी, फिर, अचानक, एक दिन उसके पिता ने उसकी माँ को तलाक दे दिया और इस लड़की की माँ उसकी सौतेली माँ बन गई। यू शिशिई, शी शिशिई बन गई। वह उसके पिता की नाजायज़ संतान बन गयी थी, इसलिए वह शी शियाए की छोटी बहन बन गई और शी शिशिई की माँ ने उसकी माँ शेन वेन्ना का स्थान ले लिया।
शी शिशिई वास्तव में बहुत प्यारी थी| वह हमेशा इतनी सुंदर और दयालु होने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई में होशियार और सबसे बढ़िया थी। जिस वक़्त उसने शी परिवार में प्रवेश किया, हर कोई उसे प्यार करता था, जिसमें दादी भी शामिल थीं, जिन्होंने हमेशा शी शियाए को बहुत स्नेह दिया|
शी शियाए के हिसाब से, वह शांत थी और कम लोगों से मिलती थी| उसे बात करना पसंद नहीं था और वह पढ़ाई में भी सामान्य-सी थी। समय-समय पर अपने दादा से बात करने के अलावा, वह आमतौर पर गुमसुम-सी रहती थी| शी परिवार में शिशिई आने के बाद शि शियाय को सब भूलने से लगे थे,और शिशिई परिवार का अनमोल रत्न बन गयी|
हान येफ़ेंग के साथ सगाई बड़ी शी और बड़े हान के बीच एक वादा था, वे काफ़ी अच्छे दोस्त थे और अपने परिवारों के बीच एक गहरा रिश्ता बनाने और बेहतर दोस्ती की उम्मीद करते थे। शियाए ने हमेशा हान परिवार की बहू में खुद को देखा था,जो शिशिई के आने के बाद वह बात उड़ती हुई सी लगने लगी थी|
जो सबसे मज़ेदार बात उसे लग रही थी की, इस रोती हुई महिला और उसकी माँ ने उसके सुखी परिवार को ख़त्म-सा कर दिया था| उन्होंने उससे उसके पिता को दूर कर लिया था, परिवार में उसकी जगह ले ली थी, और यहाँ तक कि उसके जीवन का प्यार भी छीन लिया, फिर भी अब वह उससे माफी माँग रही थी...
पूरी दुनिया में इससे बड़ी विडंबना शायद कुछ नहीं थी।
उसे याद दिलाया गया कि बहुत समय पहले, हान यिफ़ेंग और उससे कई अन्य लोगों को ईर्ष्या हुई थी| उन दोनों के बीच कुछ अच्छी यादें जुड़ी हुई थी और अब यह सब एक मजा़क के अलावा कुछ भी नहीं था।
उसने सोचा था कि वह अपने परिवार को खोने के बाद भी खुश रह सकती है, जब तक कि वह हान यिफेंग उसके साथ है ,लेकिन किसी ने नहीं सोचा था की चीजें इस तरह से खत्म हो जायेंगी ?
यह सब सिर्फ अस्थायी आतिशबाजी थी। कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कितनी सुंदर थी, वे सिर्फ काले आकाश की ऊँचाई में समाप्त हो गयीं ।
मुस्कुराते हुए उसने कहा पर उसकी आवाज़ में काफ़ी दर्द था "तुम दोनों ने मेरे सीने में छुरा घोंपा है, मेरा घाव अभी तक ठीक नहीं हुआ है, और तुम चाहते हैं कि मैं तुम दोनों को माफ कर दूंँ। शी शिशिई,आपने वास्तव में मेरी सोचने की दृष्टि को बड़ा दिया है।"
"बहन, मुझे पता है कि मैं गलत हूँ, मैं ... मैं आपको इतना दुखी नहीं देखना चाहती हूँ| मैं वास्तव में खुद को अंदर से कष्ट दे रही हूँ, खासकर के जब मैंने माँ से सुना कि आप पिछले कुछ वर्षों में घर नहीं गयी हैं।प्लीज़ ... प्लीज़ इस तरह का बर्ताव ना करे ... आप सभी को बुरा महसूस करवा रही हो, हमारे दादा-दादी और पिता वास्तव में आपको याद करते हैं। वे चाहते हैं कि आप घर लौट आयें । "
जैसे-जैसे शी शिशिई की आंखों से आंँसू गिरने लगे, उसने शी शियाए के कंधे को मजबूती से पकड़ लिया, फिर उसकी बहन ने उसके इस व्यवहार को पीछे ढकेलते हुए ठुकरा दिया।
" दूर हो जाओ मेरी नज़रों से! मुझे मत छुओ!"
बैंग!!
शिशिई मोतियों के पर्दे पकड़ते हुए पीछे हुई जिससे सारे मोती गिर गये, शिशिई ने गलती से कुछ मोतियों पर कदम रखा और चींखते हुए फर्श पर ज़ोर से जा गिरी| एक अफ़सोस व क्रोधित आवाज सुनाई दी "शी शियाए, तुम वास्तव में बहुत क्रूर हो|
शी शियाए को झटका-सा लगा जैसे ही उसने ने धीरे से घूमकर हान यिफ़ेंग का चेहरा देखा। वह उसे बड़े गुस्से में निराशा से देख रहा था|
उन आँखों को ज़हरीली स्टील की सुइयों की तरह मानती थी जिससे शी शियाए को कष्ट होता था। हालांकि, उस समय केवल एक चीज जो वह महसूस कर रही थी वह सिर्फ सन्नाटा थी।
हान यिफ़ेंग ने आगे बढ़ कर शी शिशिई की मदद की, पीड़ा में उसे देख उसने धीरे से पूछा, "शिशिई, क्या तुम ठीक हो?" शी शिशिई का चेहरा पीला और पीड़ा से भरा हुआ लग रहा था। उसने अपने होंठ को थोड़ा कसते हुए कहा "मैं ... मैं ठीक हूं। मैं बस थोड़ा फिसल गयी, यह बहन की गलती नहीं है ..."
"मैंने सब कुछ देखा, शिशिई! तुमने कुछ भी गलत नहीं किया है, खुद को दोषी महसूस करने की ज़रूरत नहीं है।"
हान यिफ़ेंग को बहुत बुरा लगा जब उसने शी शिशिई के छोटे हुए चेहरे को देखा। वह शी शिशिई की मदद करने वाला था की शी शिशिई ज़ोर से चिल्लाई जब उसने हिलने की कोशिश करी तो, उसके चेहरे के भाव से पता चला कि वह बहुत दर्द में थी।
"बहुत दर्द हो रहा है"
शिशिई के माथे पर पसीना आने लगा था जब उसने हन यिफेंग को कसकर पकड़ा था| वह अभी भी यह समझाने की कोशिश कर रही थी, "नहीं, यिफेंग, अगर यह मेरे लिए नहीं होता ... तो चीजें इस तरह से नहीं होतीं। मैं पिछले कई सालों से आशा कर कर रही हूँ की शियाए मुझे माफ़ कर दे| यदि नहीं, तो मैं शादी करके भी खुश नहीं रहूँगी |"
"शिशिई, तुम ..."
हान यिफेंग ने देखा उसके गाल से होते आँसू बह रहे थे, वह नीचे बैठ गया और धीरे से उसे पकड़ लिया, लेकिन शी शिशिई ने उसे दूर हटा दिया और दीवार के सहारे उठ गयी| वह दर्द में शी शियाए के पास पहुँची, हर कदम उसके कष्ट का कारण बन रहा था।
"बहन, मैं ..."
"सावधान रहो, शिशिई!" ...
शी शियाए ने कुछ नहीं कहा| उसके सामने जो हुआ उससे उसको कुछ फ़र्क नहीं पड़ा क्यूँकी उसके मन में प्यार ख़त्म हो चुका था| वह नज़रे फेरने के अलावा कुछ और नहीं कर सकती थी|
उसे खुद को समझाने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई, इसलिए वह घूम गई और उन दोनों के बीच में से होते हुए बाहर निकलना चाहती थी, और ऐसे बर्ताव कर रही थी जैसे कुछ हुआ ना हो|
जब वह उनके पास से गुजरीं तो शी शिशिई ने उसे पकड़ लिया, उससे विनती करते उसके चेहरे पर आँसू बह निकले , "मुझे पता है कि तुम मुझसे नफरत करती हो।मुझे माफ़ कर दो ... लेकिन अगले हफ्ते दादाजी का जन्मदिन है। वह वास्तव में तुम्हारे बारे में चिंतित हैं। पिता, माता, और दादी भी ... वे वास्तव में चिंतित हैं जबसे आप वापस नहीं गयी हो... "
"जाने दो मुझे!"
इससे पहले कि शी शिशिई अपनी बात पूरी कर पाती, शी शियाए ने बर्फीला ठंडा वातावरण करते हुए कहा-
"बहन!"
"तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया जिससे मुझे तुमसे घृणा हो गयी है? शिशिई, मेरी माँ शेन वेन्ना ने सिर्फ़ मुझे जन्म दिया है, शी शियाए को, इसलिए -"
शी शियाए ने उसे हिला दिया और उसकी आँखें शी शिशिई को घूर रही थीं मानो वह किसी अजनबी को देख रही हो।उसकी आवाज़ ठंडी और अजीब सी लग रही थी "मेरा कोई भाई-बहन नहीं है। कृपया मेरे सामने नाटक मत करो। हो सकता है तुम थकी नहीं हो , लेकिन मैं थक चुकी हूँ। इसलिए बहुत हो गया|"
शी शियाए के अचानक इस बर्ताव ने शिशिई को फिर से लगभग गिरा दिया, लेकिन हान यिफेंग ने उसे तेजी़ से दौड़कर पकड़ लिया|