ये वानवान ने अपनी आँखें खोलीं।
उसका सामना ऐसी आँखो से हुआ जिसने उसकी रीढ़ की हड्डी को जमा दिया और उसकी आत्मा को झकझोर कर रख दिया।
आह
उसकी उंगलियों ने कसकर चादर को पकड़ लिया।
फिर, उसे अपने शरीर के भयंकर दर्द को सहना पड़ा।
क्या यह नर्क हो सकता है?
ऐसा क्यूँ है कि जबकि मैं मर चुकी हूँ, फिर भी मुझे इस शैतान के पास यहां वापस आना पड़ा?
इस आदमी के आकर्षण से उसका दिमाग चकरा गया था, और बहुत सहजता से उसने विरोध किया, "मुझे मत छुओ!"
एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे उसे बर्फ़ ने छुआ हो। उसके भयानक और बेरहम भाव पूरी तरह से हावी हो गए और उसके बर्फीले-ठंडे होंठों ने उसे इस तरह काट लिया, मानो उसे पूरा निगल जाना चाहते हों।
ये वानवान इतने दर्द में थी कि वह ठीक से सोच भी नहीं पा रही थी । उसने अवचेतन से गुहार लगाई, "क्यों ...मैं क्यों….सी येहन ... मैं ही क्यों हमेशा?"
"क्योंकि तुम्हें ही होना चाहिए"।
उसकी गहरी और कर्कश आवाज़ सुनना ज़ंजीरों की हथकड़ी की तरह था, जिसने उसकी आत्मा को क़ैद कर दिया था।
वही जवाब जो उसने पिछले जन्म में भी सुना था उसे दोबारा सुनकर 'ये वानवान' कोमा में चली गई ।
...
जब उसने फिर से अपनी आँखें खोलीं, रात का अंधेरा दिन के उजाले में बदल चुका था ।
फूलों की खुशबू हवा में और सूरज की गर्म चमक में अंदर आ रही थी जिसने क्षण भर में उसकी बेचैनी को भंग कर दिया।
फिर भी, अगले सेकंड में, ये वानवान फिर से निढाल हो गई ।
उस आदमी के उठते ही ये वानवान के भीतर फिर से बेचैनी बढ़ गई।
उसकी कमर के चारों ओर उसका हाथ कस गया । वह उसकी बाहों में एक तकिए के समान जकड़ी हुई थी ।
"अभी भी जा रही हो?"—-
उसके कानों में एक फुसफुसाहट सुनाई पड़ी जिसने उसे परेशान कर दिया और अपनी जान बचाने के लिए उसने अपना सिर 'ना' में हिला दिया ।
उसे यक़ीन नहीं था कि वह उस पर विश्वास कर रहा है या नहीं। उसने उसे एक पल के लिए देखा और फिर नीचे देखते हुये और फिर उसके होठो, ठोड़ी और गर्दन पर उसने छोटे-छोटे चुंबन देने शुरू कर दिये...
उसकी गर्दन में पड़ती गर्म सांसों ने उसके पूरे शरीर पर चेतावनी के संकेत दिए।
वह एक हिरण की तरह थी जिसे एक शिकारी ने काट लिया था। उसमें एक इंच भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी ।
यह कभी न खत्म होने जैसा था, पर उसने आखिरकार उसे छोड़ कर दिया।
अगले सेकंड में, एक आश्चर्यजनक रूप से सुखद दृश्य ये वानवन के सामने आया ।
जब वो अर्धनग्न बिस्तर से उठा तो पीछे से पड़ती हुई रोशनी उसके दुबले-पतले शरीर को और उभार रही थी ।
हालाँकि, यह दृश्य केवल एक पल के लिए ही रहा क्योंकि उसने बिस्तर से अपने कपड़े तेज़ी से उठाए और अपनी शर्ट के बटन बहुत सलीके से लगा दिये।
कुछ समय पहले ही वह एक जानवर की तरह क्रूर था, लेकिन अब उसका चेहरा शांत था ।
ये वानवान ने जब दरवाज़ा बंद होने आवाज़ सुनी उसके बाद चैन की साँस ली ।
वह अब अपनी वर्तमान स्थिति पर विचार कर सकती है।
उसने धीरे-धीरे अपने आस-पास की चीज़ों पर नज़र दौड़ाई और वैनिटी मिरर में अपने प्रतिबिंब को भी देखा ।
आईने में दिखने वाली लड़की के होंठों तब तक काटे गए थे जब तक कि वो स्याह हो गए हों, उसका मेक-अप आँसुओं और पसीने से पूरा तरह से बह गया था। उसका शरीर चोट और काटने के निशानों से भरा हुआ था और उस पर एक खूनी घाव भी था ।
वह विश्वास नहीं कर सकती थी कि वह केवल 20 साल की उम्र में ऐसी दिखती थी!
उस समय, सी येहान से खुद को दूर करने के लिए, उसने जानबूझकर खुद को बदसूरत और घृणित बना दिया।
अब वास्तव में….उसका पुनर्जन्म.... हुआ था।
अचानक, बहुत ही ज़बरदस्त भय और निराशा के भाव से उसका गला रुँध गया।
क्यों ....