Chapter 8 - उसके शासन में

लिन क्यू अच्छे मूड में लग रहा था क्योंकि सी येहान ने जो भी कहा उसके बाद भी चिड़ा नहीं।

लिन क्यू ने अपने भाई को ऐसी नज़रों से देखा जो स्वर्ग के भी दो टुकड़े कर सकती थी। 

गहरी घृणा और नाराजगी के साथ, उन्होंने कहा, "9 वें भाई, अपने पद, रूप -रंग, तथा क़द-काठी को देखते हुए तुमने सोचा है कि तुमको कैसी महिला चाहिए? तुम खुद को इस तरह नीचा मत दिखाओ। 

नीचे जाते हुए ये वानवन ने लिन क्यू की बातें सुनी।

लिन क्यू की बात इतनी जानी पहचानी सी क्यों लगी?

"अगर तुम कुछ अलग स्वाद लेना चाहते हो तो ठीक है लेकिन अब 2 साल हो गए हैं। तुम्हारा भाई होने के नाते मैं इसे अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता ..."

लिन क्यू अभी भी अपने भाई के साथ झिकझिक कर रहा था, पर सी येहान ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और अचानक अपना सिर थोड़ा घुमाकर ऊपर देखने लगा ।

लिन क्यू ने भी अपने भाई की नज़रों का अनुसरण किया ।

उनकी आँखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गईं ।

वो एक लड़की को ऊपर खड़ी देख सकते थे। वो दुबले -पतले शरीर पर एकदम सफ़ेद कपड़े पहने हुए थी। उसके कमर तक लंबे बाल थे, उसकी झलक मोहक थी और उसके होंठ आड़ू जैसे रसीले थे। उसका सौन्दर्य अनोखा था। वह बर्फ के समान गोरी और जेड की तरह मज़बूत हड्डियों वाली सुन्दर लड़की थी। ऐसी सुंदरता इस धरती पर नहीं हो सकती थी।

यह लड़की वास्तव में, अविश्वसनीय रूप से बहुत खूबसूरत थी ।

ऐसे सौन्दर्य को सी येहान जैसे राक्षस से बचाना मुश्किल था । 

जब से ये वानवान जब तक खाने की मेज पर आई थी तब से लिन क्यू मोहित हो रखा था।

ये वानवन ने खाने की मेज को देखा। आम तौर पर, वह हमेशा सी येहन से सबसे दूर वाली कुर्सी पर बैठती थी लेकिन इस बार, उसने सोच विचार किया और उसके बगल वाली कुर्सी पर बैठ गयी।

यह देखकर कि वानवान सच में उसके बगल में बैठी थी, सी येहान की आँखों में एक चमक के साथ उसको देखा।

इस नियम को ध्यान में रखते हुए कि 'आप जितनी कम बातें करते हैं, आप उतनी कम गलतियाँ करते हैं' ये वानवान बैठ कर चुपचाप अपना नाश्ता करने लगी ।

जब से वो उठी थी तब से लोग उसे घूर रहे थे।

वह अपने आप मे आए बदलाव से बहुत असहज महसूस कर रही थी। वो इस सोच में पड़ी थी की सी येहान का इस बारे में क्या विचार था।

वैसे भी, जब सी येहान ने उसकी खराब भेस पर ध्यान नहीं दिया तब क्यों न ख़ूब सज -धज कर खुश रहा जाए?

ये वानवान ने अपने मन में सोचा और तस्सली से अपना दलिया खाया।

एकाएक, एक पतली उंगली उसके चेहरे के पास आई ।

ये वानवान तनाव में आ गई और उसका पूरा शरीर बर्फ़ सा जम गया ।

फिर, उस उंगली ने धीरे से बालों की एक लट को कान के पीछे किया, जो लगभग उसके दलिये में गिरने ही वाली थी।

अब, सी येहान आराम से कुर्सी पर पसार गया। जब वह लड़की के बालों को ठीक कर चुका तो धीरे से अपने हाथ पीछे किए और उसकी नज़रें वानवान के चेहरे पर गडी़ रहीं। एक उत्सुक और रहस्यपूर्ण जुनून से उसने वानवान के त्वचा और भावों का पूरी तरह निरीक्षण किया।

ये वानवान ने राहत की सांस ली और फिर से अपने बालों को गिरने से रोकने के लिए उन्हें हाथों से पकड़ लिया।

इसी समय लिन क्यू बीच में आया और उत्साहित होकर बोला, "9 वें भाई! तुमने आखिरकार इसके बारे में सोच लिया है! तुम्हें पहले ही ऐसे किसी को ढूँढ लेना चाहिए था! तुम उस महिला को खुद पर शासन करने की अनुमति क्यों दोगे?"

ये वानवान, "... शासन..."

लिन क्यू ने यह भी कहा, "ओह ठीक है, वह बदसूरत महिला कहाँ है? क्या तुमने उसे भगा दिया ?

ये वानवान, "... बदसूरत महिला ..."

लिन क्यू ने कहा - दो साल पहले जब आप लोग मिले ही थे ये वानवान इतनी बुरी नहीं लगती थी वह बस मोटी थी! कम से कम 150 पाउंड की ।

ये वानवान, "... !!! बकवास! मैं सिर्फ़ 140 थी ।भले ही मैं खाने की लालची थी और किशोरावस्था में मेरा वज़न बहुत बढ़ा था, पर मैं कभी भी 150 से अधिक नहीं हुई।

लिन क्यू, "9 वें भाई, मुझे समझ नहीं आया कि तुमने उसमें क्या देखा ? तुम उस मोटी के प्यार में क्यों पड़ सकते हो?

ये वानवान, "... मोटी....

ये वानवान अब और सहन नहीं कर सकती थी ।

कोई भी महिला मोटी कहलाना बर्दाश्त नहीं कर सकती है!

पटाक!

ये वानवान ने अचानक हाथ में पकडी़ चॉपस्टिक को नीचे पटक दिया, उसकी आँखें लिन क्यू पर अंगारे बरसा रही थी। ये वानवान ने ग़ुस्से से कहा - 

"लिन! क्यू! तो क्या हुआ अगर मैं 150 पाउंड थी, तो क्या हुआ अगर मैं मोटी हूँ । मैंने तुम्हारा दिया खाना तो नहीं खाया!

Latest chapters

Related Books

Popular novel hashtag