"पूर्व दिशा में लॉन वैसे भी जल गया है, तो क्यों न वहाँ हल चलाकर कुछ पत्तागोभी उगाएँ क्योंकि वहाँ खाद तो डली ही हुई है?"
क् क्या...गोभी?
जू यी के पास कोई जवाब नहीं था और सी येहान के मन की बात समझी नहीं जा सकती थी। वानवन ने धीमी आवाज़ में नरमी से पूछा, "कोई समस्या है क्या"?
सी येहान ने चीनी मिट्टी के मग पर उँगलियाँ बजाईं और उसकी ओर देखकर कहा "क्या मैं तुम्हें यहाँ भूखा रखता हूँ"?
ये वानवान ने कहा, "ओह...नहीं..."
बचपन से ही, सी येहान को कभी कपड़ों या भोजन की कमी नहीं हुई। सी येहान के घर पर भी नहीं, यह सच था। जिन गार्डन में शेफ हमेशा तरह-तरह की खाने पीने की चीज़ें बनाते थे, ताकि वह ज़्यादा से ज़्यादा खाना खा सके, क्योंकि अगर वो सी यहन के मापदंड के हिसाब से कम खाती तो सी येहान उन सभी शेफ को नौकरी से निकाल देता ।
लेकिन वह यह भी नहीं जानती थी कि खुद उसकी क्या कमी थी - उसे हैमस्टर की तरह भोजन जमा करने की आदत थी। उसके आसपास जितना अधिक भोजन होता , उतना ही वह ख़ुद को सुरक्षित समझती थी ।
अपने पिछले जीवन में, सी येहान की अत्याधिक निगरानी के कारण वह उदास रहती थी और धीरे -धीरे उसकी भूख ही ख़त्म हो गई।
पुनर्जन्म पाने के इस दुर्लभ मौके में, सजने सँवरने के अलावा, वह बढ़िया खाना, खाना चाहती थी, अन्यथा यह दूसरे अवसर की बर्बादी ही होती।
काफी देर बाद, सी येहान ने जू यी को देखा, और कहा "जैसा वानवान ने कहा है , वैसे बदलाव कर दो"।
सफेद पड़ गए चेहरे से ज़ू यी ने जवाब दिया, "जी ..."
वह बहुत भोला भाला था, उसने सोचा कि यह महिला सच में बदल गई थी।
वह इस प्रतिष्ठित निजी जिन बगीचे को सब्जी के खेत में बदलना चाहती है, यह पागलपन है ...
जब सी येहान इसके लिए राज़ी हो गया तो ये वानवान ख़ुशी से उछल पडी़। वह उत्साह से चिल्ला पड़ी "वाह! ऐसे तो अब पतझड़ आने पर हमें अच्छा भोजन मिल सकता है"।
जब पतझड़ आएगा....
इन 3 शब्दों को सुनकर, सी येहान के चेहरे और आँखों के भाव बदल गए।
ये वानवान तो शुरू से ही सी यहन से भग्न चाहती थी, उसने आखिर भविष्य के बारे में कब सोचा?
पूरे दिन ये वानवान ने जू यी के साथ विस्तार से चर्चा की, कि कहाँ क्या बोना है फिर नौकरों को काम सौंपा।
जब शाम हुई, तो जिन गार्डन, जिसे ये वानवान ने नष्ट कर दिया था वह फिर से बिल्कुल नया दिखाई दिया।
पूर्व में गोभी, पश्चिम में सूरजमुखी, दीवारों में नए बने हुए अंगूर के तख़्ते थे। महंगे वृक्षों की जगह सब्जियाँ और फल लगाए गए थे। तालाब का पानी बदल दिया गया था और उसमें सुंदर कार्प मछलियाँ और जीवित झींगे खुशी से तैर रहे थे…
पुराने जिन गार्डन में सभी फूल और पौधे बेहद दुर्लभ और अमूल्य थे इसलिए श्रमिकों को भी हर क़दम पर सावधानी से रखना पड़ रहा था। नहीं तो वे गलती से सैकड़ों और हज़ारों डॉलर के पौधों को बर्बाद कर सकते थे। हालांकि अब यह साग -सब्ज़ियों का बाग़ बन गया था, फिर भी कोई दुर्घटना बर्दाश्त नहीं होगी ।
हो सकता है कि ये वानवान ने उस दिन बहुत अधिक मेहनत की हो पर इससे उसकी भूख वापस आ गई थी और उसने रात का खाना बहुत ख़ुशी से खाया।
अपना पेट भर कर खा चुके और ताक़त वापस पाने के बाद ये वानवान ने पूरे दिन हुए काम के बारे में सोचा ।
केवल वापस स्कूल जाने का मसला ही नहीं था, बल्कि उसके और सी येहान के बीच संबंधो की समस्या भी थी ।
इस सब को बदलने के लिए, उसे सी येहान के साथ बात करनी होगी ।
सी येहान का कमरा सबसे ऊपरी मंजिल पर था, जिस कमरे में वह पहले कभी नहीं गई थी।
" नॉक , नॉक , नॉक"
ये वानवान दरवाजे के सामने घबराई हुई खड़ी थी, उसने एक लम्बी साँस ली और दरवाजा खटखटाया ।
उईई....दरवाजा खुला और एक शांत, गहरी आँखों ने उसका स्वागत किया।
"मुझे तुमसे कुछ बात करनी है, क्या यह समय तुम्हारे लिए उचित है?"
ऐसा लगा कि सी येहान को उम्मीद थी कि वो आएगी। बिना कोई आश्चर्य दिखाए वह चुपचाप अंदर चला गया और अपनी स्वीकृति प्रकट की।
ये वानवान जल्दी से उसके पास बैठ गई।
मैं इसे आज रात तक निपटाना चाहती हूँ, चाहे कुछ भी हो जाये!