Chapter 11 - अलविदा

"शियाए, वह व्यक्ति जिसने तुम्हें निराश किया, वह मैं था। तुम्हें इस तरह से शिशिई को निशाना बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।लेकिन इससे अगर तुम्हें बेहतर महसूस होता है, तो मैं उसकी भरपाई करने के लिए तैयार हूंँ।" हन यिफेंग गुस्से में आ गया जैसे ही उसने आँसू बहाती शी शिशिई को अपनी बाहों में भरा और शियाए को घूरने लगा|

शी शियाए ने हल्की सी नज़र उठाई और उसने हान यिफेंग के जाने पहचाने चेहरे को देखा जो अजीब-सा लेकिन सुंदर-सा चेहरा था,वह पल ऐसा था जब उसका दुःख और भीतर भरी हुई भावनाएँ बाहर आ गयी थीं, जब उसने हान यिफेंग की आँखों में उदासीन और निराशा देखी| 

वह खुद पर हँसने लगी, ताकि उसके अंदर की अटूट भावना और अभिमान उसकी किसी कमजो़री और उपकार का संकेत ना दे, इसलिए उसने दृढ़ता से हान यिफेंग की आँखों से आँखें मिलाकर बड़ी शांति से कहा "तुम भरपाई की बात कर रहे है? क्या तरीका सोचा है तुमने मेरी भरपाई करने का,मुझसे माफी माँगोगे, मैं माफ़ कर दूँ, इसके लिए झुक जाऊँ और सोचूँ की तुम ज़िंदगी भर खुश रहो?"

शियाए के उज्ज्वल चेहरे पर तिरस्कार की भावना छलक उठी "या फिर तुमने जो पहले किया था, मुझे एक बड़ा चेक दोगे?" जब उसने यह कहा, तो हान यिफ़ेंग के भाव अचानक बदल गये और उसे नहीं पता था कि क्या कहना चहिए|

 "., यिफेंग चाह रहे थे कि आप अपना जीवन आराम से जियें ... हम ..."

हान यिफ़ेंग को चुप देखकर, शी शिशिई ने नाक सिकोड़ते हुए कहा, वह फिर से शी शियाए की बांह पकड़ना चाहती थी, लेकिन उसकी बहन ने दया की सराहना नहीं की और उसके हाथ को दूर हटा दिया।शी शिशिई खुद को संभालते हुए रोने के अलावा कुछ ना कर पाई| हान यिफ़ेंग शिशिई को संभालने जा रहे थे तभी बरगंडी रंग की एक आकृति ने उन्हें हटा दिया जिसने शी शिशिई को पकड़ लिया|उसी समय, उसी हाथ ने शिशिई को उसे जो़र से धक्का दिया।

 बैम!

शी शियाए ने महसूस किया कि उसकी कमर को बल से धक्का दिया| वह पीछे दूर सिंक पर जाकर टकरा गयी| उसके हाथ सुन्न हो गये और अचानक दर्द होने लगा| 

 "शियाए, भले ही तुम किसी भी कारण से शिशिई के प्रति गुस्सा हो, तुम मेरे पास आकर बात कर सकती हो, तुमको उसे इस तरह चोट नहीं पहुँचानी चाहिए, क्या तुम नहीं देख सकती कि उसके पैर में चोट लगी है? तुम क्रूरता से परे हो !" यू लिंग्सी की चिंतित और निराश आवाज आई जब उसने अपनी बाहों में शी शिशिई को पकड़ा| शी शियाए को उनकी निगाह ने स्पष्ट रूप से पीड़ा दिखाई। "मुझे पता है कि तुम मुझ पर नाराज़ है अपनी माँ की जगह लेने के लिए,लेकिन खुद से पूछो कि क्या इन सभी वर्षों में, मैंने, यू लिंग्सी ने कभी तुम्हारे साथ गलत व्यवहार किया है?"

 "माँ, गुस्सा मत करो, बहन पहले से ही काफी परेशान है,उसे अब और मत उकसाओ। मैं ठीक हूँ,मुझे बस थोड़ी सी मोच आई है!" शी शिशिई चिंतित थी इसीलिए वह यू लिंगसी के क्रोध को कम करना चाहती थी,उसे डर था कि उसकी माँ और बात ना बिगाड़ दें|

"शिशिई, तुम्हारी माँ को मालूम है की तुमको उसके लिए बुरा लगता है,लेकिन उसे देखो ! वह तुम्हारी नेकी की कदर भी नहीं कर रही है, तो तुम खुद पर अत्याचार क्यों करती हो?" यू लिंग्सी ने शी शिशिई को निराशा से देखा, फिर दुःखी होकर उसके पेरों की सूजन को देखकर बोली,"अपने पैर को देखो,इनमें सूजन है मुझे देखने दो|"

 "माँ, मुझे... बहुत दर्द हो रहा है ..."

शिशिई ने उसके पेरों को थोड़ा हिलाया,उसी समय दर्द और बढ़ने लगा और वह अचानक से ज़ोर से रोने लगी|

"बहुत हुआ, आंटी| शिशिई का पैर काफी बुरी तरह से ज़ख्मी है,उसको पहले अस्पताल ले जाना चहिए जाँच करवाने के लिए" उसी समय हान यिफेंग आगे बड़ा और शिशिई को उठाने के लिए नीचे झुका| शांति से कहा "मुझे पकड़े रहो हम अस्पताल जा रहे है सब ठीक हो जाएगा|"

फिर, उसने शी शिशिई को उठाया और तुरंत बाहर चला गया। जैसे ही उसकी नज़र शी शियाए पर गयी उसके भाव गुस्से से और घृणा से भर गये| 

यू लिंग्सी ने भी शी शियाए को गुस्से में देखा,और उनके पीछे चली गयी| शी शियाए ने उदासीनता से उन्हें जाते देखा।अचानक, उसकी आँखों में दर्द के साथ घबराहट दिखनी लगी|

कुछ समय के बाद, वह कटुता से हँसी और वहाँ से सदमे में बाहर निकल गयी|खोई-खोई सी जब उसने अपने चेहरे के भाव को पोंछना चाहा, तब अचानक से एक सफेद रूमाल उसके सामने आ गया| वह एक पल के लिए स्तब्ध रह गयी, उसने धीरे से ऊपर देखा। फिर, उसने उसे देखा ...

यह वो था...

मु यूकेन ...

अपने सफेद सूट में। उसकी आँखों में शांत और अलग-सी चिंता दिखाई दे रही थी| उसके सुंदर चेहरे पर अभी भी एक ठहराव था|

 "तुम यहाँ कैसे?" उसे देखते ही बोली,और एक लंबी चुप्पी के बाद, शी शियाए ने अपनी निगाहें नीचे कर लीं। वह पलट गयी,वह नहीं चाहती थी कोई उसकी आँखों में कमज़ोरी और बेचैनी को देखे,और इस बारे में बात करे|

दुर्भाग्य से, उसकी कर्कश और थकी हुई आवाज़ और उसका वह पीला चेहरा जिसने पहले से ही सबकुछ बता दिया था, कि वह चुपचाप किसी तरह की यातना सह रही थी। वह यह नहीं जानती थी कि उसके सामने खड़े इस शख्स की शांत आंँखों के नीचे छिपी एक नज़र इतनी तेज थी कि वह सबकुछ देख सकती थी।

मु युकेन ने जवाब नहीं दिया,उसकी शांत नज़र उसके बंँधे हाथ को देख रही थी| कुछ देर बाद, उसने दबी आवाज में कहा, "क्या तुम ठीक हो?" जब ये शब्द उसके मुंँह से निकले, तो शी शियाए एक पल के लिए हैरत में आ गयी ,उसने मुड़कर उसे देखा, उसके होंठ हिलने लगे और वह कुछ कहना चाहती थी, लेकिन कुछ पल बाद, उसने कुछ नहीं कहा| उसने चुपचाप उस रूमाल को लेते हुए उसके चेहरे पर से आँसू पोंछ दिए।

शी शियाए ने अपने हाथ में रूमाल पकड़ा और फिर उसने एक गहरी साँस ली और ऊपर देखा। उसके अति सुंदर चेहरे पर एक कड़वी मुस्कान थी। "क्या आप भी सोचते हैं कि मैं एक ग़लत इंसान हूँ, बहुत ही शातिर और अनुचित हूँ?"

जब उसने यह सुना, म्यू यूकेन ने आँखें घुमाई और अपना सिर हिलाया, उसकी आवाज़ में बहुत गहराई थी "मैं कभी भी इस बात से सहमत नहीं हूँ दूसरों को मिलाने के लिए खुद का बलिदान करो| सभी को अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने का अधिकार है। किसी के लिए भी खुद का बलिदान करने की कोई ज़रूरत नहीं है।"

शी शियाए एकटक देखने लगी, जहांँ पहले से ही खाली था वह दिशा में मूड गयी, उसकी सरल आवाज़ में थकावट थी " और अगर यह संभव होता, कौन है जो खुद का बलिदान देता किसी को मिलाने के लिए|"

फिर,गहरी सांस लेते हुए धीरे से पीछे मूडी और रुमाल उठाते हुए हल्का-सा मुस्करायी" मुझे इस हालत में आप देख रहे हैं मुझे पसंद नहीं आ रहा,आप मेरी ज़ख़्म पर दवा काफ़ी बार लगा चुके है| मुझे नहीं मालूम आपको धन्यवाद कैसे कहूँ ?"

 म्यू यूकेन ने उसे गंभीरता से देखा| एक धुंधलापन-सा शी शियाए की आँखों में छा रहा था कुछ ऐसा आकर्षण जिसका कोई नाम नहीं था|

पता नहीं क्यूँ ,लेकिन उसे इस तरह देखकर अचानक उसे अपने अतीत याद आ गया ... | जब उसने यूकेन को चुप रहते देखा, तो शी शियाए ने ऐसे ही पूछ लिया,"क्या आप अक्सर यहाँ आते हैं?"

तब ही वह खुद पर हँसने लगी। "मैं तकरीबन भूल ही गयी थी कि आप अभी देश लौटे हैं।"

म्यू यूकेन के होंठों का रुख़ बदल गया| उसने विनम्रता से अपनी आँखें उठा लीं और भव्य और सुरुचिपूर्ण रास्ते की ओर देखा।"यह बहुत सुंदर रणनीतिक जगह है जिसे वापस बनाया गया है|"

दरअसल, पहले अस्पताल छोड़ने के बाद, म्यू यूकेन विला में वापस जाना चाहते थे, लेकिन बीच में, उसे सु चेन का कॉल आ गया था|

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