Chapter 8 - दुःखी मत हो शियाए

जैसे ही कार धीरे-धीरे आगे बड़ी, वह शी शियाए की हल्की-सी झलक भी देख नहीं पा रहा था, वह दूसरी ओर अपना सिर झुका के बैठी थी। उसे संकोच हुआ, वह हिचकिचाया कि क्या उसे पीछा करना चाहिए, फिर एक पल के लिए उसकी आँखों के सामने कई तरह की भावनाएँ आयीं| आख़िरकार सब कुछ पहले की तरह शांत हो गया। 

अचानक, उसके कान में शी शिशिई की धीमी सुबकने की आवाजें आईं| "यिफेंग, मैं ... क्या मैंने कुछ गलत किया? बहन, वह ..."

हान यिफ़ेंग ने घूमकर देखा कि शी शिशिई के नाजुक चेहरे पर सब कुछ लिखा हुआ था। उसकी खूबसूरत आँखें आँसुओं से भरी थीं, फिर भी शी शिशिई ने अपने होंठों को थोड़ा सख्त करते हुए अपने आँसुओं को रोका| जब हान यिफेंग ने इस चेहरे को देखा, तो कुछ पल के लिए उसे शिशिई का दर्द महसूस हुआ |

उसे नहीं पता क्या कहना चाहिए था | उसने बस उसे उसकी कमर को कस कर पकड़ लिया और अपनी बाहों में खिंच लिया| 

शी शिशिई ने उसे कस कर गले लगाया और खूब जोर से रोने लगी| 

हान यिफेंग कार की ओर ध्यान से देख रहा था, जो धुंधली बूंदा-बांदी में गायब हो चुकी थी| फिर उसने अपनी नज़र वापस शी शिशिई पर डाली जो उसे कस कर पकड़े हुए रो रही थी, उसका उदासीन चेहरा जैसे सहज-सा हो गया था और उसने धीरे से कहा, "ठीक है, अब रोओ मत। हम बाद में उसे ये बातें आराम से समझाएँगे। वह बहुत समझदार इंसान है,जब सब देखेगी तो समझ जाएगी|" 

"लेकिन, ... पहले मैंने उसे जब इस हाल में देखा था, तो मैं टूट - सी गयी थी| पिता का कहना है कि वह लंबे समय से घर नहीं आई है| वह निश्चित रूप से हमारी वजह से अभी भी माता-पिता को दोषी ठहरा रही है ..."

"चलो पहले इन चीजों के बारे में बात नहीं करते हैं। कार में बैठो, अंकल और आंटी एंपरर पर हमारी प्रतीक्षा कर रहे हैं।" हान यिफेंग ने अपनी जेब से एक रूमाल निकाला और ध्यान से उसके आँसू पोंछते हुए कहा । उसने कार का दरवाजा खोला और उसे सहलाते हुए बोला, "पहले कार में बैठो|"

शी शिशिई रोती हुई कार में बैठ गयी। 

कार उत्तरी शहर के एंपरर एंटरटेनमेंट सिटी की ओर बढ़ी। रास्ते में, शी शियाए ने कुछ नहीं कहा। कार एक ऐसी निराशा से भर गयी थी जिसको समझा नहीं जा सकता था| वह पल इतना दम घुटने वाला था की सु नान का गला उस कड्वेपन से भर चुका था| वह उसे सांत्वना देना चाहती थी, उसने देखा कि शी शियाए अभी भी पीछे झुके हुए बाहर का नज़ारा ही देख रही थी| उसके ठंडे होंठ कस कर बंद हो गए थे। विभिन्न प्रकाशों की चमक जो कार के बाहर से आ रही थी और उनसे उस पर रोशनी पड़ रही थी, जो उसका उसका ध्यान खिंच रही थी|

"शियाए, उदास मत हो ... मुझे माफ़ करना, मुझे ... मुझे पता है कि मुझे उस तरह का बर्ताव नहीं करना चाहिए था, लेकिन मैं वास्तव में खुद को रोक नहीं सकी| उनकी बकवास खुशी को देखकर, मैं रुक नहीं सकी| मैं जैसे फटने वाली थी और पागल होने वाली थी|वह इतना खुश कैसे रह सकते है तुम्हें चोंट पहुँचाने के बाद ?"

सु नान ने अपने दोनों हाथों से शियाए के कंधों को हिलाया| शियाए के सुंदर चेहरे को देखते हुए पूछा "मुझे बताओ शियाए क्या तुमने यह पीछे छोड़ दिया? इतने साल हो गये पर तुम इससे उभरी नहीं और किसी को अपना बनाने की कोशिश भी नहीं करी| क्या यह इसीलिए तो नहीं की हान यिफेंग को तुमने अभी तक नहीं छोड़ा| मुझे बताओ!"

सु नान ने शी शियाए को कंधों से हिलाया और निस्संकोच पूछा।

शी शियाए को उसके झटकों से चक्कर आ रहे थे , इसलिए उसने अपने एक हाथ से उसका हाथ जो कंधो पर था उसे हटा दिया| उसके लाल और सूखे होंठ शक्तिहीनता से भरी आवाज से बोली "सु नान,बात करना बंद करो। मुझे थोड़ी देर के लिए अकेले रहने दो, ठीक है?" सु नान बोली "क्या इस सवाल का जवाब देना मुश्किल है? क्यूँ शियाए?" 

वह सु नान को घूरने लगी|

शी शियाए दंग रह गयी| वह एक पल के लिए चुप हो गई, फिर उसने अचानक अपना हाथ सु नान के हाथों पर रख दिया ओर सू नान की तरफ होते हुए कुछ सोचते हुए धीरे से बोली "वह और मैं काफ़ी लंबे समय से अतीत बन गये हैं ..."

लंबे समय से अतीत बन गए हैं ...

वह यह सब कुछ बहुत पहले से जानती थी। उसकी परिस्थितियों ने पहले ही एक पूर्ण विराम लगा दिया था|

एंपरर एंटरटेनमेंट सिटी, सिटी जेड के उच्चतम श्रेणी का एकमात्र ऐसा इलाक़ा है जिसका हर उच्च श्रेणी वाले ने उपभोग करा हो| यह वह जगह थी जहाँ अमीर लोगों ने बहुत पैसा लगाकर प्रॉपर्टीस स्थापित करी थी| उनमें से ज्यादातर लोग ऊँची हैसियत के थे|

सु परिवार को एक साहित्यिक परिवार भी माना जाता था। सु नान के पिता यूनिवर्सिटी ए के अध्यक्ष थे, जबकि उनकी माँ सिटी सेंटर की शैक्षिक प्रशासन निदेशक थीं।उन्होंने सिटी जेड में प्रतिष्ठा धारण की थी, इसलिए सु नान को एक प्रतिष्ठित परिवार की बेटी माना जाता है|

आमतौर पर, सु नान अक्सर एंपरर पर जाती थी, न केवल इसलिए कि वहांँ के व्यंजन स्वादिष्ट थे, बल्कि वहाँ सब कुछ मिलता था| वहाँ काम करने वाले भी ग्राहक को हमेशा संतुष्ट रखते थे|

जब भी सू नान और शी शियाए बाहर भोजन के लिए जाते तो 10 में से 8 बार वह जगह एंपरर होती, समय बीतते शियाए को भी वहाँ की आदत हो गयी थी| इसीलिए उसने सोचा सू नान इतने दिन बाद घर आई है तो एंपरर ही जाएँगे |

भोजन और ड्रिंक्स परोसने के बाद, शियाए ने एक ड्रिंक पिया और फिर एक बार में काफी गिलास पी गयी| वह काफी कमजोर लग रही थी| दूसरी ओर से, सु नान को उसे इस हालत में देखकर बहुत दुख हो रहा था|

"मेरे साथ कुछ पी लो। आज रात, तुम्हारे घर आने की खुशी में| क्या तुम थोड़ी भी नहीं लोगी?

शी शियाए ने अपने ग्लास में ड्रिंक खत्म करते हुए काफ़ी हारी हुई दिख रही थी, उसने सु नान की ओर देखा, जिसने चिंतित होते हुए देखा और धीरे से कहा, "मुझे इस नज़र से मत देखो जो कह रही हो की" मैं ठीक हूँ"|" 

फिर, उसके हद से बाहर हो गयी थी और अपना ग्लास फिर भरने ही वाली थी की सू नान ने ठीक उसी समय उससे बॉटल ले ली और अपना ग्लास भर लिया | शियाए का आधा ग्लास भर कर उसे देते हुए, कर्कश स्वर में, उसने कहा, "तुम पीना चाहती हो इसलिए मैं तुम्हारे साथ पीती हूँ लेकिन तुम्हारा पेट बहुत कमजोर है, तुम आधा ग्लास पियो मैं एक ग्लास पीती हूँ|

सु नान ने अपने गिलास को पकड़ा और कुछ ड्रिंक्स लीं |

शी शियाए के चेहरे पर एक धुंधली सी मुस्कान थी, वह अचानक अपने सामने के आधे गिलास को देखकर बोली "थैंक यू, सु नान।" 

सु नान , शी शियाए हमेशा के लिए तुम्हारी आभारी रहेगी| शायद इतने सालों के बाद, यह केवल तुम हो जो हर बार मेरे साथ थीं| जब हवाएँ तेज होती थीं, तो गरम कपड़े पहना देती| जब समय कठिन हो जाता , तो तुम पहली हो जो वक़्त पर पहुँच जाती,मेरे साथ बैठकर बात करतीं, ड्रिंक्स पीतीं|

सु नान, शियाए के पास गयी और उसके ठंडे हाथों को खिंच कर बोली "पगली क्या हमें यह सब बातें एक-दूसरे को जताने की ज़रूरत है? शियाए, अब दुखी मत हो। कई अच्छे आदमी हैं इस दुनिया में| हान यिफेंग जैसे गंदे आदमी के लिए इतना क्या क्षोभ करना ,जो इसके लायक नहीं है|" शी शियाए ने जवाब नहीं दिया। उसने बस गहरी सांँस ली, फिर वह अचानक खिड़की से बाहर देखने लगी, उसकी नज़रें सीधे उजली रोशनी पर पड़ी, टिमटिमाती हुई नेओन रोशनी से उसकी आँखें दुखने लगीं।

इससे पहले कि वह किसी अाचरण में पड़ती, उसे अचानक हान यिफ़ेंग की परछाई याद आ गई जब उसने उसे छोड़ा था| उसने चाहे कितनी भी कोशिश की हो उसे रोकने की, अहंकार को दबाते हुए वापस आने के लिए भीख माँगी हों फिर भी वह नहीं आया|

"मुझे जाने दो, शियाए| तुम जानती हो कि मैं अब किसी और से प्यार करता हूंँ, और वह तुम नहीं हो । '

'एक दूसरे को जाने देते हैं, समय के साथ सब भूल जाओगी| मुझे उम्मीद है कि तुम अच्छे से रहोगी । इससे बाहर निकलने में मैं तुम्हारे जो अच्छा होगा करूँगा |"...

उसे याद आया कि जब उसने उसे छोड़ा था तो ऐसा ही दिन था| उसको याद है जब वह उसका पीछा करती थी उसे वापस पाने के लिए तभी उसने उस कार में बैठी महिला को देखकर, उसने तुरंत अपनी सारी इच्छाशक्ति खो दी थी|

अंत में, वह कभी भी पूछने नहीं गयी की आख़िरकार हान यिफ़ेंग ने उसके साथ ऐसा क्यों किया | इसके बजाय, वह धीमी पीली स्ट्रीटलाइट के नीचे पूरी रात खड़ी रही और पूरी रात बारिश को सहती रही। जब तक की वह सुबह की रोशनी ना देख पाती, तब तक वह कठोर और सुन्न रही । जो नुकसान हुआ है उसके लिए हैरानी से कर खुद पर हँसती | 

पीछे मुड़ने पर उसकी उपेक्षाओं को देखती,उसकी सारी आशाएँ बहते बादल-सी बन चुकीं थीं| दिल दहला देने वाला दर्द ही बचा हुआ था| यह एक दर्द था जो हड्डियों में महसूस हो रहा था ,वह दर्द जो अब लगभग खत्म हो गया था |

वह अचानक दबाव और परेशान-सा महसूस कर रही थी| उसके थके हुए और निस्तेज दिल में जो दबा हुआ था , उन यादों का पुर्नजणम हो रहा था| वह इन ख़्यालों को और दबा नहीं पा रही थी, उसने उठ कर सु नान से कहा, "मैं थोड़ी हवा में जा रही हूँ|"

सु नान चौंकी , वह उठ कर उसके पीछे दौड़ती हुई जाना चाहती थी, इतने में उसके बेग में रखा फोन बजने लगा|

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