शी शियाए ने वांग होंग के गहराते हावभाव को नजरअंदाज कर ठंडे अंदाज़े में कहा की,"आप निश्चित रूप से अपनी रेजिमेंट में एक ओहदे पर होगे,पर अच्छा होगा अगर आप इस्तीफा दे दें, इस वर्दी को बेइज्जत न करें!"
शी शियाए ने तेवर दिखाते हुए कुछ सौ युआन के नोट निकालकर मेज पर रख दिए,फिर,उसने अपने दस्ताने कुर्सी से उठाए और जाने से पहले तेजी से खड़ी हो गई।
इतने उँचे गुण वाला आदमी जिसके पास बड़े आसाधारण से गुण हैं|
वो काफी कुछ सह चुकी थी|
इस पिछले वर्ष में, शी शियाए को हर दिन दसों बार ब्लाइंड डेट्स पर जाना पड़ा जिनमें से काफी बार एक दिन मैं कुछ ज़यादा ब्लाइंड डेट्स के लिए भी भागना पड़ा| यह एक प्रकार की धुन-सी थी जो इंसान का मनोबल भी तोड़ सकती थी!
शी शियाए अपने थके और बोझिल शरीर को लिये अपने अपार्टमेंट में वापस आ गयी|
उसका अपार्टमेंट नदी के किनारे स्थित था। शी शियाए ने इसे पिछले साल ही लिया था| सिर्फ 90 वर्ग मीटर में २ रूम्स और २ लिविंग रूम्स थे| थोड़ा छोटा था, लेकिन वह अकेली रहती थी, इसलिए वो पर्याप्त था|
पूरा घर हल्के सोने के रंग से रंगा था| संयुक्त रूप से रोमन डिजाइन और आधुनिकता की बारीकियों के साथ, इसे थोड़ा भव्य और स्टाइलिश रूप से सजाया गया था,इस पर ज़्यादा फिसूलखर्ची नहीं करी थी, जिससे इस घर में ज्यादा लक्ज़री नहीं थी| पर इस घर में एक अलग-सा अपनापन था जो कोई भी महसूस कर सकता था।
शी शियाए ने अपने लिए एक ग्लास पानी का भरा,फिर धीरे से सोफे पर बैठ गयी,फिर जाकर दिल में ठंडक पड़ी| उसने खाली घर को ध्यान चारों तरफ देखा, और अचानक उसकी टिमटिमाती आँखों में, उदासी छानी लगी|
शी शियाए ने पानी पीते हुए टेलीविज़न का स्विच ऑन कर दिया,और कुछ ही देरी में टेबल पर रखा फोन बजने लगा| शी शियाए ने बिना कुछ सोचे समझे जो कर रही थी उसे रोकते हुए अपना फोन उठाया|
जब उसने देखा कि फोन किसका है उसकी उदासीन आँखें और उदास हों गयी|
"नमस्ते! दादाजी,मैं बोल रही हूँ"|
उसकी विन्रम आवाज में हल्का-सा अपनापन था| दूसरी ओर से एक वृद्ध ने खाँसती आवाज के साथ चिंता जताई "शियाए,तुमने डिनर किया है? "हाँ,मैंने किया। अभी ही मैं अपने अपार्टमेंट आयी हूँ। पहले से ही बहुत देर हो चुकी है, दादाजी। अभी तक आप आराम क्यों नहीं कर रहे ?"शी शियाए ने टेलीविजन वॉल्यूम कम करते हुए पूछा|
"हाहा, मुझे जल्दी सोने की आदत नहीं है। मैंने अभी कुछ कप चाय पी लिए हैं, इसलिए मैं और नहीं सो सकता। कुछ ऐसा है जो मुझे तुम्हें बताने की जरूरत है। तुमको मेरे लिए यह करना होगा,"| उनकी आवाज़ में नमी थी लेकिन इस बार, उनके स्वर में वजन था|
"मेरा स्वास्थ्य बेहतर नहीं हो रहा है। तुम्हारी माँ भी अपने काम में केंद्रित रहती हैं, और मैं तुम्हारे बारे में बहुत चिंतित रहता हूँ। मैंने तुमको कहा था, मैं तुम्हारे लिए किसी एक सर्वश्रेष्ठ लड़का ढूंढ कर लाऊँगा।| मुझे कोई आसानी से पसंद नहीं आता, इसलिए मैं तुमको किसी की सिफारिश नहीं करता हूँ, क्योंकि मुझे लगता है कि वे तुम्हारे अनुरूप नहीं हैं।"
यह कहते हुए वृद्ध की आवाज़ अचानक रुक गई, फिर उसने बातें जारी रखी, "लेकिन आज, मैं तुम्हारे लिए किसी की सिफारिश करना चाहता हूंँ। वह बहुत ही सभ्य और जिम्मेदार व्यक्ति है और अभी न्यूयॉर्क से लौटा है। तुम्हारे पास मौका है उससे घुल मिलने का, तुम दोनों को मिलना चाहिए।इस शनिवार को दोपहर 3:30 बजे मैंने पहले से ही जगह और टेबल बुक करवा दी है, बांस मैपल वन टैवर्न के फर्स्ट सूट पर पहुँचना है,याद रखो, देर मत करना| बिना किसी की परवाह करते हुए तुम खुद उसे जानने की कोशिश करो| मुझे लगता है तुम दोनों एक-दूसरे के लिए उचित हो।"
बात पूरी होते ही दादाजी ने फोन रख दिया|शी शियाए कुछ बोले उसके पहले ही फोन की बीज़ी टोन सुनाए देने लगी| शी शियाए ने स्क्रीन को घूरकर देखा और एक कड़वी मुस्कुराहट के साथ मुस्कुराने लगी|
अब तो उसके दादा को भी उसकी शादी की चिंता सताने लगी थी, और अब उन्हें भी क्या बोले?
उसके कान में शेन वेन्ना के स्वर बजने लगे
शीए, तुम्हारी उम्र 26 है, 16 नहीं हैं" …
शनिवार की सुबह थी। ऐसे कुछ ही सप्ताह के अंत होते थे जब शी शियाए को काम पर नहीं जाना रहता था| छुट्टी का दिन था,फिर भी वह जल्दी उठ गयी,और अपने कमरे को ठीक करने लगी, हल्का पुलका नाश्ता करते हुए घर से निकल गयी|
बाहर मौसम ठंडा था, जब वह बाहर निकली, तो आकाश धूसर और धुंँधला था।अभी भी बूंदाबांदी हो रही थी और सर्द हवाएंँ हमला कर रही थीं, ऎसा की चहरी लाल हो जाए|
शी शियाए बहुत ठंडे सवभाव की थी,शायद इसीलिए ऑफिस में काम के अलावा किसी से कोई बातचित एवं संपर्क नहीं था| आमतौर पर, जब भी उसके पास खाली वक़्त होता वो या तो कोई किताब पढ़ती थी या चाय पीती या कुछ संगीत सुनती थी।
वह चाय प्रेमी थी, इसलिए इस हलचल वाले शहर के उत्तरी क्षेत्र में एक निश्चित एकांत स्थान में, उसने एक चाय की दुकान खोली थी, जिसे बमबू टीहाउस कहा जाता था।
वह आमतौर पर पर्दे के पीछे रहना पसंद करती थी, जो वहाँ के बॉस के समान उसके बदले में काम करते था, वह लिन जुआनयू नाम के एक अत्यंत सुसंस्कृत और दिल के साफ मध्यम आयु वर्ग के व्यक्ति था। शी शियाए ने सुना कि वह एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हुआ करते थे, और साथ ही, वह चीन की प्राचीन सभ्यता की खोज करते थे।वह देश की कला और चाय के लाभों से बहुत अच्छी तरह वाकिफ थे।
जब शी शियाए ने पहली बार चाय की दुकान खोली,तो लीन जुआनयू लगभग हर दिन चाय पीने और शतरंज खेलने के लिए आते थे। बाद में, दोनों में काफी बातचीत होने लगी, और शी शियाए ने उन्हें चाय की दुकान संभालने के लिए कह दिया,उनके लिखने के लिए भी यह एक अनुकूल जगह थी।
पूरी चाय की दुकान विशाल बांस के जंगल में लगभग छुपी हुई सी थी,यह बहुत बड़ी नहीं थी| 400 वर्ग फीट पर दो मंज़िलें बनी हुई थीं जिसमें मुख्य आकर्षण काव्य स्याही पेंटिंग का था जो पूरी दुकान मैं करी हुई थी|
जब शी शियाए किताबों के विशाल ढेर के साथ बांस के टीहाउस में प्रवेश किया, जो उन्होंने किताबों की दुकान से खरीदी थीं, वहांँ पहले से किताबें जमी हुई थीं एवं गूक़िन इन्स्ट्रुमेंट की स्पष्ट आवाजें आ रही थी" साप्ताह के अंत में यहांँ व्यापार तेज रहता है|
"मिस शी, आप आ गयीं !"
चाय की दुकान के सभी वेटर शी शियाए से परिचित थे क्योंकि वह लगभग हर सप्ताह के अंत में वहाँ जाती थी, लेकिन बहुत कम लोग जानते थे कि इस चाय की दुकान की असली मालिक वास्तव में यह महिला है जो जवान और सुंदर है| सबको हमेशा यही लगता था कि वह सिर्फ प्रोफेसर लिन की छात्रा है और उनकी बहुत करीबी दोस्त है|
शी शियाए हामी भरते हुए किताबों को बड़े तरीके से बुकशेल्फ़ पर जमाने लगी, जो पहले से ही किताबों से भरी हुई थी| वेटर ने तेजी से माओजियन चाय परोस दी,जो वह हमेशा पीती थीं। शी शियाए ने राहत की सांँस ली और बैठ गयी| जैसे उसने एक घूंँट लेने के लिए अपनी चाय उठाई, उसी वक़्त उसका फोन बजने लगा|
कॉल लेने से पहले यह भी नहीं देखा की कौन है और फोन उठा लिया|उठाते ही उसकी सबसे प्यारी दोस्त, सु नान की मधुर आवाज आई। "ज़ियाये, मैं बोल रही हूँ| मैं पहले से ही सिटी एक्सएक्स पर पहुँच गयी हूँ और उसे भी पार करने वाली हूँ, आठ घंटे ही बचे है जिससे तुम मिलना चाहती हो और जिसके बारे में तुम दिन रात सोचती हो उससे मिलने को|"
शियाए ने अपना सिर नीचे किया और चाय की चुस्की ली। उसके सुंदर चेहरे पर एक मुस्कान फैल गई। उसने धीरे से कहा, "लेडी सु नान, हमें कुछ ही दिन हुए हैं एक दूसरे को नहीं देखे हुए|खुद को ज़्यादा महत्व नहीं दे दिया तुमने?"
दूसरी तरफ से तुरंत सू नान की हँसी की आवाज़ आयी, हँसते हुए सु नान अचानक काफी समय के लिए चुप हो गयी और शियाए ने भी कुछ नहीं कहा। एक लंबे समय बाद, अचानक सु नान की संकोच भरी आवाज़ आई, "शियाए ... " सु नान का स्वर थोड़ा गंभीर लग रहा था,मानो कड़वी बात कहने जा रही हो लेकिन धीरज से| "हम्म?"
शियाए ने हाथ से चाय का प्याला नीचे रख दिया, फिर उसने एक किताब ली जिसमें फूलों को कैसे सुसज्जित करें लिखा था, और उसके पन्ने पलटने लग गयी|
उसे लगा कि सु नान के बात करने का तरीका थोड़ा बदल गया था, इसलिए उसने पूछा, "क्या हुआ?"
दूसरी और से सु नान ने एक गहरी साँस ली जैसे कि वह किसी चीज़ पर कुछ अलग सोच रही हो, उसने नीची आवाज़ में कहा, "मैंने अभी हान यिफ़ेंग को देखा था ... शी झींसी के साथ ... दोनों मेरे ही फ़्लाइट पर हैं ..."
"वे वापस आ गए, ज़ियाये ..."
जैसे ही सु नान को सुना, शियाए का चेहरा तुरंत उतर-सा गया। उसके दोनों हाथ अचानक से सख्त हो गए और उसने उसके फोन को कस कर पकड़ लिया| सु नान की उतरी हुई आवाज़ उसके कानों में गूंँजती रही।
मैंने अभी हान यिफ़ेंग को देखा था ... शी झींसी के साथ ... ये दोनों मेरे ही उड़ान पर हैं।