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Chapter 34 - उसका कंप्यूटर हैक

चेंगवू के सफल ऑपरेशन के बाद, शिया ची ने अपनी बहन का बदला लेने के लिए समय निकालकर तेंजिन का कंप्यूटर हैक कर लिया।

वह आखिरकार उसके कंप्यूटर में घुस गया, पर यह वे संदेश थे, जो उसकी प्रतीक्षा कर रहे थे।

उन संदेशों को पढ़कर, जिनमें तेंजिन और इन राह चलती अनजान लड़कियों ने उसकी बहन का अपमान किया था, उसके गुस्से का ठिकाना न रहा।

"बहुत हुआ!"

शिया ची ने अपनी मुठ्ठियॉं भींच लीं और उसके हाथ की शिरायें सुलगने लगीं। अपने परिवार के दुश्मन की छवि को देखते हुए उसकी ऑंखों में शोले धधक रहे थे।

जिंगे ने अभी-अभी चेंगवू का चेहरा और बॉंहों को साफ़ किया था। वह तौलिया भिगोने के लिए मुड़ी थी कि उसने शिया ची का चेहरा देखा और पूछा, "तुम्हें क्या हुआ?"

"कुछ भी तो नहीं…" शिया ची ने जल्दी से कहते हुए लैपटॉप को बड़ी ज़ोर से बंद किया। उसे डर था कि उसकी बहन वह सब देख लेगी, जो उसके बारे में लिखा गया था, और उसके इस कार्य ने जिंगे की रुचि और बढ़ा दी।

जिंगे ने धीरे-धीरे से स्क्रीन के ऊपर से ची के हाथ हटाए और उसके बाजू में बैठकर पढ़ने लगी।

शिया ची को डर था कि उसकी बहन को बुरा लगेगा, सो वह फटाक से बोला, "इन लोगों को तुम्हारे बारे में कुछ पता नहीं, इसीलिए इनकी बातें दिल पर मत लो। मेरे हिसाब से, तुम दुनिया की सबसे अच्छी लड़की हो, कोई तुमसे अच्छी नहीं, यह चू तेंजिन तो बिल्कुल नहीं!"

"तुमने उसका कंप्यूटर हैक किया?" जिंगे ने स्क्रीन की ओर घूरते हुए पूछा।

शिया ची ने हामी के साथ स्वीकार किया, "हॉं, मैंने तुम्हारे प्रति अशिष्टता दिखाने के लिए उसका कंप्यूटर क्रैश करने की योजना बनाई।"

उसे इन संदेशों की आशा नहीं थी।

अगर उसे पता होता कि यह औरत इतनी बेरहम है, तो उसे सुबह आसानी से नहीं छोड़ता।

"दीदी, गुस्सा न हो, मैं अभी उसका कंप्यूटर क्रैश करता हूं।हम उसे दिखाते हैं," शिया ची ने तपाक से कहा।

जिंगे न कुछ न सुना और पूछा, "ची, क्या पिछले कुछ सालों में मेरी झुर्रियॉं निकल आई हैं?"

"बिल्कुल नहीं, अभी भी तुम उर्वशी की तरह सुंदर हो। तुम थोड़ी भी कुरूप नहीं हो, मेरा विश्वास करो!" शिया ची अपने दिल से कह रहा था। इस ज़ालिम वक्त ने उसका चेहरा खराब कर दिया था, पर शिया ची के लिए उसकी बहन अब और सुंदर हो गई थी।

वह कोई उर्वशी या रंभा तो नहीं लगती थी, पर अभी भी उसे सुंदर कहा जा सकता था। शिया ची की ऑंखें उसे तेंजिन से कम से कम 100 गुना सुंदर मानती थीं।

जिंगे ने तेंजिन और उसकी दोस्तों की बातों के बीच का सच देखा और धीरे से बोली, "पर हम यकीनन गरीब हैं।"

"दीदी, मैं भविष्य में बहुत पैसे कमाऊंगा और हमारे कपड़े शहर में सबसे महंगे होंगे। हम उन्हें कभी धोएंगे नहीं और गंदे होते ही फेंक देंगे। जब कभी हम तेंजिन को देखेंगे, तो उसपर अपने पैसे फेंकेंगे। आखिरकार, किसी को पैसे से मारना कोई जुर्म नहीं है!"

अंततः जिंगे की हॅंसी फूट पड़ी, "तुमसे किसने कह दिया कि किसी को वास्तविक पैसों का उपयोग करके मारना कोई जुर्म नहीं है?"

"ठीक है, तो हम सिर्फ़ उसके अधमरा होने तक पैसा फेंकेंगे," शिया ची ने दृढता से उत्तर दिया। उसने कसम खाई कि उन लोगों को गलत साबित करने के लिए वह बहुत पैसे कमाएगा।

जिंगे को पता था कि ची की सभी बातों पर गुस्से का प्रभाव था, पर फ़िर भी उसकी बातों से उसे सुकून पहुंचा।

चाचा और शिया ची ने उसकी इतनी देखभाल की थी कि वह उन्हें ज़रा भी कष्ट होते देख नहीं सकती थी।

"ची, शांत हो जाओ। देखते हैं, तेंजिन के कंप्यूटर में और क्या है," जिंगे ने सलाह दी।शिया ची की खुराफ़ाती ऑंखें चमक उठीं।"ओके, मैं देख रहा हूं!"

शिया ची ने तेंजिन के कंप्यूटर पर सरसरी निगाह डाली और देखा कि उसमें कई चित्र थे।

इस औरत को खुद से इतना प्यार था कि उसने दस हज़ार से अधिक सेल्फ़ी रखी थीं।

कुछ चित्रों में मुबाइ भी दिखा, पर उसके चेहरे पर लगातार उकताहट की भावना थी।

शिया ची ने अंदाज़ लगाया, "दीदी, मैं एक मर्द हूं और मैं कह सकता हूं कि शी मुबाइ उसे प्यार नहीं करता।"

"मुझे क्या करना है कि वह किससे प्यार करता है और किससे नहीं," जिंगे ने भावनाहीन दृष्टि से कहा।

वह पहले ही से जानती थी कि मुबाइ को तेंजिन से प्यार नहीं था। मुबाइ का दिल बर्फ़ की तरह सख़्त था और दुनिया की कोई औरत उसमें जगह नहीं बना सकती थी।

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