Chapter 39 - ये रहा सबूत

"इस बात पर मैं भी तुमसे सहमत हूँ। हमें इसके बाद निश्चित रूप से पुलिस स्टेशन जाना चाहिए," जिंगे ने हामी भरते हुए कहा, "मैं तुम्हारे लिए सबूत लाती हूं।"

यह बोलते हुए, वह सीढ़ियों से ऊपर चली गई।

"वहीं रुक जाओ, तुम कहाँ जा रही हो?" उसके सोफे से खड़े होते हीं वू रोंग चिल्लाई।

जिंगे ने धीरे से अपना सिर घुमाया, जैसे उसने कहा, "सबूत लेन जा रही। तुमने हीं मुझसे माँगा था, जिसने मुझसे इसके लिए पूछा है। तुम अपने अपराधबोध से डर गई हो क्या?"

"मुझे डर है कि तुम ये मुझसे चुरा लोगी। तुम अब भिखारी से बेहतर नहीं हो!"

जिंगे जवाब देना चाहती थी, "बहुत जल्द, मैं यह सुनिश्चित करुँगी कि तुम मुझसे बड़ी भिखारिन बन जाओ"।

"अगर तुम्हें इतना डर लग रहा है, तो तुम मेरे पीछे आ सकती हो, यही नहीं उन दोनों सुरक्षाकर्मियों को भी साथ ले आओ," जिंगे मुड़ी और सीढ़ी पर चढ़ने लगी।

"शिया जिंगे, तुम वहीं रुक जाओ!" वू रोंग चिल्लाई क्योंकि वह उसका पीछा करने के लिए दौड़ी, लेकिन जिंगे को पकड़ना मुश्किल था।

दोनों सुरक्षाकर्मियों ने एक-दूसरे को देखा, और कंधे उचकाए और ऊपर जाने का फैसला किया।

उन्हें लगा कि उनकी उपस्थिति की आवश्यकता है। जाने-अनजाने में, जिंगे के आत्मविश्वास ने उन्हें उसकी कहानी पर भरोसा करने के लिए मजबूर कर दिया।

जिंगे का गंतव्य शिया चेंगवेन की पुरानी स्टडी थी।

"शिया जिंगे, तुम कर क्या रही हो?" वू रोंग एक सेकंड बाद वहॉं पहुंची। जिंगे उसे नजरअंदाज करते हुए एक बुकशेल्फ पर झुक कर खड़ी हो गई। उसने खुली दीवार पर हल्के से दस्तक दी और उस पर से धूल गिरने के कारण 30 सेंटीमीटर की आयताकार खरोंच आ गई।

जिंगे ने नकली दीवार के कवर को हटा दिया और उस गुप्त स्थान से उसे एक छोटा बीमा का केस मिला।

ये सब देखकर वू रोंग के चेहरे का भाव उपहास से चिंता में परिवर्तित हो गया।

वो जिंगे के हाथों से बीमा का केस छीनने के लिए आगे बढ़ी, "शिया जिंगे,मुझे मेरा सामान वापस दो"।

जिंगे को पता था कि यह होगा और वह उसके रास्ते से हट गई। अपने लक्ष्य को चूकते हुए, वू रोंग बुकशेल्फ़ से टकराई, जो अचानक के धक्के से लगभग उलट गया। अपना कंधा रगड़ते हुए वू रोंग मुँह बनाने लगी।

जिंगे ने दो सुरक्षाकर्मियों की ओर धीरे-धीरे चलते हुए नम्रतापूर्वक कहा, " इस बंगले के अंदर वे संपत्ति के दस्तावेज़ हैं, जो मेरे पिता ने मुझे दिए थे। मुझे आशा है कि आप मेहरबान आज मेरे गवाह होंगे और मुझे मेरी सम्पति को वापस पाने में मेरी मदद करेंगे। मेरी सौतेली माँ बहुत कुटिल है, अगर उसका पर्दा फाश हुआ,तो वह मेरी जान भी ले सकती है। "

इस सम्मान भरे शब्दों ने उनको बहुत गर्व महसूस हुआ। वू रोंग के तरफ उनका नजरिया धीरे-धीरे सावधानी में बदल गया। पूर्व-धारणा कोई बात नहीं है क्योंकि जिंगे ने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा कि वू रोंग ने उसे जीवन की धमकी दी थी, उनका मानना ​​था कि यह कुछ नैतिक रूप से अस्पष्ट तरीकों के माध्यम से होना चाहिए. क्योंकि एक सौतेली माँ आमतौर पर ऐसा ही करती है।

वू रोंग गुस्से से आग बबूला हो गई थी, लेकिन वह यह भी जानती थी कि वह जिंगे को यह केस खोलने नहीं दे सकती थी।

जब तक यह केस बंद रहता, तब तक उसका पलड़ा भारी रहता।

"तुम दोनों बेवकूफ उसके झूठ में मत फंसो! इस घर में सब कुछ मेरा है। वह एक बेदिल औरत है, जिसने अपने पिता की हत्या कर दी है और अब वह अपनी सौतेली माँ को नुकसान पहुंचाने के लिए वापस आ गई है, मैं नहीं, वही कुटिल है! उसे जल्दी पकड़कर इस केस को मुझे सौप दो"।

बीमा के केस को हासिल करने के अपने प्रयासों के बीच, वू रोंग पगला गई थी।

"तुम जानती हो कि तुम क्या कह रही हो, तो तुम्हारे बोलने का कोई कोई मतलब नहीं हैं। इस केस की सामग्री ने तुम्हारे पॉंव उखाड़ दिए हैं। ठीक है, मैं तुम्हे यह साबित करने का एक आखिरी मौका दूंगी। अगर तुम मालिक हो,तो निश्चित रूप से तुम इसे केस को खोल सकती हो।'' जिंगे ने मुस्कराते हुए कहा।

" मैं... वू रोंग लड़खड़ाई और उसके इस कमजोर विश्वास ने दोनों सुरक्षाकर्मियों को जिंगे की ओर कर दिया।

"श्रीमती शिया, कृपया यह केस खोलिए, यदि आप ऐसा करती हैं, तो हम तुरंत मिस शिया को बाहर निकाल देंगे। "

"तुम चुप रहो!" वू रोंग ने ठंडी आँखों से उन्हें देखा, "मैं यहां घर की कानूनी हकदार हूं, तुम जैसे लोगों को मेरी हर आज्ञा का पालन करना होगा। मैंने कहा कि केस मेरा है और तुम्हें इसे लेकर मुझे देना होगा या फिर मैं तुम दोनों की शिकायत प्रबंधन को कर दूंगी और तुम्हे शाम तक यहाँ से निकाल दिया जाएगा"।

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