Chapter 40 - शिया जिंगे नाम है

सुरक्षाकर्मी भी इंसान थे, वे भी उस सम्मान के हकदार थे, जो कामकाजी पुरुषों और महिलाओं को मिलता है। कहना न होगा कि वे उन तरीकों से खासा खुश नहीं थे, जिनके द्वारा वू रोंग उनपर हुकूमत करना चाह रही थी।

"श्रीमती शिया, इससे पहले कि हम कुछ भी करें, हमें यह निर्धारित करना होगा कि कौन सही है और कौन गलत। इसके अलावा, यदि आप कानूनी मालिक हैं, जैसा कि आपने कहा है, तो आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं नहीं है। इस बंगले पर अपना अधिकार साबित करने के लिए आप इस केस को खोलें और हम मिस शिया को बाहर निकालने में पूरी तरह से आपके साथ रहेंगे।"

 "सही कहा, अगर तुम सच में मालिक हो,तो तुम्हें यह केस खोलने में क्या डर है"? 

"तुम...." वू रोंग गुस्से से उबलने लगी। अगर उसे मालूम होता कि यह सुरक्षाकर्मी इतने बेकार होंगे, तो वह उन्हें बुलाती ही नहीं ।

लेकिन,फिर उसे क्या पता था कि मृत शिया चेंगवेन का घर में ही कोई गुप्त भण्डार होगा? 

यह एक संपत्ति दस्तावेज ही तो है। क्या उसे इसको ऐसे गुप्त स्थान पर छुपाने की जरूरत है?

यह कोई राष्ट्रीय रहस्य नहीं है। 

वू रोंग बहुत क्रोधित थी और वह जिंगे को यह केस खोलने नहीं दे सकती थी। उसे नहीं मालूम था कि उसमें क्या है, पर यह अगर असली संपत्ति के कागजात होते, तो फिर यह उसके लिए अपना पक्ष सिद्ध करना बहुत मुश्किल हो जाता।

"शिया जिंगे, ढीठ लड़की। तुम्हारे पिता ने कुछ सिखाया नहीं,इसलिए इसलिए आज मैं उनकी मदद करने के लिए तुम्हें मजा चखाउंगी"। वू रोंग में अपना हाथ उठाया। वो जिंगे को जोर का तमाचा मारना चाहती थी ताकि वह ज़मीन पर जा गिरे। ऐसा करने से उसके हाथ में यह केस आ जाता। 

किसे पता था किस जिंगे उससे ज्यादा तेज गति से जवाब देगी और उसने वू रोंग के घुटनों पर जोर से मारा।

वह चिल्लाते हुए जमीन पर गिर गई।

जिंगे की लात भले ही कमजोर लग रही थी लेकिन उससे वू रोंग का घुटना लगभग टूट चुका था। वह भूल गई थी कि जिंगे ने अपनी जवानी के दिनों में कराटे सीखा है। 

"शिया जिंगे,कुतिया"। तूने मुझे मारने की हिम्मत कैसे की"। वू रोंग ने उसकी ओर देखा और उसे एहसास हुआ कि जिंगे बीमा का केस खोल रही है।

उसके अंदर से उसे एक छोटी सी लाल किताब मिली। उसके ऊपर लिखा हुआ था संपत्ति के स्वामित्त्व का प्रमाणपत्र।

वू रोंग का गुस्सा अचानक असहजता में बदल गया।

उस केस में.... वाकई प्रमाणपत्र था।

जिंगे ने उस केस को नीचे रखा और किताब के पन्ने पलटने लगी ताकि उसे सुरक्षा कर्मी देख सके। "देखिए, इस पर मालिक का नाम लिखा है शिया जिंगे,जो मैं हूं"। 

वह लोग झुके और किताब को नजदीक से देखने लगे। जिंगे झूठ नहीं बोल रही थी।

"यह नकली है!" वू रोंग ने हाथापाई की और जिंगे पर झपट कर अपने नुकीले दांत पीसती हुई दौड़ी, लेकिन एक बार फिर जिंगे उसके रास्ते से हट गई। उसने खुद पर काबू किया, और उसे एक और लात नहीं मारी।

"वू रोंग, तुमने कहा कि यह नकली है, इसलिए तुम असली वाले को बाहर क्यों नहीं निकालती। हम पुलिस से इसकी सच्चाई की जांच करने के लिए कहेंगे।"

" मैं तुम्हारे दस्तावेज को निकलने के जाल में नहीं फसूंगी," वू रोंग ने दांतों को पीसकर कहा।उसे विश्वास था कि जब तक वह जिंगे के हाथ में पड़े इस दस्तावेज को सच्चा नहीं मानती, तब तक जिंगे कुछ भी नहीं कर सकेगी। 

इस तमाशे के खत्म होने के बाद उसके पास जिंगे से बदला लेने के तरीके मौजूद थे।

लेकिन जिंगे यह सब इतनी आसानी से नहीं होने देनेवाली थी। वह आज ऐसे ही वू रोंग की तलाश में नहीं गई थी।

"मुझे लगता है कि तुम्हारे पास नहीं है और अगर है भी तो वह नकली है। अगर तुम फिर भी दिखाने से मना करोगी,तो मैं इन सुरक्षाकर्मियों को बोलूंगी कि वो तुम्हें यहां से बाहर फेंक दें", जिंगे ने धमकाते हुए कहा।

दोनों रक्षकों ने वू रोंग को तिरछी नज़र से देखा।

चेंगवेन की मृत्यु के बाद, वू रोंग ने बड़ी आराम वाली जीवन शैली जी रही थी। अब वह पहले जैसी नहीं थी,जो बेहतर भविष्य के लिए साजिश रच पाती।

इस प्रकार वह जिंगे के आग्रह से भड़क चुकी थी।

"ठीक है, यदि तुम असली दस्तावेज देखना चाहती हो, तो मैं इसे अभी दिखाऊंगी"। उस स्टडी से निकल गई और जल्द हीं संपत्ति के स्वामित्व दस्तावेज के साथ लौट आई।

यह बिलकुल जिंगे के दस्तावेज जैसा था, सिर्फ मालिक के नाम को छोड़कर जिसपर वो रोंग का नाम लिखा था।

यह देखकर दोनों सुरक्षाकर्मी आश्चर्य में पद गए। असली वाला कौन है?

"जो मेरे पास है वही असली है। उसके पिता की मृत्यु 6 साल पहले हुई थी जब केवल 19 वर्ष की थी। उसके पिता अपनी जायदाद कोई जवान और अल्लाह लड़की को क्यों देंगे? वू रोंग ने बहुत जल्दबाजी में समझाया, जैसे वह उन लोगों को उसके तर्क को चुनौती देने का साहस किया हो।

दो गार्डों ने उसके तर्क में संवेदनशीलता सुनी और उनका संदेह वापस जिंगे पर चला गया।

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