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Chapter 38 - इस बूढ़ी डायन को बाहर फेंक दो

फोन कॉल करने के बाद भी , मिसेज चान ने शिया को सलाह दी की , " मिस शिया , कृपया जल्दी से चली जाइए । सुरक्षाकर्मी आते ही होंगे"।

बेपरवाह जिंगे उसे देख कर मुस्कुराई, लेकिन वहां से हिली नहीं। 

"वह वू रोंग को देखकर मुस्कुराते हुए बोली "अच्छा हुआ , वो यहां आ रहे है , मुझे उनकी मदद चाहिये जबरन कब्ज़ा की गई संपत्ति खाली करवाने में"।

वू रोंग का चेहरा उतर गया "शिया जिंगे, किसने जबरन संपत्ति पर कब्ज़ा किया है?"

"तुम उत्तर जानती हो।"

वू रोंग की ऑंखें झपककर रह गईं।

उसे अचानक लगने लगा कि कुछ बुरा होनेवाला है, पर वह अपनी जगह खड़ी रही।

शिया जिंगे और कर क्या ही सकती थी? भले उस दुष्टा के पास कुछ गवाह होंगे, पर पैसा तो बिल्कुल नहीं था।

शिया परिवार के बंगले का सबकुछ उसका था, तो यह बालिश्त भर की लड़की उसका क्या बिगाड़ सकती थी?

इन मनभावन विचारों के साथ, वह आराम से सोफ़े पर बैठकर हवा खाती हुई सुरक्षाकर्मियों की प्रतीक्षा करने लगी।

जल्दी ही दो प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी वहॉं आ पहुंचे।

"श्रीमती शिया, आपने हमें क्यों बुलाया?" उनमें से एक ने नम्रता से पूछा।

वू रोंग ने जिंगे को एक भेदक दृष्टि से देखते हुए कहा, "इस औरत को मेरे घर से बाहर निकाल दो और भविष्य में यहॉं आने से प्रतिबंधित कर दो। सुनिश्चित करना कि मेरे परिसर में यह वापस न आ सके, समझे?"

सुरक्षाकर्मी ने जिंगे की तलाशी ली और नम्रता से कहा, "मिस, कृपया हमारे साथ बाहर चलें।"

जिंगे ने शांति से प्रतिप्रश्न किया, "क्या यहॉं के मालिक को संपूर्ण अधिकार है कि वह केवल इस आधार पर किसी को बाहर निकाल दें कि वह उसे पसंद नहीं करता?"

सुरक्षाकर्मी ने बेहिचक हामी भरी, "स्वाभाविक रूप से। यह एक उच्च कोटि का आवासीय क्षेत्र है, हम बदमाशों को पसंद नहीं करते। मिस, कृपया हमारे साथ बाहर चलें, हम सभी के लिए मुश्किल पैदा न करें।"

"बिल्कुल, तो कृपया इस बूढ़ी डायन को बाहर निकालने में मेरी मदद कीजिए," जिंगे ने वू रोंग की ओर इशारा किया।

वू रोंग और दोनों सुरक्षाकर्मियों के पैरों तले से ज़मीन खिसक गई।

दोनों व्यक्ति पहले उसकी अटपटी मॉंग पर हॅंसे और फ़िर उन्होंने जिंगे को तीखी डॉंट पिलाई, "मिस, यहॉं तमाशा न कीजिए, इसमें किसी को लाभ नहीं है, आपको तो कतई नहीं। श्रीमती शिया इस बंगले की अधिकृत मालिक हैं, उन्हें आपको बाहर निकालने का पूरा हक है, आपको उन्हें निकालने का नहीं। अतः कृपया हमारे साथ बाहर चलें!"

"शिया जिंगे, भले तुम्हारी याद्दाश्त वापस आ गई है, पर अपने दिमाग की जॉंच करा लो," वू रोंग ने अपनी दो उंगलियॉं सर के बगल से घुमाईं। इसे लग रहा था कि जिंगे पागल हो गई है। बंगला उसका था, तो यह दुष्टा कौन होती थी उसे निकालनेवाली?

जिंगे शांति से कहती रही, "आप कहते हैं कि बंगला उसका है, पर उसका सबूत क्या है? मेरे पिता ने मुझे यह बंगला दिया था, मुझे खबर नहीं कि कब से यह इस बूढ़ी डायन का हो गया? आप चाहते हैं कि मैं चली जाऊं? ठीक है, पर मुझे घर की संपत्ति का प्रमाणपत्र दिखाए अथवा मैं यहीं रहूंगी!"

सुरक्षाकर्मी संभ्रम में पड़ गए।

जिंगे ने शांति से स्पष्टीकरण दिया, "लगता है कि आप दोनों यहॉं नए हैं। मैं बता हूं कि इस बंगले के मूल मालिक मेरे पिता थे। यह बूढ़ी डायन मेरी सौतेली मॉं हुआ करती थी।"

वे दोनों यह जानकर दंग रह गए कि जिंगे उसी परिवार का हिस्सा थी।

वू रोंग गुस्से से अपने दॉंत पीसने लगी।

जिंगे बार-बार उसे बूढ़ी डायन कह रही थी और रोंग का पारा सातवें आसमान पर था।

अपने गुस्से को पीते हुए उसने पलटवार किया, "शिया जिंगे, मैं तुम्हें यही पूछ सकती हूं। तुम कहती हो कि बंगला तुम्हारा है, पर उसका सबूत क्या है?"

जिंगे मुस्कुराई। "आपका सवाल मुझे पसंद आया। मेरे पास घर की संपत्ति का प्रमाणपत्र है।"

वू रोंग थोड़ी सहम गई और अनिश्चितता के बादल उसकी ऑंखों के आगे छा गए। लेकिन, उसकी अंतिम राय यही थी कि जिंगे बकवास कर रही थी? अगर उसके पास घर की संपत्ति का प्रमाणपत्र था, तो अब तक वह किस प्रतीक्षा में थी?

वह ज़रूर फेंक रही थी।

"ठीक है, तो हमें दिखाइए। अगर आप नहीं दिखा पातीं, तो हमें आपको पुलिस स्टेशन ले जाना होगा।"

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