Chapter 22 - एक असली सफल रात

अस्पताल छोड़ने के बाद, जिंगे ने पास के इंटरनेट कैफे पहुंची ।

बाकी के पैसे से वह उपलब्ध कमरों में से एक घंटों के हिसाब से किराये पर लेती थी ।

पढ़ने के अलावा , जिंगे ने अस्पताल में रहकर बाकी समय,पैसे कमाने के विभिन्न तरीकों के बारे में संशोधन में लगाया ।

हमारे ऑनलाइन युग में , पैसे कमाने के पद्धतियों में प्रकृति से कहीं अधिक विविधता आ गई थी ।

उदाहरण के लिए ,बहुत सारी ऑनलाइन कंपनियों ने ऐसे हैकर्स के लिए नकद पुरस्कार की पेशकश करती थीं जो उनके सुरक्षा कार्यक्रमों का पता लगा सकें। 

हैकर्स को खोजी गई कमजोरी के अनुसार पेमेंट की जाती थी । 

इतना ही नहीं ,कुछ व्यावसायिक संस्थायें विशेष अवसरों पर नकद पुरस्कार पर हैकिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी करते थे….

कुछ भी हो, जिंगे ने ऐसे तरीकों का पता लगा लिया,जिनसे वो अपनी प्रतिभा का उपयोग पैसे कमाने मे लगा सके ।

उसकी वास्तविक योजना थी कि वह एक के बाद एक सभी योजनाओं पर काम करे,लेकिन उसकी स्थिति की आकस्मिकता ने उसे मजबूर कर दिया था। 

इससे उसमें हलचल पैदा हो सकती थी,लेकिन अब उसके पास इस बारे में सोचने के लिये वक़्त नही था ।

उसे एक रात में 300000 आरएमबी से ज़्यादा कमाने की जरुरत थी । 

उसे पूरा विश्वास था कि वो ये काम कर सकती थी,लेकिन यह उसके मानसिक स्वास्थ्य के लिए सही नहीं था । 

हाल ही में स्वस्थ हुये शरीर और याददाश्त लौटने की वजह से , वह पूरी तरह से इस काम के लिये वादा नहीं कर सकती थी लेकिन उसके पास इस काम के अलावा दूसरा कोई विकल्प भी नहीं था । 

जो इटंरनेट कैफे जिंगे ने चुना था , वह थोड़ा मंहगा था ,लेकिन उस स्थान पर सारी सुविधायें मौजूद थी, जो जिंगे को लगता था कि आधी रात के बीच खत्म नहीं हो जातीं।

इसके अलावा , यहां अलग कमरों की भी व्यवस्था थी जिसका मतलब था कि उसे कोई परेशान नहीं करेगा । 

जैसे ही कम्पूटर का स्क्रीन खुला, उसने पानी का एक घूंट पिया और उस आईटी की दुनिया में सराबोर हो गई, जिससे वह कभी परिचित हुआ करती थी... 

 "डिंग !" यह एक मैसेज अर्लट था जिससे उपयोगकर्त्ता को पता चलता था कि इनबॉक्स में नया मैसेज आया है । 

शिया ची ने जल्दी से अपना फोन खोला । ये मैसेज उसके बैंक से था । 

 उसके खाते में 5000 आरएमबी जमा हुए थे । 

जिंगे को गए 30 मिनट भी नहीं हुए थे कि उसके खाते में 5000 आरएमबी जमा भी हो गए । 

 शिया ची अपने उत्साह और उत्सुकता को छुपा नहीं पा रहा था । 

उसकी बहन ऐसा क्या कर रही थी कि इतने जल्दी-जल्दी पैसे आ रहे थे? 

शिया ची चिंता और उत्साह के बीच गोते लगाता रहा । 

वह अगले कुछ घंटे लगातार इस डर से अपने फोन को घूरता रहा कि कोई भी आने वाला मैसेज उससे मिस ना हो जाए । 

30 मिनट से भी कम समय में, उसके खाते में कुछ और पैसे जमा होने का मैसेज मिला। 

उसके बाद , उसके खाते में हर 30 मिनट या 1 घंटे के अंदर नई लेनदेन होने लगी । 

धनराशि कई हजार और कईदस हजार के बीच की थी । 

शिया ची काफी तनाव में था । 

उसके खाते का पैसा धीरे-धीरे बढ़ता रहा,जब तक कि वह आवश्यक सीमा तक पहुंच नहीं गया और उसे क्रियान्वयनन के शुल्क को संभालने के लिए निकल पड़ा । रात के लिये जिंगे ने जो लक्ष्य तय किया था,उसके अनुसार ये एक अच्छी शुरुवात थी । 

फिर भी शिया ची की उसके प्रति चिंता बढ़ती जा रही थी,क्योंकि अभी तक उसे उसकी ओर से कोई व्यक्तिगत सूचना नही मिली थी । 

उसकी चिंता इस बात से बढ़ गई थी कि उसे कुछ पता नहीं था कि वह कहां थी और क्या कर रही थी । 

उसे कुछ हद तक इस बात की भी चिंता थी कि कहीं वह कोई गैर कानूनी अवैध काम तो नहीं कर रही । 

 वह उसके पास सिर्फ़ जिंगे का मौखिक वचन था कि वह कोई भी बेवकूफी या हड़बड़ीवाला काम नहीं करेगी, सो वह उसपर जीवनरेखा की तरह झूलता रहा।

उसने जिंगे की सुरक्षा के लिए प्रार्थना किया और धैर्यतापूर्वक उसके लौटने का इंतजार करने लगा। वह इतना ही कर सकता था और यही सब उसने किया । 

जब जिंगे बाहर पैसे कमाने के लिए गई, तो शिया ची भी आराम से नहीं बैठा था । वह एक लड़ाई लड़ रहा था और शारीरिक रुप से दूर होते हुए भी जिंगे का उत्साह बढ़ा रहा था । 

उसने धीरे-धीरे फोन के मैसेज अलर्ट को ट्यून किया,क्योंकि उसे पूरा विश्वास था कि जिंगे जो भी करने की ठानती, वह उसे पूरा करके ही लौटती । 

 उसका आरंभिक आवेश जिंगे पर उसके विश्वास के कारण शांति मे बदल गया ….

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