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Chapter 24 - पिताजी आज बहुत खुश हैं

जिंगे की ऑनलाइन दुनिया में अचानक प्रवेश से, कुछ दुष्ट दुर्भावनापूर्ण हैकर्स का ध्यान उसकी ओर चला गया था । 

हालांकि, पूरी रात ऑनलाइन संघर्ष के बाद ,कोई भी उसकी पहचान के आस-पास तक नहीं जा पाया। उसने उन्हें पूरी तरह से उलझन में डाल दिया था….. 

हैकर्स को लगता था कि ह्वा शिया की ऑनलाइन दुनिया जल्द ही पूरी तरह से पलट जायेगी । 

सुबह-सुबह एक फोन कॉल ने मुबाइ को जगाकर इस घटना की सूचना दी।

हैरत से भौंचक्के जुंतिंग ने फ़ोन पर कहा, " ये अविश्वसनीय था । बिना किसी चेतावनी के , 001 ने हमारी सुरक्षा प्रणाली को हैक कर लिया। साथ ही में दूसरे कंपनियों के उत्पाद भी हैक हो गये। उन्होने हमारे शहर टी के शीर्ष 50 हैकर्स को कॉलिंग कार्ड जारी किया, और कहा कि वे इनमें से किसी एक को हैक कर लेंगे। मैने यह कर्मचारियों की आपसी चर्चा से जाना और उस हैकर को चुनौती दी, तुम कल्पना कर सकते हो कि क्या हुआ?"

मुबाइ अपने ब्लुटुथ इयरफ़ोन से धीरे-धीरे शर्ट पहनते हुए बोला, "उसने तुम्हें चारों खाने चित कर दिया?" उसकी आवाज में दिलचस्पी बढ़ती जा रही थी । 

"यकीनन..बड़ी बात यह है कि उसने सिर्फ आधे घंटे में ये कारनामा किया !" जुंतिंग को बोलने में शर्म महसूस हो रही थी ।

कम से कम, उसे प्रोग्रामिंग विशेषज्ञ तो माना ही जा सकता था। 

यह सच्चाई कि उसे सिर्फ़ 30 मिनट से भी कम समय में हैक कर लिया गया, साबित कर रही थी कि उनका प्रतिद्वंदी कितना भयानक था ! 

 एक बात तय थी कि जुंतिंग का सामना हुआ अभी तक के बेहतरीब हैकर से हुआ था। 

वास्तव में , ये पूरी तरह से सच नहीं था । वह एक ओर हैकर से भी मिला था,जो अपनी जिंदगी में पूरी तरह पागल रहा था, और वह इंसान शी मुबाइ था । 

घाव पर नमक छिड़कते हुए मुबाइ ने मज़ाक में कहा ," क्या तुम्हें विश्वास है कि तुम मुझसे सच बोल रहे हो? तुम बता रहे हो ये सब 30 मिनट में हुआ जबकि वास्तव में सिर्फ 10 मिनट लगे होंगे?" । 

 "सीइओ शी, क्या अपने दोस्त के साथ तुम ऐसा ही बर्ताव करोगे ?" जुंतिंग ने अपनी गलती स्वीकार की । 

 उसने अपना फ़ोन बंद करने की सोची । 

अंत में जुंतिंग सिर्फ हंसा ।"ठीक है , कह नहीं सकता कि उससे हारने में बुरा लगा, हो सकता है वह एक पागल जीनियस हो। लेकिन, ऐसा लगता है कि 001 को पैसो की जरुरत थी । उसने शर्त के पैसे लेने के बाद छोटी बातों के लिए समय बर्बाद नहीं किया , इसलिये उससे बात करने के बाद एक मैसेज कंपनी के नाम के उसे साथ भेज दिया। मैनें उसे वादा किया है कि अगर वह हमारे साथ काम करना चागे, तो हम उसे मुंहमांगा वेतन देंगे। मुझे आशा है कि आपके कंपनी का नाम प्रयोग करने से आप बूरा नहीं मानेंगे। हमारे प्रतिस्पर्धियों के उसे छीन लेने से पहले मुझे जल्दी में ऐसा करना पड़ा"। 

मुबाइ ने जवाब दिया, "बिल्कुल नहीं। हमें 001 जैसी प्रतिभाओं की ज़रूरत है।"

"याद रखना कि अगर वह हॉं कहता है तो तुम मुझे लंच कराओगे।"

"ठीक है… बाद में बात करते हैं।"

मुबाइ ने इसी सोच के साथ चर्चा समाप्त की, कि आखिर 001 कौन है?

पर्दे पर एक नया किरदार आ गया था, और इतने तमाशे के बाद के बाद वह चाहता क्या था? पैसे जैसी मामूली चीज़।

001 की मंशा कुछ भी रही हो, मुबाइ उसे अपनी कंपनी में खींचने की पूरी कोशिश करनेवाला था।

जैसा कि कहते हैं, दूसरे को पहचानने के लिए खुद में वही होना चाहिए। मुबाइ के मामले में, दूसरे की प्रशंसा करने के लिए खुद में उसी की ज़रूरत पड़ी।

मुबाइ को 001 से खुद मिलना पड़नेवाला था।

इस सोच से कि कोई हैकर उसी के जितना प्रतिभावना था, उसके चेहरे पर खुद ब खुद मुस्कान आ गई।

नाश्ते के टेबल पर ,शी लिन को अपने पिता में कुछ अटपटा लगा।

"डैडी, आप इतने खुश लग रहे हैं, क्या आज कुछ अच्छा हुआ है?" शी लिन ने अपने बाउल के पीछे से झांकते हुए अपने पिता को देखा।

बूढे श्रीमती और श्रीमान शी के सर भी मुबाइ की ओर घूम गए।

मुबाइ एक उदासीन व्यक्ति था और उसी उदासीन भाव से पूरी दुनिया को देखा करता था। इसीलिए, यह अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता कि वह खुश है या दुखी।

केवल उसके परिवारवाले ही उसके शब्दों के पीछे की सच्चाई जानकर उसके मूड को पहचान पाते थे।

"लिन लिन सही कर रहा है। पर अच्छा अभी तक नहीं हुआ, बाद में होनेवाला है आज। तुम्हारे पिता तेंजिन के साथ उसकी शादी का जोड़ा चुनने जा रहे हैं, इसीलिए वह खुश हैं," बूढ़ी श्रीमती शी ने समझाया

मुबाइ ने सवाल के अंदाज़ में कहा, "शादी का जोड़ा?"

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