Chapter 26 - गहरा तिरस्कार

ये सोचकर कि पीठ पीछे कुछ चल रहा है, तेंजिन डर गई । 

उसे इस बात पर विश्वास था कि जिंगे अब उसके मुकाबले कहीं नहीं ठहरती, लेकिन फिर भी उसे खतरा महसूस हो रहा था । 

अगर उस दुष्ट औरत ने प्रतियोगिता से बाहर निकलने का फैसला ले लिया था , फिर क्यों वह बाहर नहीं निकल रही थी‽ 

क्या उसे तभी अपना मनहूस चेहरा दिखाना था, जब मुबाइ से उसकी शादी का सपना साकार होने की वाला था!

ये बेहतर होता कि वह उसके रास्ते में नहीं आयी होती या तेंजिन ने उसे मुसिबत मे डालने का प्रण लिया था !

हालांकि बहुत जल्दी,तेंजिन को एहसास हुआ कि उसका डर और चिंतायें निराधार थीं । 

 जिस जगह पर जिंगे का घर था …. जाहिर तौर पर वह भिखारियों की जगह थी । 

 तेंजिन ने कभी भी उतना खराब घर नहीं देखा था । 

दमघोटू गंध ही नहीं, यह जगह गंदी और छोटी थी । 

 संक्रमण के डर से उसने वहां के निवासियों से एक दूरी बना कर रखी थी । 

जब उसने देखा कि जिंगे कहां रहती है ,तो उसकी चिंता जो वो कार में महसूस कर रही थी , प्रसन्नता में बदल गई । अगर मुबाइ न होता, तो वो इस क्षेत्र में मृत पायी जाती । 

हालांकि वह जिंगे को अपनी स्थिति के लिये बुरा महसूस करवाना चाहती थी । 

तिनजिन ने मुबाइ की बांहे पकड़ ली और् चिंता से कहा , " मुबाइ , क्या तुम्हे यकीन है कि जिंगे यहीं रहती है ? अगर मैं उसकी जगह होती,तो यहां से छूटने के लिये और कड़ी मेहनत करती" । 

उसके कहने का मतलब था जिंगे अपनी कमियों के कारण वहां रह रही थी । 

जिंगे के प्रति उसकी नफरत बढ़ती चली गयी । 

उसे महसूस हुआ कि जिंगे से नफरत करना बेवकूफी है । वह महिला उस लायक नहीं थी कि उस पर वक्त बर्बाद किया जा सके । 

मुबाइ भौंचक्का रह गया था । उसे भी यह अपेक्षा नहीं थी कि जिंगे इतनी गंदगी में रहती होगी । 

उसे इस बार उसे गुजारा भत्ता स्वीकार कराना ही पड़ता । वह उसे इस तरह से रहना नहीं दे सकता था । 

वे दोनों बिना बात किये चुपचाप ,चांग अन के साथ जिंगे के अपार्टमेंट तक गये । 

 " सीइओ शी , यहां मिस शिया रहती हैं ," चांग अन ने आदर से सर झुका कर बोला । 

 " दस्तक दो," मुबाइ ने आदेश दिया । 

 चांग अन ने विनम्रतापूर्वक दरवाज़े पर दस्तक दी ,लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई । 

तिनजिन ने आखिरकार अपना धैर्य खो दिया , वह अब वहां रुकना नहीं चाहती थी , " मुबाइ , शायद वह घर पर नहीं है । कोई बात नहीं , जो तुम जिंगे को देना चाहते हो , उसे मेल कर दो " । 

 " आप किसे खोज रहे है ? " अचानक , कुछ दरवाजो की दूरी से एक आदमी ने सर्तकता से पूछा । 

चांग अन ने उसे दूर से देखा और विनम्रतापूर्वक पुछा , " मुझे क्षमा करें श्रीमान लेकिन क्या आप जानते है कि शिया का परिवार कहां रहता है ? दरवाजा पर दस्तक देने से कोई जवाब नहीं मिला ?"

 " ओह , आप उन्हे ढूंढ रहे हैं । आप सही वक्त नहीं आए , मुझे लगता है कि वे सब अभी अस्पताल में है ।"

सभी हैरत में पड़ गए; मुबाइ ने पुछा , " क्या हुआ था ?" 

वह आदमी ने वह सब कुछ बताया, जो कल हुआ था । 

मुबाइ ऐसी घटना हुई जानकर चौंक गया। हाल-फिलहाल चेंगवू की सेहत अच्छी थी और उसे विश्वास न हुआ। 

इसके अलावा, यह भी संभावना थी कि उनके पास मेडिकल बिल देने के लिये पर्याप्त पैसे नहीं थे । 

यही एक और कारण बन गया कि वह जिंगे को गुज़ारा भत्ता दे दे । 

मुबाइ ने चांग अन को जल्दी से कहा कि उन सभी को अस्पताल चलना होगा । तेंजिन इस बार कुछ नहीं बोली, वह फरमाबरदारी से साथ चली गई। 

यह कहना न होगा कि यह उसके हृदय की उदारता नहीं थी। उसे वह क्षण अभी भी याद था, जब वे शिया जिंगे से टकराये थे।

उन्हें देखकर जिंगे के चेहरे पर शर्म और भय के भाव और पूंछ दबाकर भाग जाना, अभी भी उसे अपार संतुष्टि देता था।

वह याद आते ही हर समय वह मुस्कुराया करती।

अब जब उस पागल औरत की परिस्थिति बदतर हो गई थी, तेंजिन निश्चय ही उसे नहीं देखना चाहती थी।

लेकिन, इस समय जिंगे के पास अपने थोड़े से अभिमान को पीकर उनके दान को स्वीकार करने के अलावा कोई चारा न होता।

शिया जिंगे के चेहरे पर शर्म और हार के भाव देखने की कल्पना करके तेंजिन लगभग ज़ोर से हॅंस पड़ी। अब उसका अस्पताल जाना ज़रूरी था।

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