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Chapter 43 - कोई बेफ़िक्री काअभिनय कर रहा है (२)

मास्टर मो यांग के विभिन्न पुराने कर्म और खामियां उस किताब में संकलित थीl

"शुरू में उसका नाम यांग मो था, वह एक प्रशिक्षु मूल्यांकक थाl लिउज्हू साम्राज्य में एक धोखेबाज जिसने मूल्यांकन के क्षेत्र में अपना नाम कमाया, जो पैसे कमाने के लिए धोखेबाजी और औरतबाजी के लिए बदनाम था!"

"युद्ध तकनीकें: वौइस् ऑफ़ अल्ल्युरमेंट (रूकी)l दूसरों के दिमाग को मोह लेना, जिससे उन्हें मनाना आसान हो जाए!"

पहली खामी: लिउज्हू साम्राज्य द्वारा देशनिकालाl 

दूसरा..."

जहाँग वान को समझ नहीं आया कि वह हँसे या रोयेl

यह सोचना कि जो आदमी एक एक्सपर्ट होने का नाटक कर रहा है वह एक धोखेबाज है! कुछ पल पहले, जहाँग वान ने भी सोचा था कि यह बहुत ही अद्भुत आदमी है!

लगता है, भीड़ में बहुत से लोग इसके आदमी हैंl जो दुकानदार सामान बेच रहा है वह भी इससे मिला हुआ होगाl उन सबने साथ मिलकर, इसको मशहूर किया, ताकि वे फालतू सामान को खजाना बताकर, लोगों को भारी कीमत पर खरीदने के लिए मना सकें, और इस प्रकार मुनाफा कमा सकेंl

"यदि कोई धोखा कर रहा है तो कोई धोखा खा भी रहा होगा!"

यह जानने के बावजूद भी कि सामने वाला धोखा कर रहा है, जहाँग वान को उसका भेद खोलने की कोई मंशा नहीं थीl

पहला, तो उसके पास साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं थाl लाइब्रेरी ऑफ़ हेवन्स पाथ वाली बात वह किसी को किसी भी कीमत पर नहीं बता सकता था! दूसरा, जिन लोगों को वह अपने धोखे का शिकार बना रहा था, वे अपना दिमाग पहले ही खो चुके हैl यदि उसने उन्हें यह समझाने की कोशिश की, कि यह धोखेबाज है , तो हो सकता है कि वे उसकी ही पिटाई कर देंl

जहाँग वान कभी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे उसको नुकसान हो, और ऐसा तो बिलकुल नहीं जिससे उसकी मुसीबतें बढेंl

"रहने दोl मुझे लगता है मैं सिर्फ अपना देखूं और अपना सामान खरीदूं!"

'मास्टर मो यांग' जो एक एक्सपर्ट की तरह बर्ताव कर रहा था, उससे विचलित हुए बिना, जहाँग वान ने वहां रखे सामान को देखना जारी रखा, और वह देखते देखते उन्हें छू रहा थाl

जैसे वह उन्हें छूता, उसके दिमाग में एक किताब संकलित हो जातीl हालांकि, लाइब्रेरी में उसकी कीमत नहीं लिखी होती, लेकिन जिस सामान में कम खामियां हो, उनकी कीमत निश्चय ही अधिक होती हैl

चालीस से पचास वस्तुओं को छूने के बाद, उसे एहसास हुआ कि इनमें से एक भी वस्तु कीमती नहीं हैl उस सामान में किसी कीमती सामान होने की इतनी कम उम्मीद होने की सम्भावना से वह कांप गयाl

"आखिरी मौका दिया जायेगा...आपको!"

जब जहाँग वान कमरे में वस्तुओं को छूने में व्यस्त था, तभी एक आधिकारिक सी आवाज़ कमरे में गूंजीl

देखने के लिए उसने अपना सिर घुमाया, तो उसने 'शब्दों के जादूगर' मास्टर मो यांग को अपने को देखते पाया, वह अपना सिर ऐसे हिला रहा था मानो जहाँग वान का शक दूर कर रहा है कि उसे ही चुना गया हैl अनगिनत नज़रें उसको घूर रही थी और वे सभी जलन से भरी हुई थीl

"मैं?" जहाँग वान को अचरज हुआl

"अरे, मेरे छोटे से मित्र, तुम्हें अपने आप पर इतना अविश्वास नहीं होना चाहिएl तुम ही हो!" मास्टर मो यांग ने अपनी दाढ़ी बड़े ही गर्व से खुजाई , मानो कह रहा हो कि जहाँग वान के लिए यह बड़ी इज्ज़त की बात है कि उसे चुना गया हैl

" अविश्वास?" जहाँग वान ने अपना सिर हिलायाl

यह कहाँ से ऐसा लग रहा है कि उसमें विश्वास की कमी है? बल्कि, वह तो सोच रहा है कि कैसे उसकी किस्मत इतनी ख़राब हो सकती है कि उसे चुना गयाl [तुम्हारे पीछे इतने पागल लोग घूम रहे है, तो तुमने मुझे क्यों चुना?]

लेकिन, थोड़ी देर बाद, उसे एहसास हुआl जो लोग आज खजाने की सट्टेबाजी के लिए यहाँ आये थे, वे सभी 'मास्टर' के पीछे चल रहे थेl यह देखकर कि जहाँग वान अकेला है जो कमरे में वस्तुओं को छूता घूम रहा है, उसका अलग से दिखना कोई बड़ी बात नहीं थीl

"मैं आपकी भावना की कद्र करता हूँ, लेकिन मुझे नहीं चाहिए!"

यह जानते हुए कि दूसरा आदमी धोखेबाज है, वह उसके जाल में फंस कर उसके लिए सोने की खदान नहीं बनना चाहता थाl जहाँग वान ने अपना हाथ हिलाया और वस्तुओं के ढेर में ढूंढना चालु रखाl

"यह नहीं चाहिए?" मास्टर मो यांग ने भवें सिकोड़ीl

पहले उसने जो नौ लोगों को चुना, चाहे वे जो भी हों, वे सभी उत्साहित हुए और कई तो अत्यधिक उत्साह के कारण बेहोश ही होने वाले थेl फिर भी, जब उसने इस आदमी को चुना, तो वह सच में....नहीं चाहता?

उसने जल्दी से अपना स्याह मुंह छुपायाl हाथ हिलाते हुए, अपनी दाढ़ी खुजाते हुए उसकी ओर गया और जहाँग वान को दुःख भरी नज़रों से देखते हुए बोला, "चूँकि, तुम यहाँ खजाने की सट्टेबाजी के लिए आये हो, तो तुम ज़रूर ही कोई सच्चा खजाना खरीदना चाहते होंगेंl मैं देख रहा था कि तुम कमरे में यूँ ही बिना किसी कौशल के वस्तुएं देख रहे हो, इसलिए मैंने सोचा कि तुम्हारा कुछ मार्गदर्शन कर दूँ ताकि इतनी कम उम्र में तुम कंगाल न हो जाओl क्या तुम्हें यकीन है कि तुम्हें नहीं चाहिए? मैं जो अच्छी भावना से तुम्हारा भला करना चाहता हूँ, उसको मना कर के मेरा दिल मत तोड़ो!"

"लड़के, अगर तुम्हें नही चाहिये यह मौका, तो मुझे दे दो!"

"इसे सच में वह मौका नहीं चाहिये जो मास्टर ने इसे दिया है, क्या इसका दिमाग खराब है?"

"एक ही नज़र में दिख रहा है कि यह असमान्य हैl मैंने इसे पहले देखा हैl यह कमरे में सभी वस्तुओं को छू रहा था, हो सकता है कि यह कोई वस्तु चुराना चाहता हो!"

"यदि मास्टर मुझे ऐसा मौका देते, तो मैं शायद हर सुबह मुस्कुराते हुए उठता!"

...

सभी 'मास्टर' और जहाँग वान की बातें साफ़ सुन रहे थे, और वे जहाँग वान को ऐसे देख रहे थे मानो वह कोई राक्षस होl

[वे एक मास्टर मूल्यांकक हैं! वे आज दस लोगों के लिए मूल्यांकन करने के बाद चले जायेंगे! यह इतना अच्छा मौका है और सब लोग पागलपन की हद तक इस मौके के इंतज़ार में हैंl फिर भी, यह आदमी...इसे नहीं चाहिए?

यदि इसका दिमाग ख़राब नहीं है तो फिर क्या हो सकता है?]

"मुझे सच में नहीं चाहिए..."जहाँग वान ने अपना सिर हिलायाl

[कंगाल न हो जाऊं? अगर मैंने तुम्हारी बात मानी, तब तो पक्का ही कंगाल हो जाऊँगा...]

"इतना जल्दी मुझे मना मत करो!" इसके पहले कि जहाँग वान अपनी बात पूरी कर पाता, 'मास्टर मो यांग ' बीच में बोलेl गहरी आँखों से, जिनमें दुनिया भर के लिए प्यार उमड़ रहा था और दुनिया भर के लोगों को जो पीड़ा से बचाना चाहती थी, वे बोले, " तुम्हारे जैसे युवक के लिए पैसे कमाना बहुत आसान नहीं हैl मैं तुम्हें यह मौका दे कर कुछ कमा नहीं रहा हूँl यह तो मेरे दिल की उदारता है कि तुम्हें किसी भी फालतू वस्तु पर अपने पैसे खर्च करने से रोक रहा हूँ!"

"मास्टर मो यांग बहुत दयालु हैं!"

"वे न केवल सही खजाना ढूँढने में माहिर हैं, वे उदार भी हैं! मैं तो उनकी पूजा करूँगा!"

 "आज के बाद मैं केवल एक ही आदमी की इज्ज़त करूँगा, वे हैं मास्टर मो यांग!"

...

ऐसी बातें सुनकर सबके मन में उनके प्रति इज्ज़त और बढ़ गयीl

[देखो वे कितने दयालु हैं?

खजाना पहचानने की योग्यता रखते हुए भी, वे उसका प्रयोग पैसा कमाने के लिए नहीं कर रहेl बल्कि, दूसरे लोग गलत निर्णय के कारण कंगाल हो जायेंगे, यह सोचकर, वे उनकी मदद करने को तैयार हैं! अगर पूरी दुनिया में लालटेन लेकर ढूँढेंगे तो भी, उनके जैसा दूसरा आदमी मिलना मुश्किल है!]

"मैं..."

 उसने उम्मीद नहीं की थी कि वह इतनी बेशर्मी से ऐसी बातें करेगाl जहाँग वान ने अपना सिर हिलाया, जैसे ही वह बोलने वाला था, दूसरे आदमी ने फिर से उसे टोकाl

"ठीक है, मैं जानता हूँ कि तुम क्या सोच रहे हो! कुछ और मत कहो!" एल्डर ने उसे शान्ति से देखा, उसकी आँखों में शान्ति झलक रही थीl

"आप जानते हो कि मैं क्या सोच रहा हूँ?" जहाँग वान ने शक से पूछाl

"बिलकुलl तुम सोच रहे हो कि तुम युवा हो और अभी तुम में इतनी ताकत नहीं हैl यदि तुमने कोई बड़ा खजाना पा भी लिया तो , तुममें इतनी ताकत नहीं है कि तुम उसकी रक्षा कर सको! हो सकता है, कि उसके बदले तुम किसी मुसीबत में पड़ जाओ! मास्टर मो यांग ने अपने हाथ पीछे बांधते हुए, ऐसे कहा मानो वह सब जानता होl

"तो यह कारण है!"

"मास्टर न केवल मूल्यांकन करने में माहिर हैं, बल्कि वे दूसरों के विचार भी पढ़ लेते हैं!"

"यह सच है कि अपनी हैसियत से बडा खजाना होने से भी मुसीबत आती हैl यह सहज बात है कि इस लड़के के मन में यह विचार आ रहा हो!"

...

मास्टर मो यांग की व्याख्या सुनने के बाद, भीड़ को पता चलाl उन्हें एहसास हुआ कि जहाँग वान ऐसा मौका क्यों छोड़ रहा हैl

"यह..." जहाँग वान को समझ नहीं आया कि वह क्या जवाब देl

[यह आदमी कितना आत्मकेंद्रित हैl

इसकी रक्षा करने की ताकत नहीं है... यह सोचना कि तुम ऐसा सोच सकते होl]

"सब लोग!" जैसे ही जहाँग वान कुछ जवाब देने वाला था, 'मास्टर' ने आस पास देखा और गर्व से एलान किया," मैंने इस युवक को चुना हैl इसलिए, चाहे मैं इसके लिए जैसा भी खजाना चुनुं, आपसे उम्मीद है कि आप उसमें कोई लालच नहीं दिखायेंगे! नहीं तो, यह मेरे खिलाफ जाने समान होगाl यदि ऐसा हुआ तो, मुझ पर बेरहम होने का इलज़ाम मत लगाना!"

"मास्टर, आप क्या बात कर रहे हैं? जिसे आपने चुना हो, ऐसे आदमी पर हम हाथ कैसे उठा सकते हैं!"

"मास्टर, आप चिंता मत करिएl हम उस वस्तु को बिलकुल हाथ नहीं लगायेंगे..."

सबने एकसाथ जवाब दियाl

"ठीक है, अब जब मैंने सबको बता दिया है, तुम बेहिचक खरीद सकते होl तुम्हें किसी की चिंता करने की ज़रुरत नहीं है!" मास्टर मो यांग ने जहाँग वान को मुस्कराहट से उकसाते हुए कहाl

"मैं..."

जहाँग वान को उम्मीद नहीं थी कि यह आदमी अपने आप को इतना महान समझता होगाl जैसे ही वह बोलने वाला था, सामने वाले ने फिर टोकाl

"तुम्हें इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिएl क्योंकि, मैंने आखिरी मौका तुम्हें दिया है, इसका मतलब है कि हमारी किस्मत में मिलना लिखा थाl किस्मत जैसी बात को तर्क से समझाना मुश्किल है, इसलिए तुम्हें मेरा शुक्रगुज़ार होने की कोई ज़रुरत नहीं हैl तुम्हारे लिए खजाना चुन कर मैं बदले में कुछ नहीं मांग रहा हूँ, ऐसा मैं सिर्फ अपनी उदारता के कारण कर रहा हूँ!"

"वह..."

"यह वह करने की कोई ज़रुरत नहीं हैl यह खजाना ही हैl मैं गारंटी देता हूँ, कि एक बार तुम इसे ले लोगे, तो तुम निश्चय ही बड़ा मुनाफा कमाओगे!"

'मास्टर मो यांग' जहाँग वान को बोलने का मौका भी नहीं दे रहे थेl उन्होंने वस्तुओं के ढेर से एक वस्तु उठायी और उसको दे दीl

"कमाओ..."

 उस वस्तु को देखकर, जहाँग वान निस्तब्ध रह गयाl

उसने उस वस्तु का पहले ही मूल्यांकन कर लिया थाl वह एक बेकार वस्तु थी जिसकी कीमत कुछ भी नहीं थीl एक सोने का सिक्का भी नहींl जितने में उसे खरीदोगे, उतना नुकसान ही होगा!

"जनाब, क्या आप इस युवक से इसके पैसे ले सकते हो!"

वह वस्तु देते हुए, 'मास्टर मो यांग' ने दुकानदार को इशारा करके बुलायाl

"इसकी कीमत 30000 सोने के सिक्के है!" दुकानदार बोलाl

"जल्दी से बिल भर दो, आज मूल्यांकित किये हुए खजाने में यह सबसे कीमती है! युवक, आज तो तुम अमीर बन गए!" यह देखते हुए कि जहाँग वान कुछ नहीं कर रहा है, एल्डर ने अपनी दाढ़ी खुजाई और मुस्कुराते हुए बोला, " वापस जाकर, इसकी बाहरी परत साफ़ कर देनाl कोशिश करना कि नए नए अमीर बन कर बहुत अधिक उत्तेजित न हो जाओ!"

"उत्तेजित? उत्तेजित तुम्हारा सिर!" अपनी बात कई बार काटे जाने पर जहाँग वान अपना गुस्सा नहीं रोक पायाl "यदि तुम दूसरों को बुद्धू बनाना चाहते हो तो बनाओ, मैं तुम्हारी बात में दखल नहीं दूंगा! मेरी तरफ क्यों देख रहे हो? क्या बेफिक्र बनने में इतना मज़ा आ रहा है? क्या तुम देख नहीं सकते कि मैंने तुम्हारी इज्ज़त बचाने की कितनी कोशिश की है?"