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Chapter 49 - उसने ऐसा कैसे किया?

"मास्टर द्वारा बनाया गया चित्र?"

बाजू में, हुआंग यु को ऐसा लग रहा था कि वह पागल हो जाएगीl उसका संतुलन बिगड़ा और वह ज़मीन पर गिरने ही वाली थीl

[पूर्व में, मास्टर लू चेन ने आंकलन के लिए उन्हें भी चित्र दिखाए थेl लेकिन...उन्होंने कभी भी अपने खुद के बनाये चित्र नहीं दिखाए थे!

इस बार क्यों वे...

यदि इस युवक ने मास्टर के दिखाए हुए चित्र की तारीफ की होती, तो शायद मास्टर उसके आंकलन से खुश होते और बात को आया गया कर देतेl लेकिन... तुमने क्या कहा—बिलकुल बकवास, क्या यह खिलौना है?

क्या ऐसा किसी इन्सान को बोलना चाहिए?

मास्टर लू चेन के चित्र को 'बिलकुल बकवास, क्या यह खिलौना है' आंकलन करना...

हुआंग यु को खून की उल्टी करने की इच्छा हुईl

[क्या तुमने नहीं कहा था कि तुम मेरे लिए मुश्किल खड़ी नहीं करोगे? यह... यह क्या हो रहा है?]

यदि उसे पता होता कि जहाँग वान ने यह निर्णय लिया था कि एक गुरु होने के नाते वह उसे किसी मुश्किल में नहीं डालेगा... तो शायद उसके मुंह से खून की धारा निकल पड़ती!

[क्या तुम इसे 'मुझे मुसीबत में न डालना' कहते हो?

तुम पक्का ही मुझे पहाड़ से नीचे धक्का दे रहे हो...]

वह इस आदमी को यहाँ लाने के अपने निर्णय पर पछता रही थी!

 मास्टर लू चेन को ऐसे युवक पसंद थे जो विनम्रता से सीखते हैंl उन्होंने कभी भी लोगों में भेदभाव नहीं किया, और लोग उनके पास सीखने आयें, ये वो पसंद करते थेl

यह आदमी ऊपर से तो विद्वान् लगता है, और ऐसा आदमी लगता है जिसे अपनी हद पता हो, इसलिए उसने सोचा था कि वह विनम्रता से सीखेगाl इसलिए, वह उसे यहाँ ले आई, ताकि वह मास्टर को खुश कर सकेl यदि सब ठीक रहा, तो वह मौके का फायदा उठाकर अपना काम भी निकाल लेगीl

फिर भी, उसने उम्मीद नहीं की थी कि... वह इतना बेईमान निकलेगा!

हुआंग यु को लगा कि खेद के कारण उसकी अंतड़ियाँ हरी हो जायेंगीl

यदि उसे पता होता कि ऐसा होगा, तो वह उसे वहीँ मना कर देतीl उसने क्यों इसका मार्गदर्शन किया और खुद पर मुसीबत बुलाई...

वह पागल होने की कगार पर थी, और बाई क्सुन हंसने वाला थाl

बिलकुल, एक भगवान जैसे दुश्मन से डर नहीं लगता, लेकिन एक सूअर-जैसे दोस्त से लगता हैl

इस आदमी ने सच में मास्टर लू चेन के चित्र को 'क्या बकवास है, क्या यह खिलौना है' कहने की हिम्मत कीl कहने की ज़रुरत नहीं है, उसने मास्टर को अपने शब्दों से बहुत नाराज़ किया होगाl उसने कुछ नहीं किया तो भी, मास्टर इस बेवक़ूफ़ को पक्का सबक सिखायेंगे!

"क्या यही वह ज्ञान और कौशल है जिसके बारे में तुम बात कर रही थी? ज़िथर, शतरंज, साहित्य और चित्रकला में कुशल?"

धीमे से मुस्कुराते हुए, उसने हुआंग यु को चिढ़ायाl

हुआंग यु ने अभी अभी जहाँग वान की तारीफ की थी, और अगले ही क्षण, उसने ऐसी बात कर दीl [ क्या तुमने कभी किसी पढ़े लिखे और गुणवान व्यक्ति को ऐसी हरकत करते देखा है?]

"शांत रहो!"

अंकल चेंग की चिंता, हुआंग यु के खेद और बाई क्सुन की हंसी के बीच, मास्टर लू चेन उस की बातों से गुस्सा नहीं हुएl उन्होंने वहां हो रही बुदबुदाहट को रोका और शांति से जहाँग वान की ओर देखते हुए पूछा, " क्यों छोटे भाई, अपने ऐसा आंकलन क्यों किया? क्या मेरे चित्र में कोई गलती है?"

"मुझे नहीं पता था कि यह मास्टर की कृति हैl मैं अपनी धृष्टता के लिए माफ़ी चाहता हूँ!" जहाँग वान ने नकली अचम्भा दिखाया और जल्दी से झुक कर प्रणाम कर माफ़ी मांगीl

लाइब्रेरी ऑफ़ हेवन्स पाथ की आंकलित किताब ने उस चित्र की गलतियाँ और उसके चित्रकार का नाम दिखा दिया थाl ज़ाहिर है, वह जानता था कि उसके सामने रखा चित्र लू चेन का बनाया हुआ है, बस वह जानबूझ कर अनजान बन रहा था!

"उसकी चिंता मत करोl यह केवल एक चित्र ही तो हैl मैं तुमसे केवल इस चित्र की खामियां और अच्छाई का आंकलन करने को कह रहा हूँ, न कि इसके चित्रकार की!" मास्टर लू चेन ने कहाl

"आपके शब्दों से मैं निश्चिन्त हो गया हूँ!" जहाँग वान मुस्कुरायाl दोबारा तस्वीर को देखते हुए, उसने उसे सहलाया और बोला, " यदि हम केवल इस चित्र की बात करें, यह मास्टर द्वारा बनाया गया है तो भी... मैं केवल यही आठ शब्द बोल सकता हूँ! बिलकुल बकवास, क्या यह खिलौना है!"

हुआंग यु और बटलर ऊपर से तो शांत दिख रहे थे, लेकिन अंदर ही अंदर डर रहे थेl

[यह जानकार कि यह चित्र मास्टर ने बनाया है, फिर ही तुम ऐसे शब्द बोल रहे होl लड़के, क्या तुम पागल हो?]

"लेकिन..."

जहाँग वान एक क्षण के लिए रुकाl

"लेकिन क्या?"

"यह चित्र सच में कुछ ख़ास नहीं हैl कोई भी सड़क पर बैठा कलाकार इसे बना देगाl इसको खिलौना कहना भी ज्यादा है! लेकिन, यदि कोई इसकी सतह के पार देखे, तो पक्का यह एक लाजवाब कृति है जो इसे देखने वालों को हतप्रभ कर देगी!"

जहाँग वान ने कहाl

"सतह के पार देखें? हम कैसे देखें?" मास्टर लू चेन हलके से मुस्कुरायेl

"आसान है!" जहाँग वान ने बटलर अंकल चेन की ओर देखा और बोला, " क्या आप एक खंजर ला सकते हैं!"

"ठीक है!" मास्टर चेन की ओर देख कर और उनकी ओर से कोई मनाही नहीं होने पर, अंकल चेन मुड़े और बाहर चल दिएl थोड़ी देर बाद, वे एक खंजर लेकर आये और जहाँग वान को दियाl

"तो, फिर मैं काम पर लग जाता हूँ!"

 खंजर लेकर, जहाँग वान चित्र के पास गए और उसके अंदर खंजर घोंप दियाl

"तुम क्या कर रहे हो?" यह देखकर बाई क्सुन सामने आईl " वह मास्टर का बनाया हुआ चित्र है, उनका बनाया हुआ हर एक चित्र अत्यधिक मूल्यवान है और कई लोग तो उन्हें अमूल्य भी मानते हैंl क्या तुम्हें यकीन है कि अगर तुमने उसे ख़राब कर दिया तो उसके पैसे दे सकोगे?"

हुआंग यु भी उसकी हरकत को भौचक्का होकर देख रहा थाl

[एक चित्र के आंकलन के लिए तुम्हें खंजर क्यों चाहिए?]

बाई यु की डांट को नज़रंदाज़ करते हुए, जहाँग वान ने उस चित्र को खंजर से काट दियाl

टज्ज्जज्ज्ज़, कागज़ के काटने की आवाज़ हवा मैं गूंजने लगीl चित्र के जिस हिस्से को काटा गया था, वह ऊपर की ओर मुड़ने लगाl उसको धीरे से खींचते हुए, चित्र का ऊपरी भाग निचले भाग से अलग हो गयाl यह वैसा ही था जैसे किसी ईमारत के विभिन्न तल होते हैंl क्सुँ कागज की एक परत [1] उस चित्र की ऊपरी सतह बना रही थी, जबकि नीचे की सतह बकरी की खाल से बनी थीl

हुअला!

ऊपरी क्सुँ कागज़ को फाड़ने से बकरी की खाल पर बना चित्र दिखने लगाl बकरी की खाल पर भी एक चित्र था, और वह क्सुँ कागज़ पर बने चित्र के जैसा ही थाl लेकिन, इसमें अधिक प्राण थे और यह अधिक रंगीन थीl ऐसा लगता था मानो, पहाड़, पत्थर, पेड़, गाँव, और बच्चे उसमें से निकल कर कभी भी बाहर आ जायेंगेl

"यदि मैं गलत नहीं हूँ, तो, क्सुँ कागज़ पर बना ऊपरी चित्र केवल एक भ्रम हैl सच्चा चित्र क्सुँ कागज़ के पार बकरी की खाल पर बनाया गया हैl यही मास्टर के चित्र का असली रहस्य है!" क्सुँ कागज़ को ठीक से फाड़ने के बाद, जहाँग वान मुस्कुरायाl

"यह..."

चाहे वह हुआंग यु हो, बटलर या बाई क्सुन हो, सबकी आँखें अविश्वास से भरकर फ़ैल गयीl

क्सुँ कागज़ के पार, बकरी की खाल पर स्याही से चित्र बनाना, और ऐसे कि ऊपरी कागज़ पर भी इतनी सफाई से चित्र बने कि उसमें कोई खामी न दिखे....यह तो कुछ अधिक ही अविश्वसनीय है!

ये दोनों चित्र एक दूसरे के ऊपर बिना किसी खामी के बने हुए थे... यह कैसे बता सका?

"अच्छा है, अच्छा है!" अपने चित्र के रहस्य को युवक द्वारा इतनी आसानी से उजागर किया जाने पर, मास्टर लू चेन की आँखें चमक उठीl इस बार, उसकी नज़रों में तारीफ़ थीl

साथ ही वह अचंभित थाl

कागज़ के पार शक्ति के उपयोग से, चित्र टांकने की काबिलियत उसने अभी अभी सीखी थीl उसने इसको किसी और के सामने प्रदर्शित भी नहीं किया थाl फिर भी, इस युवक ने एक ही क्षण में उसको पकड़ लियाl

 [इसकी पहचानने की शक्ति बहुत प्रशंसनीय है!]

"फिर, इस चित्र के बारे में क्या विचार है?"

मास्टर लू चेन मुड़े और दीवार पर टंगे एक चित्र की ओर इशारा कियाl

उस चित्र में एक बड़ा सा खूंखार जंगली जानवर बना हुआ थाl पहाड़ से उतरते खूंखार शेर के समान, उसकी डरावनी आभा देखने वालों को हतप्रभ कर देती थीl यदि कोई भीरु आदमी इस चित्र को देख ले, तो वह गश खाकर ज़मीन पर गिर पड़े और मारे डर के एक आवाज़ भी न करेl

जहाँग वान ने आगे बढ़कर उसे थोडा सहलायाl फिर, मुस्कुराकर बोला," यह चित्र अच्छा है, लेकिन इसमें असलियत की कमी हैl यदि मैं गलत नहीं हूँ तो, इस चित्र के चित्रकार ने पहले कभी भी सैवेज बीस्ट को नहीं देखा है! यह चित्र उसकी स्वयं की कल्पना पर ही आधरित है!"

"यह..."

मास्टर लू चेन का शरीर कांप उठा और उसकी आँखें गोल हो गयीl

जहाँग वान की बातों से दूसरे लोग परेशान हो सकते हैं लेकिन, वह समझ गया कि सामने वाला क्या कहना चाह रहा हैl

ऐसा इसलिए कि यह चित्र भी उसी का बनाया हुआ थाl

उस चित्र में बना हुआ सैवेज बीस्ट 'ची क्सिओंग' कहलाता था, और वह एक दुर्लभ-जीव थाl ऐसा कहा जाता था कि उसमें असीमित शक्ति और बचाव की क्षमता है, और कोई भी शस्त्र उसे घायल नहीं कर सकताl

जैसा कि सामने वाले ने कहा, वह कभी भी ऐसे जीव से नहीं मिला थाl वह ऐसा चित्र केवल बहुत की पुस्तकों को देखकर अपनी कल्पना से ही बना पाया थाl

इस चित्र पर उसे गर्व थाl इसलिए उसे बैठक के मध्य में लगाया गया थाl बहुत से चित्रकला के महारथियों ने उसे देखा था और उसकी तारीफ़ की थीl उन सभी ने उस चित्र को महान और जीवंत कहा थाl फिर यह युवक क्यों बोल रहा है कि यह सच्चाई से परे है?

चूँकि सामने वाले ने दूसरे चित्र का भी क्षण भर में आंकलन कर लिया था, तो पक्का इसकी जांचने की शक्ति अच्छी हैlऔर तो और, सिर्फ चित्र को देख कर यह समझ गया कि मैंने ची क्सिओंग को कभी नहीं देखा है, तो पक्का इसने जो बोला है उसके पीछे कोई कारण होगा!

"इसका कौन सा भाग सच्चाई से दूर है, क्या आप मुझे बतायेंगें?"

इस समय, मास्टर लू चेन की सारी उच्चता की भावना समाप्त हो चुकी थी और उन्होंने सहजता से पूछाl

"आह?"

यह देख कर कि बादशाह के गुरु जो हमेशा उनका इम्तेहान लेते रहते हैं और उन्हें अपना सिर खुजाने पर मजबूर करते हैं, इतनी इज्ज़त से इस युवक से मार्गदर्शन मांग रहे हैं जिसकी उम्र अभी बीस साल भी नहीं है, हुआंग यु और बाई क्सुन एक दूसरे को घूर रहे थे और बेहोश होने की कगार पर थेl

खासकर हुआंग यु, उसकी पलकें लगातार झपक रही थीl यह झटका उसे लाखों लहरों की तरह लग रहा थाl

[यह आदमी... इसने ऐसा कैसे किया?]

[1] क्सुँ कागज़-> चित्र बनाने के लिए उपयुक्त एक प्रकार का कागज़ 

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