"यह आसान है!" दूसरों के दिमाग में उठ रहे विचारों और अचम्भे से अनजान, जहाँग वान मुस्कुरायाl " ची क्सिओंग को उसकी अभेद्य प्रतिरक्षा के लिया जाना जाता है लेकिन, उसका शरीर एक तेज़ तलवार की भांति सुडौल हैl वह तीव्र हमले में प्रवीण है और अपने दुश्मन को ताकत के बजाय तेज़ी से काबू करता है! इससे, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि उसका स्वाभाव एक तेज़ तलवार जैसा होगा न कि भारी से पहाड़ साl यह देखते हुए कि जैसे चित्रकार ने खूंखार जंगली बाघ के स्वभाव को गलत दर्शाया है, यह साफ़ दिख रहा है कि यह उसकी कल्पना हैl"
मास्टर लू चेन का शरीर झूमने लगाl
ऐसा नहीं था कि सामने वाला अपने आंकलन में गलत था, बल्कि वह बिलकुल ही सटीक था!
अब तक, वह यही समझता था कि क्योंकि ची क्सिओंग को अपनी अभेद्य प्रतिरक्षा के लिए जाना जाता है, उसकी प्रकृति एक पहाड़ जैसी भारी होगी l इस युवक द्वारा याद दिलाने पर उसे सैवेज बीस्ट का एक किताब में दिया हुआ परिचय याद आयाl उसमें लिखा था कि यह अत्यधिक तेज़ है और अपने दुश्मन को दिखाई देने के पहले ही उसे मार गिराता हैl यही कारण है कि बहुत ही कम लोगों ने इसका असली रूप देखा है!
एक चित्रकार की सबसे बड़ी गलती यही होती है कि वह अपने चित्र का भाव गलत करेl यदि किसी चित्र का स्वभाव ही गलत है तो सबसे अच्छा चित्र भी बकवास हैl जहाँग वान उस चित्र को बुरा न बोल कर उसपर एहसान ही कर रहा है, नहीं तो वह और भी बुरा बोल सकता थाl
"बहुत बढ़िया! अविश्वसनीय!" मास्टर लू चेन का चेहरा जोश से लाल हो गया और उसने जहाँग वान की बहुत तारीफ कीl
यह तो केवल एक चित्र है, यह भी हो सकता है कि इसने ऐसा किस्मत या संयोग से किया होl लेकिन, दो भिन्न चित्रों का एक ही क्षण में मर्म समझ लेना, वह यकीन के साथ कह सकता है कि यह युवा दिखता है लेकिन, यह एक सच्चा मास्टर चित्रकार है!
उसकी योग्यता मुझसे अधिक ही होगी!
दोस्त बनाना आसान है, लेकिन आत्मा का मिलन मुश्किल हैl अपने पूरे चित्रकार के जीवन में, उसे तिआनवान शहर में अपनी बराबरी का कोई भी नहीं मिला थाl अक्सर, जब वह दूसरों को अपने चित्र के बारे में बताता था तो वे केवल शिष्टाचारवश जवाब देते थे, और उसकी तारीफ करने पर ही ध्यान देते थेl कोई भी उन चित्रों का असली मर्म नहीं समझ पाता था, तो उसकी गलतियाँ निकालना तो दूर की बात हैl
यही कारण था कि वह अकेला महसूस करता था, और अक्सर अपने घर पर अन्य मेहनती बच्चों को बढ़ावा देता था कि शायद उनमें से कोई उसका काम आगे बढ़ाएगाl
इस समय, किसी ऐसे से मिलना जो उसकी गलतियाँ बता सके और उसके चित्र की कमियां गिना सके, उसे ऐसा लगा मानो उसे उसका मनमीत मिल गया होl वह कैसे इस बात से उत्साहित न हो?
यदि उसने अपने पर काबू न किया हुआ होता तो वह इस समय ख़ुशी से झूम रहा होताl
मास्टर को इतना खुश देखकर, हुआंग यु और बाई क्सुन अब अधिक परेशान नहीं थे और एक दूसरे को देख रहे थेl उनकी आंखें बिलकुल गोल हो गयी थी और बाहर निकलने ही वाली थीl
वे बचपन से ही इन मास्टर को जानते थेl चाहे जो भी हो जाए, वे हमेशा शांत रहते थे, और कभी भी अपना दिमाग ख़राब नहीं करते थेl पिछली बार बादशाह ने कुछ नौकरों के साथ [हार्श लैंड्स नाईट इल्लुमिनेशन पर्ल] भेजा था, ऐसा तोहफा जो एक बादशाह के काबिल है, इन्होंने उसे देखे बिना ही नौकरों से कह दिया कि उसे गोदाम में रख देंl
फिर भी, उस युवक के एक जवाब ने उनकी यह स्थिति कर दीl क्या यह हो सकता है कि वह सच बोल रहा हो?
इस समय उन दोनों ने उस युवक की ओर देखाl लेकिन, चाहे वे उसे जैसे भी देखें, वह आम आदमी ही लग रहा थाl
"क्सिओं यु, क्या तुम इस गोंग्ज़ी का मुझसे परिचय नहीं करवाओगी?"
वह अचम्भे में ही खोयी हुई थी, तभी मास्टर लू चेन की आवाज़ कमरे में गूंजीl
"परिचय? यह..." सवाल पूछने पर हुआंग यु परेशान हो गयीl अब जाकर उसे समझ आया कि उसने अब तक सामने वाले का नाम ही नहीं पूछा हैl उसका चेहरा लाल हो गया और उसने अनाडी की तरह अपना सिर खुजाया और जहाँग वान की तरफ मुड़ते हुए पूछा, " ठीक है, तुम्हारा नाम क्या है..."
यह बात सुनकर, बाई क्सुन जो उसके पास ही बैठा था, शर्मिंदा हो गयाl
कुछ ही क्षण पहले, वह यह सोच कर जल रहा था कि किसी ने उसकी देवी को पा लिया है, और इसी कारण वह उसको पीटने वाला थाl अब जाकर उसे पता चला कि... हुआंग यु को तो इसका नाम भी नहीं पता!
यदि उसको पहले पता होता, तो वह बिना किसी बात के इतना गुस्सा नहीं हुआ होताl
लेकिन, उसकी दुविधा यहीं ख़त्म नहीं हुईl तुरंत ही, उसने मास्टर लू चेन की गुस्साई आवाज़ सुनी, " 'तुम' से क्या मतलब है तुम्हारा! कोई तमीज़ नहीं है! यह छोटा भाई मेरा समकक्ष है, तुम्हें भविष्य में इनको मास्टर कह कर पुकारना है!"
"समकक्ष?"
इस बार, न केवल हुआंग यु और बाई क्सुन का सिर चकरा गया बल्कि बटलर अंकल चेंग भी अचम्भित हो गयेl उन तीनों ने जहाँग वान की ओर ऐसे देखा मानो वह कोई भूत होl
[आखिर मास्टर लू चेन किस प्रकार का अस्तित्व रखते हैं?
बादशाह शेन ज्हुई के गुरु, एक सच्चे बादशाह के गुरु!
पूरे साम्राज्य में एक भी आदमी ऐसा नहीं है जो खुद को उनके समकक्ष बोलने की हिम्मत कर सकेl यदि कोई ऐसा बोले, तो उसका अर्थ होगा कि वह खुद को बादशाह से भी बड़ा मानता है!
ऐसे अस्तित्व वाले आदमी का ऐसे आदमी के लिए जो अभी बीस साल का भी नहीं हुआ है, अपना समकक्ष बोलना? क्या मेरे कान बज रहे है?]
"क्या तुम सबने मेरी बात नहीं सुनी?"
उन दोनों को अचम्भे में देखकर, लू चेन ने उन्हें फिर से फटकाराl
"जी!" बाई क्सुन और हुआंग यु जल्दी से झुक गए, "गुरूजी को प्रणाम है!"
इतना औपचारिक होने की कोई ज़रुरत नहीं है!" जहाँग वान ने उम्मीद नहीं की थी कि लू चेन इतने विनम्र होंगेl उसने अपना सिर हिलाया और बोला, "मैं जहाँग वान हूँl मैंने मास्टर के चित्र संयोग से ही समझ लिएl मैं मास्टर कहलाने लायक नहीं हूँ!"
"तो यह छोटा भाई जहाँग वान हैl तुम ऐसा बोल सकते हो, आखिर शिष्टाचार , शिष्टाचार ही होता है! तुमने केवल एक नज़र में ही मेरे चित्र में गलतियाँ निकल दी, इसका अर्थ है कि तुम चित्रकला में माहिर हो, और बड़े पारखी होl
यदि तुम मास्टर कहलाने योग्य नहीं हो तो, क्या इसका मतलब यह नहीं होगा कि मैं भी मास्टर कहलाने लायक नहीं हूँ?" लू चेन बोलेl
जहाँग वान फीकी सी हंसी हंसाl
यह सच था कि वह चित्र की गलतियाँ निकाल पाया, लेकिन ऐसा वह अपनी काबिलियत के कारण नहीं कर सका थाl उसने केवल "लाइब्रेरी ऑफ़ हेवन्स पाथ" नामक छल का प्रयोग किया थाl
उसके बिना, यह कहने की ज़रुरत नहीं है कि, चित्र का आंकलन करना तो दूर की बात है, वह अपना सिर ही खुजा रहा होता कि आखिर चित्र में बना क्या हैl
"ठीक है, इतना विनम्र बनना बंद करोl भविष्य में जब भी तुम इन छोटों से मिलो तो इन्हें डांटने से मत हिचकना!"
यह न जानते हुए कि जहाँग वान क्या सोच रहा है, लू चेन ने कहाl
"छोटे? आराम से डांट लगा दो?"
बाई क्सुन और हुआंग यु रोने वाले थेl
[हम करीबन समान उम्र के हैं और फिर भी तुम एक ही क्षण में हमारे दादाजी की उम्र के आदमी से भी बड़े बन गये… भाई तुम कुछ अधिक ही दुर्जयी हो!]
उन दोनों दुखी लोगों को नज़रंदाज़ करते हुए, मास्टर लू चेन ने दुविधा से देखा, " छोटे भाई, ज़ाहिर है, क्सिओं यु के साथ तुम यहाँ समय बर्बाद करने तो नहीं आये होंगेl क्या मैं जान सकता हूँ कि मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूँ?"
"मैंने सुना है कि मास्टर के पास बहुत सी किताबें हैंl मैं आज यहाँ फाइटर 6 - डान कल्टीवेशन तकनीक की कुछ मैनुअल्स देखने आया हूँ..."
मास्टर लू चेन द्वारा अपने आने का कारण पूछे जाने पर जहाँग वान ने बतायाl
उसके आने का असली मकसद यही था, तो उसे मौका नहीं खोना चाहिएl
"मेरी किताबों का खजाना बहुत बड़ा है, लेकिन अधिकतर, वे चित्रकारी से सम्बंधित हैंl मेरे पास कल्टीवेशन तकनीक के सम्बन्ध में अधिक किताबें नहीं हैंl और जहां तक फाइटर 6 -डान का सवाल है, तो मेरे पास सिर्फ दो ही हैंl वे मेरे पढाई के कक्ष में हैंl आओ, मैं तुम्हें ले जाकर दिखाता हूँ!"
उसके आने का मकसद सुनकर, मास्टर लू चेन ने अपनी दाढ़ी सहलाई और मुस्कुराते हुए उठ खड़े हुएl
"लाओये, आपकी पढाई का कक्ष..." बटलर अंकल चेन जल्दी से आगे आये और सवालिया लहजे में पूछाl
लाओये के पढाई के कक्ष में कई प्रकार की अपने आप में अनोखी, दुर्लभ पुस्तकें थीं, और एक एक किताब बहुत कीमती थीl उसने कभी भी किसी बाहरी आदमी को अपने अध्यन कक्ष में प्रवेश नहीं करने दिया, पिछली बार तो बादशाह शेन ज्हुई को भी दरवाज़े पर ही रोक दिया था!
एक नौकरानी को यह नियम पता नहीं था तो वह उस कमरे को साफ़ करने चली गयीl अंत में उसको मार मार कर अधमरा कर दिया गया था!
इसी कारण से लू का पढाई का कक्ष प्रतिबंधित क्षेत्र में भी प्रतिबंधित क्षेत्र था, और कोई उसमें घुसने की हिम्मत नहीं करता था....
फिर भी, लाओये एक युवक को, जिससे वे अभी अभी मिले हैं, उसको वहां ले जा रहे है, यह देख कर वह हतप्रभ थाl
"जिस कारण मैं दूसरों को अपने पढाई के कक्ष में नहीं घुसने देता वह यह है कि मैं डरता हूँ कि कहीं वे उसे अपनी असभ्यता से उसे ख़राब न कर देंl छोटे भाई जहाँग वान मेरे समकक्ष हैं और एक मास्टर चित्रकार हैंl यह मेरे लिए गर्व की बात है कि वे आकर मुझे कुछ सिखाएंl उनको आने से रोकने का मेरे पास कोई कारण ही नहीं हैl"
मास्टर लू चेन का चेहरा गहरा हो गयाl
"ठीक है!" अंकल लू चेंग पीछे हट गएl
वह चित्र कला के बारे में जानकार न हो, लेकिन यह जानता था कि उस युवक की एक एक बात सही हैl
नहीं तो, लाओये का मनोभाव एकदम ही उल्टा नहीं हो जाता और वे इतना विनम्र नहीं हो जातेl
"आओ चलें!"
मास्टर लू चेन आगे चले और जहाँग वान उनके पीछे चल दियाl थोड़ी देर बाद, वे एक चौड़े कमरे में पहुंचेl
जैसा कि एक मास्टर से उम्मीद थी, जिसकी हांग यु ने इतनी तारीफ की हो, उनके पढाई के कक्ष में बहुत सारी किताबें थीl सभी प्रकार की मैनुअल्स अलमारी में भरी पड़ी थी, और वहां हज़ारो किताबें थीl जहाँग वान को लगा मानो वह किसी लाइब्रेरी में आ गया हैl
अलमारियों के बीच चलते हुए, किताबों पर नज़र डालते हुए उसे एहसास हुआ कि मास्टर गलत नहीं बोल रहे थेl सारी किताबें चित्रकारी के बारे में थी,और कल्टीवेशन तकनीक और युद्ध कला पर इक्का दुक्का ही किताबें थीl
"कल्टीवेशन तकनीक के बारे में किताबें वहां हैंl केवल कुछ ही हैंl जब मैं कल्टीवेशन करता था उस समय की हैं!"
मास्टर लू चेन ने जहाँग वान को अपने पढाई के कक्ष के कोने में लाते हुए बतायाl