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Chapter 48 - यह क्या खिलौना है

"..." हुआंग यु को अपने सामने का मंज़र घूमता हुआ नज़र आया और वह बेहोश होने ही वाली थीl

[ज्हेंनन वांग को भी नहीं जानता? छोकरे, क्या तुम सच में तिआनवान शहर से ही हो? क्या तुम्हें यकीन है कि तुम कहीं दूर दराज के कोने से टपके नहीं हो!]

इस समय उसे खेद हो रहा था कि वह इस आदमी को यहाँ क्यों लायी!

यह जितना मुंहफट है, हो सकता है कि कुछ भी कह दे और अपने साथ मुझे भी ले डूबे!

सच में, जहाँग वान नाटक नहीं कर रहा था, उसे सच में ही इस बारे में कुछ नहीं पता थाl

उसका पुराना रूप अकादमी में सबसे बुरा गुरु थाl पूरे समय, उसे बस यही चिंता रहती थी कि अपने आप को अकादमी से निकाले जाने से कैसे बचाएl इसलिए, उसने साम्राज्य के आतंरिक मामलों को जानने की कभी कोशिश नहीं की और वह इस बारे में बहुत कम जानता थाl उसके पिछले रूप को तो यह भी नहीं पता था कि सेक्शन, डिवीज़न, और ब्यूरो क्या होते हैं, तो वह कैसे यह जान सकता था कि ज्हेंनन वांग कौन है?

जिया!

जैसे ही वह उसे ज्हेंनन वांग की प्रसिद्ध युद्ध उपलब्धियां बताने वाली थी, उनके सामने का दरवाज़ा चरमरा कर खुल गयाl एक बटलर जैसा आदमी दिखा और उसने उनका स्वागत कियाl

"अंकल चेंग, अब मैं तैयार हूँl मैं उम्मीद करता हूँ कि मुझे दोबारा मास्टर का मार्गदर्शन मिलेगा!" सफ़ेद कपडे पहने हुए गोंग्ज़ी ने बटलर को अंकल चेंग कह कर पुकारा और बड़ी इज्ज़त से बात की, कुछ देर पहले की अकड़ उसकी आवाज़ से गायब थीl

"तो यह बाई गोंग्ज़ी और हुआंग गुनिआंग [1] हैं! कृपया मेरे पीछे आकर बैठक में रुकिए!" उन तीनों को दरवाज़े पर खड़ा देख कर उसने उन्हें अन्दर बुलायाl

वे तीनों उसके पीछे घर में आ गयेl

जहाँग वान ने आस पास देखाl

वह मकान कोई बहुत महंगा नहीं दिखता था, शायद अकादमी के कुछ भागों से भी निकृष्ट, लेकिन, यहां एक अलग ही माहौल थाl आँगन की हर हरकत, हर शांति की मानो किसी ने एक सुस्थिर तस्वीर बना दी हो, जो ऐसी छटा बिखेर रही थी कि जिसे बयान नहीं किया जा सकताl

"कितनी अविश्वसनीय प्राकृतिक स्याही से रंगी तस्वीर है!"

जहाँग वान ने तारीफ़ कीl

"ओह? गोंग्ज़ी....लगता है आप चित्रकार हैं?" उसकी तारीफ़ सुनकर, बटलर मुड़ा और पूछाl

"नहीं यह तो एक आम सी बात है!" उसने नहीं सोचा था कि एक साधारण सी बात, बटलर का ध्यान आकर्षित करेगीl जहाँग वान ने जल्दी से अपना सिर हिलायाl

अपने पिछले जन्म में , वह एक लाइब्रेरियन था, और उसका साहित्य से गहरा नाता थाl हालांकि, उसने तब बहुत से चित्र देखे थे, लेकिन उसने कभी भी कूची उठाई तक नहीं थी, चित्र बनाना तो दूर की बात है!

"हमारे लाओये [2] ने अपने दिल को कूची और पूरे आँगन को कागज़ बनाकर अपने पूरे घर को ही एक चित्र बना दिया हैl तुम्हारी बात गलत नहीं है!" बटलर अपना सिर हिलाते हुए आगे बढ़ता रहाl

जल्द ही वे बैठक में पहुँच गयेl

बैठक बहुत बड़ी नहीं थी, लेकिन चित्रों से भरी थी, जिससे कमरे में एक सौम्यता फैली थीl जो लोग इसमें आते थे उनपर बहुत ही सुखदायक असर होता थाl

यह दूसरे स्थानों से भिन्न थी, जहां हर ओर ताकत नापने के खम्भे लगे थे, जो ऐसा एहसास कराते थे मानो, यदि तुम में कम ताकत है तो तुम्हें बाहर फेंक दिया जायेगाl

"मैं लाओये को खबर करता हूँ!"

उन तीनों को बिठाकर, बटलर जाने के लिए मुड़ाl

"तुम चित्रकला के बारे में कुछ जानते हो?" जैसे ही बटलर गया, हुआंग यु ने उत्सुकता से देखाl

लगता है उसने वह बात सुन ली थीl ज़रा सोचो, उसे उस आदमी के बारे में कुछ भी नहीं पता, जिसे वह खुद यहाँ लायी हैl

"मुझे तो बस ऐसा लगा कि आँगन की व्यवस्था एक चित्र की तरह है!" जहाँग वान ने जवाब दियाl

"क्सिओं यु, इसकी बकवास मत सुनोl यह आदमी सिर्फ तुम्हारा ध्यान आकर्षित करने के लिए दिखावा कर रहा है!" बाई क्सुन ने इतनी जलन से घूरा मानो आग ही लगा देगाl

"तुम्हें क्या पता? यह मेरा दोस्त बहुत ही ज्ञानी और गुणवान है! तुम क्या सोचते हो हर कोई तुम्हारी तरह इतना बड़ा समझता है खुद को?" दूसरे द्वारा अपने दोस्त की बेईज्ज़ती होते देख कर, हुआंग यु नाखुश थीl

"ज्ञानी? यह? क्सिओं यु, तुम्हें ध्यान रखना चाहिएl मुझे लगता है कि यह युवक सिर्फ एक नालायक कामचोर हैl युवा होने के बावजूद, यह धोखा देने की कला में निपुण है ताकि लड़कियों को पटा सकेl यह सच में बेशर्म है!"

लुओलुओ, युवती को जहाँग वान की तारीफ करते देख कर, बाई क्सुन का गुस्सा और भड़क उठा और वह अपने दांत पीसने लगाl

"मेरा दोस्त ज़िथर, शतरंज, साहित्य और चित्रकला सब में माहिर हैl ऐसा कुछ भी नहीं है जिसमें इसे महारत हासिल न हो, या यह न कर सकता होl न केवल यह युवा वर्ग में अतिउत्तम है, बुजुर्गों में भी इसके बराबर का कोई नहीं है! इसके बदले, खुद को देखो! तुम किसी भी चीज़ में माहिर नहीं और सारा दिन तुम्हारा दिमाग सिर्फ लड़ाई और मार काट से ही भरा रहता है! तुम हो नालायक!"

हुआंग यु भी पीछे नहीं हटीl

"ज़िथर, शतरंज, साहित्य और चित्रकला में माहिर? तुम्हारा मतलब यह? यह मुझसे अधिक बड़ा तो नहीं दिखताl अगर इसने पेट से भी सीखना शुरू किया होगा, तो भी कितना सीख सकता है? सिर्फ तुम ही इससे धोखा खा सकती हो!" बाई क्सुन ने राक्षस की तरह जहाँग वान को घूराl

"यह युवा है सिर्फ इसलिए यह कुशल नहीं हो सकता? अगर यह प्रतिभावान हुआ तो ? सिर्फ तुम अकुशल हो इसलिए दूसरों पर शक मत करो!" हुआंग यु ने जवाब दियाl

"..." उनका झगडा सुनकर, बेक़सूर जहाँग वान, जिस पर तीर चल रहे थे, दुखी हो गयाl

[अगर तुम्हें बहस ही करनी है, तो आपस में करो! मुझे क्यों बीच में घसीटते हो? मैंने किसी का क्या बिगाड़ा है?

तुमने कहा ज़िथर, शतरंग, साहित्य, चित्रकला? मैंने अपनी ज़िन्दगी में इन चारों को कभी हाथ भी नहीं लगाया है... यदि मैं प्रतिभावान होता तो, मैं होंग्तियन अकादमी के इतिहास में ऐसा पहला गुरु कैसे होता जिसने गुरु योग्यता परीक्षा में शून्य अंक प्राप्त किया हो?]

जैसे ही बाई क्सुन उल्टा जवाब देने वाला था, बाहर से कदमों की आहट आई और एक आदमी अंदर आयाl

वह एक बुज़ुर्ग था जिसकी दाढ़ी और बाल एकदम सफ़ेद थेl उसकी आभा निराली थी, जिसकी वजह से वह बहुत ही तेजस्वी लग रहा थाl

पहले वाला बटलर उसके पीछे थाl

बादशाह शेन ज्हुई का पुराना-गुरु, लू चेन!

"मास्टर को प्रणाम!"

उनको देखकर, बाई क्सुन और हुआंग यु की आगे बहस करने की हिम्मत नहीं हुई और दोनों ने एक साथ झुक कर प्रणाम कियाl

"मैंने सुना कि कोई मेरे आँगन की सुसज्जा को एक चित्र जैसा बोल रहा थाl आजकल ऐसे सुघड़ युवक दिखना दुर्लभ है?"

जो दोनों उसे झुक कर प्रणाम कर रहे थे उन्हें नज़रंदाज़ कर के, जैसे ही वह बुज़ुर्ग अंदर आये, उनकी आँखें जहाँग वान पर स्थिर हो गयीl साफ दिख रहा था कि बटलर ने उन्हें जहाँग वान के बारे में बता दिया हैl

"मास्टर, यह आदमी सिर्फ बकवास कर रहा है, इसके बारे में चिंता न करेंl मैं आज तैयारी कर के आया हूँ, इसलिए मास्टर, आप मेरा इम्तेहान ले सकते हैं..." मास्टर का ध्यान उस लड़के पर टिका देख कर, बाई क्सुन को बुरा लगा और उसने जल्दी से कहाl

"क्या मैंने तुम्हें बोलने की इज़ाज़त दी?"

मास्टर लू चेन ने गुस्सा दिखायाl

"मैं..."

बाई क्सुन का चेहरा एकदम लाल हो गया, लेकिन उसने जवाब देने की हिम्मत नहीं कीl

वह ऊंचे दर्जे का होगा, और उसके पिता भी दुर्जयी होंगेl लेकिन, बादशाह के गुरु के सामने, वह कुछ भी नहीं थाl

बाई क्सुन को डांटने के बाद, मास्टर लू चेन ने वापस जहाँग वान पर ध्यान दियाl " चूँकि तुम चित्रकला में माहिर हो, तो ऐसा है कि, मेरे पास एक चित्र है जिसे मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी जगह इसका आंकलन करो!"

इसके बाद उन्होंने हाथ से इशारा कियाl

बटलर ने जल्दी से आगे बढ़कर टेबल पर एक स्क्रोल खोल दियाl

यह स्याही से बना एक सादा और सौम्य चित्र थाl जैसे ही उसे खोला गया, देखने वालों को ताजगी का एहसास हुआl एक शांत गाँव में, बच्चे खेल रहे थे और चिमनियों से धुआं निकल रहा थाl यदि कोई ध्यान दे, तो ऐसा लगता मानो मंदिर से आवाज़ आ रही हो और पेड़ों के पत्ते नाच रहे होंl यह एक सुन्दर सा दृश्य थाl

"यह..."जहाँग वान ने अपना सिर खुजायाl

उसे चित्रकला के बारे में कुछ भी नहीं पता थाl इस चित्र के बारे में वह बस यही कह सकता था कि यह बुरा नहीं हैl उससे इसका आंकलन करवाना? इसका वह क्या आंकलन करे?

"तुम्हें बोलने से पहले सोचना चाहिएl यह एक परीक्षा है... गुरूजी दूसरों की परीक्षा लेना पसंद करते हैंl जब मैं पहली बार यहाँ आई थी, मेरा भी इम्तेहान लिया था... यदि तुमने ठीक कहा तो, तुम जितनी चाहे उतनी किताबें उधार ले सकते होl लेकिन अगर तुमने कोई गलती की तो तुम्हें तुरंत ही वापस भेज दिया जायेगा..."

जब वह हिचक रहा था तभी, हुआंग यु की विचलित सी आवाज़ उसे अपने बाजू में सुनाई दीl

"परीक्षा?"

जहाँग वान थोडा सा मुस्कुरायाl

यदि उसे पता होता कि मास्टर लू चेन को ऐसे शौक हैं, तो उसने आँगन में आते हुए अपना मुंह बंद रखा होताl

क्या इसे मुसीबत मोल लेना कहते हैं? लेकिन, हुआंग यु की बातों से तो लगता है कि यदि वह कुछ नहीं बोलेगा, तो भी उसके बारे में मत बना लिया जायेगाl आख़िरकार, यह उनकी आदत हैl वह चाह कर भी इसे छोड़ नहीं सकतेl

जहां तक आंकलन का सवाल है, वह क्या आंकलन करे!

वह इस बारे कोई जानकारी नहीं रखता था, वह इसमें क्या खामियां निकाले? क्या टिप्पणी करे?

आख़िरकार, सामने वाला बादशाह का गुरु है, चित्रकला का एक सच्चा मास्टरl यदि मैंने कुछ गलत बोल दिया, तो मेरी बात ख़त्म होने से पहले ही मुझे डंडे मार कर बाहर कर देंगेl

"क्यों? कोई परेशानी है क्या?"

उसका हाव भाव देखकर, मास्टर लू चेन ने पूछाl

"उंह, कुछ नहीं!"

जहाँग वान ने अपना सिर खुजायाl जैसे ही वह सोच रहा था कि क्या बोले जो सामने वाला उसकी बात में कोई गलती न निकाल सके, उसके दिमाग में एक विचार आयाl

"चूँकि लाइब्रेरी ऑफ़ हेवन्स पाथ वस्तुओं की सत्यता माप सकती है... क्या वह चित्र में भी गलतियाँ निकाल सकती है?"

इस समय, वह आगे बढ़कर खुद को उस चित्र को छूने से नहीं रोक सकाl

वेंग!

उसके सिर में एक आवाज़ हुई और उनके मन में एक किताब उत्पन्न हुईl

जहाँग वान बहुत ख़ुश हुआl उस किताब को पढने के बाद, उसने अपना सिर उठाया और मास्टर लू चेन की ओर चमकती आँखों से देखाl हलके से मुस्कुराते हुए, उसने पूछा, "मास्टर सच में चाहते हैं कि मैं इसका आंकलन करूँ?'

मास्टर लू चेन ने कोई जवाब नहीं दिया, और अपनी चुप्पी से ही अपनी सहमती जता दीl

"इसके आंकलन में मैं आठ शब्द कह सकता हूँ!" जहाँग वान ने कहाl

"मैं उन्हें सुनने को तैयार हूँ!" मास्टर लू चेन ने जहाँग वान को देखाl

जहाँग वान ने अपना सिर हिलायाl उसकी नज़रों ने एक बार और उस चित्र को निहारा और फिर उसने अपना सिर हिलाया, "वे आठ शब्द हैं...बिलकुल बकवास, क्या है, क्या है यह, खिलौना !" 

"गोंग्ज़ी, ध्यान से बोलो!" शुरू में वह उत्सुक था कि जहाँग वान क्या बोलेंगेl यह शब्द सुनकर, बटलर मानो वहां बेहोश ही हो गयाl घबरा कर, उसने उसे रोकने की कोशिश की, "यह चित्र मास्टर द्वारा अभी बनाया गया है..."

[1] गुनिआंग - महिला/ कुमारी

[2] लाओये - बुज़ुर्ग मास्टर

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