Chereads / लाइब्रेरी ऑफ़ हैवेनस पाथ / Chapter 42 - कोई बेफिक्री का अभिनय कर रहा है (१)

Chapter 42 - कोई बेफिक्री का अभिनय कर रहा है (१)

"आज रात जा रहे हैं? मास्टर, आप कुछ दिन और क्यों नहीं रुक जाते?"

"आप इतना जल्दी क्यों जा रहे हो?"

यह सुनकर कि मास्टर जाने वाले हैं, भीड़ के चेहरों पर परेशानी की झलक आ गयीl

[तिआनवान शहर में किसी मूल्यांकक का आना वैसे ही कम होता था, और फिर भी यह थोड़े ही दिनों में यहाँ से जा रहे है?]

"मुझे अभी कुछ काम करने हैं!" मास्टर मो यांग की भवें तन गयीl उसका आचरण ऐसा था जैसा कि विशेषज्ञों का होता है, और उसका स्वभाव बहती नदी के समान था, जिसमें किसी भी बात को निश्चित रूप से नहीं पकड़ सकतेl "कैसा रहेगा, यदि आज मैं पांच खजानों का मूल्यांकन करने की बजाये दस खजानों का करूँ! आप सबको पता है कि खजाने का मूल्यांकन करना कोई आसान काम नहीं है, इसमें मेरी ताकत और उर्जा लगती हैl मेरी सीमा दस तक ही है..."

"मास्टर, आप चिंता न करें! अगर आप मेरे लिए कोई वस्तु चुनते हैं तो मैं आपको उसकी कीमत देने को तैयार हूँ..." एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने भीड़ में से चिल्लाकर कहाl

"हाँ, हम आपको कीमत देने को तैयार हैं!"

"अगर मास्टर मेरे लिए कोई वस्तु चुनते हैं तो मैं मास्टर को उसकी कीमत जितने ही पैसे देने को तैयार हूँ, चाहे वो कितने की भी हो!"

बहुत से लोग उसकी बात सुनकर चिल्लाने लगेl

मास्टर के "युद्ध के रिकॉर्ड" को देखते हुए, जिसने भी उनकी बात को माना, उसने अपने निवेश का कई गुना मुनाफा कमायाl जब तक वे कोई सच्चा खजाना पा सकते हैं, उसके बदले में थोडा सा भुगतान करना कुछ भी नहीं हैl

"ह्म्फ!"

मास्टर मो यांग ने अपने हाथ उठाये और भीड़ के विवाद को रोकाl त्योरियां चढ़ा कर, बड़प्पन से उसने कहा, "मैं, मो यांग ने, पैसों के लिए मूल्यांकन नहीं सीखाl मैं आपको मूल्यांकन पैसों के लिए नहीं करके देता! यदि मुझे पैसे ही चाहिए हों तो मुझे आप लोगों की मदद करने की कोई आवश्यकता नहीं हैl मुझे तो बस किसी वस्तु का मूल्यांकन करना है और फिर उसे खुद ही बेच देना है, इस प्रकार्, क्या मैं कहीं अधिक धन न कमा लूँगा?"

"केंग..."

भीड़ को कोई जवाब न सूझाl

उसकी बात गलत नहीं थीl उसके जैसी पारखी नज़र होने से, वह खुद ही वस्तुओं का मूल्यांकन कर उन्हें खरीद सकता है, और ऐसे वह आसानी से बहुत अधिक धन कमा लेगाl

"मैंने आप लोगों के लिए मूल्यांकन इसलिए किया क्योंकि आप लोगों ने प्रेम से मेरा दिल जीत लिया है! मेरे लिए पैसे तो माया है, बादलों की तरह! पैसे कमाना आसान है, लेकिन दोस्ती बेशकीमती होती है!"

अपने दोनों हाथ पीछे बांधे हुए, मास्टर मो यांग, एक अलौकिक संत जैसी आभा प्रस्तुत कर रहे थे, जिसे नश्वर प्राणी पूजनीय मानता हैl वे आगे बोले, "मैंने जिस कारण आप लोगों के लिए मूल्यांकन किया है, वह पैसा नहीं, आप लोगों से रिश्ता हैl यदि कोई और अब भी पैसों की बात करेगा, तो मैं आपके लिए मूल्यांकन नहीं करूँगा!"

"मास्टर, आप बहुत ज्ञानी हो, हम ही अनुपयुक्त बात कर रहे थे!"

"हम नैतिकता में मास्टर की बराबरी नहीं कर सकते!"

"मैंने अपनी ज़िन्दगी में कभी किसी को अपना गुरु नहीं मानाl आज, आप पहले हो, जिसे मैं अपना गुरु मान रहा हूँ!"

...

मास्टर की बातें सुनकर जो लोग उन्हें पैसों का लालच दे रहे थे, वे बहुत शर्मिंदा हुएl

[देखो वह कैसे अपने आप को संयमित किये हुए है, फिर हम खुद को देखें...

क्या तुलना करने का कोई आधार भी है?

कोई अचरज नहीं कि वे मास्टर हैं और हम छोटे मोटे आदमी]

"लेकिन, मैं आप लोगों के लिए मूल्यांकन शुरू करूँ, उसके पहले मैं कुछ कहना चाहता हूँl एक मूल्यांकक खजाना पाने की केवल सम्भावना बढ़ा सकता हैl मैं आप लोगों को यह वादा नहीं कर सकता कि आपको सौ प्रतिशत खजाना मिल ही जायेगा!"

मास्टर मो यांग ने आगे बोलाl

"मास्टर , हम सब जानते हैं कि खजाने के मूल्यांकन में जोखिम हैl खजाना पहचानने की आपकी क्षमता, हमसे कहीं अधिक है और हम आप पर भरोसा करते हैं!"

"हम मास्टर के निर्णय पर भरोसा करते हैं!"

"हमें नियम पता हैं, कोई हर समय खजाना कैसे पा सकता है? लेकिन, हमें विश्वास है कि मास्टर पक्का हमें मुनाफा करने में मदद करेंगें!"

...

सबने एक साथ चिल्लाना शुरू कियाl

"चूँकि, सब मुझ पर विश्वास करते हैं, तो मैं आगे बढकर कोशिश करता हूँl क्या मैं जान सकता हूँ कि, यहाँ कौन सा मित्र चाहता है कि मैं उसके लिए कोई वस्तु चुनुं?" मास्टर मो यांग ने आस पास देखाl

"मैं!"

"मैं..."

एक ही पल में अनगिनत लोगों ने अपना हाथ उठाया और उत्साह से कूदने लगेl

मूल्यांकक का असर साफ़ दिख रहा थाl उसकी हर हरकत भीड़ को पागल कर रही थीl

"ठीक है, तुम!"

मास्टर मो यांग ने इशारा किया, और एक पेटू अधेड़ उम्र का आदमी भीड़ में से निकल कर बाहर आ गया, उसे अब भी विश्वास नहीं हो रहा था कि उसे चुना गया हैl

"मैं...क्या सच में मैं?"

"तुम ही हो!" मास्टर मो यांग ने एक मुस्कराहट के साथ अपना सिर हिलाया, एक मास्टर की आभा उसके आचरण से साफ़ झलक रही थीl

"धन्यवाद, मास्टर!"

जैसे ही उसने एल्डर को देखा, वह अधेड़ व्यक्ति उत्साह से भर गया और उसकी नज़रों में उम्मीद जग गयीl "मास्टर, क्या मैं पूछ सकता हूँ कि इनमें से कौन सी वस्तु खरीदूं?"

"मुझे देखने दो!"

अपनी आस्तीन मोड़ते हुए वह आगे बढ़ाl उसने शान्ति से मंच पर रखे बहुत से सामान को देखाl

भीड़ उसकी हलचल को देखकर शांत हो गयी, और उसको नाराज़ करने के डर से कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं कर रही थीl

जल्द ही, वह रुक गया और उसने अपना हाथ एक वस्तु पर रखाl उस वस्तु को बाहर से टटोलने के बाद, उसने कोई ऐसी ख़ास तकनीक प्रयोग की, जिससे उसके पूरे शरीर में कम्पन हुआl एक क्षण बाद, उसका चेहरा थोडा सफ़ेद पड़ गयाl

"ठीक है, तुम यह खरीद सकते होl मैंने अभी इसे अपनी ख़ास तकनीक से जांचा है और यह बहुत कीमती है!"

मास्टर मो यंग मुड़ा और अधेड़ उम्र के व्यक्ति को बोलाl

"यह?"

उस अधेड़ की आँखें चमक उठी और वह उसे देखने के लिए आगे दौड़ाl

वह एक बड़ा सा खजाना था जो पत्थर की एक मोटी परत से इतना ढका हुआ था कि पूरी वस्तु एक बड़ा सा बोल्डर लग रही थीl

इस प्रकार का खजाना साफ़ करना सबसे कठिन होता हैl और, इसके बड़े से आकर को देखते हुए, जो एक आदमी के जितना लम्बा था, सफाई से उसका पत्थर काट कर निकालने में कम से कम एक या दो दिन का समय लगेगाl 

"हूँ !" मास्टर मो यांग ने अपना सिर हिलायाl

"चूँकि, मास्टर ने इसकी सिफारिश की है, मैं इसे खरीद लूँगा!" अधेड़ आदमी ने अपना सर हिलाया और दुकानदार की ओर देखाl "इसकी कीमत कितनी है?"

"50000 सोने के सिक्के!" खजाने के सट्टेबाजी के हॉल का दुकानदार सामने आयाl

" 50000 ?" अधेड़ उम्र के व्यक्ति को अचरज हुआl

यह कोई छोटा मूल्य नहीं थाl इतना अमीर होते हुए भी, वह खर्चा करने की एक सीमा रखता थाl

एक जानी मानी उच्च दर्जे की गुरु जैसे शेन बी रु भी हर महीने केवल 1000 सोने के सिक्के ही कमाती थीl उसे 50000 तक पहुँचने में कई साल लग जायेंगेंl

"खरीद लो! मास्टर ने इसकी सिफारिश की हैl यदि तुम नहीं चाहते, तो मैं इसे ले लूँगा..." उसको संकोच करता देख कर, भीड़ में से कोई चिल्लायाl

"बिलकुल, मास्टर की सिफारिश गलत नहीं हो सकतीl इसकी कीमत अभी ५०००० है, लेकिन सफाई के बाद यदि यह 1000000 का निकला तो तुम्हारे हाथ तो समझो सोने की खदान ही लग गयी"

"पहले कुछ बार, मास्टर ने जिन खजानों का मूल्यांकन किया था, वे कम कीमत के थेl लगता है इस बार, उसने बहुत अधिक करने का निर्णय लिया हैl इस बार तुम्हारी किस्मत खुल गयी..."

बहुत से लोग चिल्लायेl

"ठीक है, मैं इसे खरीद लूँगा!"

एक पल झिझकने के बाद, अधेड़ व्यक्ति ने अपना सिर हिलाया और पैसे भर दिएl

"ठीक है, अब दूसरा!"

जब अधेड़ आदमी ने वह वस्तु खरीद ली, तब तक मास्टर मो यांग भी अपनी थकावट से उभर चुके थे और उन्होंने आस पास देखाl

"मैं!"

"मैं..."

बाकी भीड़ ने अपना हाथ जल्दी से उठायाl वहां झांकते हुए जहाँग वान ने देखा कि जिस दुकानदार की उसने पहले मदद की थी, वह भी भीड़ में हैl उसका हाथ ऊंचा उठा हुआ था और वह उत्साह से उसे हिला रहा था, मास्टर द्वारा उसे चुने जाने की तीव्र इच्छा उसके चेहरे पर साफ़ दिख रही थीl

"तुम!"

मास्टर मो यांग ने दूसरे आदमी को चुनाl इस समय, एक बुज़ुर्ग था जिसने महंगे कपडे पहने हुए थेl एक ही निगाह में दिख रहा था कि वह बहुत ही धनवान हैl

पहली बार की तरह, मास्टर वस्तुओं के पास से गुज़रे और जल्द ही एक वस्तु पर नज़र डालीl

"८०००० सोने के सिक्के!"

यह खज़ाना पिछले वाले से भी अधिक कीमती थाl लेकिन, इस वृद्ध ने बिना हिचके तुरंत पैसे भर दिएl

"यह...क्या यह एक १-मो कारीगर द्वारा दक्षिणी भट्ठी में बनाया गया एक फूलदान नहीं है? 80000 सोने के सिक्के?"

जिस वस्तु को मास्टर मो यांग ने उस बुज़ुर्ग के लिए चुना उसे अच्छी तरह देखकर, जहाँग वान की आँखें अविश्वास से फ़ैल गयीl

दूसरी वस्तुओं की कीमत वह नहीं जानता, क्योंकि उसने उनको नहीं जांचा था, लेकिन इस वस्तु को वह जांच चुका था जिसे मास्टर मो यांग ने अभी चुना हैl यह बेशक बड़ा है, लेकिन इसके अंदर सिर्फ एक फूलदान हैl इसकी कीमत एक सोने का सिक्का भी नहीं है और फिर भी.80000 सोने के सिक्के?

"क्या उससे गलती हुई है..."

जहाँग वान के मन में दुविधा भरी हुई थी, वह उस नेक दिखने वाले मास्टर को देख ही रहा था कि अचानक उसके दिमाग में झटका लगा और उसकी लाइब्रेरी में एक किताब खुलीl

उसपर 'मो यांग' शब्द लिखा थाl

"क्या इस समय वह कोई युद्ध तकनीक प्रयोग कर रहा है?"

लाइब्रेरी ऑफ़ हेवन्स पाथ के ख़ास गुणों के आधार पर, कोई किताब तभी संकलित हो सकती है, जब किसी युद्ध तकनीक का प्रयोग किया जाएl क्या यह हो सकता है कि यह आदमी इस समय एक तकनीक प्रयोग कर रहा है?

अचम्भे से भरे हुए, उसने किताब खोलीl

"यह...यह..."

उसपर एक नज़र डालते हुए, जहाँग वान के होंठ फड़कने लगे और उसके चेहरे पर एक अजीब सा भाव आ गयाl