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Chapter 41 - ख़जाने की सट्टेबाजी

"जिस मास्टर मो यांग की आप सब बात कर रहे हो , क्या वे इतने अविश्वसनीय हैं?" जहाँग वान ने शक से पूछाl

इतने सारे लोगों को उन्माद में लाने वाला, और उत्तेजित करने वाला, यह मास्टर मो यांग कौन है? ऐसी कैसी जादुई शक्तियां हैं इसके पास?

"हाँ, वह अत्यधिक अविश्वसनीय है!" दुकानदार की आवाज़ से श्रद्धा टपक रही थीl "वह एक एक्सपर्ट मूल्याँकन करने वाला है!"

"मूल्याँकन करने वाला?" जहाँग वान ने अपना सिर हिलायाl

मूल्याँकन करने वाला और भोजन का पारखी, दोनों ही ख़ास व्यवसाय थेl लेकिन, मूल्याँकन करने वाला मिडिल नाइन पाथ व्यवसाय में आता थाl

यह व्यवसाय डॉक्टर, लोहार, युद्ध नीति में मास्टर्स जितना महान नहीं था, लेकिन फिर भी बहुत से लोगों को उन्मादित करने में सक्षम थाl

ऐसा इसलिए, क्योंकि, वे किसी वस्तु को देख कर ही बता सकते थे कि वह खज़ाना है कि नहींl [खज़ाने की सट्टेबाजी] के क्षेत्र में, उनकी सोने की उँगलियाँ मानी जाती थी जो उन्हें जुए के भगवान के समान बनाती थीl जैसे ही ये लोग सार्वजनिक स्थानों पर जाते, बहुत से लोग इनके पीछे चल देते थेl

खज़ाने की सट्टेबाजी भी धरती के पत्थरों की सट्टेबाजी के समान ही एक व्यापारिक गतिविधि थीl कुछ ऐसे ऐतिहासिक खजाने थे जिनकी असली चमक पत्थरों और पेड़ पौधों के अंदर दब गयी थीl बाहर से देख कर, केवल यही अंदाजा लगाया जा सकता था कि वह वस्तु क्या हैl उसकी असली कीमत और खूबियाँ बता पाना नामुमकिन थाl

उसका असली रूप तभी सामने आता है जब उसका बाहरी धरातल साफ़ किया जाए!

कई ऐसे खज़ाना बेचने वाले दुकानदार थे जो उसको साफ़ नहीं करते थे और उन्हें उसी रूप में बेचते थेl यह पत्थरों के जुए के जैसा ही थाl इसके बाद, ग्राहक उन्हें अपनी देखने की क्षमता और सहज बोध से परखता था और खरीदता थाlऔर बाद में उसकी बाहरी परत को साफ करता था|

यदि उनकी किस्मत अच्छी हुई, तो वह वस्तु एक बड़ा खज़ाना निकल सकती थी, जो उन्हें पल भर में ही करोडपति बना देतीl दूसरी ओर, बहुत से पैसे देकर वे कोई फालतू वस्तु ले लें तो उनका दिवालिया भी निकल सकता थाl

एक तरफ स्वर्ग और दूसरी तरफ नरकl

इस खेल की अप्रत्याशित अनिश्चितता के कारण, लोगों में इसके लिए जूनून था, कभी कभी वे इसके पीछे पागल भी हो जाते थेl

मूल्यांकन करने वाले यह बताने में सक्षम थे कि वह वस्तु असली है या नहींl जो अधिक काबिल थे, वे तो उसको साफ़ करने से पहले ही यह बता सकते थेl इसलिए, इस व्यवसाय के मिडिल नाइन पाथ का होने के बाद भी, बहुत से लोग इस मार्ग पर चलने के लिए आकर्षित होते थेl

आखिरकार, मानो तो यह अलादीन का चिराग थाl जब तक लोगों को यह लगता है कि यह खज़ाना हो सकता है, चाहे वह कितना भी महंगा हो, लोग उसे खरीद ही लेते थेl

"यह मास्टर मो यांग यहाँ सात दिन पहले आये थेl यह अफवाह है कि ये किसी और साम्राज्य के अविश्वसनीय मूल्याँकन करने वाले हैंl लेकिन, तब, उनपर किसी ने ख़ास ध्यान नहीं दिया!"

दुकानदार ने मास्टर मो यांग के बारे में उत्साहित होकर जानकारी दीl "पहले दिन, जब कोई वाइन बोतल जैसी कोई वस्तु जो 100 सोने के सिक्कों की थी, खरीद रहा था, तब मास्टर मो यांग ने उसे ऐसा न करने को कहाl लेकिन, उस आदमी ने उनकी बात नहीं सुनी और अंत में, उसको साफ़ करने के बाद, यह साबित हुआ कि उस वस्तु में कोई कमी है और उसकी कीमत एक सोने का सिक्का भी नहीं है!

"दूसरे दिन, मास्टर मो यांग ने एक फाइटर को200 सोने के सिक्कों में एक खज़ाना खरीदने को मनायाl उस आदमी ने उनकी बात नहीं मानी, और नहीं खरीदाl इसलिए, मास्टर मो यांग ने उसे खुद खरीद लिया और जब उसे साफ़ किया गया तो वह मोर्टल पिनाकल हथियार निकला! वह ऐसी वस्तु थी जो कुछ हज़ार सोने के सिक्कों में भी नहीं मिलती! उन्हें कुछ दर्जन गुना मुनाफा एक क्षण में ही हो गया! इस बात से उस योद्धा को इतना पछतावा हुआ कि वह आत्महत्या के बारे में भी सोचने लगा...

"तीसरे दिन तक, वह बहुत मशहूर हो चुका थाl बहुत से लोग यह जानना चाहते थे कि वे क्या खरीदेंl लेकिन, सिर्फ एक ही अच्छी किस्मत वाले लड़के को यह मौका मिलाl उसने उसको एक छोटी सी जेड की बोतल जो 500 सोने के सिक्कों की थी, खरीदने की सलाह दी! उस समय बहुत से लोगों ने सोचा कि इससे गलती हुई हैl चाहे वह जेड की बोतल कितनी भी अविश्वसनीय हो,लेकिन उसकी कीमत इतनी बड़ी नहीं हो सकती... किसे पता था कि उसको खोलते ही उसमें से छह 6 - टियर की गोलियां निकलेंगी! किसी ने तो उसी समय उसे 10000 सोने के सिक्कों में खरीदने की पेशकश भी कर दी !"

दुकानदार की आँखें चमक उठींl, " कहने का मतलब बीस गुना मुनाफा! यह बिलकुल ही अविश्वसनीय है! अगले कुछ दिनों तक, वह रोज़ बाज़ार में आता और केवल एक ही व्यक्ति का मार्गदर्शन करताl फिर भी, जिस भी व्यक्ति को वह चुनता, वह पक्का अमीर हो जाता! इसके पीछे कई लोग पगला गएl इसलिए, वे दिन रात यहीं डेरा जमा कर बैठ गए, इस उम्मीद में कि इनके बताने से उनका भी भला हो जायेगाl अब जब यह वापस यहाँ आ गया है, तो इन लोगों के लिए इतना उत्साहित होना कोई असाधारण बात नहीं है..."

"अद्भुत!"

मास्टर मो यांग की कहानी सुनकर, जहाँग वान की आँखें चमक उठी और उसने हामी भरीl

[मिटटी और काई में लिप्त खजाने की भी असली पहचान करने के लिए, उसकी पारखी नज़र बड़ी तेज़ होगी]

"उन्न, यह सही हैl मेरे पास लाइब्रेरी ऑफ़ हेवन्स पाथ है, तो क्या इसका मतलब है कि....मैं भी ऐसा कर सकता हूँ?"

जहाँग वान की आँखें चमक उठीl

लाइब्रेरी ऑफ़ हेवन्स पाथ के द्वारा, यदि वह उसके संपर्क में आये तो, वस्तु की असली प्रकृति देख सकता थाl दूसरे लोगों को खजाने के मूल्यांकन में सट्टेबाजी की ज़रुरत हो सकती है, लेकिन उसे ऐसी किसी चीज़ की ज़रुरत नहीं थी!

"अमीर बनने के लिए मेरे पास यह आसान तरीका है!"

ऐसा विचार आने पर जहाँग वान के लिए अपने अधीर मन को काबू करना नामुमकिन हो गयाl

पत्थरों की सट्टेबाजी में, यह निष्कर्ष निकलने से पहले कि इसमें से जेड निकलेगा या नहीं, किसी को उस पत्थर की विभिन्न बातों को ध्यान में रखना होगाl लेकिन, जहाँग वान अलग हैl किसी भी वस्तु को सिर्फ हाथ में लेने से ही, लाइब्रेरी ऑफ़ हेवन्स पाथ खुद ही उसके सवालों का जवाब उत्पन्न कर देगीl खरीदने से पहले ही किसी वस्तु की कीमत जान लेने पर, उस से मुनाफा कमाना आसान होगा!

ऐसा था कि उसकी तनख्वाह कम थी और उसके पास अधिक पैसे नहीं थेl इसलिए, उसके लिए, कुछ पैसे कमाने का यह अच्छा मौका था!

दुकानदार के बताये हुए रास्ते पर चलकर वह जल्द ही उस हॉल में पहुँच गया जहां सट्टेबाजी हो रही थीl

जैसा कि उम्मीद थी, यहाँ की स्थिति, पत्थरों की सट्टेबाजी वाले स्थान से कुछ भिन्न नहीं थीl एक ऊंचे स्थान पर सभी प्रकार के खजाने रखे थे और वे सभी काई, मिटटी, जंग और पत्थर से भरे हुए थेl उन वस्तुओं का आकार पता करना भी बहुत कठिन काम था , तो उनकी कीमत आंकना तो और भी मुश्किलl

"में पहले एक कोशिश करके देखता हूँ!"

यह सच था कि जहाँग वान केवल उन्हें देख कर उनकी कीमत का अंदाज़ा नहीं लगा सकता थाl इसलिए, अपनी बात की जांच करने के लिए उसने एक वस्तु को छुआ जो एक इंसान की खोपड़ी जितनी बड़ी थीl

वेंग!

उसके दिमाग में झटका लगा और उसकी लाइब्रेरी में एक किताब प्रकट हुईl

दक्षिणी भट्टी के, 1 -मो कारीगर द्वारा बनाया गया एक अलंकारिक फूलदानl उसपर दरारें हैं और वह कभी भी टूट कर चकनाचूर हो सकता है..."

उस वस्तु का विवरण एक किताब में संकलित हो गयाl

"इतन बड़ा होने के बावजूद, यह फालतू निकला!" जहाँग वान ने टिपण्णी की लेकिन उसकी आँखें उत्साह से चमक रही थीl

जैसा कि उसने सोचा था! जैसे ही वह उसके संपर्क में आता है, उसे उस वस्तु के बारे में विस्तृत जानकारी मिल जाती हैl इसलिए, उसे डरने की ज़रुरत नहीं है, चाहे ये खजाने कितनी भी अच्छी तरह से छुपे हुए क्यों न हों, वह पक्का उन्हें सही सही पहचान लेगा!

उसने ऐसे ही कई और बड़ी वस्तुओं को हाथ लगाया और समझ गया कि उनमें से कोई भी किसी ख़ास मूल्य की नहीं हैl उसने वहां और दर्जनों वस्तुओं को छुआ, लेकिन वे भी किसी मूल्य की नहीं थीl जहाँग वान ने अपना सिर हिलायाl इसमें कोई अचरज की बात नहीं है कि इन्हें बेचने वाला मुनाफा कमा रहा है और मूल्यांकन करने वालों का ऐसा स्वागत होता है, इन वस्तुओं में किसी असली खजाने के होने की सम्भावना बहुत कम है!

"आह, मास्टर मुझे कुछ सुझाव दो!"

"मैं आपकी सलाह के पैसे देने को तैयार हूँ!"

"मास्टर, मैं आपसे भीख मांगता हूँ..."

जब वह ऐसे ही वस्तुओं को छू रहा था, मास्टर मो यांग के आने पर, बाहर हॉल में ऐसी कर्णभेदी आवाजें आ रही थीl

जो लोग उसके पीछे थे, उनकी सुर्ख आँखें लाल हो गयी थी और ऐसा प्रतीत होता था मानो वे पागल हो गए होंl

"मास्टर, अगर आप मुझे सलाह देते हो, तो यह युवा लड़की आपकी हर बात मानेगी..."

"मास्टर, मैं आपके बच्चों की माँ बनने को तैयार हूँ, बस आप मेरा मार्गदर्शन करें..."

वहां महिलाएं भी थी जो उसके साथ चिपक रही थी और उसे अपने शारीरिक सौन्दर्य से लुभाना चाह रही थीl

जहाँग वान हैरत में थाl

[यह कुछ अधिक ही लोकप्रिय है! ऐसा लगता है जैसे, मास्टर मो यांग के एक ही इशारे पर अनगिनत लडकियां आज रात इसकी सेवा को तैयार हो जायेंगीl]

"मैं आज रात को तिआन्वान रॉयल शहर से चला जाऊंगाl जिस आत्मीयता से आप लोगों ने मेरा स्वागत किया है, उसका आभार प्रकट करने के लिए, आज मैं पांच लोगों के लिए मूल्यांकन करूँगा! आप लोग इस बारे में दुखी मत होl जिसने भी मेरा साथ दिया है उन सभी के लिए एक मौका है!"

खजाने के सट्टेबाजी के हॉल में पहुँच कर, मास्टर मो यांग रुक गएl

इस मास्टर मो यान की सफ़ेद दाढ़ी थी, जो उसकी बड़ी उम्र दिखा रही थीl फिर भी, उसकी त्वचा चिकनी और चमकदार थी जिसमें एक भी झुर्री नहीं पड़ी थी, शायद इसलिए कि यह अपनी त्वचा का बहुत ध्यान रखता हैl उसकी आँखों में, बड़प्पन का औरा था, जो सामने वाले को इसकी तुलना में छोटा महसूस कराता थाl इसलिए, कोई भी उनसे आँख नहीं मिलाना चाहता थाl