सुष्मिता ऑटो से उतर कर और कैंपस में आई तभी उसका नजर सचिन और नैंसी पे पड़ा। सचिन और नैंसी दोनो छत के उप्पर जाकर बात कर रहे थे। सुष्मिता दोनो के देख कर आग बबूला हो गई और गुस्सा मैं अंदर गई सचिन का ऑफिस गेट पे और शुभम को घूरते हुए जोर से बोली" इधर आओ!." शुभम समझ गया की आज ये बहुत गुस्सा मैं"लेकिन किस लिए है ,ये नही पाता था। सुष्मिता शुभम को बाहर बुलाकर ले गई और खड़ा होकर शुभम को उपर दिखाने लगी नैंसी और सचिन को। तो शुभम सचिन और नैंसी को देखते हुए बोला" वो लड़की कौन, उसकी गर्लफ्रेंड है का!." सुष्मिता शुभम का बात सुन कर बोली" बुद्धु वही तो तुमसे पूछने के लिए यहां बुलाई हूं। तुम उसका फ्रेंड हो तो पाता होगा तुम्हे!." तभी शुभम इतमीनान से बोला" अच्छा तुंभि तो फ्रेंड है तुम्हे नही पता!." तभी सुष्मिता शुभम को एक थापड़ मारी शुभम नाचने लगा तभी सुष्मिता अपने हाथ से रोक कर बोली" रुको,जाकर पता कर के बताओ !." शुभम बोला "ओके, i will come back!." और शुभम वहा से सचिन के पास जाने लगा।तभी अतुल, सुष्मिता के पास जाकर बोला" हे,क्या कर रही हो यहां। अगर बॉस को पाता चल गया न तो जॉब से लॉस्ट हो जाएगी। चलो कम करने!." सुष्मिता कुछ नही बोली।और अतुल सुष्मिता के पास जाकर बोला" तुम्हे हुआ क्या है! अच्छा छोड़ो, ये बताओ कोमल आज क्यू नही आई है!." सुष्मिता इतमीनान से बोली" वो आ रही है थोड़ा इतनेजार करो!." तभी उपर से शुभम जोर से बोला" हे, सुष्मिता कम हेयर!." सुष्मिता उपर देखी और चली गई उपर की तरफ।
अतुल अपने जॉब सीट पे जाकर बैठ तभी कोमल और खुशबू भी आ गई। खुश्बू अपने सीट पे बैठ गई और कोमल अतुल के पास आकर बोली" हे, कैसे हो तुम!." फिर अतुल बोला" में तो ठीक हूं, लेकिन तुम कैसे हो!." कोमल चारो तरफ देख कर बोली" में भी ठीक हूं। ऐसे सब कहा गया है,कोई नही दिख रहा है!." अतुल अपने कंप्यूटर मैं देते हुए बोला" सब उप्पर है बैठ कर बात कर रहे है!." कोमल बोली" तो तुम यह क्या कर रहे हो!." अतुल अपने कंप्यूटर से नजर हटा कर कोमल को देखा और इतमीनान से बोला" ये कल तुमसे मिलने गए थे वही कारण है की कल का काम आज करना पड़ रहा है!." फिर कोमल भी ऊपर जाने लगी और बोली" तुम रहो हम्भी जाते है उप्पर!." और कोमल भी छत पे उपर जाने के लिए चली दी।
छत पे नैंसी,सुष्मिता, सचिन और शुभम तीनो बाउंड्री के दीवार पे बैठ कर बाते कर रहा था और शुभम दीवार पे चढ़ कर घूम रहा था और खेल रहा था।
सुष्मिता , नैंसी को देखते हुए बोली" क्या तुम्हारा बॉयफ्रेंड आज मैसेज किया था?!." नैंसी इतमीनान से नजर चुरा कर बोली" हा किया था। लेकिन वो बोल रहा है की नेक्स्ट वीक हम आयेंगे दिल्ली स्टेशन पे आ जाना!." सुष्मिता नैंसी को देखते हुए बोली" तुम बोल दो हो ना की हम दिल्ली ही है!." नैंसी नजर चुरा कर बोली" हा हम बोल दिए है!." सुष्मिता बोली सचिन से" आज एक दिन बीता है अभी 6 दिन है इतना कैजुअल मत हो जाना की उसको छोड़ के तुम्हारे पास ही रह जायेगी।!." नैंसी अपना चेहरा छुपा कर हसने लगी और सचिन सुष्मिता का बात सुन कर घबरा गया। और सुष्मिता को देखते हुए बोला" ये, मुझे आयेरा गायेरा समझती हो का। आपूण को किसी से मोहब्बत नही करता है और नही करेगा कभी। तुमको दोस्त बना लिया यहीं काफी है! समझी!." सुष्मिता इतमीनान से बोली" अच्छा तुमको कोई लड़की ही पसंद नही करेगी। तू क्या पटाएगा!." सचिन दीवार से उतर कर बोला" तुम्हे पटाए तब कहोगी की लड़की मुझसे पटजाएगी!." सुष्मिता सचिन को देख कर बोली" क्या मैं,, वो हो वो हो....कभी नही मैं तो कला लड़का से पट सकती हूं लेकिन तुम्हारे जैसे कैरेक्टर ढीला से नही!." तभी शुभम सचिन और सुष्मिता का बात सुन रहा था और दीवार पे चल रहा था तभी उसका पैर सिलिप कर गया और वो छत से बाहर गिरने लगा और अपने हाथ से बाउंड्री पकड़ कर झूल गया। और चिलाने लगा" सचिन भाई,बचाओ मुझे बचाओ!." और छत पे नैंसी,सुष्मिता, सचिन और कोमल भी पहुंच गई थी सब का दिल घबरा गया और सचिन शुभम का हाथ पकड़ कर उप्पर खींचने लगा और सबका दिल धड़क रहा था की अब क्या होगा। साथ ही शुभम जोर जोर से चिला रहा था" प्लीज मुझे बचा लो भाई। मेरा अभी सादी भी नहीं हुआ है।बिन बचे का मरना नही चाहता हूं। !." तभी सचिन एक थापड़ शुभम के गाल पे मारा और बोला" यहां जान खतरे में है और तू सादी के फेरा मैं है बच्चा पैदा करने का फेरा मैं है?." फिर दोनो हाथ से सचिन शुभम का हाथ पकड़ कर नीचे गिराने लगा और साथ मैं बोलने लगा" छोड़ दे यही से!." शुभम बिन आंसु को rits हुए बोला" नही भाई नही मुझे उप्पर खिंचे प्लीज!." तभी नैंसी सचिन के पास आकर शुभम का हाथ पकड़ कर खींचने लगी और प्यार भरी आवाज से बोली" बेचारा कितना गिड़गिड़ा रहा है कहीं गिर गया तो!." सचिन नैंसी का बात सुन कर दोनो साथ मैं शुभम का हाथ पकड़ कर ऊपर खींचा और शुभम बैठ कर कुत्ते की तरह हाफने लगा। तभी नैंसी शुभम को देख कर इतमीनान से बोली" देखो बेचारा को,कितना अच्छा कुत्ता की तरह हाफ रहा है!." शुभम नैंसी का बात सुन कर नैंसी की तरफ देखने लगा और कॉमेडी की तरह बोला" सचिन भाई देखी भाभी क्या बोल रही है!." तभी कोमल ये बात सुन कर सचिन की तरफ गुस्सा से देखी और सचिन का तो जान ही निकल गया हो। तभी सचिन कोमल की तरफ देख कर डरते हुए बोला" कोमल ऐसा कुछ नही है। इसको मदद का जरूरत था इसी लिए अपने साथ रखे है!." कोमल एक स्टिक लेकर सचिन को खेडने लगी और नैंसी अपना चेहरा छुपा कर खूब हस रही थी। और सचिन भागते हुए नीचे उतर गया।
साम को 7 PM के करीब सुष्मिता के रूम पे नैंसी,सचिन और सुष्मिता बैठी थी तो सचिन बोला" में जा रहा हूं घर। सुष्मिता तुम नैंसी ख्याल से रखना!." सचिन इतना कह कर और नीचे हुआ तो नैंसी भी पीछे से गई और बोली" एक मिनट सचिन!." घूम कर देखा तो नैंसी थी रुक गया और इतमीनान से नैंसी को देखते हुए बोला" क्या हुआ,कोई दिकत है!." नैंसी इतमीनान से बोली" नही वो आज तुम रुक जाते तो अच्छा रहता?." सचिन नैंसी का बात सुन कर बोला" क्यों,कोई काम है का! या फिर मुझे तुम पसंद करने लगी हो!." नैंसी सचिन से नजर घुमा कर बोली" नही ऐसा कुछ नही है,बस बाते करना था कुछ इसी लिए होली, आगर आपको अच्छा नही लग रहा है तो आप जा सकते है!." और वहा से उप्पर की तरफ जाने लगी। सचिन सोचने लगा की" क्या करूं जा या फिर रुक जाऊं!." तभी नैंसी के कपड़े से एक रिंग गिरा जिसपे नाम लिखा था" सचिन!." सचिन वो रिंग को उठाते हुए बोला" एक मिनट नैंसी!."नैंसी रुक गई। सचिन वो रिंग को उठा कर देखा तो उसपे उसका नाम लिखा था फिर सचिन सोचने लगा की ये रिंग किस लिए रखी है। तभी नैंसी घूम कर बोली" क्या हुआ!." सचिन वो रिंग को छुपा लिया और इतमीनान से बोला" कुछ नही,,,, तुम जाओ,,हम आ रहे है!." नैंसी उप्पर चली गई और सचिन उस रिंग को गौर से देखने लगा। और सोचने लगा की" ये रिंग किस लिए रखी थी अगर खुद के लिए रखी थी तो फिर मेरा नाम से क्यू और उसपे फोटो भी था नैंसी और सचिन का जब फोटो देखा तो सचिन की पैर तले जमीन खिसक गई।
to be continued...
क्या होगा अब इस कहानी अंजाम। सचिन नैंसी को अपना पास रखा था उसको उसके मोहब्बत से मिलाने के लिए। लेकिन यह तो सचिन ही निकला नैंसी का मोहब्बत। क्या नैंसी सचिन से सच मान मोहब्बत करती है या फिर किस लिए वो रिंग सचिन के नाम से अपने पास रखी थी। क्या सचिन नैंसी से मोहब्बत करेगा। जानने के लिए पढ़े" खुशी के आंसु" और जुड़े रहिए हमेसा pocket novel पर।