रात को तकरीबन 10 PM में।
हॉस्पिटल में सचिन बेहोश होकर पड़ा था सचिन का बहन और पापा दोनो बाहर चेयर पे बैठे थे। सचिन का अंदर इलाज चल रहा था एक दो नर्स सचिन के पास ही थे एक नर्स सचिन को इंजेक्शन दे रही थी दूसरी नर्स सचिन का सर का ब्लड पोंछ रही थी और तीसरी नर्स सारा मेडिकल समान लेकर खड़ी थी। सचिन को होस अभी नही आया था। तभी वो डॉक्टर जो मैन था वो आकर गेट खोला तभी गेट का आवाज सुन कर तीनो नर्स डॉक्टर को तरफ देखा तो डॉक्टर अंदर जाते हुए बोला" क्या हुआ, होस आया!." तभी जो इंजेक्शन दे रही थी वो नर्स बोली" नही सर अभी!." डॉक्टर अंदर जाकर बोला" बाहर जाओ सब!." तभी एक नर्स बोली" लेकिन सर!." तभी वो डॉक्टर अपना हाथ का उंगली आगे करके बोला"ऊं...!." नर्स मुड़ी हिला कर बोली" हूं... समझ गय सर!." और फिर तीनो बाहर निकल गए। तीनो नर्स जैसे बाहर निकला तो कायल आकर जोर जोर से बोलने लगी" डॉक्टर.. डॉक्टर .. मेरी भईया कैसे है!." एक नर्स रुक कर बोली सायेद बड़ी होगी" देखिए, अभी हम लोग तो इलाज किए है लेकिन केस बहुत क्रिटिकल है। दावा से ज्यादा आप लोग का दुवा काम करेगा!." और फिर वो नर्स वहा से चली गई। कायल फिर अपने पापा के लगे बैठ कर रोने लगी और भगवान गुहार लगाने लगी। सचिन को रूम के अंदर वो डॉक्टर प्वाइजन को अपने सीरिंच में खिंचा और और पानी के बॉटल मैं डालने लगा। जो सचिन को पानी चढ़ रहा था उसी पानी में प्वाइजन को सिरिंच से खींच कर जैसे पानी के बॉटल मैं डाला तभी उस रूम का गेट बजा और वो डॉक्टर डर कर गेट की तरफ देखा तो सामने शुभम खड़ा था और हफ्ते हुए बोला, डॉक्टर, सचिन कैसा है!." डॉक्टर को लगा की ये लड़का शायेद पहचान लेगा तभी उस सिरिंच को अपने पीछे कर के छुपा लिया और तेजी से डॉक्टर बोला" क्या है, इलाज हो रहा है बाहर जाओ!." शुभम हफ्ते हुए इतमीनान से बोला" ओके सर!." और शुभम बाहर निकल कर जाकर कायल और सचिन के पापा के पास बैठ गया और अपना दोनो हाथ को गाल पे रख कर कुछ सोचने लगा।
वो डॉक्टर सचिन के पानी बॉटल मैं आधा प्वाइजन डाल दिया था धीरे धीरे सारा प्वाइजन उस पानी के बॉटल मैं डाल दिया और फिर पीने वाला पानी में से सचिन के चेहरा पे मारा सचिन होस आ गया और फिर डॉक्टर उस रूम से निकल कर बाहर अपने ऑफिस जाने लगा तभी सचिन के पापा रोते हुए गाय और उस डॉक्टर से हाथ जोड़ कर बिनती करते हुए बोला" सर, मेरा बेटा कैसा है। उसको कुछ हुआ तो नाही ना!." वो डॉक्टर इतमीनान से बोला" देखिए हम लोग तो इलाज कर रहे है लेकिन खुदा के हाथ में क्या है कौन जानता है!." और वहा से निकल गया। शुभम वही पे बैठ कर कुछ सोच रहा था ( शुभम मेडिकल लाइन के बारे में बहुत कुछ जनता था) तबाही याद यह शुभम को को जब सचिन के रूम मैं गया था और जो सचिन को पानी चढ़ रहा था वो थोड़ा सा पीला कलर का था। शुभम तुरंत समझ गया की जरूर कुछ काला है और फिर शुभम खड़ा होकर सचिन के रूम का गेट खोल और अंदर जाकर देखा तो सचिन को होस आ गया था फिर शुभम सचिन का हाथ पकड़ कर अपना आंख बंद करके बोला" सॉरी दोस्त!." फिर आंख खोल कर शुभम बोला" तुम्हे एक बार कॉल तो करना चाहिए था ना!." सचिन धीरे धीरे इत्मीनान से बोला" आरे तू टेंशन क्यू ले रहा है हमे कुछ नही होगा, बस थोड़ा सा चोट लग गया था।!." तभी और वो प्वाइजन वाला पानी सचिन के नस में पहुंचने वाला था ही की सचिन का नजर नीचे जमीन पे गया , वहा पे एक प्वाइजन का सीसी गिरा था सायेद वो डॉक्टर भूल गया था फिर शुभम घबरा गया और सचिन का हाथ छोड़ कर नीचे बैठ कर वो सीसी को उठाते हुए मन में बोला" ये प्वाइजन !." और फिर खड़ा होकर पानी के बॉटल पे देखा और जोर से चिलाया" डॉक्टर... डॉक्टर.. डॉक्टर!." तभी एक दो नर्स दौर कर अंदर आई और तेज तेज सांसों मैं बोली" क्या हुआ सर!." शुभम उस प्वाइजन के सीसी को दिखाते हुए बोला" ये.. प्वाइजन कहा से आया!." फिर प्वाइजन सीसी को टेबल पे रख दिया और जोर जोर से बोला" इस पानी के बॉटल को उतरो जल्द!." वो एक नर्स पानी का बॉटल उतरने लगा दूसरा नर्स सचिन के हाथ से इंजेक्शन निकालने लगा। तभी वो डॉक्टर जिसने प्वाइजन दिया था वो डर कर भागते हुए अपने ऑफिस से सचिन के रूम मैं आ रहा था उस डॉक्टर को पता चल गया था की वो प्वाइजन का सीसी वही पे छूट गया है। वो डॉक्टर जैसे आकर सचिन का रूम का गेट खोला तभी देखा की उसमे नर्स और सचिन का दोस्त सब है फिर अंदर आते हुए बोला" जल्द हटाओ जल्द हटा!." और फिर नर्स सब निकल कर पानी का बॉटल और उस प्वाइजन का सीसी लेकर बाहर चली गई। वो डॉक्टर शुभम के पास जाते हुए इत्मीनान से बोला" वो एक नया कंपाउंडर आया है उसको नही पता था दवाइयों के बारे में इसी लिए वो चढ़ा दिया। और देखो हमे पता चला हम तुरंत चले आए!." शुभम अंदर ही अंदर गुस्सा हो रहा था शुभम को सब पता था की ये कोई न कोई तो चाल चल रहा है। लेकिन कुछ नही बोला और फिर वो डॉक्टर बाहर निकलते हुए बोला" ओके और तुम दोनो आराम कर सकते हो कल छूटी मिल जायेगी!." और वो डॉक्टर बाहर निकल गया। फिर कायल और उसके पापा के पास जाकर इतमीनान से डॉक्टर बोला" अब सचिन खतरे से बाहर है! जाकर मिल सकते हो सब!." और वहा से डॉक्टर अपने ऑफिस चला गया। कायल और कायल के पापा दोनो सचिन के पास अंदर चले गए। सचिन का पापा सचिन का हालत देख कर रोते हुए बोले" बेटा तुम ठीक हो!." सचिन अपने पापा से इत्मीनान बोला" पापा मुझे कुछ नही हुआ है आप लोग घर जाइए शुभम है ना हम लोग कल चले आयेंगे!." सचिन का बात सुन कर शुभम बोला" हां अंकल आप लोग चले जाइए!." शुभम और सचिन का बात सुन कर कायल बोली" क्यू हम लोग है तो कोई परेशानी है का!." सचिन कायल का बात सुन कर धीरे से बोला" नही लेकिन रहोगी कहा!." कायल इतमीनान से बोली" हम लोग बाहर बैठ जायेंगे!." कायल और कायल का पापा दोनो बाहर जाकर बैठ गए और फिर धीरे धीरे वही पे एक दूसरे के देह पे सो गए। सचिन को भी नींद आने लगा था तो सचिन सहमी आवाज मैं शुभम से बोला" जा तुभी सो जा!." शुभम इतमीनान से बोला" नही तुम सो जाओ हम यही पे बैठे है!." सचिन शुभम का बात सुन कर बोला" क्यू मैं तो ठीक हूं, कुछ नही होगा तू जा पहले बाहर!." शुभम इतमीनान से सचिन को समझते हुए बोला" नही मैं नही जाऊंगा। यह का सिस्टम बहुत खराब है में तुम्हे खोना नही चाहता हूं!." सचिन गुस्सा मैं बोला" क्यू, मेरे दोस्त हो!." शुभम मुड़ी हिला कर बोला" कोई सक है!." सचिन इतमीनान से बोला" तो दोस्ती की कसम तुम बाहर जाओ और सो जाओ!." शुभम ये सचिन का बात सुन कर कुछ बोल नही पाया और वहा से निकल कर बाहर जाकर कायल और कायल के पापा के पास बैठ गया। लेकिन शुभम को नींद नही आ रहा था शुभम को ये बात खाई जा रही थी की सचिन को कोई मार ना दे। शुभम को पता चल गया था की सचिन को जान से मारने का पालन चल रहा है। कुछ देर कायल के पास बैठा रहा तभी शुभम के कान में कुछ गिरने की आवाज आई और शुभम डर गया उसको लगा की सचिन के रूम मैं कोई आ गया है। शुभम वहा से चुप चाप अकेले उठा और सचिन के रूम जाने लगा तभी गेट के गया तभी शुभम को याद आया की" सचिन तो कसम धराया है!." फिर शुभम सोचते हुए बोला" उसको थोड़ी पता चलेगा, देखते है!." और फिर शुभम सचिन का दरवाजा खोल कर रात भर में 3_4 बार देखा। और वैसे ही बैठे बैठे शुभम को भी नींद लग गया और शुभम भी कायल और कायल के पापा के पास एक दूसरे के देह पे सो गया।
to be continued...
आपको क्या लगता है की सचिन को रात में इंजेक्शन से मारा गया होगा या फिर सचिन का दोस्त की वजह से बच गया होगा जानने के लिए पढ़े "खुशी के आंसू!." और जुड़े रहिए हमेसा pocket novel पर।