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Chapter 16 - मिलने की जुनून passion to meet

सुबह तकरीबन 9:30 में। इंजीनियर जॉब कैम्पस। इन गोवा।

सचिन और सचिन के सारे दोस्त कैम्पस में खड़े थे बहुत सारा लोग खड़े थे तो सुष्मिता सचिन से पूछी" अभी तक हमारे बॉस नही आए। कितना समय लगेगा उनको आने में अभी!." सचिन अपने हाथ के घड़ी में समय देखा और फिर अपना एक फाइल सुष्मिता के हाथ में थमा दिया। और इतमीनान से बोला"तुम पकड़ो हम आते है!." सुष्मिता सचिन का फाइल अपने हाथ में ले ली और फिर सचिन से इतमीनान से पूछी" अब कहां जा रहे हो। बॉस आने वाले है!."  सचिन वहा से चलते हुए बोला" तुम वेट करो हम आ रहे है। बस 5 मिनट्स में!." सुष्मिता सचिन का बात सुन कर जोड़ से बोली" सचिन सचिन!." सचिन, सुष्मिता का बात नही सुना और वहा से कैम्पस से बाहर निकल गया। और उस इंजीनियर जॉब कैम्पस से कुछ दूर पर लगभग एक 1km पे एक मेडिकल शॉप था। सचिन ऑटो पकड़ कर और चल दिया। 1km दूर जाने के बाद उतर गया सचिन और ऑटो ड्राइवर को पैसा देकर और मेडिकल शॉप को तरफ बढ़ गया। 

इंजीनियर जॉब कैम्पस  मैं सचिन का सारा फ्रेंड खड़ा था तभी एक ब्लैक कार आया अंदर। तो कोमल, सुष्मिता से बोली"लगता है बॉस आ गए। अतुल सचिन को कॉल करके बुलाओ!." अतुल कोमल की बात सुन कर बोला" ओके!." और फिर अपना फोन निकाल कर सचिन के पास कॉल करने लगा। सुष्मिता को देखते हुए बोली" चलो अंदर !." फिर वहा से सब अंदर जाने लगा। अतुल वही पे खड़ा होकर सचिन को कॉल कर रहा था। बाकी सब फ्रेंड अंदर जा रहे थे। बॉस अपने कार से उतर कर वहा से अंदर अपने ऑफिस जाने लगा। अगल बगल सिक्योरिटी तैनात चल रही थी तभी शुभम बॉस के पास जाकर चलते हुए बोला"बॉस.. बॉस!." तभी एक सिक्योरिटी शुभम को पकड़ कर साइड में खींच लिया और शुभम के सर पे बंदूक सटा कर बोला" तुम्हे नही दिखता है इतने सिक्योरिटी के बाद भी तुम यहां कैसे सट गया! ठोक दे!." शुभम की डर से  हवा घूम हो गया था और वही दीवार पे चिपका रहा। और वो सिक्योरिटी शुभम को छोड़ कर चला गया। तभी खुशबू शुभम के पास दौर कर आई शुभम को छू कर बोली" हेलो, चलो!." शुभम खुशबू को देख कर कॉमेडी की तरह डरते हुए बोला" ऊंह, वो चला गया!." और फिर अपना आंख खोला। तभी खुशबू शुभम को एक थापड़ मार कर बोली" है चला गया चलो मेरे साथ!." फिर शुभम और खुशबू दोनो वहा से तेजी मैं चल दिया अंदर।  सुष्मिता और कोमल लिफ्ट में जा चुकी थी तभी खुशबू और शुभम दोनो हफ्ते हुए पहुंच गया तो सुष्मिता तेजी से बोली" जल्दी आओ जल्दी आओ!." फिर दोनो शुभम और खुशबू दोनो लिफ्ट में चढ़ गया और फिर गेट बंद हो गया और उप्पर की तरफ जानेगा। नीचे अतुल सचिन को कॉल पे कॉल किए जा रहा था लेकिन सचिन कॉल नही उठा रहा था। सचिन मेडिकल शॉप पे अभी खड़ा था और दुकानदार से बोला" सर, एक paracetamol का गोली मेडिसिन चाहिए!." डॉक्टर मेडिसिन लाने अंदर गया क्यु की बाहर नही रखा था। तभी सचिन एक बाइक का आवाज सुन कर पीछे की तरफ रोड पे देखा तभी सचिन का नजर एक कार पे पड़ा उस कार मैं खुशी बैठी थी खुशी का कार आकर उसी मेडिसिन शॉप के सामने रुक गया। सचिन खुशी को कार के खिड़की से देख रहा था जैसे वो दुनकंदर paracetamol का दावा लेकर आया तभी सचिन वहा से खुशी के कार को तरफ दौर गया। दुकानदार जोर से बोला" सर, अपना मेडिसिन तो ले लो!." सचिन खुशी को देखने के जुनून में दुनकदार का बात नही सुना और दौर कर जाने लगा खुशी भी सचिन की तरफ ही देख रही थी और दौर्ते हुए जैसे खुशी के कर के पास सचिन गया तभी खुशी का कार वहा से निकल गया। सचिन जोर जोर से चिलाते हुए तेजी से दौरने लगा"खुशी,, खुशी,, कार रोको प्लीज ,, खुशी !." लेकिन खुशी तो अपनी कार का सीसा चढ़ा कर रखी थी इस लिए सचिन का आवाज नहीं जा रहा था लेकिन कार के साइडर सीसा मैं खुशी सचिन को देख पा रही थी फिर भी नही अपने कार को नही रोकी और चलते रही। सचिन कुछ दूर पैदल दौर ने के बाद एक रोड पे बाइक लगा कर और साइड में खड़ा होकर एक 26 साल का लड़का किसी से फोन ले बात कर रहा था और उस बाइक का चाभी बाइक मैं ही छोड़ दिया। तभी सचिन उस बाइक पे बैठ गया और तेजी से लेकर खुशी के कार के पीछे भागने लगा। वो लड़का अपनी बाइक का आवाज सुन कर झट से घूम कर देखा तो सचिन बाइक लेकर भाग रहा था। तभी वो लड़की सचिन के पीछे पीछे दौर्ते हुए चिला रहा था" ये चोर चोर बाइक चोर... मेरा बाइक लेकर भाग रहा है!."  तभी सचिन के बाइक के पीछे चार बाइक लग गया लेकिन सचिन ध्यान नहीं दे रहा था की मेरा पीछा कोई कर रहा है वो चारो बाइक राइडर बाइक बाइक था। और सचिन जिस बाइक पे बैठा था वो नॉर्मल yamha बाइक था। वो चारो देखने में राइडर ही थे अपना सारा बॉडी ढक चुका था और चारो अपना चेहरा पे हेलमेंट लगा कर सचिन का पीछा कर रहा था। अतुल कैम्पस से बाहर निकल कर टेंशन मैं सचिन के पास कॉल किया लेकिन सचिन का फोन रिंग कर रहा था लेकिन सचिन कॉल को रिसीव नहीं कर रहा था क्यू की वो खुशी के पीछे पड़ा था। सचिन अपना बाइक खुशी के कार के एक लेफ्ट साइड से जाकर खिड़की के पास और खुशी की तरफ देख कर जोर जोर से बोला" खुशी,, अपना कार रोको प्लीज!."  खुशी सचिन का बात तो नही सुन पा रहीं थी लेकिन सचिन को देखी और फिर अपने ड्राइवर से बोली" ये क्या धीरे धीरे चला रहे हो तेज चलाओ!." और फिर खुशी का कार का ड्राइवर अपनी कार का स्पीड बढ़ा दिया और कार आगे की तरफ निकल गया। सचिन फिर से खुशी के कार के पीछे ही गया। तभी वो चारो बाइकर्स सचिन के अगल बगल आगे पीछे हो कर घेर लिया। सचिन उन चारो को देख कर घबरा गया और जोर जोर से बोला" ये,, तुमको दिखाई नही दे रहा है। हटो हमे जाने दो!." तभी एक आगे का बाइकर एक अपने हाथ में चाकू लेकर सचिन के सर पे चलाने की कोशिश किया तभी सचिन अपना बाइक का ब्रेक लगा दिया और फिर सब बाइकर आगे तेजी से निकल गया। फिर सचिन अपना बाइक का स्पीड बढ़ा कर चारो बाइकर्स से आगे निकल गया और खुशी का कार के पास फिर से पहुंच कर और खुशी के कार के खिड़की पे हाथ से खट खट्टा दिया। वो चारो बाइकर अपना बाइक का स्पीड बढ़ा कर तेजी से सचिन के पास आने लगा। जैसे सचिन के पास वो बाइकर्स पहुंचा सब तभी सचिन अपना बाइक का स्पीड बढ़ा कर और खुशी के कार के आगे से होकर दूसरी साइड से होकर फिर पीछा चला गया।  कुछ दूर पे रुक कर पीछे घूम कर सचिन देखा तो वो बाइकर खुशी के कार के पीछा कर रहा था सब। सचिन सोच मैं डूब गया की" ये बाइकर्स मेरा पीछा कर रहे थे की खुशी का। फिर मुझे क्यू रोक रहा था सब!." फिर सचिन अपन बाइक का स्पीड बढ़ा कर फिर से उस बाइकर्स के पीछे करने लगा जब सचिन बाइकर्स के पास पहुंचा तो एक आगे वाला बाइकर्स के अपने पैर से छू कर गिरा दिया। फिर पीछे वाला सारा बाइकर्स एक दूसरे से टकरा कर गिर गया। सचिन वहा से अपनी बाइक का स्पीड बढ़ा कर खुशी के कार के पास पहुंचा और फिर से खिड़की के पास जाकर खट खट्टा दिया। तभी खुशी अपनी ड्राइवर से बोली" कर रोको!." ड्राइवर कार रोक दिया और सचिन खुश हो गया की खुशी कार रोक दी है और हसने लगा। तभी खुशी गुस्सा मैं अपना कार का खिड़की खोली और झर कर बोली" कौन है बे तूं! एक बार मैं समझ नहीं आता है!." सचिन इतमीनान से बोला" खुशी वो..!." तभी खुशी बोली" लास्ट चेतावनी दे रही हूं चले जाओ यहां से!." और फिर खुशी अपने ड्राइवर को बोली" चलो!." खुशी का ड्राइवर कार का स्पीड बढ़ा दिया और कार चल दिया।  सचिन वही पे खड़े खड़े सोचने लगा। ऐसा लग राहा था की सचिन खुशी से बेपनाह मोहब्बत कर्ता है। और एक टक नजर से खुशी के कर की तरफ देखते रह गया। फिर वो बाइकर्स अपना बाइक को लेकर खुशी के पीछे करने लगा।

to be continued...

आपको क्या लगता इस कहानी का अंजाम क्या होगा। खुशी कौन है जो सचिन से प्यार कर नफरत करने लगी । और वो बाइकर्स कौन है जो खुशी का पीछा कर रहा है कौन बचाएगा उसे जानने के लिए पढ़े "khuahi ke aansu"!. और जुड़े रहिए हमारे webnovel पर