सुबह तकरीबन 10:30 AM में। इंजीनियर जॉब कैम्पस। गोवा में
सचिन, सुष्मिता,कोमल,खुशबू,अतुल और शुभम ये सारे कैम्पस में बाहर खड़े थे।
कम्पनी का बॉस अपने ऑफिस में बैठा था।
उस कम्पनी में चारो तरफ कैमरा लगा हुआ था। वही एक कैम्पस में भी कैमरा लगा हुआ था।
बॉस के ऑफिस से सारे कैमरा का सप्लाई था। बॉस ने अपने चेयर पे बैठ कर टीवी में अपने सारे स्टाफ को देख रहा था।
तभी बॉस का नजर सुष्मिता और सुष्मिता का सारे फ्रेंड पे पड़ा।
बॉस, सुष्मिता और सुष्मिता का सारे फ्रेंड को देखा और बिन सोचे समझे अपने सिक्योरिटी को आने के लिए मैसेज किया।
उस कम्पनी में किसी स्टाफ को बुलाने के लिए उनके फोन पे एक कोड की तरह मैसेज था
जिसे भेज दिया जा रहा था और स्टाफ उस मैसेज को पढ़ कर खुद ही ऑफिस चले आते था।
वैसे ही बॉस ने भी एक सिक्योरिटी को मैसेज किया। वो सिक्योरिटी दो मिनट में आकर बॉस के गेट को खट खटाया।
बॉस अंदर चेयर पे बैठा था। खट खट की आवाज सुन कर बॉस बोला," yes come in!."
वो सिक्योरिटी बॉस का आवाज सुन कर ऑफिस का गेट खोला।
वो सिक्योरिटी अंदर जा कर इतमीनान से बोला," yes sir!."
बॉस एक 🧈 डायरी पे कुछ लिख रहा था। फिर बॉस ने लिखना छोड़ दिया।
और सिक्योरिटी की तरफ देख कर बोला," बाहर जा कर उन दोनो को रोक कर सबको काम पे लगा दो!."
बॉस टीवी में चिराग और अतुल को इशारा से सिक्योरिटी को दिखा दिया।
और इतमीनान से बॉस बोला," दोनो का नाम अतुल और सचिन है!."
सिक्योरिटी इतमीनान से बोला," वो के सर!."
सिक्योरिटी वहा से जाने के लिए पीछे घूम कर चला।
तभी बॉस कहा," एक मिंट रुको!."
सिक्योरिटी वहीं पे रुक गया। बॉस चारो का गेट पास सिक्योरिटी को देते हुए बोला," ये इन चारो को दे देना!."
सिक्योरिटी इतमीनान से बोला," वो के सर!."
बॉस इतमीनान से बोला," अब तुम जा सकते हो!."
सिक्योरिटी बॉस का बात सुन कर बॉस के हाथ से कार्ड ले लिया और वहा से बाहर निकल कर सचिन और सचिन के फ्रेंड के पास चल दिया।
सचिन, और सचिन का सारा दोस्त बाहर खड़ा था। तभी सिक्योरिटी अपने हाथ में कार्ड लेकर आ रहा था।
सिक्योरिटी कार्ड लेकर सचिन और सचिन के सारे फ्रेंड के पास आया और उस गेट पास कार्ड को चारो को दे दिया।
सचिन और अतुल को सिक्योरिटी देखते हुए बोला," आप दोनो यहीं पे बैठिए सर बुला लेंगे आपको!."
और सिक्योरिटी वहा से चला गया।
सुष्मिता, सचिन को गुस्सा की नजर से देखते हुए बोली," जा कर घूमो!."
फिर सुष्मिता , अतुल की तरफ देख कर आगे बोली," और तुम को बोली को कॉल करो तो तुंभी इसका पीछे चला गया। जा अब!."
और फिर चारो वहा से काम पे जाने के लिए चला ।
तभी सचिन रोकते हुए बोला," सुष्मिता रुको,!."
सुष्मिता, सचिन का बात सुन कर रुक गई। साथ ही वो सब रुक गय।
सुष्मिता, सचिन से आंख में आंख डाल कर बोली," क्या करे ऊं!."
फिर सचिन ,सुष्मिता का बात सुन कर कुछ नही बोला और चुप चाप वही पे खड़ा रहा।
फिर सुष्मिता वहा से अंदर चली गई। साथ ही वो तीनो भी चले गय।
सचिन और अतुल दोनो वही पे बैठ गया। बैठने के लिए बेंच की तरह कुछ लगा था। दोनो उसी बेंच पे बैठ गया।
सुष्मिता, कोमल, खुशबू और शुभम ये चारो जाकर अपने अपने केबिन में बैठ गया।
एक सिक्योरिटी डायरी की तरह कुछ फाइल लाकर सबको दे दिया। और वहा से वो सिक्योरिटी भी चला गया।
अतुल और सचिन काफी देर बाहर बैठे रह गए थे। तभी बॉस अपने ऑफिस में बैठा था तो टीवी में देखा की सचिन और अतुल दोनो बाहर है।
फिर एक कोड का मैसेज किया। वही सिक्योरिटी तेजी से आकर बॉस के ऑफिस का गेट को खट खटाया।
बॉस खट खट का आवाज सुन कर अंदर से बोला," yes com in!."
वो सिक्योरिटी गेट को पीछे की तरफ धक्का दिया। और गेट खुल गया।
सिक्योरिटी अंदर गया तभी बॉस सिक्योरिटी से फाइल में कुछ लिखते हुए बोला," जाकर उन दोनो को अंदर भेज दो!."
वो सिक्योरिटी बॉस का बात सुन कर इतमीनान से बोला," जी बॉस!."
वो सिक्योरिटी वहा से बाहर निकला और सीधा सचिन और अतुल के पास चला गया था।
सचिन और अतुल दोनो सिक्योरिटी को देख कर खुश हो गया।
और दोनो झट से खड़ा हो गया। तभी वो सिक्योरिटी सचिन और अतुल को देखते हुए बोला," बॉस अंदर बुला रहे है!."
सचिन और अतुल उस सिक्योरिटी का बात सुन कर तेजी से अंदर जाने के लिए चला।
तभी वो सिक्योरिटी रोकते हुए बोला," एक मिंट रुको!."
सचिन और अतुल दोनो रुक गया। फिर वो सिक्योरिटी सचिन का पूरा बॉडी को दूर से देखा।
फिर वो सिक्योरिटी अतुल की तरफ अपना नजर घुमाया। अतुल अपने हाथ में हैंड वॉच पहन रखा था।
उस सिक्योरिटी का नजर अतुल के हाथ पे पड़ा । वो सिक्योरिटी इतमीनान से बोला," ये हैंड वॉच निकाल दो। वर्ना जॉब भी जायेगी और जान भी जायेगी!."
अतुल उस सिक्योरिटी का बात सुन कर थोड़ा डर गया। ऐसे अतुल पहले से ही थोड़ा डरपोक था।
सचिन, अतुल के हाथ पे देखा और गुस्सा में बोला," ये निकाल। आज नही पहनता तो नही चलता!."
अतुल, सचिन का बात सुन कर डरते हुए कहा," मुझे थोड़ी पता था की !."
फिर अतुल अपना हाथ से हैंड वॉच को निकाल दिया और पॉकेट में डाल लिया था।
तभी सचिन इतमीनान से कहा," वो के ठीक है चल!."
फिर दोनो बॉस के गेट पे जाकर खट खटाया। खट खट के आवाज सुन कर बॉस अंदर से बोला," yes come in!."
सचिन और अतुल दोनो धीरे से गेट खोला और बाहर से ही सचिन और अतुल दोनो अपना सर अंदर डाल कर देख रहा था।
तभी सचिन एक थापड़ धीरे से अतुल के सर पे मार दिया।
अतुल, सचिन को देखते हुए बोला," मुझे क्यू मारा!."
सचिन अपने होंठ पे एक उंगली को फेरते हुए बोला," चुप बॉस सुन लेगा!."
फिर दोनो वहा से डरते डरते अंदर गया और बॉस के टेबल के सामने खड़ा हो गया।
बॉस दोनो के गौर से देखा और फिर गाल पे हाथ रख कर बैठ गया।
बॉस गहरी सांस छोड़ते हुए बोला," हूं बैठो!."
सचिन और अतुल दोनो बैठ गया। सचिन को लग रहा था की सर क्या पूछेंगे।
तभी बॉस पूछा," कल कहा था सब!."
सचिन बॉस का बात सुन कर सक सका कर जवाब दिया," स .. स .. सर वो!."
तभी बॉस इतमीनान से पूछा," ये स... स... क्या है! क्लियर नही बोल सकते हो!."
सचिन अपन मुंह बंद कर लिया। अतुल को तो समझ नही आ रहा था की क्या बोले। अतुल तो पसीना से लत पत हो गया था डर से।
बॉस का नजर अतुल पे पड़ा तो बॉस बोला," तुम्हे क्या हुआ!."
अतुल अपना सर हिला कर जवाब दिया," ऊं ना.. कुछ ना!."
फिर इत्मीनान से अतुल आगे बोला," सर गर्मी बहुत जादा है!."
बॉस अतुल का बात सुन कर एक मोहर उठा कर अतुल और सचिन के गेट पास कार्ड पे मोहर मारते हुए बोला," हूं !."
बॉस उस गेट पास कार्ड को दोनो को देते हुए बोला," अब तुम दोनो जा सकते हो!."
बॉस इतना बोल कर एक 🧈 डायरी को खोलने लगा। तभी दोनो वहा से उठ कर बाहर जाने के लिए गेट पे गया ही था।
तभी बॉस बोला," और हा, कल से लेट नही होना चाहिए, जावो!."
दोनो वहा से निकला और कैम्पस में गया तभी वहा पे सचिन का सारा दोस्त खड़ा था।
सबका छूटी हो चुका था इस लिए सब अपने घर जाने के लिए सब खड़ा था।
सचिन का सारा फ्रेंड भी खड़ा था। लेकिन सुष्मिता वहा पे नही थी।
सचिन जब बाहर अपने सारे फ्रेंड को देखा लेकिन वहा पे सुष्मिता नही दिख रही थी।
सचिन कोमल के पास जाकर पूछा," ये सुष्मिता कहा!."
कोमल सचिन का बात सुन कर कुछ नही बोली अपना नजर नीचे की तरफ झुका लिया था।
लेकिन खुश्बू , सचिन को जवाब दे दिया," वो उप्पर है। पता नही क्यों सुबह से बहुत परेशान है वो!."
सचिन , खुशबू का बात सुन कर घबरा गया। और वहा से सबको छोड़ कर उप्पर दौर कर जाने लगा।
to be continued..
ये सब तो सचिन का फ्रेंड ही थे लेकिन अगर सचिन सुष्मिता को नही देखता तो पूरा बेचैन हो जाता था। सुष्मिता बहुत परेशान लग रही थी ना जाने उसको कौनसी बात खाए जा रही थी। वही दूसरी तरफ सचिन खुशी के प्यार मैं पड़ चुका था क्या सचिन को खुशी मिल पाएगी। क्या खुशी का राज सचिन जान पाएगा जानने के लिए पढ़े "खुशी के आंसू!." और जुड़े रहिए हमेसा webnovel पर।