रात को तकरीबन 9 पीएम में सुष्मिता और सुष्मिता के सारे दोस्त एक ही रूम में बैठ कर TV देख रहे थे।
उस समय सचिन वहा पे नही था बल्कि सब वही पे बैठ कर टीवी देख रहे थे।
तभी घर का बेल बटन बजा। सुष्मिता, खुशबू से कही," जा कर देखो कौन है खुश्बू!."
खुशबू,सुष्मिता के बात सुन कर सीधे जाकर दरवाजा खोल दी।
सामने सचिन दारू पीकर नसे में धूत था सचिन का पैर सही से जमीन पे टिक नही रहा था।
खुशबू सचिन से पूछी," ये क्या भेष बना रखे हो! एक तो इतनी रात को आते हो वोभी दारू के नसे में!."
सचिन सामने पहचान नहीं पाया की कौन था, सचिन नसे में कहा,"
ये तुम हटो जाओ मैं तुमसे अब प्यार नही करता हूं, तुम चली जाओ, में तो सिर्फ खुशी से प्यार करता हूं!."
और डगमगाते घर के अंदर जाने लगा। तभी खुशबू, सचिन का हाथ पकड़ कर कही," देखो गिर जाओगे, आओ अपना हाथ दो!."
खुशबू जैसे सचिन के पास गई। सचिन अपना हाथ से ढाहते हुए," मैंने बोला यह से जाओ। मेरे पास सिर्फ खुशी आ सकती है और कोई नही तुम चली जाओ!."
खुशबू, सचिन के धक्का से कुछ दूर पे जाकर गिर गई और जोर से चिला पड़ी," आ माई!."
सचिन नसे में खुशबू को चिढ़ा कर कहा," अं, क्या चिला रखी हो!."
सुष्मिता सचिन की आवाज सुन कर सचिन के पास आई। सुष्मिता सचिन को हालत देख कर गुस्सा हो गई।
सुष्मिता, सचिन से कही," आज फिर पीकर आ गया, तुम नही सुधरेगा, चलो जल्दी अंदर!." सचिन, सुष्मिता का बात सुन कर कहा," क्या करने आई हो, यहां से जाओ!."
सुष्मिता, सचिन को पकड़ कर जबरदस्ती और सचिन को रूम में ले जा कर सोला दी।
और खुद बैठ कर सोचने लगी," कभी नही सुधरेगा, कितनी बार मना की पर मेरी बात सुनता ही नही है, मैं ही कल खुशी से बात करती हूं!."
सुष्मिता सचिन के उप्पर चादर डाल दी। और वहा से अपने रूम में जाकर सो गई।
खुशी के घर।
खुशी अपने रूम में अकेले बेड पे बैठ कर सोच रही थी," मैं क्यू मार दी थापड़ सचिन को पता ना अब वो क्या सोचता होगा!."
खुशी सचिन के फोटो अपने फोन से निकाल कर देखते हुए कही," सॉरी सचिन मुझे नही मरना चाहिए था मुझे भाई अफसोस ही रहा है की क्यू तुमको थापड़ मारी!."
खुशी सचिन के फोटो को चूम लि और बेड पे लेट गई। खुशी सचिन के बारे में सोच कर खुशी के आंख में आंसू आ गया था।
खुशी सचिन का फोटो अपने सीने से लगा कर सो गई।
सुष्मिता के घर।
मगर जब सुष्मिता नींद में सो गई थी तो सुष्मिता को खराब खराब सपने आ रहे थे जिसे सुष्मिता डर कर उठ कर बैठ गई।
तभी बगल में कोमल और खुशबू दोनो सोई थी कोमल, सुष्मिता का डर की आवाज सुन कर उठ गई,
कोमल, सुष्मिता से पूछी," क्या हुआ सुष्मिता!."
सुष्मिता कही," कुछ नही थोड़ा बुरा सपना था! तुम दोनो सो जाओ हम थोड़ा उप्पर से घूम कर आती हूं!."
सुष्मिता वहा से निकल उप्पर चली गई। कोमल और खुश्बू दोनो फिर से चादर ओढ़ कर सो गई।
सुष्मिता छत पे जाकर घूमने लगी और कुछ सोचने लगी। मगर सुष्मिता किसी को बता नही रही थी की क्या राज था।
सुष्मिता एक जगह पे खड़ा होकर छत से बाहर कहीं पे ध्यान से कुछ देख रही थी और साथ ही कुछ सोच रही थी,
सुष्मिता के सोचते सोचते आंख में आंसू भर आया था।
तभी सुष्मिता धीरे से सहमी आवाज सुनी," सुष्मिता!."
सुष्मिता, वो आवाज सुन कर डर गई और तेजी से अपनी आंख का आंसू पोछने लगी।
खुशी अपनी आंख का आंसू पोंछ पीछे घूमी तो कोमल खड़ा थी और अपने हाथ में एक फोन ली थी वो फोन सुष्मिता का था कोमल सुष्मिता से पूछी," क्या हुआ सुष्मिता, और कितना देर जगोगी, काफी रात हो चुकी है!."
सुष्मिता, कोमल का बात सुन कर कुछ नही बोली, कोमल इतमीनान से आगे कही," ये फोन लो किसी का कॉल आ रहा है!."
सुष्मिता डरते हुए कही," वो के लाओ मुझे फोन दो मैं बात कर लेती हूं?."
कोमल वो फोन को सुष्मिता के हाथ में थमा दी और वहा से नीचे जाते हुए कही," मैं जा रही हूं जल्द चले आना!."
कोमल वहा से नीचे जाकर फिर से सो गई। सुष्मिता उस फोन को लेकर अपने कान के पास सटा कर बोली,," हा बोलो!."
फिर कुछ देर बाद सुष्मिता कही," ठीक है सर, ठीक है हम कल बात कर लेते है? आप निचित रहिए!."
सुष्मिता का कॉल कट गया। सुष्मिता भी वहा से जाकर नीचे अपने रूम में कुछ सोचते हुए सो गई।
सुबह सचिन अपने रूम में सोया था सचिन के सारे दोस्त उठ चुके थे सचिन के फोन साइलेंट में था सचिन के फोन पे लगातार कॉल पे कॉल आ रहा था लेकिन सचिन उन कॉल का जवाब नही दे रहा था ।
सुष्मिता, सचिन के फोन का आवाज सुन कर सचिन के रूम में गई और सचिन के फोन का कॉल रिसीव कर के अपने कान पे लगा ली।
सुष्मिता कॉल पे पूछी," हेलो आप कौन हो, इतना सुबह कॉल करने की क्या वजह है!."
सुष्मिता वहा से किचन में जाने लगी। दूसरी तरफ से आवाज नही आ रहा था क्यू की नेटवर्क प्रोब्लम हो गया था।
सुष्मिता फिर से बोली," हेलो.. हेलो आप कौन हो!"
दूसरी तरफ से आवाज नही आई और कॉल कट गया,
सुष्मिता वहा से वापस आकर सचिन के फोन वही बिस्तर पे रख दी और वहा से किचन में चली गई।
तभी फिर से सचिन का फोन बजा तो सचिन उस फोन का आवाज सुन कर उठा लिया और कॉल रिसीव करके बोला," हेलो, कौन हो इतना सुबह कॉल क्यू कर रहे हो!."
तभी दूसरी तरफ से खुशी कही," में खुशी हूं तुम अभी तक सोए हो!."
सचिन खुशी की आवाज सुन कर उठ कर बैठ गया और इतमीनान से कहा," हा बोलो क्या काम है!."
खुशी कही सचिन से," आज तुम मेरे साथ एक पार्टी में चलोगे, प्लीज माना मत करना!."
सचिन खुशी से कहा," परंतु तुम मेरे साथ जाओगी तो तुमको दिकत होगा!."
खुशी सचिन से पूछी," वो कैसे दिकत होगा!."
सचिन, खुशी से कहा," क्यू की मुझे वास्को जाना है!."
( वास्को शहर का नाम था गोवा में)!."
खुशी , सचिन की बात सुन कर कही," आरे मुझे भी वही जाना है एक फ्रेंड की घर पे, तुम मुझे छोड़ कर वहा से चले जाना!."
सचिन खुशी का बात सुन कहा," लेकिन तुमको!."
तभी खुशी सचिन की बात सुन कर कही," क्या तुमको मुझ कुछ नही सुनना है आ रहे हो साम को मैं इंतजार करूंगी!."
सचिन खुशी का बात सुन कर कहा," लेकिन तुम्हारा भाई या पापा देख लेते तो!."
खुशी, गुस्सा में सचिन से कही," कोई दिकत नही होगा तुम आओ!."
खुशी इतना कह कर अपना कॉल कट कर दी। तभी सुष्मिता जोर से बोली,"
आओ सब खाना लगा दी है!." सुष्मिता, का बात सुन कर सब आकर टेबल पे बैठ कर खाना खाने लगा तभी सचिन वहा पे नही दिखा सुष्मिता को तो शुभम जोर से कहा," सचिन आओ खाना खा लो ड्यूटी पे जाना होगा!."
सचिन शुभम को जोर से कहा," तुम लोग खाना खा कर जॉब पे चले जाओ आज हम जॉब पे नही जायेंगे!."
सचिन अपना फोन बेड पे बैठ कर चलाने लगा। कुछ देर बाद सुष्मिता, सचिन के पास आकर पूछी," क्यू नही जाना आज, तबियत तो ठीक है ना!."
सचिन, सुष्मिता से कहा," मुझे कुछ नही हुआ है, मेरा दोस्त का घर पे आज पार्टी है!."
सुष्मिता, सचिन के बात सुन कर कही," ठीक है , लेकिन ठीक से जाना!." सुष्मिता इतना कह कर वहा से चली गई
To be continued....
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