खुशी अपने कार से कहीं जा रही थी तभी खुशी के कार के पीछे चार बाइकर्स लग गए थे चारो, चारो तरफ से घेर के चल रहा था। सचिन अपना बाइक लगा कर खड़ा होकर चुप चाप मायूस होकर देख रहा था।
अतुल रोड पे सचिन को खोजते हुए बेचैन होकर सचिन के पास कॉल कर रहा था लेकिन सचिन फोन पे ध्यान नही दे रहा था। जैसे की सचिन को सुनाई ही नही दे रहा था। अतुल एक ऑटो पकड़ लिया और उसी रास्ता से चलने लगा।
सुष्मिता,कोमल, खुशबू और शुभम चारो बॉस के ऑफिस के गेट पे पहुंच कर गेट को खट खटाया।
तो बॉस अंदर से बोला"yes come in!."
फिर सचिन का चारो दोस्त गेट को अंदर की तरफ खोला और फिर डरते डरते चारो अंदर गया ।
बॉस उन चारो को देख कर बोला" बैठो!."
फिर चारो एका एक कर के चेयर ले बैठ गया ।और सुष्मिता अपना फाइल आगे बढ़ा दी।
सचिन अभी अपना नजर जैसे खुशी के कार से हटा कर रोड पे सामने देखा तभी कुछ कांच टूटने की आवाज सुनाई दिया।
सचिन जैसे खुशी के कार के तरफ देखा तो वो चारो बाइकर्स एक एक 🏒 स्टिक से चारो तरफ से खुशी के कार के सीसा पे वार कर रहे थे।
खुशी के कार के ड्राइवर स्टेरिंग संभाल नही पाया और एक ठेला मैं ले जा कर ठोक दिया। खुशी के सर पे थोड़ा सा चोट लग गया था और थोड़ा सा खून भी गिर रहा था।
सचिन देखा और सचिन से रहा नही गया। गुस्सा मैं सचिन अपना बाइक को स्टार्ट किया और स्पीड को हाई कर दिया। सचिन वहा पे पहुंच पता तब तक खुशी के कार का कांच पूरा तोड़ दिया था ।
फिर एक बाइकर अपना बाइक से उतर कर खुशी का कार के लेफ्ट साइड का गेट खोला तभी सचिन अपना बाइक उस बाइकर के पास लेकर पहुंच गया और उसका एक हाथ पकड़ कर अपना हाथ से और अपना बाइक का स्पीड बढ़ा दिया। वो बाइकर कुछ दूर पे जाकर गिर गया।
फिर सचिन अपना बाइक उधर से घुमा कर तेजी से लेकर आया और फिर दूसरी बाइकर के आगे बाइक को छोड़ दिया और खुद उस बाइक से कूद पड़ा और रोड पे स्टाइल में बैठ गय।
सचिन का बाइक उस बाइकर के बाइक से जाकर टकड़ा गया और वो बाइकर गिर गया।
सचिन निचे रोड पे गिरा था स्टाइल में तभी फिर से तीसरा बाइकर सचिन कि तरफ चला तो सचिन खड़ा हो गया और उस बाइकर का बाइक का हैंडल पकड़ कर वहीं पे नाचा दिया।
वो बाइकर जाकर कुछ दूर पे गिर गया।
फिर चौथा बाइकर खुशी की तरफ अपना बाइक को लेकर चला तभी सचिन खुशी का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया। खुशी सचिन के तरफ आकर डायरेक्ट सचिन के सीना से टकड़ा गई और खुशी का नजर सचिन के नजर से मिला कर देखने लगी!
वो बाइकर जाकर कुछ दूर पे खुद से गिर गया। सरा लोग सचिन और खुशी के चारो तरफ से घेर रखा था।
अतुल ऑटो में बैठा था तभी अतुल का नजर एक भिड़ में पड़ी।
अतुल उस भिड़ कि तरफ देखते हुए बोला" यहीं पे रोको!."
ऑटो ड्राइवर अपना ऑटो को वहीं पे रोक दिया और अतुल उतर कर वहा से भिड़ कि तरफ चल दिया।
खुशी को थोड़ा सा सर पे चोट लग गया था। खुशी के सर से थोड़ा थोड़ा खून भी निकल रहा था। सचिन ने अपना शर्ट को फाड़ दिया और खुशी के सर को बाँधने लगा जहाँ पे चोट लगा था।
तभी खुशी सचिन को एक जोर का थापड़ मार दी।
खुशी सचिन को गुस्सा में बोली" अगर इसके बाद से मेरे पीछा आया न त जान से जावोगे!."
खुशी वहा से कार में बैठी और कार वहा से निकल गया हॉस्पिटल कि तरफ।
सुस्मिता,कोमल,खुशबू और शुभम चुप चाप बॉस के ऑफिस में बैठा था।
बॉस ने चारो को देखते हुए पूछा, " कहा है तुम्हारा दोस्त!."
शुभम ने डरते डरते कहा, "सर, वो थोड़ा काम से बाहर गया है। आ जायेगा जल्द तब तक आप ये फाइल देखिये!."
बॉस चारो को गुस्सा के नजर से देखने लगा।
कोमल डरते हुए बोली" सर, प्लीज बहुत दूर से आय है लोग। वो आता हि होगा सर!."
बॉस कोमल कि बात सुन कर कहा," ये कोई धर्मसला है जो जब मन हुआ तब आवोगे और जब मन हुआ तब जावोगे!."
बॉस बोलते बोलते गुस्सा हो गया।
सुस्मिता इत्मीनान से बोली" सर,प्लीज!."
बॉस सुस्मिता का बात सुन कर गुस्सा में बोला, "गेट आउट। बहार जाओ!."
तभी बॉस का कॉल फोन बजा और बॉस ने कॉल को रिसीव किया। सचिन का चारो फ्रेंड निकल रहे थे।
तभी बॉस उन चारो को रोक कर बोला," रुको, कल इसी समय पे काम पे आ जाना सब। और हा उस को बोल देना सब लेट नहीं करने के लिए। अब जा सकते हो!."
सचिन का चारों दोस्त निकल गया वहा से।
बॉस अपना फोन अपने कान के पास ले जा कर बोला, "हा बोलो!."
दूसरी तरफ से आवाज आई," सर, मैडम के उप्पर हमला हो गया था। थोड़ा बहुत चोट लग गया था। हॉस्पिटल लेकर आया हूँ!."
बॉस फोन पे बोला, "क्या बात कर रहे हो। हम अभी आ रहे है!."
फिर बॉस भी वहा से हॉस्पिटल चल दिया।
सचिन अपना सर निचे करके अकेला खड़ा था तभी अतुल सचिन के पास पहुचा।
अतुल सचिन से बोला," हे यहाँ क्या कर रहे हो। चलो बॉस आ गये है!"
अतुल आगे सचिन को देखते हुए बोला,"ये क्या हुआ !."
अतुल सचिन का शर्ट देखा।
अतुल सचिन से पूछा, " ये कैसे हुआ!."
सचिन अतुल को देखते हुए बोला, "कुछ नहीं । एक छोटी सी एक्सीडेंट हो गया था!."
सचिन वहा से चलते हुए आगे बोला," चल!."
सचिन वहा से पैदल चलने लगा।
तो अतुल पीछे पीछे चलते हुए पूछा," लेकिन पैदल हमसे नहीं चला जायेगा!."
सचिन अतुल का बात सुन कर एक ऑटो को हाथ दे दिया और ऑटो आकर सचिन के पास रुक गया। सचिन और अतुल दोनो उस ऑटो में बैठ गया। और ऑटो वहा से निकल गया।
खुशी एक हॉस्पिटल में। एक बेड पे बैठी थी और एक नर्स खुशी के सर पे पट्टी बांध रही थी
जब उस नर्स का हाथ खुशी के घाव पे पड़ता था तो खुशी दर्द से कराह रही थी," आह .. आह!."
वो नर्स पट्टी बांधते हुए बोली,"हो गया बहन बस थोड़ा सा और है!."
तभी इंजीनिर जॉब कैंपस का बॉस अपने सिक्योरिटी के साथ हॉस्पिटल के कैंपस में पहुंच कर ड्राइवर कार रोक दिया।
बॉस कार से उतर कर हॉस्पिटल के अंदर जाने लगे । बॉस के पीछे पीछे बॉस का सिक्योरिटी भी चल रहा था।
बॉस खुशी के पास पहुंच कर गुस्सा में पूछा," ड्राइवर कैसे हुआ। कौन था वो!"
खुशी के कार के ड्राइवर डरते डरते बोला," सर, मैं नहीं जानता उसे! ."
बॉस खुशी को देखते हुए पूछा," मैम कैसे हुआ। क्या आप उसका चेहरा जानती है!."
खुशी बॉस का बात सुन कर बोली, " मुझे भी नहीं पता वो अपना चेहरा ढाका हुआ था।!."
तभी वो खुशी का ड्राइवर इत्मीनान से बोला," सर शुक्रिया है कि वो लड़का आकर मैम का जान बचा लिया है!."
बॉस ड्राइवर का बात सुन कर इत्मीनान से पूछा, " कौन है वो!."
नर्स वहा से जा चुकी थी खुशी का इलाज कर के।
खुशी उस बेड से उतर कर बाहर निकलते हुए बोली," वहीं लड़का था जो फ्लाइट में मिला था!."
बॉस खुशी के पीछे पीछे चलते हुए बोला," फिर आपको उसको घर पे बुला कर लाना चाहिए था।!."
खुशी बॉस के कार के पास पहुँच कर रुक गई।
फिर बॉस को देखते हुए बोली," वो थोड़ा पागल किसिम का आदमी है। उसको लेकर आये कि हमको पगला देगा!."
फिर बॉस का सिक्योरिटी कार का गेट खोला और खुशी ऐटिटूड कि तरह आगे बैठ गई और सब पीछे बैठ गया और कार वहा से निकल गई खुशी के घर।
to be continued...
आपको क्या लगता है कि खुशी के उप्पर कौन हमला किया था।
खुशी कैसी लड़की थी जो बॉस भी खुशी से डरता था।
जानने के लिए पढ़े " खुशी के आंसू!." और जुड़े रहिये हमेसा webnovel पर।