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Chapter 15 - फ्लाइट में प्यार love in flight

रात को तकरीबन 8 PM में। फ्लाइट।

सुष्मिता, कोमल, और खुशबू आगे अपने सीट पे बैठ कर सो गई थी। सचिन, खुशी और अतुल एक जगह बैठ कर बात कर रहे थे। शुभम, अतुल और सचिन के पीछे बैठा था। सचिन अपना हाथ खुशी के आगे करके इतमीनान से बोला" हे, i am Sachin!." खुशी सचिन से हाथ मिला कर बोली" i am Khushi!." सचिन खुशी का हाथ पकड़ कर और सचिन सोचने लगा की" i love you Khushi। Forever... Forever..!." फिर खुशी अपना हाथ को खींचने की कोशिश की लेकिन नही खिंचा पाई तभी जोड़ से बोली" ऊंह... ऊंह.. हाथ छोड़ो !." तभी सचिन अपने सपना से हटा और खुशी का हाथ छोड़ कर इतमीनान से बोला" वोह.. सॉरी!." फिर अपना सर साइड में घुमा कर मुस्कुराने लगा तभी खुशी सचिन को देखी की वो मुस्कुरा रहा है तो खुशी सचिन को तरफ देख कर इतमीनान से बोली" हेलो, क्यू हस रहे हो!." सचिन खुशी की तरफ देखा और इतमीनान से बोला"बस ऐसे ही। कुछ बात याद आ गया है!." खुशी सचिन को गौर से देखते हुए बोली"नही कुछ तो जरूर है। मुझसे कुछ छुपा रहे हो तुम!." सचिन खुशी को इतमीनान से बोला" नही!." तभी एक वेटर जूस और कुरकुरे लाकर और इतमीनान से बोली" सर, आपकी पार्सल!." सचिन उस जूस और कुरकुरे को वेटर के हाथ से ले लिया और इतमीनान से बोला" थैंक्स !." फिर एक जूस अतुल ले लिया और एक जूस शुभम ले लिया और एक जूस खुशी के आगे करते हुए बोला" तुंभी लो ना!." खुशी मना करते हुए बोली" नही मुझे नही पीना है। मेरा मन नहीं है !." सचिन खुशी को देखते हुए इतमीनान से बोला" नही प्लीज़ तुम्हे पीना परेगा!." तभी अतुल इतमीनान से खुशी को बोला" पी लो ना भाई इतना रिक्वेस्ट कर रहे है!." फिर खुशी अतुल की बात सुन कर बोली" ओके लाओ दो!." और सचिन के हाथ से जूस लेकर पीने लगी। एक घोट पीने के बाद खुशी अपने मुंह से ग्लास दूर करी तभी खुशी के होंठ पे जूस थोड़ा सा लग गया था खुशी जैसे कुछ बोपने की सोची तभी सचिन का नजर खुशी के होंठ पे पड़ा और झट से सचिन खुशी के होंठ पे अपना उंगली से पोंछ कर चाटने लगा। तभी अतुल देख कर अपना मुंह घुमा कर चेहरा छुपा लिया। खुशी सचिन को गौर से देखने लगी। तभी सचिन खुशी से इतमीनान से पूछा " ऐसे आप कहा जा रही है!." खुशी सचिन की बात सुन कर बोली" उसे तुमको क्या करना है!." सचिन इतमीनान से बोला" बस ऐसे ही पूछा है!." खुशी मुस्कुराते हुए बोली" में गोवा जा रही हूं ऐसे तुम कहां जा रहे हो!." सचिन खुशी की बात सुन कर मुस्कुराते हुए इतमीनान से बोला" में भी गोवा जा रहा हूं। एक कम्पनी टारंसफर किया है!." खुशी सचिन की बात सुन कर इतमीनान से बोली" बेस्ट ऑफ़ लक!." और फिर फ्लाइट गोवा में लैंड कर गया। और फिर सब फ्लाइट से उतरने लगे। खुशी और सचिन दोनो साथ बाहर निकला तभी सामने सचिन का सारा फ्रेंड खड़ा था। तो सुष्मिता सचिन को देखते हुए बोली" बात हो गया मीठी मीठी, तो अब चले !." सचिन सुष्मिता का बात सुन कर शर्मा का देखा तो सुष्मिता इतमीनान से बोली" अब क्या देख रहे हो। जल्दी से बैग उठाओ और चलो ड्राइवर इंतजार कर रहा है!." फिर सचिन का सारा फ्रेंड वहा से आगे चल दिया अपना सारा सामान लेकर और एक बैग छोड़ दिया सचिन के लिए । खुशी वही पे खड़ी थी तभी सचिन खुशी के आगे हाथ बढ़ा दिया मिलाने के लिए और साथ ही बोला" फिर मिलेंगे !." खुशी अपना मुंह बिचका दी और वहा से दूसरे तरफ निकल गई। सचिन, खुशी का ये हरकत देखा कर मायूस हो गया और जोर से बोला" आरे खुशी हाथ तो मिला लो!." लेकिन खुशी सचिन का बात नही सुनी और वहा से जाति रही। तभी सचिन अपने फ्रेंड को देखा तो बहुत आगे जा चुका था सब। फिर सचिन अपना बैग अपने सर पे उठा कर और चल दिया। सुष्मिता,कोमल,खुशबू,अतुल और शुभम जाकर अपने कार के पास सब खड़ा था तभी सचिन अपने सर पे बैग लेकर वहा पे पहुंचा तो कोमल सचिन को देखते हुए बोली" एकदम जोकर लग रहे हो। और उस लड़की को लाइन मार रहे हो। अपनी सकल देखे हो!." सचिन बैग अपना सर पे रखे ही बोला" अच्छा, वो कोई चांद को पारी है का!." तभी खुश्बू सचिन को देखते हुए बोली" ठीक है पहले बैग अपने सर से उतरो!." सचिन गुस्सा होकर अपने सर से बैग उतार कर सुष्मिता के सामने रख दिया और कार मैं जा कर अंदर बैठ गया। ड्राइवर सारा सामान को कार के डिकी मैं रख दिया था फिर सचिन वाला भी बैग कार के डिकी मैं रख दिया और फिर जाकर ड्राइव सीट पे बैठ गया। फिर सचिन का सारा फ्रेंड जाकर कार मैं बैठ गया और ड्राइवर अपना कार स्टार्ट कर के वहा से चल दिया। कुछ दूर जाने के बाद सचिन अपने किसी फ्रेंड से बात नही कर रहा था तो सुष्मिता सचिन के पीछे बैठी थी तो सचिन को इतमीनान से बोली सुष्मिता" ऐसे क्यू मुंह क्यू लटकाए हो। हम लोग तो बस मजाक किए है। !." तभी कोमल सुष्मिता का बात सुन कर सच्ची से बोली" तुम तो हीरो से भी स्मार्ट हो!." सचिन कोमल को बात सुन कर बोला" अपनी बड़ाई बंद करो आज से मत बोलना सब हम किसी से नहीं बोलेंगे!." और फिर सचिन अपना सर आगे कर के एक टक नजर से सामने देखने लगा। फिर कुछ ही देर में अपने रूम पे पहुंच गया सब और कार जाकर कैंपस में रुक गया और फिर सचिन और सचिन का सारा दोस्त उस कार से निकल कर और उप्पर 2 फ्लोर पे जाने के लिए लिफ्ट पकड़ लिया सब और फिर उप्पर पहुंच कर रूम नम्बर 4 पे पहुंच कर सचिन गेट पे एक कार्ड को दिखाया और गेट खुल गया। फिर सब अंदर जाकर बेड पे बैठ गया। तभी उस बिल्डिंग का एक सिक्योरिटी सारा सामान लाकर गेट पे रख दिया और इतमीनान से बोला" सर आपका समान!." और फिर वो सिक्योरिटी वहा से चला गया नीचे!." रात का समय था इसी लिए सचिन बहुत थक चुका था सचिन सुष्मिता को बोलते हुए सो गया" सुष्मिता गेट बंद कर दो! और पार्सल भी आने वाला है!." और सचिन नींद से सो गया। साथी ही सुष्मिता गेट को लॉक कर कर और सब के सब दूसरे दूसरे रूम में जाकर सो गया। तभी फिर से गेट नॉक हुआ तो कोमल उठी और आकार गेट खोली तो सामने एक पार्सल मैन था वो पार्सल में कोमल को एक थाली देते हुए बोला" बहन इस रूम से खाना ऑर्डर हुआ था!." फिर वो पार्सल मैन उस थैली को कोमल को दे दिया । कोमल उस पार्सल से थैली लेकर इतमीनान से बोली" ओके पैसा तो मिल गया होगा!." वो पार्सल मैन बोला"yes bahan!." फिर कोमल उस पार्सल मैन का बात सुन कर बोली" ओके आप जा सकती है। फिर वो पार्सल मैन वहा से निकल कर चला गया और कोमल अपनी थैली लेकर गेट लॉक कर दी और अंदर जाकर सब खाना खाया और फिर सो गया। लेकिन सचिन को बीच रात को खुशी का याद आ रहा था जिसे सचिन को नींद खुल जा रहा था।

to be continued..

क्या होगा सचिन को फिर से खुशी मिलेगी या  नहीं मिलेगी। वो खुशी कौन थी जो सचिन का नींद चैन खराब कर दी जानने के लिए पढ़े  " खुशी के आंसू "!. और जुड़े रहिए मुझसे और मेरी pocket novel पर।