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Chapter 10 - नैंसी सचिन से प्यार करने लगी Nancy falls in love with Sachin

रात को करीब 7 PM में।

सचिन की मां और पापा आंगन में बैठ कर टीवी देख रहे थे और दोनो बात कर रहे थे कायल अपने रूम मैं बैठ कर सोच रही थी की भईया को बताना चाहिए या नहीं। तभी मैन गेट का बेल बजा। सचिन की मां दौर्ते हुए गई और जैसे गेट खोली सचिन के मां सचिन को देख कर बाहर से बहुत खुश थी लेकिन अंदर से बहुत गुस्सा की नजर से देख रही थी ना जाने क्यों सचिन की मां सचिन से ऐसा नफरत कर रही थी। फिर सचिन अपने मां को गेट के बाहर से देख कर खुश हो गया और अंदर जाकर अपने मां के जैसे गले लगा। सचिन की मां वहां से अंदर चली गई। सचिन इतमीनान से बोला" मां,मुझसे क्या गलती हो गई!." तभी कायल आकर सचिन के गले लग गई। ऐसा लग रहा था सचिन का मन बहलाने के लिए कायल सचिन के गले लगी थी। सचिन जब अंदर गया तो अपने पापा को पैर छुआ और सामने बैठ गया एक सोफ़ा पे और नैंसी को देखते हुए कायल की तरफ देखा और बोला" कायल इसे अंदर ले जाओ!." कायल नैंसी की तरफ देखी और बोली" भाभी चलिए अंदर!." कायल का बात सुन कर सचिन झट से नजर घूमर कर कायल की तरफ देखा और नैंसी मुस्कुराते अंदर चली गई। सचिन का पापा भी कायल का बात सुनकर सचिन के तरफ गुस्सा होकर देखे तभी सचिन की मां बोली" आरे गुस्सा क्यों हो गय आप। सचिन अपना मन पसंद का लड़की से सादी किया है। तो क्या हो गया!." सचिन अपने मां और पापा के तरफ नजर घुमा घुमा कर देख रहा था और डरते हुए बोल रहा था" पापा, जरा सा वो!." तभी सचिन का मां झट से बोली" कोई बात नही बेटा हमे तकलीफ नहीं है!." लेकिन सचिन का मां अंदर ही अंदर बहुत जल रही थी सचिन अपने मां के चेहरे पे देखा और फिर अपने पापा के चेहरे पे देखा और इतमीनान से बोला" पापा वो नैंसी और हमारे बीच ऐसा कुछ नही है!." फिर सचिन का पापा सचिन से बोले" क्या तुम दोनो अभी सादी नही किए हो!." सचिन अपने पापा से नजर हटा कर बोला" पापा वो मेरी स्टाफ है और कल मेरा ट्रांसफर हो गया है गोवा में! इसी लिए सोचे आप लोग से मिल लेते है!." 

कायल और नैंसी दोनो बैठ कर रूम मैं बाते कर रहे थे तो कायल बोली" अच्छा भाभी आपको मेरा भईया कैसे लगते है!." नैंसी कायल की तरफ देखने लगी और कुछ बोल पाती नैंसी की तभी कायल बोली" पता है आपको मेरे भईया बहुत अच्छा इंसान है!." तभी नैंसी इतमीनान से बोली" कायल, वो हम तुम्हारे भैया और हमारे बीच ऐसा कुछ नही है जो आप समझ रही हो!." तभी कायल नैंसी की बात सुनकर इतमीनान से बोली" क्या आप और भईया का गर्लफ्रेंड नहीं है!." नैंसी मुड़ी हिला कर बोली" नहीं, लेकिन सच में तुम्हारा भईया बहुत अच्छा इंसान है। किसी भी लड़का का दिल जीत लेता है!." कायल नैंसी की बात सुनकर माफ़ी मगते हुए बोली" सॉरी सिस्टर मैं तुम्हे भाभी बोल दिया!." नैंसी कायल की बात सुनकर बोली" आरे इसमें सॉरी किस बात की मुझे अच्छा लगा तुम मुझे भाभी बोली तो!." और फिर दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा दिए। तभी नैंसी और कायल जिस रूम मैं बैठी थी उसके बाहर (आंगन)से सचिन का आवाज आई" नैंसी और कायल तुम दोनो आओ खाना खाने!." तभी कायल जोर से बोली" जी भईया!." और फिर नैंसी और कायल दोनो जाकर इस रूम से निकले और खाना खाने बैठ गए। फिर सब खाना खा ही रहे थे तभी सचिन अपना खाना जल्द खा कर उठ गया और फिर हाथ धो कर अपने छत पे चला गया। और अपने किसी फ्रेंड में पास कॉल कर रहा था सचिन लेकिन कॉल नही लगा। तभी नैंसी भी छत के पहुंच गई तो सचिन इतमीनान से बोला" आओ,, आओ!." नैंसी सचिन के पास धीरे धीरे गई तो सचिन इतमीनान से पूछा" कैसा लगा मेरा घर और मेरी फैमिली!." नैंसी इतमीनान से हस्ते हुए बोली" मुझे तो बहुत अच्छा लगा तुम्हारा फैमिली और मम्मी पापा भी बहुत अच्छे है।लेकिन कायल तो सब से हट के है!." सचिन नैंसी का बात सुन कर इतमीनान से बोला" हूं क्यू की उसकी भाभी हो ना, तो अच्छा लगेगी ही!." नैंसी सचिन को देख कर इतमीनान से बोली" अच्छा ऐसा कुछ नही जो तुम सोच रहे हो!." फिर नैंसी दीवार से सट गई तो सचिन अपने हाथ को राइट की लेफ्ट और लेफ्ट को राइट फेकते हुए और गहरी सांस छोड़ते हुए बोला" आज दो दिन हो गया मैसेज आया है तुम्हारा बॉयफ्रेंड का!." तभी नैंसी सचिन का बात सुनकर अपना नजर चुरा कर सर नीचे कर ली और कुछ नही बोली तो फिर सचिन इतमीनान से पूछा" नैंसी हम कुछ पूछे है। हमारा ट्रांसफर हो गया है गोवा कंपनी में । सोच रहा था तुम्हे आज छोड़ देते दिल्ली स्टेशन पे । नैंसी कुछ नही बोल रही थी तभी सचिन जोर से बोला"तुम बहरा हो गई हो का, कब से बोले जा रहा हूं तुमको सुनाई नही दे रहा है!." नैंसी इतमीनान से बोली" वो आ रहे है आज रात को 1 बजे स्टेशन पे!." (नैंसी ये बात बोल दी की वो आ रहा है लेकिन अंदर उसकी डर था पता न किस बात की) सचिन इतमीनान से बोला" उसका नाम क्या है!." नैंसी इतमीनान से बोली" अलोक!." ओके जाओ रेडी हो जाओ हम अभी चलेंगे तुमको छोड़ कर चले आयेंगे!." नैंसी मुड़ी हिला कर बोली" हूं!." और वहा से नीचे चली गई कायल के रूम और अपना बैग पैक करने लगी। साथ ही कुछ सोच कर रोने लगी( पता ना नैंसी को ऐसा कुछ चीज याद आ रहा था जिसे नैंसी बहुत दुख में थी) नैंसी रोते रोते बैग पैक कर रही थी तभी कायल रूम के अंदर आई। और पीछे खड़ा हो कर इत्मीनान से बोली" आप क्यू रो रही हो!." नैंसी अपना आंख का आंसु छुपा कर पोंछने लगी और फिर कायल की तरफ घूम कर बोली" नही मैं कहां रो रही हूं!." कायल नैंसी के तरफ बढ़ते हुए बोली" नही आप झूठ बोल रही हो!." फिर कायल नैंसी के पास पहुंच कर बोली" सच सच बताना आप मेरे भईया से मोहब्बत करते हो ना!." नैंसी अपना नजर चुरा इत्मीनान से बोली" नही ऐसा कुछ नही है!." कायल इतमीनान से बोली" फिर आप क्यू रो रही हो!." नैंसी कायल को देखते हुए आंख मैं आंसु लिए बोली" नही, इतना दिन साथ रह कर और आज दूर जा रहे है इसी लिए थोड़ा सोच कर आंसु आ गया!." कायल नैंसी की तरफ देखते हुए इत्मीनान से बोली" झूठ बोल रही हो आप!." मैने छत पे भईया और आपका बात सुन लिया हूं! आप किसी लड़के से इंस्टाग्राम पे प्यार करते हो ना!." नैंसी कायल की तरफ देख कर कर बोली" हूं!." और रोने लगी तभी कायल इत्मीनान से पूछी" फिर भईया आपसे पूछे की वो आ रहा है तो आप क्यू नही बोली!." नैंसी कायल की बात सुन कर नजर छुपा कर रोने लगी और कुछ नही बोली । फिर कायल नैंसी को देखते हुए बोली" क्युकी आप भईया से प्यार करने लगी हो।!." नैंसी रोते हुए बोली" नही कायल ऐसा कुछ नही है!." कायल खड़ा होकर बोली" में जा रही हूं भईया को बताने !." नैंसी खड़ा होकर कायल का हाथ पकड़ कर रोते हुए बोली" नही कायल ऐसा मत करो,प्लीज। सचिन मुझसे प्यार नही करता है!." कायल इतमीनान से बोली" तो क्या हुआ,जानेगा तब ना करेगा!." नैंसी कायल की तरफ देखते हुए बोली" नही प्लीज मैं हाथ जोड़ती हूं। सचिन को कुछ मत बताना प्लीज!." और हाथ जोड़ कर बिस्तर पे बैठ गई। कायल वहा से बाहर जाते हुए बोली" ठीक है मैं नहीं बताऊंगी किसी को, अगर आपको ठोकरे खा कर जीना है तो जियो!." और वहा से निकल गई।

to be continued...

आपको क्या लगता है की कायल को बता देना चाहिए सचिन से की नैंसी आप से मोहब्बत करती है। क्या सचिन सच में दिल्ली छोड़ देगा नैंसी को। नैंसी को ऐसा क्या डर था जिसे नैंसी को बहुत दुख था जानने के लिए पढ़े"खुशी के आंसू" और जुड़े रहिए हमेसा pocket novel पर।