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Chapter 7 - सचिन मारा थापड़,जब नैंसी की परपोज Sachin slapped, when Nancy proposed

रात को तकरीबन 7 PM में सुष्मिता और नैंसी दोनो एक रूम मैं उप्पर बैठा था सब तभी सचिन प्रशान होकर उप्पर गया तो देखा की नैंसी और सुष्मिता दोनो बैठी है तो सचिन रुक कर नैंसी को गौर से देखने लगा और हाफ्ने लगा। तो सुष्मिता सचिन को देख कर बोली" सचिन रुक जा ना। जब बोल रही है तो!." सचिन को कुछ समझ नही आ रहा था फिर सुष्मिता उस रूम से निकल कर किचन में चली गई। तो नैंसी सचिन को देख कर बोली" प्लीज आज भर रुक जाओ ना!." सचिन का नजर नैंसी के होंठ पे टिका था और इतमीनान से मुड़ी हिला कर बोला" हूं, !." और नैंसी खुशी से उछल पड़ी और दौर कर आकर सचिन के गले लग गई। सचिन समझ रहा था की नैंसी मुझे पसंद करने लगी है, और सोच रहा था" i love you Jaan!." तभी सुष्मिता उस रूम का अंदर आ गई और नैंसी सुष्मिता को देख कर झट से हट गई और सुष्मिता सचिन को खा जाने की नजर से देखने लगी । फिर छत पे जाते हुए बोली" इधर आओ?." सचिन नैंसी की तरफ देखा और बोला" में आ रहा हूं!." नैंसी मुड़ी हिला कर बोली" हूं!." और सचिन वहा से छत पे चला गया।

सुष्मिता छत पे इंतजार कर रही थी सचिन का तभी सचिन उप्पर पहुंचा और इतमीनान से डरते हुए बोला" हा सुष्मिता बोलो!." सुष्मिता सचिन को एकटक नजर से घुड़े जा रही थी गुस्सा मैं। तभी सचिन इत्मीनान से बोला" सुष्मिता तुम जो सोच रही हो ऐसा कुछ नही है, मेरे यहां रहने के खुशी में भाऊक होकर गले लग गई है!." सुष्मिता सचिन का बात सुन कर सचिन से चेहरा छुपा ली और इतमीनान से बोली" देखो मुझे सफाई मत दो, आज उसका एक दिन हुआ है यहां रहते हुए। सिर्फ उसी के बारे में बात करते आ रहे हो,कभी हम लोग का आज हालचाल तक नहीं पूछे हो!." सचिन सुष्मिता का बात सुन कर घबरा गया और इतमीनान बोला" देखो अगर तुमको उसे  प्रोब्लम है तो बोलो हम उसको कल यहां से भेज देंगे!." सुष्मिता सचिन का बात सुनकर बोली" नही, सचिन मुझे भी खुशी हुई है की मेरा फ्रेंड तुम जैसा मिला, और लवर को सपोर्ट करते हो!!." फिर सचिन के सामने खड़ा होकर बोली" अगर तुम नैंसी से प्यार करने लगे हो तो मुझे भी कोई प्रोब्लम नही है। क्युकी नैंसी भी बहुत सुंदर और दिल की अच्छी लड़की है!." सचिन,सुष्मिता का बात सुन कर घबरा गया और बोला" प्यार नैंसी से, नही नही! में तो बस उसका मदद करना चाहता हूं! बाकी आगे और कुछ नही है!!." फिर सचिन,सुष्मिता के पास आकर बोला" अगर किसी को मुझसे बात कर के खुशी मिल रही है तो   क्या मेरा बात करना गलत है!." सुष्मिता, सच्ची  के नजर से नजर मिला कर बोली" नही गलत नही है। हो सकता है उसके जिंदगी में तुम्हारे सिवा कोई और नहीं है जो उसको बात कर के खुशी मिलती हो। तुम उसे मिल कर रहो लेकिन एक बातें याद रखना। में तुम्हारी दोस्त हूं कभी छोडूंगी नही तुम्हे!." सचिन,सुष्मिता के सर पे अपना हाथ कर कर कसम खाते हुए बोला" तुम्हारी दोस्ती के कसम बोल रहा हूं। में नैंसी से प्यार नहीं करता हूं!." तभी नैंसी भी छत पे आ गई । सचिन झट से  सुष्मिता के सर से अपना हाथ हटा कर बोला" ऐसे ठीक है तुम खाना बनाओ। हम और नैंसी दोनो बिरिज से घूम कर आ रहा हूं!." सुष्मिता मुड़ी हिला कर बोली" हूं!." और मुस्कुरा दी। और वहा से नीचे जाते हुए बोली" ठीक है इधर चोर डाकू जादा घूमता है ठीक से घूम कर चले आना। सुष्मिता कह कर नीचे उतरी और खीचन मैं चली गई।

नैंसी और सचिन दोनो ब्रिज पे घूम रहे थे एक साथ एक बराबर चल रहे थे नैंसी राइट साइड थी सचिन के। वहा पे सब सुना था कोई नही था दिख नही रहा था और चलते चलते नैंसी,सचिन से बोली" सचिन, पाता नही मैं तुमको किस तरह सुक्रियादा करूं। तूने मुझे इतना साथ दिया!." इतना बोल कर और सचिन के गले लग कर बोली" i really love Sachin!." सचिन, नैंसी के अपने गले से झट से हटाया और जोर का थापड़ मार दिया नैंसी के गाल पे नैंसी अपना गाल पे हाथ रख कर पीछे की तरफ हट गई और अपना मुंह नीचे कर ली।  तभी सचिन को लगा की मैं गलती किया हूं तो सचिन नैंसी से बोला" सॉरी नैंसी, मुझे ऐसा नहीं मरना चाहिए था!." नैंसी अपनी सर उठा कर सचिन को देखी। नैंसी का आंख भर आया था नैंसी सचिन को देखते हुए बोली" कोई बात नही, मुझे तुम्हारा गले नही लगना चाहिए थे!." और फिर पीछे की तरफ घूम कर बोली" मुझे लगा था की कोई तो मुझे समझने लायक मिला है! लेकिन वो मेरा भ्रम था!." नैंसी एक बैठक पे जाकर बैठने लगी तो सचिन पीछे से जाकर बोला" नैंसी, प्लीज बात मानो, पाता नही जब तुम मेरे गले लगी तो, में भाऊक हो गया मुझे समझ नही आया। तुम्हे थापड़ मार दिया!." नैंसी सचिन का बात सुन कर खड़ा होकर आंख मैं आंसु लिए रोते हुए जोर से बोली" अच्छा,अच्छा उस समय जब रूम में भी तो गले लगी थी उस समय भाऊक क्यू नही हुआ!." सचिन नैंसी का बात सुनकर इतमीनान से बोला" नैंसी!." तभी नैंसी बैठ कर बोली" मुझे नही सुनना है कुछ भी। तुम जाओ घूम कर आओ हम यही बैठे है!." सचिन नैंसी का बात सुन कर वहा से अकेले चल दिया। साथ ही सोचते जा रहा था" मैने बहुत गलती कर दिया सायेद नही करना चाहिए था। क्या सोचती होगी मेरे बारे में!." नैंसी वही पे बैठ कर एक लाइट के अंजोरा और रोते हुए सोच रही थी की नैंसी अपने बॉयफ्रेंड से रात को चैटिंग कर रही थी( नैंसी एक रूम मैं बैठ कर अपने फोन से इंस्टाग्राम पे एक लड़का से चैटिंग कर रही थी जिस लड़का का उम्र 23 होगा और अपने प्रोफाइल पे फोटो चिरंजीवी का सेट किया हुआ था और उसका नाम अलोक था तभी नैंसी मैसेज की" क्या कर रहे हो!." दूसरी तरफ से अलोक रिप्लाई दिया" कुछ नही बस तुम्हे बहुत मिस कर रहा हूं!." फिर हस्ते हुए नैंसी मैसेज करी" अच्छा तो फिर मुझे अपने पास ले चलो!." अलोक नैंसी का मैसेज पढ़ कर कुछ देर रिप्लाई नही दिया फिर नैंसी मैसेज करी" हेलो अलोक क्या हुआ? कुछ क्या नही बोल रहे हो?!." अलोक नैंसी का दूसरा मैसेज भी पढ़ कर जवाब नही दिया तभी फिर नैंसी मैसेज की" अच्छा मुझे पता है तुम क्या नही जवाब दे रहे हो!." और फिर 💋 किस का आवाज बोल कर सेंड की" ऊं.. वा!." तभी अलोक उधर से मसाज किया" SAME TO YOU DARLING!." ।तभी नैंसी अलोक का मैसेज पढ़ कर बोली" मुझे भी मन नही लग रहा है क्या तुम आओ ना हमे ले चलो!." तभी दूसरी तरफ से मैसेज आया अलोक का" yes my dear, next weak तुम दिल्ली आ जाना हमको कुछ काम है वही से तुमको लेकर चले आयेंगे!." नैंसी खुशी से मैसेज की" सच्ची my dear!." अलोक दूसरी तरफ से मैसेज किया " yes, ok good night byy!." नैंसी मैसेज की" ओके my sweat heart, byy!." और अलोक फिर ऑफलाइन ही गया और नैंसी अपना फोन को अपने छाती से साट कर सोचने लगी" मां मुझे छम्मा कर देना हम!." और उठ कर अपने मरी हुई मां के फोटो के आगे हाथ जोड़ कर प्रणाम किया तो उस फोटो के उपर से एक फुल गिरा इस फूल को नैंसी उठा और और रोते हुए बोली" थैंक यू मां!." और नैंसी अपने ख्वाब से हटी और अपने आंख का आंसु पोछी तभी एक दो गुंडा आकर नैंसी के गर्दन से चैन खींच कर भागने लगा। जिधर सचिन walk कर रहा था उधर ही।सचिन पूरा टेंशन मैं था की नैंसी हमसे नाराज हो गई सायेद। वो गुंडा उधर ही भागने लगा और नैंसी भी उस गुंडा को पीछे करने लगी और जोर जोर से चिलते जा रही थी" ये, वो चैन छोड़ दे। सचिन सचिन!." सचिन तो नैंसी को थापड़ मारा था तो उसको उस गलती का एहसास हो रहा था।

to be continued...

क्या होगा अब आगे इस कहानी में क्या सचिन अपनी गलती के ख्वाब से बाहर आकर नैंसी को बचाएगा क्या नैंसी का चैन वापस लाएगा सचिन क्या सचिन भी नैंसी से मोहब्बत करेगा। क्या सचिन नैंसी का वो रिंग देगा जो उसको मिला था। नैंसी का राज क्या है जानने के लिए पढ़े "खुशी के आंसु" और जुड़े रहिए हमेसा pocket novel पर।