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Chapter 57 - कब्रिस्तान

विकट देव अब 21 वे दर्जे पर था। 26 वे दर्जे के राक्षसों को मारने से उसे सबसे ज्यादा अनुभव मिलता। पर ये और ज्यादा कुछ नहीं देगा। हर ऊंचे दर्जे के साथ अनुभव 2% बढ़ जाता था, तो 5 दर्जे के अंतर से 10% अनुभव बढ़ जाता। हालांकि इन पांचों दर्जो में बढ़ने वाली मुश्किलें 10% जितनी आसान नहीं थी। इसके साथ, अगर खिलाड़ी अकेले दर्जा बढ़ाना चाहे, बिना खतरों की बात करे, 10% का फायदा दिखता नहीं था क्योंकि अनुभव पाने के लिए बहुत समय लगता था। इसका असर साथ वाले दर्जे के राक्षसों को मारने से भी कम होता।

पर अभी की स्थिति खास थी। ये क्सिउ ने ऊंचे दर्जे के राक्षस को मारने को छोड़े, थोड़े से अनुभव की फिक्र नहीं की। इसके बदले, उसने भीड़ भरी जगह को नजरअंदाज कर, दर्जे बढ़ाने के लिए, एक शांत जगह खोजने लगा। अपने इक्विपमेंट को संभालने के बाद, ये क्सिउ ने विकट देव को 23 वे से 26 वे दर्जे में पहुँचा दिया।

जगह: कब्रिस्तान

कब्रिस्तान सिर्फ एक दर्जा बढ़ाने वाली जगह का नाम नहीं था। ये एक कोठरी का भी नाम था। ये जमे हुए जंगल की तरह ही था। जमे हुए जंगल के बाहर की जगह 20 से 23 वे दर्जे, दर्जा बढ़ाने वाली जगह थी और वहाँ बड़ी तादाद में बड़े राक्षस थे। जंगल के अंदर जमे हुए जंगल मे घुसने का रास्ता था। इसी तरह कब्रिस्तान में 23 से 27 वे दर्जे में कब्रिस्तान की कोठरी थी।

नील नदी संघ के नीलधारा जैसे बड़े दर्जे के खिलाड़ियों ने पहले ही कब्रिस्तान की कोठरियों पर कब्जा कर लिया था। कीर्तिमान दिखाते थे कि भयावह महत्वाकांक्षा के दल ने सबसे पहले कब्रिस्तान पार किया था। ये क्सिउ ने देखा की अनंत रात का नाम वहाँ था। कल रात के बाकी तीन साथियों का नाम वहाँ नहीं थे। ऐसा लग रहा था कि वो भयावह महत्वकांक्षा के पहले दर्जे के पात्र नहीं थे। कब्रिस्तान को पार करने का कीर्तिमान पहले ही 4 बार टूट चुका था। नया कीर्तिमान, इस वक्त औषधि उद्यान के नाम था।

जहाँ तक कब्रिस्तान के 3 छिपे हुए सरगना का सवाल था, नील नदी संघ ने पहले दो को पार किया था। ऐसा लगता था कि इन कोठरियों के कीर्तिमान इन्ही तीन महान संघों के नाम लिखा था।

ये क्सिउ ने इन सब पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया। विकट देव तेजी से कब्रिस्तान पहुँचा और देखा कि वहाँ बहुत ज्यादा खिलाड़ी नहीं थे। इस समय, 21 वे दर्जे के ज्यादातर खिलाड़ी जमे हुए जंगल में राक्षसों को मारने में बिखरे हुए थे। 22वे और 23 वे दर्जे पर राक्षस उन्हें पहले से ही दबाए हुए थे। कब्रिस्तान के राक्षसों का दबाव और ज्यादा होता था।

राक्षसों को साफ करने के लिए एक अच्छी जगह चुनने के बाद, विकट देव ने बहुरंगी छाता लहराया। वो युद्ध भाले में बदल गया और अपने रास्ते मे आने वाले सभी राक्षसों को मारता चल पड़ा। बहुरंगी छाते में 8 बागड़ बिल्ले के नाखून जड़े हुए थे, जिसके कारण भाले को एक नई नोक मिल गयी थी। बदले हुए नए धुरे से भाले का दर्जा बढ़कर 15 वा हो गया था। इसके अलावा उसका असली रूप और दूसरे वर्ग के हथियार के रूप अभी भी 15 वे दर्जे के थे और साफ तौर पर उनकी तुलना बढ़ी हुई क्षमता के भाले से नहीं की जा सकती थी।

कब्रिस्तान के राक्षस वैसे ही थे, जैसे कंकालों के श्मशान के थे। वो न मरने वाले राक्षस थे। जॉम्बीज, कंकाल, कंकालों के धनुर्धर, मायावी कंकाल इत्यादि। ये 23-26 वे दर्जे में थे। इनका मुख्य गुण था कि इनकी नुकसान करने की ताकत और खुद की रक्षा करने की ताकत बहुत ज्यादा होती थी, पर चलते बहुत धीमे थे।

ये क्सिउ की कुशलता के साथ, ये न खेलने वाले पात्र कोई मुश्किल नहीं थे। विकट देव को आगे बढ़ने से रोकने के लिए, उसने एक जगह चुनी और वहाँ राक्षसों को मारने लगा।

ये क्सिउ बड़े आराम से मार रहा था। वो बिना मतलब के बड़े हमले, लड़ाई, पीछे से वार और प्रभाव बढ़ाने वाले हमले नहीं कर रहा था। इस तरह के तकनीकी हरकतों को पूरी तरह से इस्तेमाल करने के लिए, उसे ध्यान देने की जरूरत थी, तेज चलना, बहुत हल्की सी तेजी और इस तरह की चीजों ने उसके शक्ति छीन ली। वो बस दर्जे बढ़ाना चाहता था। ये क्सिउ लड़ने की योजना नहीं बना रहा था जैसे की वो प्रोफेशनल अलायन्स के फाइनल में हो। 

लड़ना और आराम करना, विकट देव ने भले ही तेजी से राक्षस न मारे हो, पर वो बहुत स्थिर था। हमलों की तुलना में, ये क्सिउ ने ज्यादा ध्यान झुककर बचने पर किया, जिससे उसे कभी भागकर आराम करने न जाना पड़े क्योंकि उसकी जीवन रेखा कम थी। माना खत्म होने पर ही उसने एक बार आराम मिया था।

ग्लोरी में, खाना और पतली दवाएं संभलने का तरीका था। खाना कभी ठंडा नहीं पड़ता था पर लड़ाई में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था। वो बहुत जल्दी भरता था और वापसी में भी बहुत मदद करता था। पतली दवाएं खाने जितनी असरदार नहीं थी, पर उसे लड़ाई में इस्तेमाल किया जा सकता था। जरूरत पड़ने पर, उसे आखिरी उपचार की तरह इस्तेमाल किया जा सकता था पर पतली दवा जितनी अच्छी होती थी उनका ठंडा होने का समय भी उतना ही ज्यादा था। इससे भी ज्यादा, एक तरह की पतली दवाओं का ठंडा होने का असर भी एक जैसा था, इसलिए अलग अलग दर्जे की बहुत सी दवाएं, एक साथ पी भी नहीं जा सकती।

न खेलने वाले खिलाड़ियों का खाना और दवा बिकते थे, पर वो निचले दर्जे के थे और बहुत महंगे थे। राक्षसों को मारकर लेने के अलावा, कुछ रसोइए खाना बना कर और दवाओं के जानकार दवा बनाकर, एक और रोजगार चलाते थे। हर खिलाड़ी दो रोजगार अपना सकते थे, पर सिर्फ एक मे ही आगे बढ़ सकते थे। एक बार खिलाड़ी 50 वे दर्जे पर पहुँच जाए तो दूसरे दर्जों में ऊपर तभी बढ़ सकते थे, जब रोजगार में आगे बढ़ने की चुनौती पूरी कर ले।

इस समय, नए सर्वर पर खेलते, बस दो दिन हुए थे। बड़े संघों के अलावा किसी ने भी दूसरे रोजगार के लिए कुशलता सीखना शुरू नहीं किया था। हर बड़े संघ का रसोइया और दवा का जानकार अभी भी अपने ही संघ को पूरी मात्रा में सामान उपलब्ध नहीं करा पा रहे थे, इसलिए वो सामान बाहर बाजार में नहीं बेच रहे थे। खिलाड़ी अपने गुस्से को दबाकर नहीं खेलने वाले खिलाड़ियों से महंगे दामो पर सामान ले रहे थे। राक्षसों को मारकर और चुनौती को पूरा करके जो थोड़े पैसे इकट्ठा किये थे, वो सब दवाओं में खर्च हो जा रहे थे।

ये क्सिउ भी लोगो से अलग नहीं था। खेल की शुरुआत में इस तरह का निवेश बहुत जरूरी होता था। पर अपनी अद्वितीय कुशलता के जरिये, दवाओं और खाने पर खर्चा न करके, वो काफी हद तक बचत कर लेता था। उसके पैसे जादुई ताकतों से बचने पर ज्यादा खर्च होते थे। वो आम खिलाड़ियों की तुलना में काफी कंजूस था।

एक घण्टे तक राक्षसों को मारने के बाद, विकट देव फिर से लड़ाई से बच गया और जादुई वार से बचने के लिए फिर दवा पी। ये क्सिउ ने आराम करने के लिए एक सिगरेट भी जलाई। जैसे ही उसने ऐसा किया, एक सन्देश उभर के आया। उसे खोलकर देखने पर पता चला कि वह सिस्टम की तरफ से था: हल्की धुँध ने आपका अनुरोध स्वीकार कर लिया।

एक घण्टे बाद, टांग रोउ को आखिरकार ये क्सिउ का अनुरोध मिला। एक और सन्देश भेजा गया: "माफी चाहूंगी, मैंने बस अभी देखा"

टांग रोउ और चेन गुओ सही में अलग था।

वो चेन गुओ की तरह नहीं थी, जो हमेशा दोस्त बनाने के लिए चौकन्नी रहे। वो लोगो से बहुत गर्मजोशी से नहीं मिलती थी, पर आपको अलग भी महसूस नहीं होने देती थी। जब आप बोलते थे, तो आपको महसूस होगा कि वो आपको ध्यान से सुन रही थी; जब वो बोलती थी तो आपको लगता था कि वो आपसे ही बोल रही थी। चेन गुओ अगर लोगों से बात करे तो काफी जंगली और सड़कछाप लगता था पर टांग रोउ पढ़ी लिखी, सही से, खुद से मतलब रखने वाली और शांत किस्म की थी।

जब अपना आपा खो कर वो गुस्से में बार बार "फिर से" कह रही थी, उसके अलावा ये क्सिउ को, उसमे कोई कमी नहीं दिखी।

ये क्सिउ को विश्वास था कि ये लड़की की जरूर कोई कहानी थी। इस तरह का खुद पर काबू और धैर्य, अच्छी शिक्षा का नतीजा था। इसके साथ ही उसके पास हाथों की तेज रफ्तार थी।

जब ये क्सिउ ने उससे उसके हाथों की रफ्तार के बारे में पूछा था, तो वो झिझक गयी थी। इसी से वो जान गया था कि ये उसकी जन्मजात कुशलता नहीं, बल्कि अभ्यास का नतीजा था। ये उसके हाथों से भी ये देखा जा सकता था। वो बिल्कुल ये क्सिउ की तरह थी। वो अपने हाथों को लेकर बहुत सावधान थे और उसका बहुत ध्यान देती थी।

ये क्सिउ को यकीन था कि ये हाथ खेल कर अभ्यास करने वाले नहीं थे। पेशेवर खिलाड़ियों के दाएं और बाएं हाथ बिल्कुल एक से नहीं होते थे क्योंकि ज्यादातर पेशेवर खिलाड़ी बाएं हाथ से कीबोर्ड और दाएं हाथ से माउस इस्तेमाल करते थे। दोनो हाथ बिल्कुल अगली तरह से चलते थे। पर टांग रोउ के दाएं और बाएं हाथ की हरकत अद्भुत रूप से एक बराबर थे और स्थिर थे। इसके कारण उसके दाएं और बाएं के हाथ बीच खेल में सामंजस्य नहीं था।

अगर उसका अंदाज सही था, तो ये क्सिउ को विश्वास था कि ये हाथों की तेज हरकत किसी यंत्र को बजाने के कारण था।

"इससे फर्क नहीं पड़ता। अगर तुम्हें कोई सवाल हो तो सन्देश भेजना" ये क्सिउ ने देखा कि टांग रोउ साधारण नहीं थी पर उसे उसके अतीत में झांकने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। सही में, अभी उसे खुद जानना था कि वो खुद भविष्य में किस रास्ते पर जाने वाले था!

टांग रोउ का संदेश बन्द करने के बाद ये क्सिउ विकट देव को फिर से राक्षसों को मारने के लिए भेजने वाला था कि अचानक उसने हेडफोन पर कदमों की आहट सुनी। कोई हल्के से विकट देव के पास से गुजरा। खम्बे की एक लहर के साथ, वो राक्षस जिस पर विकट देव हमला करने वाला था, वो हवा में उड़ चुका था।