"क्या सभी जगह एक सी नहीं होती?" ये क्सिउ ने शराफत के साथ जवाब दिया।
"पर थोड़ी ही देर में वहाँ कुछ हो सकता है, तो यही बेहतर रहेगा कि तुम इन सबसे दूर रहो" अनंत रात ने कहा।
नीलधारा का दिल तेजी से धड़क रहा था। ये शब्द जरूर ही नील नदी संघ को सुनाने के लिए कहे गए थे। सतह पर इसका मतलब निकालकर, इन शब्दों ने सुझाया कि भयावह महत्वाकांक्षा और औषधि उद्यान ने पहले ही हाथ मिला लिया था। नील नदी संघ को उनसे बात करने में दिक्कत होती।
"ओह? मैंने कैसे ये सुना कि वो जगह सुरक्षित नहीं थी?" नील नदी संघ के गोलू नाविक ने कहा।
मनोवैज्ञानिक युद्ध
उल्टा मनोवैज्ञानिक युद्ध
उल्टे के उल्टा मनोवैज्ञानिक युद्ध
जब तीनों महान संघ लड़ते थे, तो अक्सर ऐसे हालात में फंस जाते थे। इन सबसे नीलधारा को झुंझलाहट होती थी, इसलिए वो स्थिर रहना पसंद करता था, बिना चेहरे पर कोई भाव लाये और वो औरों को दिक्कत से निपटने का मौका देता था।
"ओह, तो ऐसा है? मुझे ये मत बताना की औषधि उद्यान हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा रहा? क्या हमारे लिए हाथ मिलाना, बेहतर नहीं होगा" अनंत रात ने कहा।
हाथ मिलाए या हाथ न मिलाये, यही सवाल था।
नीलधारा को लगा कि उसका सर में दर्द होने लगा था। उसने दोनों संघों के नेताओं को सन्देश भेजा, "तुम लोग क्या कर रहे हो? तुम दोनों ही चले आये"
औषधि उद्यान संघ के नेता पेड़ के अंकुर ने जवाब दिया, "मैंने अभी तक कुछ नहीं किया"
भयावह महत्वाकांक्षा संघ के नेता शीत रात ने जवाब दिया, "क्या मैंने पहले ही किसी को नहीं भेज दिया?"
दोनों ही साथ नहीं दे रहे थे। नीलधारा का सर फटने लगा। सही में, उसने उम्मीद की थी तीनों ही लोग अपने-अपने प्रतिनिधि भेजेंगे और सभी अक्कड़ बक्कड़ करके खेल लेंगे, पर वो जानता था कि ये नहीं होने वाला था। अगर सब तैयार भी हो जाये तो अंत में कोई न कोई दुश्मनी भरा रवैया अपना लेगा। जीतने वाला चूहे की तरह होगा जिसका पीछा बिल्ली कर रही होगी जो खुद कुत्ते के पीछे खड़े होने से अनजान होगी। जीतने वाला सिर्फ इंतजार कर रहा होगा कि पीठ पर वार करे। उसे नहीं याद था कि इस तरह की स्थिति कितनी बार बन चुकी थी। अंत में, सारे विजेता बहुत ही सावधान थे और फिर अचानक वो दाएं बगल से बाएं बगल और फिर दाएं बदलते जा रहे थे। शुरुआत में जो तय हुआ था, वो कुछ न तय होने के बराबर था। समय बर्बाद करने में क्या फायदा था?
तीनों महान संघ को अपनी बाहरी छवि की भी खास फिक्र थी। उनके शब्दों की कीमत थी और उनकी छवि बेहतरीन।
पर जब तीनों आपस में खेल रहे होते थे तो जो भी छला जा सकने वाला, बेशर्म तरीका हो सकता था, सब सामने आ जाता। विश्वास और वादे सब काले बादल की तरह थे।
ये सब इसलिए क्योंकि उनकी सच्ची रुचि अपने सारे प्रतिद्वंदियों से जीतने में थी।
अगर सब इस बात पर राजी भी हो जाते कि सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाने वाला विजेता होगा तो भी नीलधारा उनकी बातों पर विश्वास न करता। उसे विश्वास था कि एक बार जो दल पीछे रह जाता था तो वो जरूर धोखा देता था। उसे पता था कि जितनी बार भी उसने जंगली सरगना का शिकार किया था, बहुत से खिलाड़ी मारे गए थे।
इसी समय, नीलधारा ने कोठरियों की याद ताजा की। उसकी तुलना अगर जंगली सरगनाओं से करे, तो कोठरियां चाहे जितनी भी कठिन क्यों न रही हो, वो काफी आरामदायक थी।
उन्हें कभी भी एक दूसरे की मदद की जरूरत नहीं पड़ी थी। वो या तो एक दूसरे की जासूसी करते थे या एक दूसरे की रक्षा। ऐसा रिश्ता था तीनों संघो के बीच।
ये देखकर की अनंत रात अभी भी बातें कर रहा था, नीलधारा अपनी तलवार के साथ तैयार था। दरअसल जब उसने बाकी दो संघो के नेताओं को बुलाया तो उसके भी कोई अच्छे ख्यालात नहीं थे। किसी भी तरह से, हर कोई बेशर्म था, तो उन दोनों ने आगे आने की हिम्मत नहीं की, और जहाँ थे, वही रहे। वो दोनों नहीं आये, बस परेशान करने वाला अनंत रात आया। नीलधारा को लगा कि वो उसे जाकर मार दे और बात खत्म हो। सब लोग एक दूसरे के लिये आपसी सम्बन्ध पहले ही समझ चुके थे।
पर उसने अचानक ये क्सिउ को कहते सुना, "क्या वो सहस्त्र रचना नहीं है?"
नीलधारा ने ये सुना और चौंक गया। उसने पलटकर देखा। एक खिलाड़ी, अपने पैरों के नीचे जादुई हलचल के साथ एक खम्भा थामें, बिना किसी से कुछ कहे, सरगना की ओर तेजी से भागने लगा।
नीलधारा को उसकी सहायता करने का कोई विचार नहीं आया। वो एक अमर्यादित, दल की भावना के विपरीत खेलने वाला खिलाड़ी था।
"मैं उसकी मदद करने जा रहा हूँ"
नीलधारा ने सोचा भी नहीं था कि विकट देव अचानक ये कहेगा और फिर भाग पड़ेगा। ये कुछ ऐसा था जिसे वो चाह कर भी सम्भाल नहीं सकता था।
"हे, हे तुम भाग क्यो रहे हो? मेरी बात अभी खत्म नहीं हुई है" अनंत रात अभी भी बात कर रहा था।
नीलधारा ने अचानक तलवार की धार कुशलता का प्रयोग करके तलवार निकाली और उस आदमी पर चलाई। वो नहीं जानता था कि कैसे, पर अनंत रात इसके लिए तैयार था और पीछे की ओर लुढ़कते हुए, तलवार से बच गया।
"ओह! तो इस भव्य संघ के नेता छिपकर वार करते है" अनंत रात ने चिढ़ाते हुए कहा।
नीलधारा हिल गया। तुरन्त ही, बहुत से खिलाड़ी जो उसके पीछे थे दौड़ कर सामने आ गए और हमला करने लगे, पर अनंत रात पहले ही बच चुका था। भयावह महत्वाकांक्षा ने तुरन्त ही लोगों को बुला लिया तो नील नदी संघ भी तुरन्त ही पीछे हट गया।
वो भयावह महत्वाकांक्षा से भिड़ना नहीं चाहते थे। औषधि उद्यान अभी भी उनके बगल था।
तीनों महान संघो ने एक दूसरे को रोक लिया। आपस में उलझे हुए, किसी ने भी बिना सोचे कोई भी कदम नहीं उठाया। आगे या पीछे न हिल पाने की अवस्था में, और खिलाड़ी मैदान में लड़ते हुए मारे गए। एक पार्टी जो पहले 10 सदस्य के साथ आई थी, वो अब 5 की रह गयी थी। आधे मर गए थे।
"तुम लोग यहाँ खड़े होकर क्यो देख रहे हो। जल्दी करो और मारो"
विकट देव जब नजदीक पहुँचा तो ये क्सिउ ने 5 खिलाड़ियों को चिल्लाते सुना।
उन्हें साफ तौर से हालात समझ नहीं आये और न ही तीनों संघो की आपसी रंजिश।
पर कोई फर्क नहीं पड़ता था कि ये तीनों महान संघ आपस में कितना उलझे थे, ये पांच मरने की कगार पर थे।
अगर वो खूनी बन्दूकबाज को मार नहीं पाते है, तो वो मर जायेंगे। अगर खूनी बन्दूकबाज को मार देते है तो और बुरी मौत मरेंगे। तीनों महान संघों ने कुछ नहीं किया क्योंकि ये सब पहले वाली पार्टी से थे। उनके पास खूनी बन्दूकबाज को मारने की ताकत नहीं थी।
"पार्टी से जुड़ जाओ" इस समय, पांचों ने चिल्लाकर सहस्त्र रचना को आवाज दी। सहस्त्र रचना 6 वा खिलाड़ी था जिसने मैदान में लड़ाई में हिस्सा लिया था। उन्होंने तुरन्त ही उसे आमंत्रण भेजा पर उस आदमी ने सही में नकार दिया।
"मैं आ रहा हूँ" विकट देव भाग कर आगे गया। ये क्सिउ ने चिल्लाया और उसी समय उसने नीलधारा की पार्टी आराम से छोड़ दी।
"वो क्या सोच रहा है?" नीलधारा थोड़ा खो सा गया था। उसके खोने की वजह विकट देव का तेजी से आगे भागना था। फिर अचानक उसने पार्टी छोड़ दी। ये देखकर की वो अचानक ही उस अजनबी पार्टी से जुड़ना चाहता है, इसे बात ने उसे और भटका दिया।
"अगर विकट देव सरगना को मारेगा तो क्या हम शिकार चुरायेंगे या नहीं" गोलू नाविक ने अचानक कहा।
नील धारा अनंत में घूरने लगा।
क्या ऐसा हो सकता है कि ये आदमी इस बात का फायदा उठाना चाहता था कि सभी महान संघ उसे काफी इज्जत देते थे और उससे सरगना नहीं चुरायेंगे?
ये ख्याल काफी नौसिखिया से था। हालांकि तीन महान संघ उसकी बहुत इज्जत करते थे और कई मुद्दों पर पीछे हटने को तैयार थे, ये अकेला ऐसा मुद्दा था जब तीनो महान संघ आगे आये। पर इस समय उसने आगे बढ़ कर कमान संभाली थी और तीनों महान संघों की मंशा का इस्तेमाल उन्हें रोकने में करने वाला था। ये काफी बदले हुए हालात थे।
इस तरह की मजबूर करने वाली बातें कोई स्वीकार नहीं करेगा, इसमे तीनों महान संघो का जिक्र भी मायने नहीं रखता था। वैसे तो वे सब ध्यान रखने वाले, विनम्र, और बाहर से आदरपूर्वक थे, पर अगर कोई उनके खिलाफ साजिश करेगा तो कौन इसे सहन करेगा?
सहस्त्र रचना हर तरफ पैंतरे आजमा रहा था, एक मौके के इंतजार में।
पांचों खिलाड़ी दरअसल खूनी बन्दूकबाज द्वारा खदेड़े गए थे और उन पर हमला किया गया था।
पर विकट देव के आते ही सब कुछ तुरन्त ही बदलने लगा।
तेजी से हरकत करने वाला खूनी बन्दूकबाज आश्चर्यजनक रूप से उसके द्वारा पकड़ लिया गया। आकाशीय आक्रमण के साथ खूनी बन्दूकबाज हवा में उड़ गया। ये वो हमला था जो करने का मौका, सहस्त्र धारा को, इतनी लड़ाई के बाद भी, नहीं मिला था।
गिरते हुए फूलों का पंजा!
खूनी बन्दूकबाज उड़ चुका था। ये एक जंगली सरगना था। आकाशीय आक्रमण से वो बहुत ऊपर नहीं गया। अगर ये कोई और होता जिसने गिरते हुए फूलों का पंजा इस्तेमाल किया होता तो उसे आकाशीय आक्रमण में दिक्कत आती।
उड़ जाने का प्रभाव हवाई आक्रमण में और बढ़ गया।
जितना ऊपर वो था, उतना ही ज्यादा बढ़ोतरी। क्योंकि खूनी बन्दूकबाज काफी ऊपर जा चुका था, आकाशीय आक्रमण के अन्य प्रभावों की सीमा थी।
उसकी काया हिली और अचानक, दो विकेट देव दिखे। एक सही जगह पर, जबकि दूसरा खूनी बन्दूकबाज के पीछे।
परछाई से क्लोन बनाने की तकनीक
खूनी बन्दूकबाज के पीछे खड़ा शरीर असली था। उसने तुरन्त खूनी बन्दूकबाज को पकड़ा और फेंक दिया।
कुश्ती का कौशल: पटकना
खूनी बन्दूकबाज एक बार फिर फेंक दिया गया था।
औषधि उद्यान के खिलाड़ी अचानक हैरान थे। खूनी बन्दूकबाज उनके करीब क्यो आता जा रहा था?