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Chapter 63 - एग्ग का शिकार (3)

खूनी बन्दूकबाज का वार औषधि उद्यान के लिए काफी नहीं था। दरअसल, अब तक उससे बहुत अधिक नुकसान हुआ नहीं था। विकट देव से तीन वार: आकाशीय आक्रमण, गिरते हुए फूलों का पंजा और पटखनी, झेलने के बाद, उसका वार खुद ही विकट देव की ओर था। एक बार जमीन पर फेंकने के बाद, वो गिरा नहीं। वो लुढ़कते हुए, उठ गया।

ये कुशलता त्वरित ठीक होना थी। ये एक सामान्य कुशलता थी जो आराम से दौड़ते हुए लुढ़कने जैसा ही था। इसे सीखने के बाद इस्तेमाल किया जा सकता था। जिस लम्हे पर खिलाड़ी जमीन पर गिरा, वो तुरन्त ही लुढ़क गया। इस तरह, खिलाड़ी गिरने के बदले सीधा उछल जाता था।

इस कुशलता के लिए कुछ खास तकनीक का इस्तेमाल होता था। जब खिलाड़ी जमीन को छूता था, तो उसे तुरन्त ही लुढ़क कर त्वरित ठीक होना था। कुछ और कुशलता थी जहाँ त्वरित ठीक होना काम नहीं करता था। उदाहरण के लिए, मायावी युद्ध का गोल झूला, कुश्ती का धोबी पछाड़, बन्दूकबाज का पीड़क, त्वरित ठीक होने को नकार देता था।

खूनी बन्दूकबाज भी त्वरित ठीक हो सकता था, पर उसके पास अब जाकर मौका आया था। इस समय, विकट देव के तीन वार के बाद, वो त्वरित ठीक हुआ और बंदूक उठा ली, गोली चलाने के लिए।

बंदूक चलने की आवाज हुई खूनी बन्दूकबाज का दायाँ हाथ, जिसमे बंदूक थी, वो पीछे की ओर हुआ। बंदूक की नली से पहली चिंगारी के बाद, दूसरी बार बंदूक चलने की आवाज आई।

"धत्त" औषधि उद्यान के एक खिलाड़ी ने डर कर चिल्लाया और तुरन्त ही झुक गया। गोली उसके सर को छूती हुई निकल गयी। तभी उसने पीछे से दूसरी आवाज सुनी "धत्त"। दूसरे खिलाड़ी को झुकने का मौका नहीं मिला और गोली उसके बीच माथे में जाकर लगी। खून का फव्वारा बहने लगा और उसका जीवन आधा हो गया। औषधि उद्यान का पंडित तुरन्त उसे बचाने गया। पर इस समय, किसी ने भी तेज जवाब नहीं दिया जब खूनी बन्दूकबाज ने उनके तरफ बंदूक लहराई।

पर नील नदी संघ के नजरिये से वो सब साफ देख सकते थे। अभी-अभी विकट देव ने खूनी बन्दूकबाज को पटखनी दी थी, एक बंदूक उसके हाथ में लहराई। पहली गोली खूनी बन्दूकबाज ने नहीं चलाई थी, वो विकट देव की बंदूक से चली थी। इस बंदूक से खूनी बन्दूकबाज के दाहिने हाथ पर लगी, जिससे खूनी बन्दूकबाज की बंदूक उल्टी लहरा गयी। क्या ये इत्तेफाक था? या ये सोची समझी चाल थी? नील नदी संघ के खिलाड़ी जान नहीं पाए। पर वो नहीं जानते थी कि ये वार हमला और बचाव दोनों था। उसने सिर्फ खूनी बन्दूकबाज के हाथ पर ही वार नहीं किया था, उसने खूनी बन्दूकबाज के फिर से हमले की उम्मीद को भी खत्म कर दिया था। जहाँ तक औषधि उद्यान के खिलाड़ी के सर पर गोली लगने का सवाल था, वो इत्तेफाक हो सकता था।

पर इस इत्तेफाक से भी नील नदी संघ के खिलाड़ी बहुत खुश थे।

"वो करना क्या चाह रहा है?" जब बाकी खिलाड़ी औषधि उद्यान के खिलाड़ी के घायल होने पर खुश थे, जिसे गलती से गोली लगी थी, गोलू नाविक गुस्सा था क्योंकि वो विकट देव की मंशा समझ नहीं पा रहा था।

"क्या वो सही में खूनी बन्दूकबाज को हम सबके सामने हरा देगा?" फूलों की लालटेन ने कहा।

दोनो ही नीलधारा की ओर बढ़े।

"धत्त, हवाई गोल झूला, बेहतरीन" दोनो जैसे ही नीलधारा के पास पहुँचे, उसे कहते सुना।

वो दोनो बेबस थे। क्या ये सही समय था, उसकी कुशलता की तारीफ करने का?

नीलधारा को जगाने के बाद, नीलधारा ने इस मुद्दे को समझा तो, पर बेबसी से कहा, "अगर दूसरे संघ वाले नहीं आगे बढ़ रहे, तो हम कैसे?"

गोलू नाविक चौंक गया।

"क्या ये आदमी इस समय का फायदा उठाना चाहता था, जब बाकी तीनो संघ एक दूसरे को रोके खड़े थे, बजाय असभ्यता से शिकार चुराने के" गोलू नाविक ने कहा।

नीलधारा ने बाएं औषधि उद्यान को देखा। फिर दायीं ओर भयावह महत्वाकांक्षा को देखा। उसने पाया कि बाकी दोनो संघ के नेता भी पागलों की तरह दाएं बाएं देख रहे थे। साफ तौर पर वे भी उसकी ही तरह थे, बाकी दोनो संघो की हरकत पर ध्यान दे रहे थे।

जरूर! इस क्षण तीनों संघो में से किसी ने भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं दिखाई।

ऐसा इसलिए था क्योंकि जो भी आगे बढ़ेगा वो चूहा होगा जिसका इंतजार बिल्ली कर रही होगी। पर उन सब के पीछे एक बड़ा कुत्ता भी होगा। नहीं, उन में से दो को सही होना था।

"ये..." नीलधारा ने पाया कि ये असमंजस की स्थिति बहुत अजीब थी।

उसने तुरन्त ही औषधि उद्यान और भयावह महत्वाकांक्षा को सन्देश भेजा, "तुम दोनों! क्या हम यहाँ खड़े होकर सरगना के टुकड़े होने का इंतजार करेंगे?"

"पुराने साथी नील, तुमने आखिरकार कपट सीख ही लिया?" पेड़ के अंकुर ने कहा।

"मुझे तो नहीं करना है। बेहतर होगा कि नील नदी संघ जल्दी करे और सरगना को पकड़े, जबकि मेरी भयावह महत्वाकांक्षा दायरे के बाहर ही इंतजार करेगी और स्थिति को भी काबू में रखेगी, क्या कहते ही?" भयावह महत्वाकांक्षा के शीत रात ने कहा।

नीलधारा मौन हो गया। औषधि उद्यान और भयावह महत्वाकांक्षा पर उसे बिल्कुल भी भरोसा नहीं था। सबसे अहम बात जिसने दोनों समूह के फैसले को प्रभावित किया, वो ये कि उन्हें विकट देव की ताकत का अंदाजा नहीं था; उन्हें विश्वास नहीं था कि वो अकेले खूनी बन्दूकबाज को मार देगा।

पर अब जब वो शान्त रहता था और उसके बारे में सोचता था, तो उसे लगता था कि ये भी एक मुद्दा था।

वैसे तो वो और विकट देव ने एक कोठरी का कीर्तिमान स्थापित किया था और उसने सीधे विकट देव की ताकत देखी थी। वैसे तो विकट देव अपनी कुशलता के बल पर खूनी बन्दूकबाज से लड़ रहा था, पर कोई भी अकेले खूनी बन्दूकबाज को नहीं मार सकता।

ऐसा इसलिए था क्योंकि उनका काला जादू वाकई उसे सम्भाल नहीं सकता था।

खूनी बन्दूकबाज की जीवन रेखा के साथ ही खिलाड़ी का इस दर्जे पर डी. पी.एस, कोई तरीका नहीं था कि बिना काले जादू के खूनी बन्दूकबाज को हराया जा सके। अगर वो पूरी दवाई का जखीरा लेकर भी चले तो भी वो ये नहीं कर सकते थे। ये देखकर की विकट देव ने इतनी तेज गति से नुकसान पहुँचाया था, उन्हें समझ आ गया था कि पहले दर्जे की दवाएं यहाँ काम नहीं करेंगी।

कुशलता बिना काले जादू के काम नहीं करती। अगर एक खिलाड़ी अपनी कुशलता का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है, तो आम आक्रमण से सरगना को नहीं हराया जा सकता। जब कुशलता और आम आक्रमण की तुलना की जाए तो बहुत ज्यादा नुकसान के अलावा, उनमे मुख्य अंतर भीड़ को सम्भालना था।

उदाहरण के लिए, आकाशीय आक्रमण का चित्त कर देना, नागदंत का छोटा बन्धन, गिरते हुए फूलों के पंजे का उड़ा देना, गोल झूले त्वरित ठीक न होने वाली फेंक। इस तरह के खास प्रभाव आम आक्रमण से नहीं आ सकते थे और इसका प्रभाव विपक्षी की हरकतों को संभालने में भी होता था।

ये सोचकर नीलधारा अचानक शांत पड़ गया। जरूर ही, औषधि उद्यान और भयावह महत्वाकांक्षा बड़े खतरे थे। वो बेबस था और दाएं, बाएं देखे जा रहा था।

पांच सामान्य खिलाड़ी जो अभी मैदान में थे, उन्हें मरा हुआ ही माना जा रहा था, इतना ज्यादा की नीलधारा ने सोचा भी नहीं था कि विकट देव उनसे जुड़ जाएगा। जब विकट देव ने यहाँ छोड़ा, उसके पास रोकने का कोई तरीका नहीं था, तो उसने सहस्त्र धारा को बुलाया और पार्टी में जोड़ लिया।

शायद ये क्सिउ अकेला खिलाड़ी था जो उन पांच को देख पा रहा था।।

ये लगातार चेन से हमले, जो ये पांच खिलाड़ी करने में असमर्थ थे, ने उन खिलाड़ियों को मूक बना दिया था। विकट देव ने अचानक गोल झूला का इस्तेमाल किया जिससे खूनी बन्दूकबाज उन पांचों के सामने आ गिरा।

"अभी भी देख रहे हो? मारो" ये क्सिउ चिल्लाया।

पांचों खिलाड़ी तुरन्त उठे और जल्दी से जाकर बन्दूकबाज से हथियारों के साथ मिले।

"ऐसे ही, हमला मत करना। जो मैं कहूँ, वो करना" जब ये क्सिउ चिल्ला रहा था, तो भी विकट देव को हमला रुक नहीं रहा था।

इन पांचों मूर्ख खिलाड़ियों ने आखिरकार पता लगाया।

"विकट देव! ये आदमी विकट देव है"

तीन महान संघ, अकेले नहीं थे जो विकट देव को जानते थे। खुशहाल इंटरनेट कैफ़े के लोग भी पहली बार चौंक गए थे, जब उन्होंने प्रसिद्ध विकट देव का नाम सुना। ये पांच खिलाड़ी जिन्होंने विकट देव को जुड़ने को बुलाया था और विकट देव को खूनी बंदूकबाज से लड़ते देख रहे थे, अभी जाकर उसका नाम उसकी आई.डी पर देखा।

विकट देव जिसने शुरुआती गांव में पहले तीन पार किये।

विकट देव जिसने नील नदी संघ को जमे हुए जंगल में नए कीर्तिमान का हकदार बनवाया।

"निडर, गोरे क्रॉस" विकट देव ने कहा नागदंत का खूनी बन्दूकबाज पर इस्तेमाल करते हुए।

निडर ने तेजी दिखाई और तुरन्त ही अपनी महान तलवार लहराई। वैसे तो खूनी बन्दूकबाज अभी भी चौंका हुआ था और झुक नहीं पाया, उसने तलवार लहराई और तलवार की नोक ने क्रॉस बनाया। खून के क्रॉस का फव्वारा फूट पड़ा।

"झगड़ू, रेत उछालो" ये क्सिउ चिल्लाया और उसी समय आकाशीय आक्रमण से खूनी बन्दूकबाज हवा में उड़ गया।

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