जब नीलधारा और अन्य ने कोठरी छोड़ी, तब गोलू नाविक और फूलों के लालटेन उनका बाहर ही इंतजार कर रहे थे। इससे पहले की पार्टी टीवी पर जाती, दोनों ने दंडवत होकर विकट देव को प्रणाम किया। वो उस पार्टी के असली सदस्य थे और वो आसानी से पार्टी की ताकत को जानते थे। विकट देव ही 100% कारण था कि वे सब कीर्तिमान तोड़ने में सफल हो पाए थे, वो भी 5 मिनट के अंतर से।
फूलों के लालटेन, जिसने पहले विकट देव पर शक किया था, वो भी अब बेहद शर्मिंदा था।
अंत में वो भुनभुनाया, "तुम सही में भगवान हो। मैं झुक कर तुम्हे नमन करता हूँ। मैंने तुम्हारे साथ बहुत बदतमीजी की"
दूसरी तरफ गोलू नाविक ने चमकते विद्युत से पूछा कि उसने कोठरी कैसे पार की। चमकते विद्युत ने कहा, "हमने हर तरफ बौछार कर दी"
घुमड़ते बादल और चन्द्र शोभा लगातार अपने भौहें चढ़ा रहे थे: क्या तुम इससे ज्यादा बकवास कर सकते हो? अगर तुम इसे ऐसे कहोगे, तो ऐसा लगेगा जैसे हमने कोठरी 10 मिनट में पार कर ली हो।
"ठीक है, अब कीर्तिमान टूट गया" ये क्सिऊ ने नीलधारा से कहा।
"सही बात, सही बात। बहुत उम्दा, बहुत ही उम्दा" नीलधारा ने तुरंत हाँ में हाँ मिलाई।
"साथी...." ये क्सिऊ ने लालच से कहा।
"हाँ, हाँ"
"वो सामान" ये क्सिऊ ने कहा।
"कौन सा सामान? ओह, ओह मुझे देखो। मैं इतना खुश था कि मैं तो भूल ही गया" नीलधारा को अंत में एहसास हुआ कि सामने वाला तय हुए सामान की बात कर रहा था, "गोलू नाविक, सामान?"
नीलधारा खुद सामान लेकर नहीं चलता था। जैसे ही नीलधारा ने निश्चित किया कि वे कीर्तिमान तोड़ेंगे, गोलू नाविक गया और सामान ले आया। ग्लोरी में, पात्र की हरकत, कूदना और रफ्तार, इन सभी पर असर पड़ता था कि पात्र कितना भार लेकर टहल रहा था। नतीजतन, जब कभी कीर्तिमान तोड़ना होता था या पी.के करना होता था, जब भी उन्हें अपना सबसे बेहतर देना होता था, खिलाड़ी वो सब करते थे जिससे वो हल्के रह सके।
गोलू नाविक सामान ले आया और विकट देव से लेने को कहा। ये क्सिऊ ने स्वीकार किया और सामान को एक डिब्बे में डाल दिया। आश्चर्यजनक रूप से डिब्बे में, 72 मजबूत रेशम के धागे, 2 चुड़ैल के लॉकेट और 8 सफेद भेड़िये के पैने पंजे थे।
"क्या?" ये क्सिऊ को कुछ समझ नहीं आया। ये वो सब था जो उसने शुरू में माँगा था और सौदेबाजी के बाद तय हुआ सामान नहीं था।
"भाई, सीधे-सीधे 5 मिनट के अंतर से कीर्तिमान तोड़ दिया, तुम नहीं जानते तुमने हम लोगों की कितनी मेहनत कम कर दी" नीलधारा ने कहा।
"ओह, तो ऐसा है" ये क्सिऊ को समझ नहीं आया कि हँसे या रोये। उसे यह सामान बेचने के लिए नहीं चाहिए था। ये सब बहुरंगी छाते की क्षमता को बढ़ाने के लिए था। उसे केवल 24 मजबूत रेशम के धागे चाहिए थे। शुरू में उसने 72 इसलिए कहे थे ताकि मोलभाव के लिए कुछ जगह बनी रहे। पर अंत में, सामने वाला उसे 72 देकर भी खुश था। मुफ्त का सामान किसे नहीं चाहिए होता? ये क्सिऊ को तो जरूर चाहिए था, तो उसने साफ़ तौर पर सब स्वीकार कर लिया। कीर्तिमान को 5 मिनट के अंतर से तोड़कर उसने वाकई उनका बहुत समय बचाया था। अगर ऐसा न होता, तो कौन जाने उन्हें कितनी बार दूसरे संघो से इसके लिए प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती।
"धन्यवाद" ये क्सिऊ ने कहा।
"तुम्हारा स्वागत है। भाई, देखो...." जैसे ही उसने आधा वाक्य कहा था, वह अचानक ही उत्तेजित हो गया।
जाने वाला है। अभी से क्यों? सारे सामान लेने के बाद उसने अभी सीधे संघ ही छोड़ दिया। नीलधारा अभी उससे, उनके संघ में रहने के लिए पूछने ही वाला था। उसने उसे ज्यादा सामान दो वजह से दिए थे। पहले तो उसे कोठरी पार करने के ऐवज में इनाम के तौर पर, दूसरा क्योंकि उसने पहचान लिया था कि यह बहुत बड़ा जानकार था और इसे रिश्वत देना बनता था।
अगर मैं जानता होता तो! नीलधारा ने दुःखी होते हुए सोचा। इस कीमत पर एक व्यापारिक समझौता हो सकता था जब कि वह एक दोस्त बनाने का तरीका खोज रहा था।
"मुझे क्या देखना है?" ये क्सिऊ, जो पहले ही छोड़ कर जा चुका था, उसने नीलधारा के आधे वाक्य पर पूछा।
"क्या तुम्हारे पास नए दोस्तों के लिए जगह है। हम आगे भी काम कर सकते है" नीलधारा ने अधूरे मन से कहा।
"ठीक है" ये क्सिऊ ने कहा।
"भाई, क्या तुम्हे किसी कोठरी में चलना है? क्या तुम्हे किसी की जरूरत है? अगर, तो बस एक बार कहना और मैं तुम्हारे लिए लोग बुला दूंगा" नीलधारा ने कहा।
"ओह! मुझे जरूरत नहीं। मेरे पास और भी काम है। पहले तो मुझे जाना है" ये क्सिऊ ने कहा।
"ओह, कोई नहीं, बाय" नीलधारा के गाल आँसुओं से भर गये जब उसने विकट देव को विदा किया। चमकता विद्युत, गोलू नाविक और अन्य ने पहले ही संघ के चैनल पर संदेश पढ़ लिया था "विकट देव ने संघ छोड़ दिया"। वे सभी चौंके हुए थे। जैसे उन लोगों ने उसे जाते देखा, वे सब तुरंत ही उबर आये।
"वो चला क्यों गया?" घुमड़ते बादल ने पूछा।
"काम हो गया था, तो जरूर ही, उसे जाना था" नीलधारा ने दुखी मन से जवाब दिया।
"हम उसे रख क्यों नहीं सकते" गोलू नाविक ने पूछा।
"उसके ए.पी.एम से? मेरे बोलने से पहले ही वो जा चुका था" नीलधारा ने कहा।
इसका ए.पी.एम से कोई लेना देना था? हर कोई चौंक गया। नीलधारा को गुस्से ने बेवकूफ बना दिया था।
"सिर्फ मुनाफे के बल पर इस तरह के जानकार रोके नहीं जाते। उसकी कुशलता से, क्या जितनी मदद वो हमारी करेगा, उतना मुनाफा हम उसे दे पाएंगे। इसलिए उसे दो बार नहीं सोचना पड़ा। रिश्ता बनाना ज्यादा जरूरी होता है" गोलू नाविक ने कहा।
"सही है, मैंने भी पहले ऐसा ही सोचा था, पर...." नीलधारा ने दुखी होते हुए कहा। असलियत में जो एक क्रांतिकारी दोस्ती हो सकती थी, वो बस एक व्यापारिक समझौता बन कर रह गयी।
"ओ, ओ, क्यों न हम शबाब का फंदा फेंके। जल्दी करो और नेता से कहो की कुछ सुंदर लड़कियां भेजे" चमकते विद्युत ने कहा।
किसी ने बीच में खांसने की आवाज निकाली।
"तो क्यों न उसका रिश्ता हम चन्द्र शोभा से जोड़ दे" चमकते विद्युत ने कहा।
"...." चन्द्र शोभा केवल खामोश रही और विकट देव को देखा, जो अभी तक पूरी तरह से नजर से ओझल नहीं हुआ था।
"चन्द्र शोभा, तुम भी उसी दिशा में देख रही हो, हुंह? क्या तुम वो..." फूलों के लालटेन ने चन्द्र शोभा के इर्द गिर्द दो बार चक्कर लगाते हुए कहा।
"तुम्हे खुद ही उसके पास जाने का मन हो रहा है, है न?" चमकते विद्युत ने कहा।
चन्द्र शोभा ने बिना किसी की बात पर ख़ास ध्यान दिए कहा, "तुम लोगो को नहीं लगता कि वो बहुत मजबूत है?"
सभी चौंके हुए थे और तुरंत खामोश हो गये थे।
"हम पहले से ही उच्च दर्जे के जानकार माने जाते है, ग्लोरी में, है न? एक बार को मान ले की हम नहीं, पर नीलधारा तो है? पर मुझे ऐसा लगता है कि वो आदमी हम सबसे भी एक दर्जा ऊपर है। तो वो किस दर्जे का जानकार है?" चन्द्र शोभा ने कहा।
"मैंने काफी समय से निचले दर्जे के खाते से नहीं खेला है...." नीलधारा ने खांसते हुए कहा।
"हम सब निचले दर्जे के है" चन्द्र शोभा ने याद दिलाया।
"उसके हथियार मुझसे बेहतर थे। मुझे लगता है कि वो नारंगी रंग के थे" नीलधारा ने कहा।
"उसने अभी तक वर्ग नहीं बदला है" चन्द्र शोभा ने उसे याद दिलाया। थोड़ी ही देर में, सब के ही कुछ अच्छे और कुछ बुरे विचार सामने आने लगे।
"ठीक है। मैं स्वीकार करता हूँ। मुझे डर है कि इस आदमी की कुशलता मुझसे ज्यादा है" नीलधारा ने जान लिया की सच्चाई से ज्यादा देर तक मुंह नहीं छिपाया जा सकता। "पर ग्लोरी में बहुत से खिलाड़ी है, कैसे कोई छिपा हुआ जानकार नहीं हो सकता? ऐसा नहीं है कि हमने देखा नहीं है। "समुद्री चिनार" एक उदाहरण है"
जैसे ही ये नाम उभरा, सभी खामोश हो गए। सभी जानते थे ये वो नाम है जिसे नीलधारा पसंद नहीं करता था।
ये आदमी अभी नील नदी संघ का हालिया आकर्षण का केंद्र था। इसका पहले इतना नाम नहीं था। पर थोड़े ही समय में, दिव्य द्वार में, इसने अपनी ताकत हर तरह के युद्ध में दिखाई थी। जैसे ही संघ उस पर और ज्यादा ध्यान देता गया, वैसे ही उसके इक्विपमेंट और बेहतर होते चले गये। बहुत से लोग तो यहाँ तक चर्चा करते थे कि नील नदी संघ के पांच बड़े जानकारों के नाम एक बार फिर से तय किये जाने चाहिए। उन पांच बड़े जानकारों में से जिसकी तुलना नीली बसंत फुहार में नीलधारा से सबसे जयादा होती थी वो था समुद्री चिनार। इसका कारण था की दोनों ही खिलाड़ी एक ही वर्ग से खेलते थे, खड्ग प्रधान से।
खड्ग प्रधान, अपनी मार्शल आर्ट की तरह की तकनीक के कारण काफी चर्चित थी ग्लोरी में।
और जैसे ही समुद्री चिनार की चर्चा हुए, वैसे ही नीलधारा ने अपना शराफत का चोला उतार फेंका। वो अक्सर ही अपने मारने के या नुकसान पहुँचाने के कीर्तिमान नहीं दिखाता, या उसने आखिरी बार रंगभूमि में किस योद्धा को हराया। पर अब वह साफ़ तौर पर बताना चाहता था कि दोनों में बेहतर कौन था, इसलिए वो लगभग गया और उसे लड़ने के लिए चुनौती दे आया।
ऐसा होने से पहले, नीलधारा को 10 वे सर्वर में नेता बनाया गया था। संघ में ये भी अफवाह थी कि जानबूझकर नीलधारा को हटाया गया है ताकि समुद्री चिनार को संघ में ज्यादा से ज्यादा समय दिया जा सके।