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Chapter 35 - एक लहर भीड़ (प्रथम)

साफ तौर पर गोलू नाविक उतना आक्रोशित नहीं था जितना फूलों के लालटेन। वह पार्टी में ही रहा और हिला भी नहीं। उसने नीलधारा को संदेश भेजा "मुझे क्या करना चाहिए?"

"तुम्हें क्या लगता है?" नीलधारा ने जवाब दिया।

"मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हूँ। मुझे बस इतना खेद है कि मुझे निकाल दिया गया है, इसलिए मैं इसे अपनी आंखों से नहीं देख पाऊंगा" गोलू नाविक।

"ऐसा नहीं लगता कि वो बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है?" नीलधारा ने कहा।

"नहीं, ऐसा नहीं लगता है। शायद ऐसा इसलिए है क्योंकि उसने अभी तक वर्ग नहीं बदला है और फिर भी वह पंडित को साथ नहीं लाने की हिम्मत रखता है। अगर बहुत जरूरत हुई तो वह भी आरोग्यम दे सकता है" गोलू नाविक ने कहा।

"हाँ, मुझे नहीं लगता कि वह यहाँ सब का समय खराब करने आया है। आओ, कोशिश करके देखें" नीलधारा ने कहा।

"अच्छा तो मैं चलता हूँ" गोलू नाविक ने पार्टी छोड़ दी।

"घुमड़ते बादल लौट आया। बहुत से संघ पहले ही कोठरियों की सीमा को छू चुके है" फूलों की लालटेन ने कहा। घुमड़ते बादल वास्तव में संघ का एक मुख्य सदस्य था। पर क्योंकि विकट देव ने उसका स्थान ले लिया था, वह चला गया था। अब, वह पार्टी में वापस आ रहा था। पर आखिरी स्थान भरना काफी कठिन होता था। जो कोई भी उस बड़े समूह में जानकार था वो कोठरियों को अच्छे से जानता था। इसके अलावा नीलधारा और अन्य जो वहाँ जानबूझकर इंतजार कर रहे थे, जिन्होंने अपनी कोठरी की सीमा को अभी नहीं छुआ था, वह आखिरी बार भाग लेने जा रहे थे।

अंत में, वो जानकार जिसने फूलों के लालटेन की बात को सुना और उत्सुकता से बात की। फिर वो सभी जानते थे कि फूलों की लालटेन की पार्टी पहले से ही संघ के 3 बड़े डीपीएस को रखी थी। अगर वो तीनों ही ऑनलाइन थे तो फिर ये किसे बुला रहा था? 

"क्या कोई खिलाड़ी है जो अभी भी जमे हुए जंगल में भाग सकता है? जितना ज्यादा नुकसान उतना बेहतर। जल्दी करो और आओ हमारी मदद करो ताकि हम कीर्तिमान तोड़ सके" फूलों की लालटेन ने बहुत नहीं समझाया और सिर्फ इतना ही संदेश भेजा संघ के चैनल पर।

"मैं आऊंगा" अंत में किसी ने जवाब दिया। फूलों की लालटेन ने देखा कि वह चंद्र शोभा थी। यह एक लड़की थी। इस बड़े समूह में काफी कम संख्या में महिला जानकार थी इसलिए महिला खिलाड़ियों को खजाने की तरह समझा जाता था। पार्टियां उन्हें लेने के लिए एक दूसरे से लड़ बैठती थे और वह इस लड़की को लेकर आए थे एक कोठरी को पार करने के लिए जैसे वहाँ कोई समाज की भलाई का काम हो रहा हो। नतीजतन महिला जानकार की कोई तयशुदा पार्टी नहीं होती थी।

"चंद्र शोभा, आओ" फूलों की लालटेन ने ज्यादा कुछ नहीं कहा और अन्य लोगों से इतना ही बताया कि वह आ रही थी।

घुमड़ते बादल और चंद्र शोभा जल्दी ही आ गए और नीलधारा की पार्टी से जुड़ गए। घुमड़ते बादल इस पार्टी का असली सदस्य था इसलिए उसे हालात पता थे। चंद्र शोभा दूसरे हाथ पर कुछ नुकसान में थी। इस पार्टी के पास एक मुख्य टैंक नहीं था, न ही कोई आरोग्यम प्रदान करने वाला और उसमें एक अनजान व्यक्ति भी था। वर्ग... उनके पास एक था?

"हे भगवान क्या यह दोनों इस योग्य है?" फूलों के लालटेन ने विकेट देव का मजाक उड़ाते हुए कहा।

अतः ये क्सिऊ ने ध्यान से उन लोग की तरफ देखा और बोला "हाँ यह लोग सही है"

घुमड़ते बादल एक जादूगर था। उसका हथियार 20 वे दर्जे की बैंगनी रंग की चमकती लाठी थी। 20वें दर्जे की लाठी के लिए चमकीली लाठी और ताम्बे की लाठी के गुण लगभग एक जैसे थे। उनका अंतर उनका अतिरिक्त गुण था। उनमें से एक ने, ज्वाला के विस्फोटक को एक दर्जा बढ़ा दिया जबकि दूसरे ने जमी हुई गेंद में एक दर्जा बढ़ा दिया। इन लाठियों से यह देखा जा सकता था कि जो भी जादुई रास्ता, एक जादूगर के तौर पर वो लेते थे, वह अलग होता था।

जहाँ तक चंद्र शोभा का सवाल था, वह चुड़ैल थी। यह एक और विकल्प था जादू के वर्ग में। उन्हें मायावियों के बीच वैज्ञानिक माना जाता था। वह काफी ज्यादा संख्या में जादू के समान लड़ाई में इस्तेमाल करते थे और लड़ने के लिए खास तरह की ताकत भी रखते थे। चंद्र शोभा के पास बैंगनी रंग का 20 वे दर्जे की एक कांच की छड़ी थी, वह झाड़ू नहीं थी जो हथियार अक्सर चुड़ैलों द्वारा इस्तेमाल किया जाता था। नतीजतन ये क्सिऊ नहीं बता पाया उसके हथियार से कि वह कौन सा रास्ता चलेगी इसलिए उसने पूछा "कौन सा रास्ता?"

"काले जादू से भरा रास्ता" चंद्र शोभा ने कहा।

"क्या तुमने अब तक कोई डॉल शुरूरू किया है?" ये क्सिऊ ने कहा। डॉल शुरूरू एक तरह की चुड़ैल कुशलता थी जो राक्षसों को सिखाया जाता था।

"अपने आप दर्जा ऊपर चला जाएगा" चंद्र शोभा ने जवाब दिया। अपने आप दर्जा ऊपर चला जाएगा मतलब जब भी कुशलता बराबर होगी एक कौशल अंक अपने आप इस्तेमाल हो जाएगा दर्जा ऊपर करने के लिए। 

"तब तो बढ़िया है" ये क्सिऊ ने कहा।

"क्या भगवान संतुष्ट हो गये?" फूलों की लालटेन ने कहा।

"हम्म, यह सही रहेगा। तो चलो, निकलते है फिर" ये क्सिऊ ने कहा।

चंद्र शोभा अभी तक हालात समझ नहीं पाई थी। अंत में उसने नीलधारा को घोषणा करते सुना "सभी लोग, सुनिए। इस कोठरी में विकेट देव हमारे आगे चलेंगे" 

"तुम आगे चलोगे?" चंद्र शोभा ने बहुत ज्यादा चौंकते हुए कहा।

"हम्म" ये क्सिऊ ने कहा।

"क्यों?" चंद्र शोभा कुछ समझ नहीं पा रही थी।

"कीर्तिमान तोड़ने के लिए" ये क्सिऊ ने कहा और पहले ही कोठरी की ओर बढ़ गया।

" हे हे हे...." नीलधारा ने उसे आवाज देते हुए चिल्लाया पर वह पहले ही गायब हो चुका था। साफ तौर पर वह कोठरी में घुस गया था। नीलधारा दुखी था। उन्हें अपनी योजना कोठरी के बाहर बनानी थी। जैसे ही वह कोठरी में घुसे, उनका समय शुरू हो गया। इस समय समझाना, समय को व्यर्थ गंवाना था।

"भगवान पहले ही आ चुके हैं। तुम लोग किसका इंतजार कर रहे हो, जल्दी करो और जाकर उसकी ताकत के सामने घुटने टेक दो, तुम लोग तो मरने वाले हो" फूलों के लालटेन ने ठहाका लगाते हुए, हँसते हुए कहा।

"जब मैं आऊंगा तो मैं तुम्हे ढूंढ निकालूँगा" नीलधारा ने उसे धमकी दी और कोठरी में अन्य लोगों के साथ घुस गया।

जमे हुए जंगल के राक्षस हरी चमड़ी के और नीली आंख वाले गोब्लिन थे। वह लोग लंबी दूरी तक चल सकने वाले, हाथापाई करने वाले और कुछ हद तक जादुई होते थे। साफ तौर पर वह उबाऊ नहीं थे और एक तय तरीके पर चलने वाले नहीं थे, जैसे की शुरुआती गाँव वाले थे। इसके अलावा यह गोब्लिंस, सभी एक जैसे दिखते थे इसलिए जब तक वह हमला ना करें तब तक पता नहीं चलता था कि वह किस तरह के थे।

नीलधारा के बाद और सभी भी कोठरी में घुस गए, कोठरी का समय आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया था। कोई भी मूर्खतापूर्ण तरीके से दरवाजे पर नहीं बैठा था। वह सब तेजी से आगे बढ़े और उन्होंने ये क्सिऊ को आगे चलते हुए सुना "एक चुड़ैल का होना चीजों को आसान बना देगा। हम एक लहर भीड़ का इस्तेमाल करेंगे"

नीलधारा बीच में कूद पड़ा "हम एक लहर भीड़ का इस्तेमाल कैसे करेंगे?"

"तुम नहीं समझते, एक लहर भीड़ का मतलब क्या होता है? " ये क्सिऊ नीलधारा से भी ज्यादा चौका हुआ था।

साफ तौर पर नीलधारा को तो पता था ही। ग्लोरी में एक लहर भीड़ का मतलब होता था सारे राक्षसों का एक बार में आ जाना और एक ही बार में सब को मार देना। पर यह तरीका तभी इस्तेमाल किया जा सकता है जब पार्टी का दर्जा कोठरी के दर्जे से ज्यादा हो। उन्हें एक ताकतवर मुख्य टैंक की भी जरूरत होती थी। उन्होंने कभी नहीं सुना था कि एक लहर भीड़ का इस्तेमाल ऐसी पार्टी द्वारा किया गया जो समान दर्जे की कोठरी में हो।

"एक लहर भीड़ है...."

"मैं समझ गया, मैं समझ गया। मुझे बस यह समझ में नहीं आया कि तुम एक लहर भीड़ का इस्तेमाल कैसे करोगे" नीलधारा ने कहा।

"मैं राक्षसों को खींच लूंगा। फिर चन्द्र शोभा डॉल शुरूरू से एक समूह बनाएगी। भड़कती ज्वाला और बर्फानी तूफान हमला करेंगे फिर...."

"ये ऐसा है जैसे की तुमने कुछ न कहा हो। सब ठीक है, तुम अब शुरू कर सकते हो। हम एक लहर भीड़ कर सकते हैं" नीलधारा के गालों पर आंसू बहने लगे। उसे पता था कि हमले का शुरुआती तरीका क्या होगा पर मुख्य जिम्मेदारी उस खिलाड़ी की थी जो राक्षसों की पीछे खींचे। अगर वह राक्षसों की भीड़ को पीछे, जिंदा ना ला पाया तो दिक्कत होगी। अंत में उस आदमी ने चार शब्द बोले "मैं राक्षसों को लाऊंगा" और सबसे बड़ी जिम्मेदारी खुद उठा ली। नीलधारा जानता था और कुछ कहना समय को बर्बाद करना होगा।

बाकी तीनों ने नीलधारा को देखा और वही ख्याल सब के मन में था। उन्होंने अपनी किस्मत को अपना लिया था और पसीने का एक झरना उनके चेहरे से बह रहा था। अंत में ये क्सिऊ ने मुस्कुराते हुए लिखा और चिल्लाया "मैं जा रहा हूँ"

विकट देव बाहर भाग गया। नीलधारा और अन्य उसे पीछे से देख रहे थे और महसूस कर रहे थे जैसे वह कोई नायक हो जो कभी नहीं लौटता।

"मुझे कहना ही पड़ेगा कि वह सही में नायक है। मैं उसे पसंद करने लगा हूँ" चमकते विद्युत ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा।

"हर कोई अपने आप को अच्छा महसूस कराओ" सामने से एक चीख सुनाई दी। वह चारों जिनके चेहरे से झरने बह रहे थे, उन्होंने देखा कि विकट देव ने अब तक दो गोब्लिन पकड़ लिए थे। उनमें से एक पहाड़ों की तरफ भागा बाकी दूसरा बर्फ के तीर चला रहा था। चारों ने एक साथ कहा "क्या दुर्भाग्य है। हमने शुरू किया और वहाँ अभी से 2 लंबे दूरी चलने वाले हैं"

पत्थर और बर्फ के तीर चले पर विकट देव को ऐसा लगा जैसे वह बस दो बार हिला हो और पत्थर और बर्फ के तीर उसके पास से गुजर गये।

"धत्त तेरी की, ऐसा कैसा हो सकता है, जेड कम्पन" नीलधारा ने चिल्लाया।