Chapter 4 - बिन माँ का बच्चा

मुबाई ने भौंहें उचकाकर पूछा, "शी लिन, मुझे बताओ क्या हुआ।"

"मुझे चू आंटी पसंद नहीं हैं," उसके बेटे ने सीधे जवाब दिया।

वह अपने बेटे की सोच को फौरन समझ गया।

"तुम नहीं चाहते कि मैं उससे शादी करूं?"

"…" उस बच्चे की खामोशी को मुबाई ने हां समझा।

"वह तुम्हें क्यों अच्छी नहीं लगती?" मुबाई पूछता रहा, "उसने तुम्हारे साथ हमेशा अच्छा बर्ताव किया तो है न?"

मुबाई के शादी के लिए मान जाने का एक प्रमुख कारण था यह देखना कि तेंजिन ने शी लिन से अच्छा बर्ताव किया है। उसके लिए ज़रूरी नहीं था कि वह किससे शादी कर रहा है, पर उसे शी लिन के लिए एक अच्छी सौतेली मां चाहिए थी।

तेंजिन चुनाव के लिए सब्से बेहतर थी, क्योंकि मुबाई का पूरा परिवार उसके लिए रज़ामंद था और वह शी लिन से अच्छी तरह पेश आ रही थी।

इसीलिए, उसके लिए हैरत की बात थी कि उसका बेटा उसकी मंगेतर को पसंद नहीं करता।

"वह मेरे से अच्छे से पेश आ रही है, क्योंकि मैं आपका बेटा हूं। मैं उसके लिए आपको पाने का एक ज़रिया भर हूं।"

मुबाई का चेहरा उतर गया, "ऐसा नहीं बोलते बेटा"

"सच कड़वा होता है!" शी लिन अपनी उम्र से कहीं ज़्यादा होशियारी के साथ बोला, "आपको क्या परवाह है? आपने आपकी शादी के बारे में मेरी राय कभी नहीं पूछी। मैं तो आपके लिए एक बोझ हूं।"

शी लिन काउंटर से कूदा और गुस्से से पैर पटकते हुए निकल गया।

"वहीं खड़े रहो।" मुबाई ने कड़ाई से आदेश दिया, "शी लिन, अपने बाप से ऐसे बात करना किसने सिखाया है तुम्हें? यही तुम्हारी परवरिश है।"

शी लिन पहले ही परेशान था, और लेक्चर सुनकर और नाराज़ हो गया।

वह हठपूर्वक मुड़ा और उसकी आंखों में उदासी और नाराज़गी का समुद्र हिलोरे मार रहा था।

"किसी ने नहीं सिखाया, क्या मेरे पास सिखाने के लिए कोई मॉं है?"

मुबाई ठिठककर रह गया...

जब वह चला, तो शी लिन जा चुका था।

मुबाई अपने बच्चे के पीछे भागा। उसे उसने रेस्तरां के प्रवेशद्वार पर पाया। उसने शी लिन को अपनी ओर मोड़ा और अपने बेटे की आंखों में आंसू देखकर हैरत में पड़ गया।

शी लिन हमेशा से एक शांत बच्चा रहा था। वह पूरी दोपहर चुपचाप एक अच्छी किताब के सहारे बिता सकता था।

वह सही मायनों में एक काबिल बच्चा था। उसमें बचपने की जिद और रुलाई का लवलेश भी नहीं था।

आजका उसका व्यवहार सामान्य से अलग था। मुबाई ने पहली बार अपने बेटे को इतना परेशान देखा था।

जब उसने जिंगे को तलाक दिया था, शी लिन केवल एक साल का था। इस लड़के की ज़िंदगी में पिछले तीन सालों से कोई मॉं नहीं थी।

मुबाई को लगता था कि इसका कारण यह था कि शी लिन को जिंगे के अभाव में परवरिश की आदत पड़ गई थी, पर उसे एहसास नहीं था कि उसके बेटे ने अपनी भावनाओं को दिल में दबा लिया था।

अपने बेटे को देखकर, मुबाई को भूख बिल्कुल नहीं थी कि वह डिनर करता।

अपनी मां से थोड़े देर फोन पर बात करने के बाद, वह वह शी लिन को घर ले आया। कार में,शी लिन लगातार खिड़की के बाहर के दृश्यों को देखता रहा। उसके छोटे-से कद से अकेलापन और दुख टपक रहा था।

मुबाई उसके बाजू में शांत बैठा रहा। अस्पताल से गुजरते समय, उसे जिंगे का ख्याल आया।

उसने सोचा कि कहीं वो उठी हो।

मुबाई जिंगे की परिस्थिति के बारे में सोचने से खुद को रोक न पाया।

उसे यकीन था कि शी लिन भी मॉं की ऐसी हालत बर्दाश्त न कर पाता।

मुबाई ने फैंसला किया कि दोनों को कुछ दिन न मिलाए, ताकि शी लिन और उदास न हो…

अपने घर पर्पल जेड विला में पहुंचने तक, शी लिन पहले से ही सो चुका था।

मुबाई अपने बच्चे को लिविंग रूम ले जा रहा था कि उसका सेलफोन बजा।

"सर, मैं बच्चे को ले जाती हूं," उनकी आया, मिसेज़ यू ने कहा।

शी लिन को मिसेज़ यू के हाथों में सौंपकर, मुबाई ने अपना फोन उठाया। एक अंजान नंबर था।

"हैलो?" उसे पता चल गया था कि कॉल अस्पताल से था।

"मि. शी मुबाई? मैं फर्स्ट हॉस्पिटल से बोल रही हूं।"

"हां, मुबाई बोल रहा हूं। बताइए" मुबाई ने ये जानते हुए भी ऐसा कहा कि, यह कॉल शिया जिंगे के बारे में था।

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