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Chapter 6 - अब उसका जीवन किस्मत के हाथों में नहीं है

यह सच में एक चमत्कार था कि कार क्रैश ने जिंगे की जान नहीं, सिर्फ़ उसकी याद्दाश्त ली।

गुज़रने से पहले, उसके पिता ने शायद अपनी नई पत्नी के गलत इरादों को पहचान लिया था और बूढ़े मि. शी से संपर्क करके विनती की थी कि जिंगे की शादी शी परिवार में हो।

इसीलिए, उनकी मृत्यु के बाद, अपनी याद्दाश्त खो चुकी जिंगे मुबाई की पत्नी बनी।

उतार-चढ़ाव की एक शृंखला के बाद, उसने आखिरकार तलाक लेने का फैंसला किया और शी परिवार को छोड़ दिया।

उसका तलाक पूरे शहर का चर्चा बन चुका था और यह मुमकिन ही नहीं था कि उसकी सौतेली मां इसके बारे में न सुनती। लेकिन, पिछले तीन सालों में, उसने एक बार भी मदद का हाथ नहीं दिया। असल में,जिंगे ने मदद की गुहार ज़रूर लगाई थी, जब वह लगभग बेघर हो गई थी, पर उसकी सौतेली मां ने उसी खाली हाथ लौटा दिया।

दुर्घटना के पहले और बाद के उसके व्यवहार का बदलाव इतना अधिक था कि इसपर विश्वास करना मुश्किल था कि मां और बेटी का जिंगे की बर्बादी में कोई हाथ नहीं था।

कुछ भी हो, उसे यकीन था कि उसकी सौतेली मां और बहन इस तथाकथित दुर्घटना के पीछे के सूत्रधार थे।

थोड़ा सोचने के बाद, उसे लगा कि उसके पिता की मृत्यु भी संदेहजनक थी।

उसके पिता कभी-कभार भी शराब नहीं पीते थे, तो यह कैसा हो सकता था कि वे नशे में डूबे हुए सीढ़ियों से गिर जाते?

जिंगे ने सच की तह तक जाने और वू रोंग और वू शुआंग से बदला लेने की कसम ली थी।

उसके पुलिस स्टेशन से निकलने से काफ़ी पहले ही सूरज डूब चुका था।

जिंगे हॉस्पिटल नहीं लौटी, बल्कि सीधे घर गई।

मुबाई से तलाक के बाद उसकी जेब में फूटी कौड़ी नहीं थी।उसके चाचा ने उसे संभाला था।

शिया चेंगवू उसके पिता के छोटे भाई थे और शिया परिवार के हॉटेल के व्यवसाय में काम किया करते थे। उनकी ईमानदारी और व्यापारिक समझ के अभाव ने उन्हें कभी ऊंचे व्यावसायिक मुकाम हासिल करने नहीं दिया।

उसकी सौतेली मां और बहन ने उसके पिता के मरने के बाद उनकी पूरी संपत्ति हथिया ली। एक तरह से, जिंगे और उसके चाचा के परिवार की हालत एक ही थी।

इतना होते हुए, उसके दयालु चाचा ने जिंगे की देखभाल करने पर ज़ोर दिया।वे उसकी देखभाल अपनी बेटी की तरह करते थे।

जिंगे के लिए यह उपकार का भार इतना बड़ा था कि वह जीवन भर चुका न पाती।

धीरे-धीरे गंदे से और गंदे होती जा रही गलियों को पूरा करने के बाद, जिंगे ने खुद को एक गंदी बस्ती में पाया। वो एक खाली नज़र से इधर-उधर देखने लगी।

उस जगह को झुग्गी कहना कोई अतिशयोक्ति न होती।

गंदा, बदबूदार और बेतरतीब उस बस्ती के लिए सही विशेषण थे।

जिंगे को कभी नहीं लगा था कि उसे ऐसी जगह में रहना होगा।

याद्दाश्त जाने से पहले, वो आराम की ज़िंदगी जिया करती थी।अपने पिता की संपत्ति के बिना भी अपने खुद की प्रतिभा और क्षमता के बलबूते उसकी गुजर-बसर अच्छी हो रही थी।

ज़िंदगी की दौड़ में वह सर ऊंचा रखकर खड़ी होती थी।

लेकिन, बाद में किस्मत की मार उसे झेलनी पड़ी।

एक कार दुर्घटना में वह एक फिसलनभरी ढलान पर लुढ़क गई थी और आखिरकार इस झुग्गी में आ गई।

उसकी किस्मत पुराने चीनी नाटकों की रानी की तरह थी, जिसकी एक पल में इज़्ज़त होती और अगले पल कोई कीमत न रहती।

उसके दुख का कारण जानना मुश्किल नहीं था।

लेकिन, याद्दाश्त आने के बाद, उसे वह सब कुछ मिलनेवाला था, जो उसने खोया था।

अपनी प्रतिभा और मेहनत के बल पर, उसे भरोसा था कि वह इस जगह से ज़रूर बाहर निकलेगी।

उसका जीवन राम भरोसे नहीं होगा।

जिंगे एक पुराने पर मजबूत लकड़ी के दरवाज़े के सामने खड़ी होकर हल्के से खटखटाने लगी।

जल्दी ही एक पतले-से नौजवान ने दरवाज़ा खोला। उसने हैरत से पूछा, "बहन, क्या हुआ? तुम्हें तो हर जगह चोट आई है?"

जिंगे ने शांति से जवाब दिया, "कोई चिंता की बात नहीं है।एक छोटी-सी कार दुर्घटना हो गई थी।"

"जिंगे, क्या ये तुम हो? दुर्घटना क्या गंभीर थी और क्या तुम अस्पताल गई हो, कहां चोट आई थी तुम्हें?" पक चुके बालोंवाल सर लिए ने चेंगवू ने जिंगे पर सवालों की झड़ी लगा दी, "क्या तुम्हें अभी भी दर्द हो रहा है? किस ड्राइवर ने तुम्हें घायल किया है‽"

"बहन, क्या तुम्हें गहरी चोट आई है? तुम्हें कोई मदद चाहिए?"

अपने चाचा और चचेरे भाई की चिंता और प्यार देखकर, जिंगे का दिल फौरन भर आया।

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