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Chapter 4 - painfull wedding night

एक बड़े से आलीशान कमरे में एक लड़की बिस्तर पर बैठी हुई थी। वो कमरा दुल्हन की तरह सजाया गया था। कमरे में इस वक्त गुलाब की पंखुड़ियां बिछी हुई थी और एक खूबसूरत सी लड़की फूलों से सजाए गए किंग साइज बेड पर घूंघट ओढ़ कर बैठी हुई थी।

डर की वजह से वो अपने नाखून चबा रही थी। उसने खुद से कहा, "श्रेष्ठ आते ही होंगे।" 

उसने इतना कहा ही था कि उसे रूम का दरवाजा खुलने की आवाज सुनाई दी। दरवाजा खुलने की आवाज सुनते ही उसकी धड़कन तेज हो गई।

ये लड़की कोई और नहीं हमारी हीरोइन ख्वाब है। ख्वाब इस वक्त बहुत ही ज्यादा घबरा गई। उसे धीरे-धीरे अपनी तरफ आते कदमों की आवाज सुनाई दे रही थी।

ख्वाब ने अपना लहंगा मुट्ठी में भरा हुआ था। तभी उसके कानों में एक सेडक्टिव आवाज सुनाई दी। "ख्वाब।" इस आवाज को सुनते ही ख्वाब की धड़कन तेज हो गई।

तभी उसे महसूस हुआ कि बेड पर उसके करीब कोई बैठा हुआ है। उसे एक मेनली परफ्यूम की स्ट्रांग स्मैल आ रही थी। जो कि उसे मदहोश कर रही थी।

तभी ख्वाब को महसूस हुआ कि किसी के होठ उसके कानों पर चल रहे हैं। उसकी सांसे तेज हो गई। किसी ने उसके कानों में कहा, "ख्वाब आज हमारी सुहागरात है। हमारी लाइफ की एक नई शुरुआत। आज तुम और मैं हमेशा हमेशा के लिए एक हो जाएंगे।"

ऐसा कहते हुए श्रेष्ठ जो की ख्वाब के कानों पर अपने होंठ चला रहा था। ख्वाब जिसकी सांसे श्रेष्ठ की हरकत की वजह से तेज हो गई थी। उसने धीमी आवाज में कहा, "मुझे डर लग रहा है।"

ख्वाब ने इतना कहा ही था की श्रेष्ठ जिसके होंठ उसके कानों पर चल रहे थे, वो अचानक से रूक गया। वहीं ख्वाब ने जब महसूस किया कि श्रेष्ठ रुक गया है तो उसे डर लगने लगा कि कहीं श्रेष्ठ उसकी बात सुनकर गुस्सा तो नहीं हो गया। 

ये सोचकर ख्वाब घबरा ही रही थी कि तभी श्रेष्ठ ने उसके घूंघट को अपने हाथों में पकड़ते हुए कहा, "अब नहीं लगेगा।" इतना कहते हुए श्रेष्ठ ने उसका घूंघट उसके चेहरे से हटा दिया।

ख्वाब जो की डरी हुई थी। श्रेष्ठ की बात सुनकर रिलैक्स हो गई। पर जैसे ही उसे एहसास हुआ की श्रेष्ठ ने उसका घूंघट उठा दिया है तो उसने कस के अपनी आंखें बंद कर दी। 

वही श्रेष्ठ ख्वाब के खूबसूरत चेहरे को देखकर उसे ही देखने लगा। उसने एक पल के लिए भी ख्वाब के चेहरे से अपनी नजर नहीं हटाई। 

फिर उसने ख्वाब के चेहरे के करीब जाकर उसके होठों पर अपने अंगूठे से खेलते हुए धीमी आवाज में कहा, "तुम सच में ख्वाबों में आने वाली परियों की कहानी की परी से भी ज्यादा खूबसूरत हो ख़्वाब।" इतना कहते हुए उसने धीरे से ख्वाब के होठों को अपने होठों से छू लिया।

श्रेष्ठ के होठों को अपने होठों पर महसूस करता देख ख्वाब ने उसके कुर्ते को अपनी मुट्ठी में भर लिया। वही श्रेष्ठ ने धीरे से ख्वाब के लिप्स पर सॉफ्टली किस किया और उसे बेड पर लिटा कर उसे दूर होकर मुस्कुराते हुए उसे देखने लगा।

वही ख्वाब गहरी सांस लेते हुए श्रेष्ठ को देख रही थी। श्रेष्ठ को देखकर उसके गाल गुलाबी हो रहे थे। उसने शर्मा कर अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया। ये देखकर श्रेष्ठ ने मुस्कुराते हुए कहा, "बीवी ये रात शर्माने की नहीं बल्कि एक दूसरे को अपना बनाने की है।"

श्रेष्ठ की बात सुनकर ख्वाब में उसकी तरफ देखा पर कुछ नहीं कहा। श्रेष्ठ ने धीरे से ख्वाब के होठों पर अपने होंठ रखे और उसे किस करने लगा। ख्वाब ने भी उसके बालों में हाथ फेरना शुरू कर दिया।

तभी अचानक से किसी ने रूम का दरवाजा खोला। दरवाजा खुलने की आवाज सुनते ही ख्वाब जो कि बिस्तर पर बैठी हुई थी और अपने ख्यालों में ही ये सब कुछ सोच रही थी। अचानक से वो होश में आ गई। 

अगले ही पल उसके गाल बुरी तरह से लाल हो गए। उसने खुद के सर पर मारते हुए कहा, "ख्वाब तू कितनी बेशरम है। ये सब क्या सोच रही है तू?"

इतना कहकर उसने दरवाजे की तरफ देखा। वहां पर एक सर्वेंट खड़ी थी। जिसके हाथ में दूध का गिलास था।

उसने मुस्कुराते हुए कहा, "मैडम ये दूध का गिलास आपको सर को आते ही देना है।" इतना कहते हुए सर्वेंट दूध का क्लास रखकर मुस्कुराते हुए वहां से चली गई। 

वही ख्वाब ने खुद से कहा, "क्या सच में मेरी सुहागरात ऐसी होगी?" ये सोचते हुए वो बुरी तरह से शर्माने लगी।

कुछ देर बाद ख़्वाब अपने नाखूनों को चबाते हुए खुद से कहा, "श्रेष्ठ अभी तक आए क्यों नहीं? कितना टाइम हो गया है।" 

वो अभी तक ये सब सोच ही रही थी कि तभी उसे रूम का दरवाजा खोलने की आवाज सुनाई दी । दरवाजा खुलने की आवाज सुनते ही ख्वाब की पकड़ अपने लहंगे पर मजबूत हो गई। घबराहट की वजह से उसकी सांसे भी तेज हो गई और उसके माथे पर भी पसीना आने लगा। ख्वाब ने खुद को शांत करते हुए कहा, "ख्वाब शांत हो जाओ। वो तेरे हस्बैंड है। कभी ना कभी तो ये होना ही था।"

फिर उसने खुद से कहा, "पर उन्होंने तो हमें देखा ही नहीं। क्या हम उन्हें पसंद नहीं है?" ख्वाब खुद से ही सवाल कर रही थी। तभी उसे ज़ोर की आवाज के साथ दरवाजा बंद होने की आवाज आई। उसने घबराकर घुंघट से देखने की कोशिश की तो उसे बस श्रेष्ठ का चेहरा नजर आया जो कि इस वक्त बेहद डरावना लग रहा था।

ख्वाब ने श्रेष्ठ को दो बार ही देखा था। पर दोनों ही बार वो उसके सामने नहीं आई थी। दूर से ही श्रेष्ठ को देखकर वो घबराकर वहां से भाग गई थी। ख्वाब श्रेष्ठ की तरफ देख रही थी जो कि उसकी तरफ ही अपने कदम बढ़ा रहा था। उसकी चाल देख कर ख्वाब ने खुद से कहा, "क्या इन्होंने ड्रिंक की है?" श्रेष्ठ थोड़ा लड़खड़ा रहा था।

ख्वाब को और भी ज्यादा डर लग रहा था। जैसे-जैसे श्रेष्ठ उसकी तरफ अपने कदम बढ़ा रहा था। ख्वाब की पकड़ अपने लहंगे पर पहले से भी ज्यादा मजबूत होती जा रही थी। वो खुद में ही सिमटने लगी थी अब तक श्रेष्ठ बेड के पास पहुंच चुका था और अपनी नशीली आंखों से बेड पर बैठी उस लड़की की तरफ देख रहा था। 

ख्वाब की तरफ देख कर श्रेष्ठ ने अपनी नशीली आवाज में कहां, "ओ माय गॉड। मेरी बीवी मेरा इंतजार कर रही है।" 

फिर उसने कुछ सोचने की एक्टिंग करते हुए कहा, "अरे हां, आज तो हमारी सुहागरात है ना।" 

कहते हुए वो अजीब तरह से मुस्कुराने लगा। ख्वाब अपने घुंघट के अंदर से उसकी वो मुस्कुराहट देख रही थी। 

ख्वाब ने अभी भी कुछ नहीं कहा था। श्रेष्ठ अब बेड के दूसरी तरफ आ गया। जहां से वो ख्वाब के पास जा सकता था। श्रेष्ठ को इस तरह से अपने नजदीक देखकर ख्वाब की धड़कन और तेज हो गई। 

श्रेष्ठ ने बेड पर आकर मुस्कुराते हुए कहा, "बीवी आज हमारी सुहागरात है। तुम तो इस दिन का ना जानें कब से बेसब्री से इंतजार कर रही थी की मैं तुम्हारे पास आऊं और हम दोनों एक हो जाए। है ना।" कहते हुए उसने ख्वाब को अपनी तरफ खींच लिया।

ख्वाब झटके से सीधा उसके ऊपर गिर गई। घूंघट की वजह से अभी भी ख्वाब का चेहरा ढका हुआ था। आज पहली बार वो किसी आदमी के इतने नजदीक गई थी। जो कोई और नहीं बल्कि उसका पति था।

वही श्रेष्ठ ने अपने ऊपर गिरी उस लड़की की तरफ देखा और अजीब सी मुस्कुराहट के साथ उसे वापस बेड पर बैठाते हुए कहा, "बीवी मुझे बाहर आंटी ने बताया था कि सुहागरात में पति को अपनी पत्नी के घूंघट उठाने से पहले, उसे मुंह दिखाई देनी होती है"

श्रेष्ठ की बात सुनकर ख्वाब में कुछ नहीं कहा। अभी भी वो काफी घबराई हुई थी। वो सिर्फ एक 19 साल की लड़की थी। जिसने आज तक अपनी लाइफ में ये सब कुछ कभी एक्सपीरियंस नहीं किया था और उसकी शादी भी इतनी जल्दबाजी में हुई थी कि उसे कुछ सोचने या समझने का मौका ही नहीं मिला था।

ख्वाब ने श्रेष्ठ की बात सुनकर भी कुछ नहीं कहा। ये देखकर श्रेष्ठ ने उसका हाथ पकड़ कर मुस्कुराते हुए कहा, "बीवी तुम कुछ बोल क्यों नहीं रही हो? क्या मैं तुम्हें पसंद नहीं हूं?" 

श्रेष्ठ ने ये बात बहुत ही सेडक्टिव तरीके से कही थी। उसकी बात सुनकर ख्वाब को अपनी बॉडी में अलग सी सिहरन पैदा होती हुई महसूस हुई। उसने धीमी आवाज में कहा, "ऐसा नहीं है।"

ये पहली बार था जब श्रेष्ठ ने ख्वाब की आवाज सुनी थी। उसकी आवाज कोयल की तरह मीठी और प्यारी थी। उसकी आवाज सुनते ही श्रेष्ठ के चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी।

उसने ख्वाब की कोमल गाल पर अपना हाथ रखते हुए कहा, "बीवी मैं पहले तुम्हारा घूंघट उठाऊं या तुम्हें मुंह दिखाई दूं? तुम ही बताओ।"

श्रेष्ठ की बात सुनकर ख्वाब ने गहरी सांस ली और धीमी आवाज में कहा, "आपको जो करना है आप कर सकते है।" इतना कह कर वो चुप हो गई। 

वही उसकी बात सुनकर श्रेष्ठ के मुस्कान और बड़ी हो गयी उसने कहा, "बीवी पहले मुझे तुम्हारा ये चांद सा मुखड़ा देखना है। आखिर मैं भी तो देखूं हर्षवर्धन दीवान की पसंद को।" कहते हुए श्रेष्ठ ने ख्वाब का घूंघट झटके से उसके चेहरे से हटा दिया।

जैसे ही ख्वाब को एहसास हुआ की श्रेष्ठ ने उसके घूंघट को हटा दिया तो उसने कस के अपनी आंखें बंद कर ली। वही श्रेष्ठ जो कि नशे में पूरी तरह से धुत था। वो ख्वाब का चेहरा देखने के बाद उसकी नज़र उसके चेहरे से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी। 

ख्वाब का चेहरा दूध की तरह सफेद था। उसका बेदाग और मासूम सा चेहरा किसी को भी दीवाना बना सकता था। उसने नाक में पहनी हुई एक बड़ी सी नथ और चेहरे पर हल्का सा ब्राइडल मेकअप किया गया था। इस वक्त वो कयामत लग रही थी कयामत।

उसकी आंखें बंद थी पर उसकी बड़ी-बड़ी पलके उसे और भी ज्यादा खूबसूरत बना रही थी। श्रेष्ठ ने खोई हुई आवाज में उसके चेहरे को अपने हाथों से छूते हुए कहा, "बीवी तुम तो बला की खूबसूरत हो"

श्रेष्ठ की बात सुनकर ख्वाब के पेट में तितलियां उड़ने लगी थी। आखिर कौन सी लड़की अपनी तारीफ सुनकर खुश नहीं होगी? और इस वक्त ख्वाब की तारीफ कोई और नहीं बल्कि उसका पति कर रहा था। उसके चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कुराहट आ गई जो कि उसके खूबसूरती को और बढ़ा रही थी।

श्रेष्ठ ने ख्वाब को अपनी तरफ किया और उसका चेहरा अपने हाथों में भरते हुए कहा, "बीवी तुम आंखें बंद करके क्यों बैठी हो? मेरी तरफ नहीं देखना चाहती क्या? मैं इतना बदसूरत दिखता हूं क्या?" श्रेष्ठ की बात सुनकर ख्वाब जो कि अपनी आंखें बंद करके बैठी हुई थी। 

उसने जल्दी से अपनी आंखें खोली और घबराहट के साथ बोली, "ऐसा बिलकुल भी नहीं है, आप तो बहुत हैंडसम है। हमने तो आपसे ज्यादा हैंडसम लड़का अपनी लाइफ में कभी नहीं देखा। सच्ची में।" ऐसा कहते हुए ख्वाब बहुत ही ज्यादा मासूम और प्यारी लग रही थी। उसके चेहरे पर घबराहट नजर आ रही थी।

उसके चेहरे पर घबराहट देखकर श्रेष्ठ ने एक हलकी मुस्कान के साथ कहा, "बीवी घबरा क्यों रही हो? मैं तो बस पूछ रहा था। अच्छा ये सब छोड़ो अब जब मैंने तुम्हारा ये खूबसूरत सा चेहरा देख लिया है तो मुझे तुम्हें मुंह दिखाई भी तो देनी होगी ना।"

श्रेष्ठ की बात सुनकर ख्वाब के गोरे-गोरे गाल लाल हो गए। उसने कभी सोचा भी नहीं था की श्रेष्ठ इतना अच्छा होगा। उसने तो घर के नौकरों से यही सुना था की श्रेष्ठ बहुत ही ज्यादा अजीब और एरोगेंट है। पर इस वक्त श्रेष्ठ का बिहेवियर देखकर ख्वाब को ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था। 

ख्वाब ने शर्माते हुए कहा, "आपको जो देना है, आप दे सकते हो।"

ख्वाब की बात सुनकर श्रेष्ठ ने मुस्कुराते हुए कहा, "बीवी तुम अपना हाथ आगे करो और अपनी आंखें बंद करो। तभी मैं तुम्हें तुम्हारा गिफ्ट दूंगा।" श्रेष्ठ की बात सुनकर ख्वाब कंफ्यूज हो गई पर उसने ज्यादा कुछ नहीं पूछा। 

उसने अपनी मुलायम सी हथेली आगे कर दी और आंखें बंद करके बैठ गई। श्रेष्ठ ने उसके चेहरे की तरफ देखा। मगर श्रेष्ठ के चेहरे पर इस वक़्त एक अजीब सी मुस्कुराहट आ गई।

श्रेष्ठ ने अपनी पैंट की पॉकेट में हाथ डाला और एक डिब्बी बाहर निकाली। उसने मुस्कुराते हुए कहा, "बीवी तुम्हारे लिए ये गिफ्ट सेलेक्ट करने में मुझे बहुत टाइम लग गया। तुम सोच भी नहीं सकती कि ये ऐसा surprise है।" इतना कहकर उसने मुस्कुराते हुए वो डिब्बी खोली।

उसमें रखी हुई चीज को देखकर श्रेष्ठ ने टेढ़ी मुस्कुराहट के साथ कहा, "उम्मीद है तुम्हें मेरा गिफ्ट जरूर पसंद आएगा।" कहते हुए उसने वो चीज ख्वाब की हथेली पर रख दी। 

वहीं ख्वाब जिसकी आंखें बंद थी। उसे अपनी हथेली पर कुछ चुभता और चलता हुआ महसूस हुआ। उसने अपनी आंखें खोली और अपनी हथेली की तरफ देखा। जैसे ही उसने अपनी हथेली को देखा उसके मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई और उसने अपने हाथ को जोर जोर से झटकना शुरू कर दिया।

उसके हाथ पर एक ब्लैक कलर का बिच्छू था। ख्वाब इतनी ज्यादा घबरा गई कि वो बेड पर खड़ी होकर जोर-जोर से अपने हाथ को झटकने लगी। उसकी आंखों में आँसू आ गए थे। वही उसे देखकर श्रेष्ठ अजीब तरह से मुस्कुराने लगा। ख्वाब अभी भी बेड पर कूद रही थी। उसने अपने हाथ की तरफ देखा तो उसके हाथ पर बिच्छू ने डंक मार दिया था।

श्रेष्ठ ने ख्वाब की तरफ देखा और मासूम सा चेहरा बनाते हुए कहा, "बीवी तुम्हें मेरा गिफ्ट पसंद नहीं आया?" वही ख्वाब अब रोते हुए बेड पर बैठ गई थी और अपनी हथेली की तरफ देख रही थी। 

श्रेष्ठ की बात सुनकर उसने घबराते हुए कहा, "आपने ऐसा क्यों किया?" 

उसे इस तरह से रोते हुए देख कर श्रेष्ठ ने खुद भी घबराने की एक्टिंग करते हुए उसका चेहरा अपने हाथों में भरते हुए कहा, "आई एम सॉरी बीवी, मैं तो मजाक कर रहा था। उसने तुम्हें सच में काट लिया। दिखाओ मुझे।" 

कहते हुए उसने ख्वाब का छोटा सा हाथ अपने हाथ में लिया। उसके हाथ पर बिच्छू ने सच में डंक मार दिया था और दर्द की वजह से ख्वाब रो रही थी।

श्रेष्ठ को इस तरह से अपनी परवाह करते हुए देख कर ख्वाब को भी लगा कि जरूर श्रेष्ठ ने मजाक किया होगा। पर फिर भी उसे बहुत दर्द हो रहा था। 

उसने रोते हुए कहा, "मुझे..... मुझे बहुत दर्द हो रहा है।" 

ख्वाब की बात सुनकर श्रेष्ठ ने कहा, "बीवी दर्द हो रहा है?" श्रेष्ठ का सवाल सुनकर ख्वाब ने रोते हुए अपना सिर हां में हिलाया। 

श्रेष्ठ ने उसके चेहरे की तरफ देखा और अजीब सी मुस्कुराहट के साथ कहा, "मैं तुम्हें दर्द देने के लिए ही तो यहां पर आया हूं।" 

ख्वाब जो कि रो रही थी। वो श्रेष्ठ की बात सुनकर उसकी तरफ हैरानी से देखने लगी। उसे कुछ समझ नहीं आया। वो कुछ समझ पाती इससे पहले ही श्रेष्ठ ने उसका हाथ पकड़ कर उसे सीधा बेड से नीचे धक्का दे दिया।

ख्वाब जो की श्रेष्ठ की बात सुनकर पहले ही हैरान थी। इस तरह से अचानक से बेड से धक्का देने की वजह से अपना बैलेंस संभाल नहीं पाई और सीधा मुंह के बल जमीन पर गिर गई।

उसके मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई। वही श्रेष्ठ बेड पर बैठकर मुस्कुराते हुए उसे देखने लगा। उसकी मुस्कुराहट काफी ज्यादा डरावनी थी।

ख्वाब रो रही थी। चिल्ला रही थी। उसे अपने हाथ के साथ-साथ अब अपनी कमर में भी दर्द हो रहा था। क्योंकि नीचे गिरने की वजह से उसकी कमर में उसे ज़ोरदार चोट लगी थी। उसने रोते हुए अपना चेहरा ऊपर उठाकर श्रेष्ठ की तरफ देखा जो कि उसे देखकर अजीब तरह से मुस्कुरा रहा था।

क्या चल रहा है श्रेष्ठ के दिमाग में? वो क्या करना चाहता है ख्वाब के साथ? क्या होने वाला है अब ख्वाब की जिंदगी में?