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Chapter 9 - "You should become a call girl ."

ख्वाब इस वक्त बहुत ही ज्यादा तकलीफ में थी। उसका पूरा मुंह जल रहा था। पर वह चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती थी। उसने रोते हुए कहा, "प्लीज हमें पानी दे दीजिए।" ऐसा कहते हुए वह गहरी गहरी सांस ले रही थी। उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था। 

वही ख्वाब की तरफ देख कर श्रेष्ठ ने मासूम सा चेहरा बनाते हुए कहा, "क्या हुआ बीवी? तुम ऐसे रिएक्ट क्यों कर रही हो? तुम्हें तो मेरी कदर ही नहीं है। तुम्हें इतना अच्छा पति मिला है। तुम्हारी पहली रसोई की रस्म तुम्हारी जगह पर मैंने की है तो तुम्हें तो खुश होना चाहिए कि भगवान ने तुम्हें इतना अच्छा पति दिया है। और तुम हो कि रो रही हो। ऐसा कोई करता है। दिस इज नॉट फेयर बीवी।"

 कहते हुए श्रेष्ठ मुंह बनाकर ख्वाब की तरफ देखने लगा। वही ख्वाब अभी भी रो रही थी। उसने रोते हुए कहा, "हमें पानी दे दीजिए। हम मर जाएंगे। प्लीज पानी दे दीजिए।"

ख्वाब इसलिए श्रेष्ठ से पानी मांग रही थी क्योंकि श्रेष्ठ ने उसे पकड़ के रखा था। वही ख्वाब की बात सुनकर श्रेष्ठ ने मुस्कुराते हुए कहा, "तुम्हें पानी चाहिए बीवी।" 

श्रेष्ठ की बात पर ख्वाब ने रोते हुए अपना सिर हिलाया। ख्वाब की हां सुनकर श्रेष्ठ ने मुस्कुराते हुए कहा, "तो चलो मैं तुम्हें पानी देता हूं।"

ऐसा कहते हुए उसने साइड में रखा हुआ एक गिलास देखा। जिसमें पानी रखा हुआ था। उसने वह गिलास उठाकर ख्वाब के हाथ में रख दिया। ख्वाब ने अपने कांपते हुए हाथों से पानी का गिलास लिया और एक झटके में सारा पानी पी लिया पर अगले ही पल उसने सारा का सारा पानी उगल दिया और जोर-जोर से खांसने लगी। 

वही श्रेष्ठ जो कि ख्वाब के सामने था जिस वजह से सारा पानी उसके ऊपर गिर गया। श्रेष्ठ जो की शैतानी तरीके से मुस्कुरा रहा था। जैसे ही ख्वाब के मुंह से पानी उसके ऊपर गिरा। उसकी आंखें डरावनी हो गई।

उसने ख्वाब को बालों से पकड़ कर उसका चेहरा ऊपर करके चिल्लाते हुए कहा, "यह क्या किया तुमने गवार लड़की?"

ऐसा कहते हुए उसने ख्वाब को धक्का दे दिया। ख्वाब जिसकी कंडीशन पहले से ही खराब थी। वह सीधा जमीन पर गिर गई।

उसके हाथ पर पहले ही चोट लगी हुई थी और दोबारा गिरने की वजह से और भी लग गई। उसने रोते हुए श्रेष्ठ की तरफ देखा तो श्रेष्ठ के कपड़े भी खराब हो चुके थे। वही ख़्वाब की आंखों से आंसू बह रहे थे। उसका मुंह भी बुरी तरह से जल रहा था।

आज से पहले उसने ऐसी सिचुएशन का सामना कभी नहीं किया था। वही श्रेष्ठ उसे अपने सामने किसी शैतान की तरह लग रहा था। श्रेष्ठ ने गुस्से से उसकी तरफ देखा और अपनी शर्ट की तरफ जहां पर ख्वाब के खांसने की वजह से उसके मुंह से पानी गिर गया था। उसने गुस्से से अपनी शर्ट को निकाल कर ख़्वाब के मुंह पर फेंक दिया।

ख्वाब जो की तकलीफ में थी। उसने हिम्मत करके श्रेष्ठ की तरफ देखा और पूछा, "हमने क्या गलत किया है? आप हमारे साथ यह सब कुछ क्यों कर रहे हैं? हम आपकी पत्नी है।"

उसने इतना कहा ही था की श्रेष्ठ ने किचन के काउंटर पर रखा हुआ सामान नीचे पटकते हुए चिल्लाकर कहा, "क्या कहा तुमने? मैं तुम्हारे साथ यह सब कुछ क्यों कर रहा हूं? और पत्नी? तुम्हें सच में लगता है। तुम्हारे जैसी गवार, तुम्हारे जैसी मिडिल क्लास दो कौड़ी की लड़की जिसकी मेरी सर्वेंट बनने की भी औकात नहीं है। उसे मैं अपनी बीवी मानूंगा। सीरियसली। काफी बड़ी गलतफहमी पाल कर बैठी हो तुम।" 

फिर उसने कुछ सोचने की एक्टिंग करते हुए कहा, "अच्छा तो अपनी यह मासूम सी शक्ल दिखाकर हर्षवर्धन दीवान को इसीलिए तुमने फसाया था। ताकि तुम दीवान अंपायर की मालकिन बन सको। तुम्हें लगा होगा कि हर्षवर्धन दीवान की तरह उसका बेटा भी बेवकूफ होगा। पर मैं तो हर्षवर्धन दीवान की तरह स्टुपिड नहीं हूं। तुम्हारा प्लान तो बुरी तरह से फ्लॉप हो चुका है ख्वाब चौहान।"

ऐसा कहते हुए श्रेष्ठ ने गुस्से से ख्वाब की तरफ देखा और तेजी से किचन से बाहर आ गया।

श्रेष्ठ जैसे ही किचन से बाहर आया। उसके कानों में किसी की आवाज सुनाई दी। "श्रेष्ठ" श्रेष्ठ ने पलट कर देखा तो दरवाजे पर उसके पिता हर्षवर्धन दीवान खड़े थे। 

उन्हें देख कर श्रेष्ठ ने गुस्से से अपने हाथ की मुट्ठी बांध ली और उन्हें घूरने लगा। वही हर्षवर्धन दीवान तेजी से घर के अंदर आ गए। उन्होंने यहां वहां देख कर श्रेष्ठ की तरफ देखते हुए कहा, "ख्वाब कहां है? और आप इस तरह से शर्टलेस होकर क्यों घूम रहे हैं?"

हर्षवर्धन जी की बात सुनकर श्रेष्ठ ने उन्हें ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहा, "क्या है ना मिस्टर हर्षवर्धन दीवान, घर में काफी सेक्सी और हॉट सर्वेंट है। और मुझे आज के लिए कोई बेड पार्टनर चाहिए थी। इसलिए मैं सोच रहा था कि बाहर जाने से अच्छा घर के किसी सर्वेंट को।"

उसने इतना कहा ही था कि हर्षवर्धन दीवान ने गुस्से से कहा, "श्रेष्ठ शर्म नहीं आती। अब आप शादीशुदा है। अब तो अपनी हरकतें सुधार लीजिए।"

हर्षवर्धन दीवान के चिल्लाने की वजह से ख्वाब जो की किचन में जमीन पर पड़ी हुई थी। वह जल्दी से उठकर खड़ी हो गई। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। उसे चलने में भी दिक्कत हो रही थी। वह लड़खड़ाते कदमों से बाहर की तरफ आने लगी। 

वही हर्षवर्धन दीवान की बात सुनकर श्रेष्ठ ने टेढ़ी मुस्कुराहट के साथ कहा, "मिस्टर हर्षवर्धन दीवान, मैंने नहीं कहा था कि मुझे शादी करनी है। वह आप थे जिसने जबरदस्ती मेरी शादी कराई। वह भी एक गवार और भिखारी लड़की के साथ। जिसका कोई स्टेटस नहीं है। जिसकी कोई औकात नहीं है। जो मेरे पैरों की जूती बनने के लायक नहीं है। आप उसे मेरी बीवी बनाकर दीवान अंपायर की मालकिन बनाना चाहते थे। सीरियसली मिस्टर दीवान, जरा मुझे बताएंगे कि आप कौन सा सस्ता नशा करते हैं?"

श्रेष्ठ की बात सुनकर इस बार हर्षवर्धन दीवान का गुस्सा हद से ज्यादा बढ़ गया। उन्होंने गुस्से से कहा, "श्रेष्ठ।" 

इतना कहकर उन्होंने श्रेष्ठ को थप्पड़ मारने के लिए अपना हाथ उठाया ही था की श्रेष्ठ ने उनका हाथ पकड़कर गुस्से से उनकी आंखों में देखते हुए कहा, "हिम्मत भी मत करना मिस्टर दीवान। किसी की इतनी औकात नहीं कि वह श्रेष्ठ सिंह दीवान को थप्पड़ मार सके। आपकी भी नहीं। इसलिए अपने हाथों को काबू में रखिए। वरना, कहीं ऐसा ना हो कि कल न्यूज़पेपर में ब्रेकिंग न्यूज़ हो। बेटे ने उठाया बाप पर हाथ।"

 कहते हुए श्रेष्ठ ने गुस्से से उनका हाथ झटक दिया। वही श्रेष्ठ की बात सुनकर हर्षवर्धन दीवान ने अफसोस भरी नजरों से उसकी तरफ देखते हुए कहा, "मुझे शर्म आती है श्रेष्ठ कि तुम मेरे बेटे हो। मुझे यकीन नहीं होता कि तुम्हारी रगों में मेरा खून दौड़ रहा है।"

हर्षवर्धन दीवान की बात सुनकर श्रेष्ठ ने उनकी तरफ मुस्कुराते हुए देखा और कहा, "वैसे यकीन तो मुझे भी नहीं होता मिस्टर दीवान।" 

फिर उसने कुछ सोच कर हर्षवर्धन दीवान के पास जाकर उनके कानों में धीमी आवाज में कहा, "कहीं ऐसा तो नहीं कि आपकी सो कॉल्ड बीवी का किसी और के साथ चक्कर था। और मैं उसी की औलाद।" 

श्रेष्ठ ने इतना कहा ही था कि हर्षवर्धन दीवान ने गुस्से से कहा, "श्रेष्ठ तमीज में रहो।"

हर्षवर्धन दीवान की बात सुनकर श्रेष्ठ जोर-जोर से हंसने लगा। उसने हंसते हुए कहा, "अरे मिस्टर दीवान, मैंने गलत क्या कहा? वैसे भी आपकी बीवी तो आपको छोड़कर भाग गई ना। तो फिर हो सकता है कि मैं किसी और का। वैसे अभी भी वक्त है हम डीएनए टेस्ट कर सकते हैं।"

श्रेष्ठ की बेशर्मी भरी बातें सुनकर अब हर्षवर्धन दीवान का दिमाग पूरी तरह से खराब हो गया था। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वह श्रेष्ठ के साथ किस तरह से डील करें?

उन्होंने अफसोस भरी नजरों से उसकी तरफ देखते हुए कहा, "बहुत बड़ी गलती हो गई श्रेष्ठ मुझसे। मैं अपने बिजनेस में इतना खो गया कि तुम पर ध्यान ही नहीं दिया। इसीलिए आज तुम इतनी ज्यादा बदतमीज हो चुके हो। कि ना बड़ों के साथ बात करने की तुम्हें तमीज रह गई है और ना ही कोई शर्म लिहाज।"

उन्होंने इतना कहा ही था कि उन्हें किचन से बाहर आई ख्वाब नजर आई। ख्वाब ने इस वक्त ममता जी के सर्वेंट वाले कपड़े पहने हुए थे। क्योंकि रात को ममता जी को कुछ समझ ही नहीं आया था। 

उसकी कंडीशन देखकर हर्षवर्धन दीवान ने हैरानी से श्रेष्ठ की तरफ देखा और कहा, "ख्वाब।"

इतना कहकर वह तेजी से ख्वाब की तरफ अपने कदम बढ़ाने लगे। हर्षवर्धन दीवान को देखकर ख्वाब की आंखों से तेजी से आंसू बहने लगे। वह नीचे गिरने ही वाली थी पर हर्षवर्धन दीवान ने जल्दी से आकर उसे संभाल लिया। 

हर्षवर्धन दीवान को देखते ही ख्वाब ने जल्दी से उन्हें गले लगा लिया और फूट-फूट कर रोने लगी। वही ख्वाब की ऐसी हालत देखकर उनकी आंखों में भी आंसू आ गए।

वही श्रेष्ठ दूर से खड़ा होकर अजीब सी मुस्कुराहट के साथ उन दोनों की तरफ ही देख रहा था। उसकी शर्ट लेस बॉडी इस वक्त उसे काफी हॉट लुक दे रही थी पर उसके चेहरे के एक्सप्रेशन उसे एक डेविल लुक दे रहे थे।

काफी देर तक हर्षवर्धन दीवान ख्वाब की पीठ पर हाथ फेरते रहे। कुछ देर बाद उन्होंने ख्वाब का चेहरा अपने हाथों में भरकर कंसर्न टोन में पूछा, "क्या हुआ ख्वाब? आपके साथ श्रेष्ठ ने कुछ किया? बताइए हमें? आपको डरने की जरूरत नहीं है।" 

हर्षवर्धन दीवान की बात सुनकर ख्वाब ने रोते हुए कहा, "उन्होंने कहा।" इतना कहते हुए ख्वाब ने श्रेष्ठ की तरफ देखा जो की शैतानी मुस्कुराहट के साथ उसे ही देख रहा था।

उसकी मुस्कुराहट देखकर ख्वाब डर की वजह से अपनी जगह से पीछे की तरफ हटने लगी। वहीं जब हर्षवर्धन दीवान ने देखा की श्रेष्ठ को देखने भर से ही ख्वाब की ऐसी हालत हो गई है तो उन्होंने मन ही मन कहा, "हमने यह क्या कर दिया? कहीं हमने ख्वाब की जिंदगी तो बर्बाद नहीं कर दी।"

वह यह सोच रहे थे कि पीछे से श्रेष्ठ चलता हुआ उन दोनों के पास आया। उसने मुस्कुराकर उन दोनों की तरफ देखा और फिर उन दोनों के गोल-गोल घूम कर तालियां बजाने लगा।

उसने हंसते हुए कहा, "अच्छा तो यह प्लानिंग चल रही है।" फिर उसने कुछ सोचने की एक्टिंग करते हुए कहा, "अब जब मैंने तुम्हें अपनी बीवी मानने से इनकार कर दिया तो अब तुम हर्षवर्धन दीवान को पटाने की प्लानिंग कर रही हो। ग्रेट, दौलत के लिए कुछ भी।" 

श्रेष्ठ ने इतना कहा ही था कि हर्षवर्धन दीवान ने चिल्लाते हुए कहा, "श्रेष्ठ तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ख्वाब और हमारे बारे में इतनी घटिया सोच रखने की? ख्वाब हमारे लिए हमारी बेटी की तरह है।"

वही श्रेष्ठ के मुंह से खुद के लिए ऐसी बात सुनकर ख्वाब तो पूरी तरह से टूट गई थी। उसने अपनी शादी को लेकर ना जाने क्या-क्या ख्वाब देखे थे? पर आज शादी के अगले दिन ही उसका पति उस पर इल्जाम लगा रहा था कि वह उसके ही पिता पर नजर डाल रही थी। यह किसी भी लड़की के लिए बर्दाश्त से बाहर था। वह अपनी जगह पर मूर्ति की तरह खड़ी होकर श्रेष्ठ की तरफ देख रही थी।

हर्षवर्धन दीवान की बात सुनकर श्रेष्ठ ने हंसते हुए कहा, "अरे मिस्टर दीवान मैंने आपको थोड़ी कहा है। मैंने तो इस लड़की के बारे में बात की है। आप तो इसे बेटी समझते हैं पर इस लड़की के दिल में तो आपके लिए कुछ और ही चल रहा है। श्रेष्ठ की बात सुनकर हर्षवर्धन दीवान ने अपने बालों को खींचकर चिल्लाते हुए कहा, "श्रेष्ठ और कितना गिराओगे? हमें अपनी नजरों में तुम्हें अपना बेटा कहने में हमें शर्म आती है। तुम्हारे जैसी औलाद होने से अच्छा काश हमारी कोई औलाद ही ना होती।"

हर्षवर्धन दीवान की बात सुनकर श्रेष्ठ ने हंसते हुए कहा, "पर मिस्टर दीवान आपकी किस्मत खराब है। आपके घर में मैं पैदा हो गया। आप चाह कर भी नहीं झूठला सकते कि मेरे अंदर आपका ही गंदा खून है। इसलिए तो मैं घटिया हूं।"

श्रेष्ठ की बात सुनकर हर्षवर्धन दीवान को समझ नहीं आ रहा था कि अब वह क्या ही कहें?

श्रेष्ठ ने पलट कर ख्वाब की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहा, "तुम्हें पैसों की बहुत चाहत है ना। मेरे पास तुम्हारे लिए एक अच्छा ऑफर है। अगर तुम एक्सेप्ट करो तो।" 

श्रेष्ठ की बात सुनकर ख्वाब उसे अपनी खाली आंखों से देख रही थी। उसकी आंखों में सिर्फ दर्द और तकलीफ थी। श्रेष्ठ ने उसके पास आकर मुस्कुराते हुए कहा, "तुम कॉल गर्ल की जॉब कर सकती हो। चेहरा भी बहुत अच्छा है। बहुत पैसे मिलेंगे। मैं अपने बहुत सारे दोस्तों को जानता हूं। तुम्हारी अच्छी कीमत लगाएंगे सभी। और तुम जल्दी ही अमीर हो जाओगी।"

ऐसा कहते हुए श्रेष्ठ ख्वाब से दूर हो गया। वही श्रेष्ठ की बात सुनकर ख्वाब सीधा घुटनों के बल जमीन पर गिर गई। उसकी आंखों से पानी की तरह आंसू बहने लगे। उसका पति उसे खुद प्रॉस्टिट्यूट बनाने के लिए कह रहा था।

क्या श्रेष्ठ कभी सुधरेगा? क्या करेंगे अब हर्षवर्धन दीवान? क्या ख्वाब संभाल पाएगी खुद को शादी के अगले ही दिन मिले इस झटके से?