(Past)
6 महीने पहले।
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट
इस वक्त रनवे पर एक प्राइवेट लग्जरियस जेट उड़ान भरने के लिए रेडी था। पायलट ने अनाउंस करते हुए कहा, "हम टेक ऑफ करने वाले हैं।"
उसने इतना कहा ही था की तभी एक एयर होस्टेस जो कि दरवाजे के पास ही खड़ी थी, उसके चेहरे के एक्सप्रेशन अजीब से हो गए। उसके कानों में माइक्रोफोन लगा हुआ था। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसे माइक्रोफोन पर कुछ अजीब सा कहा हो।
अगले ही पल उसने पायलट के पास जाकर धीमी आवाज में कहा, "पायलट ये फ्लाइट आगे नहीं जा सकती"
इतना कहकर उसने जल्दी से जा कर प्लेन का मैन डोर खोल दिया। ये देख कर जेट में मौजूद हर एक इंसान हैरान हो गया।
एयर होस्टेस के दरवाजा खोलते ही एक साथ कई सारे बॉडीगार्ड्स अंदर आ गए। जेट के अंदर इस वक्त 6 से 7 लड़कियां बैठी हुई थी और तीन-चार लड़के। हर एक लड़के के ऊपर दो-दो लड़कियां बैठी हुई थी और उनकी बॉडी को यहां वहां टच कर रही थी।
इतने सारे बॉडीगार्ड्स को देखकर उन तीनों में से एक लड़के ने गुस्से से उन सभी की तरफ देखते हुए कहा, "तुम सब लोग यहां पर क्या कर रहे हो?"
उस लड़के की बात सुनकर एक बॉडीगार्ड ने रिस्पेक्ट के साथ अपना सिर झुकाते हुए कहा, "आई एम सॉरी श्रेष्ठ सर, आपकी ये फाइट कैंसिल कर दी गई है।" उसके बॉडीगार्ड के इतना कहते ही वो लड़का यानी की श्रेष्ठ गुस्से से अपनी जगह से खड़ा हो गया।
उसके ऊपर बैठी लड़की भी जल्दी से खड़ी हो गई। श्रेष्ठ ने गुस्से से कहा, "तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम मुझे रोकोगे। लगता है अपनी औकात भूल गए हो तुम।" इतना कहते हुए श्रेष्ठ गुस्से से आगे बढ़ा।
श्रेष्ठ का गुस्सा देखकर भी उस बॉडीगार्ड ने कुछ नहीं कहा बल्कि वो उस तरह से ही श्रेष्ठ को देखता रहा। श्रेष्ठ ने उसका कॉलर खींचकर चिल्लाते हुए कहा, "अपनी औकात में रहकर बात किया करो। भूलो मत कि तुम्हारे सामने कोई ऐरा गेरा नहीं बल्कि श्रेष्ठ सिंह दीवान खड़ा है जो तुम्हारे जैसे हजारों को चुटकियों में खरीद सकता है।"
इतना कहते हुए श्रेष्ठ ऊपर से नीचे तक उस बॉडीगार्ड को देखने लगा। बॉडीगार्ड ने श्रेष्ठ की तरफ देख कर रिस्पेक्ट के साथ कहा, "देखिए सर ये हर्षवर्धन सर का आर्डर है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। उन्होंने ही कहा है कि आप दीवान परिवार के कोई भी रिसोर्सेस इस्तेमाल नहीं कर सकते।"
ये दीवान परिवार का हेड बॉडीगार्ड था जो की सभी बॉडीगार्ड की टीम को लीड करता था। उसकी बात सुनकर श्रेष्ठ ने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा, "बकवास बंद करो।"
श्रेष्ठ की बात सुनकर भी बॉडीगार्ड के चेहरे के एक्सप्रेशन नहीं बदले। तभी पीछे से श्रेष्ठ के दोस्त ने कहा, "श्रेष्ठ ये क्या हो रहा है? तुमने तो कहा था कि हम एक हफ्ते के लिए बैंकॉक ट्रिप पर जा रहे हैं और यहां पर तुम्हारे ये गार्ड हमारा पूरा मूड स्पॉइल करने के लिए आ गए।"
इतना कहते हुए उसने गुस्से से श्रेष्ठ की तरफ देखा। श्रेष्ठ ने पलट कर अपने दोस्त की तरफ देखा और कहा, "शट अप साहिल। हम अभी भी बैंकॉक ट्रिप पर जा रहे हैं। श्रेष्ठ सिंह दीवान कभी अपने प्लान चेंज नहीं करता। चाहे कुछ भी क्यों ना हो जाए।"
श्रेष्ठ की बात सुनकर उसका दोस्त साहिल रिलैक्स हो गया। उसने मुस्कुराते हुए एक लड़की को अपनी बाहों में खींचते हुए कहा, "डोंट वरी डार्लिंग। श्रेष्ठ है ना, वो सब कुछ सही कर देगा।"
उस लड़की ने साहिल की बाहों में जाकर मुस्कुराते हुए श्रेष्ठ की तरफ देखा और कहा, "आई नो…. वो तो कुछ भी कर सकते हैं।"
श्रेष्ठ ने अपने बॉडीगार्ड की तरफ देख कर गुस्से से कहा, "देखो अगर तुम लोगों को अपनी जान से प्यार है तो चुपचाप यहां से चले जाओ। मैं तुम्हारी इस मिस्टेक को भूल जाऊंगा। अभी मेरा मूड बहुत अच्छा है क्योंकि मैं अपनी गिर्ल्फ्रेंड्स के साथ एंजॉय करने के लिए जा रहा हूं।" इतना कहते हुए उसने एक लड़की को खींचकर अपनी बाहों में भर लिया और मुस्कुराते हुए अपने बॉडीगार्ड की तरफ देखने लगा।
श्रेष्ठ की बात सुनकर उसे बॉडीगार्ड ने ढीट बनते हुए कहा, "एम सॉरी सर पर हर्षवर्धन सर ने आपको दीवान परिवार के रिसोर्सेस यूज करने से मना किया है। इसलिए हम चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते। आप अपने दोस्तों के साथ और अपनी गिर्ल्फ्रेंड्स के साथ अभी के अभी यहां से नीचे उतर जाइए। वरना हमें मजबूरन आप लोगों के साथ जबरदस्ती करनी होगी।"
बॉडीगार्ड की बात सुनकर श्रेष्ठ गुस्से से चिल्लाया और उसने कहा, "तुम्हारी इतनी औकात।" उसने इतना कहा ही था कि बॉडीगार्ड का मोबाइल बजने लगा।
उसने मोबाइल पर फ्लैश हो रहे हैं नाम की तरफ देखा और फिर श्रेष्ठ की तरफ देखते हुए कहा, "सर हर्षवर्धन सर का कॉल है। आप उनसे ही सब कुछ पूछ लीजिए।"
बॉडीगार्ड की बात सुनकर श्रेष्ठ ने अपनी बाहों में खड़ी लड़की को दूर झटक दिया और उसके हाथ से मोबाइल छीनकर गुस्से से कहा, "ये सब क्या बकवास लगा रखा है आपने मिस्टर दीवान? क्या आपको मेरी खुशी बर्दाश्त नहीं होती? जो हर बार मेरी लाइफ में राहु, केतु, शनि सब बनकर आ जाते हो।" श्रेष्ठ ने ये सब बहुत ही ज्यादा गुस्से से कहा।
वही उसकी बात सुनकर कॉल के दूसरी तरफ से कुछ कहा गया जिसे सुनकर श्रेष्ठ ने गुस्से से अपने हाथ में पकड़े मोबाइल को जेट में ही पटकते हुए कहा, "बहुत गलत कर रहे हैं आप मिस्टर दीवान।"
इतना कहते हुए श्रेष्ठ बिना किसी की तरफ देखे तेजी से जेट से नीचे उतर गया। उसे उतरते हुए देख कर बॉडीगार्ड ने श्रेष्ठ के दोस्त साहिल और समर्थ की तरफ देखते हुए कहा, "सर प्लीज आप सब भी उतर जाइए।"
अपनी इतनी बेइज्जती कराने के बाद साहिल और समर्थ अब और वहां पर नहीं रुक सकते थे। इसलिए वो भी जेट से नीचे उतर आए। बॉडीगार्ड ने खींचते हुए सभी लड़कियों को बाहर निकाला।
श्रेष्ठ तेजी से एयरपोर्ट से बाहर आ गया। बाहर ऑलरेडी उसका ड्राइवर उसका इंतजार कर रहा था। उसे इस वक्त हद से ज्यादा गुस्सा आ रहा था। वो सीधा गाड़ी में जाकर बैठ गया। उसने जोर की आवाज के साथ दरवाजा बंद किया। कुछ ही देर में उनकी कार दीवान मेंशन के सामने आकर रुकी। दीवान मेंशन मुंबई का एक आलीशान बंगला था।
श्रेष्ठ ने कार का दरवाजा खोला और तेजी से अपने कदम बढ़ाता हुआ दीवान मेंशन के अंदर आ गया। लिविंग रूम में आते ही उसने चिल्लाते हुए कहा, "मिस्टर दीवान! अब ये कौन सा नया नाटक है आपका? आपकी हिम्मत कैसे हुई इस तरह से मेरी ट्रिप को खराब करने की?"
श्रेष्ठ के चिल्लाने की आवाज सुनकर हर्षवर्धन दीवान एटीट्यूड से चलते हुए सीढ़ियों से नीचे आने लगे। उन्होंने श्रेष्ठ की तरफ देखा जो कि इस वक्त बौखलाया हुआ नजर आ रहा था। उसे इस तरह से देख कर उनके चेहरे पर एक तिरछी स्माइल आ गई।
उनके चेहरे की मुस्कुराहट देखकर श्रेष्ठ और भी ज्यादा गुस्से में आ गया। उसने चिल्लाते हुए कहा, "मैंने कहा मुझे जवाब दीजिए कि आपने ये सब क्या लगा रखा है?"
श्रेष्ठ की बात सुनकर हर्षवर्धन दीवान मुस्कुराते हुए नीचे आकर उसके सामने खड़े हो गए। उन्होंने कहा, "ये कोई नौटंकी नहीं है। ये एक बाप की अपने बेटे के लिए फिक्र है।"
हर्षवर्धन दीवान की बात सुनकर श्रेष्ठ उनकी तरफ गुस्से से देखने लगा। अगले ही पल वो ठहाका मार कर हंसने लगा।
"मिस्टर दीवान इतना फनी जोक मैंने अपनी लाइफ में नहीं सुना। क्या कहा आपने? आपको मेरी फिक्र है।"
फिर अगले ही पल उसने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा, "भाड़ में गई आपकी फिक्र। मुझे आपकी फिक्र की कोई जरूरत नहीं है। इसलिए मेरी फिक्र करना और मेरे बारे में सोचना बंद कर दीजिए। मैं अपनी लाइफ में बहुत खुश हूं। मेरी लाइफ में दखलअंदाजी देना बंद कर दीजिए। यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी।"
श्रेष्ठ की बात सुनकर हर्षवर्धन जी ने गुस्से से कहा, "श्रेष्ठ बकवास बंद करो। पिता है हम तुम्हारे। तुम हमें नहीं बताओगे कि हम तुम्हारी परवाह करेंगे या नहीं।"
हर्षवर्धन जी की बात सुनकर श्रेष्ठ ने चिल्लाते हुए कहा, "प्लीज अब ये पिता पुत्र का भाषण देना बंद कीजिए। बिकॉज मुझे इसमें कोई इंटरेस्ट नहीं है।"
श्रेष्ठ की बात सुनकर हर्षवर्धन जी ने कहा, "आई डोंट केयर तुम्हें इंटरेस्ट है या नहीं। पर तुम्हें मेरी बात सुननी होगी वरना मैं तुम्हें अपनी जायदाद से बेदखल कर दूंगा। जैसा कि तुम्हें पता चल ही गया होगा कि अब तुम दीवान खानदान के कोई भी रिसोर्सेस यूज नहीं कर सकते।"
हर्षवर्धन दीवान की बात सुनकर श्रेष्ठ ने चिल्लाते हुए कहा, "बकवास बंद कीजिए मैंने अपनी मेहनत से 10 साल में दीवान कॉरपोरेशन को इस ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। आप होते कौन है मुझे ये कहने वाले की मैं दीवान खानदान की रिसोर्सेस इस्तेमाल नहीं कर सकता? मैं करूंगा क्योंकि इन पर मेरा पूरा हक बनता है। जितनी मेहनत आपने दीवान कॉरपोरेशन को बनाने में की थी उतनी ही मेहनत मैंने उसे ऊंचाइयों पर ले जाने में की है।"
श्रेष्ठ की बात सुनकर हर्षवर्धन जी ने टेढ़ी मुस्कुराहट के साथ कहा, "बिल्कुल सही कहा तुमने श्रेष्ठ। पर क्या तुम्हें पता है कि दीवान कारपोरेशन के सारे शेयर्स अभी भी मेरे हाथ में है? अगर मैं चाहूं तो तुम्हें दीवान कॉरपोरेशन से धक्के मार कर निकाल सकता हूं और इस घर से भी। तुम्हारे पास तुम्हारा खुद का कुछ भी नहीं है।"
हर्षवर्धन दीवान की बात सुनकर श्रेष्ठ के चेहरे पर हद से ज्यादा गुस्सा नजर आने लगा। उसने चिल्लाते हुए कहा, "बस बहुत हो गया। आपको क्या लगता है कि आप मुझे ये खोखली धमकियां देंगे और मैं डर जाऊंगा। बिल्कुल नहीं मिस्टर दीवान। मैं आज भी इतना काबिल हूं कि अपने दम पर दीवान कॉरपोरेशन से भी बड़ी कंपनी खुद खड़ी कर सकता हूं।"
श्रेष्ठ की बात सुनकर हर्षवर्धन दीवान ने मुस्कुराते हुए कहा, "अच्छा तो ठीक है, तो मेरी भी बात सुन लो। अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो मैं अपनी सारी प्रॉपर्टी अखिलेश के बेटे शिवम के नाम कर दूंगा। अगर तुम नहीं चाहते कि मैं ये सारी प्रॉपर्टी शिवम के नाम कर दूं। तो तुम्हें मेरी पसंद की लड़की से शादी करके सेटल होना पड़ेगा।और ये अय्याशियाँ बंद करनी होगी।।
क्या करेगा अब श्रेष्ठ ? क्या चाहते है हर्षवर्धन जी ?