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zero cultivation

Ruksar_Shekh
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Chapter 1 - Ch 1 - मास्टर चली गई ।

सामने 19 साल का एक लड़का कपड़े सिल रहा था, हाथ में सुई धागा लिए, वो कपड़े सिलने में इतना खो चुका था, कि अगर यहां सुनामी भी आ जाए, तो उसे उससे कोई फर्क न पड़े ।

उसे देख कर ऐसा लग रहा था, कि वो इस चीज में उच्चतम अवस्था में पहुंच गया है, वो अपना काम पूरा करने के बाद खुश होकर खड़ा होते हुए, बोला "देखिए मास्टर मैं ने इस काम में भी महारत हासिल कर ली है ।" उसे ऐसे पोज देते देख लग रहा था, कि मानो उसने पूरा जग जीत लिया हो ।

तभी एक लड़की ताली बजाते हुए कहती है "वाह ! क्या बात है, सच में तुम तो कमाल के हो !"

फिर वो लड़की अजीब सा चेहरा बना कर कहती है "लेकिन पहले तो तुमने कहा था, कि तुम यह लड़कियों वाला काम बिल्कुल भी नहीं करोगे, एक लड़का होते हुए ।"

वो लड़का पास आकर कहता है "मास्टर ! वो तो मैं मजाक कर रहा था, आप जो भी कहेंगी, मैं वो करने को तैयार हूं ।"

फिर वो उस लड़की के और पास आते हुए बोलता है, उसे देख कर ऐसा लग रहा था, कि वो किसी चीज के लिए काफी एक्साइटेड है, जो कि उसकी आंखों में साफ-साफ दिखाई दे रही थी ।

वो कहता है "मास्टर भूमि ! क्या आप मुझे कल्टीवेट करना सिखा देंगी Please ?"

भूमि उससे दूर होते हुए, खांसते हुए, कहती है "अभी नहीं, अभी नहीं ।" उसे देख कर ऐसा लग रहा था, कि वो कुछ छुपाने की भी कोशिश कर रही है ।

भूमि कहती है "देखो अक्षत, अभी तुम्हें कुछ और भी सीखने की जरूरत है ।"

अक्षत कहता है "क्या मास्टर अभी नहीं ? और मुझे अभी कुछ और भी सीखने की जरूरत है, लेकिन मैंने वह सब किया जो जो आपने करने को कहा, म्यूजिक, सिंगिंग, पेंटिंग, कैलीग्राफी, मार्शल आर्ट, पोएट्री, खेती, हंटिंग, फिशिंग, कुकिंग, शिल्प कला, लोहारी, फॉर्मेशन, मेडिसिन, काष्ठ कला, गार्डनिंग, बीस्ट टेमिंग और कई स्किल में सब में मैं मास्टरी कर उनकी उच्चतम लेवल तक पहुंच गया ।"

"मात्र 3 साल में, और अभी अभी मैं ने सिलाई में भी मास्टरी कर ली है, और आप अभी भी मुझे कल्टीवेशन करना नहीं सीखा रही है, पता भी है मुझे इन सब में मास्टरी करने के लिए कितना मेहनत करना पड़ा, और यह सब सिर्फ कल्टीवेशन सीखने के लिए मैंने किया था ।"

भूमि हंसने लगती है, वो कहती है "अच्छा क्या सच में ?"

अक्षत कहता है "आप तो बस यहां वहां घूमती रहती, खाती, पीती और सोती थी, आपको कैसे पता होगा की मैने इन सब को सीखने में कितनी मेहनत की है ।"

भूमि कहती है "वो तो मैं थोड़ा सा आराम कर लेती थी, तो क्या इसमें क्या है ?"

अक्षत थोड़ा नाराज होते हुए कहता है "मास्टर कहीं आप मेरे साथ कल्टीवेशन सीखाने के नाम पर खेल तो नहीं रही है ।"

भूमि उससे दूर जाते हुए कहती है "अच्छा, अब मैं चलती हूं, आशा करती हूं कि भविष्य में हमारी दोबारा मुलाकात होगी ।" इतना कह कर वो दूसरी तरफ मुड़ जाती है, और फिर धीरे से कहती जाती है "मुझे माफ करना अक्षत ! इस तरह तुम्हें बीच में छोड़ कर जाने के लिए, पर मैं कर भी क्या सकती हूं, मेरी मजबूरी है ।"

तभी पीछे से अक्षत कहता है "आप कहां जा रही हैं मास्टर ? अब आप ये मत कहिएगा कि आप मुझे छोड़ कर जा रही हैं, मैं आपके बातो में नहीं आने वाला ।"

भूमि पीछे मुड़कर उसे एक मुस्कुराते हुए चेहरे से, कहती है "अपना ख्याल रखना अक्षत !" इतना कहने के बाद वो वहां से गायब हो जाती है, भूमि के उस मुस्कान के पीछे एक दुख था, जो अक्षत ने महसूस कर लिया ।

वो समझ गया कि उसकी मास्टर उसे ऐसे ही छोड़ कर चली गई है, वो उस तरफ यह चिल्लाते हुए आगे दौड़ने लगता है "मास्टर ! मैं अब आपसे कल्टीवेशन के बारे में बात भी नहीं करूंगा, आप जो भी कहेंगी, मैं वही करुंगा, पर Please मुझे छोड़ कर मत जाइए ।"

"आपके सिवा मेरा यहां है ही कौन ??"

इतना कहते ही वो सामने ढलान से नीचे गिरने लगता है, क्योंकि वो काफी तेजी से इस तरफ दौड़ने लगा था, और अचानक से वो रुक नहीं पाया ।

अक्षत यहां का रहने वाला नहीं था, वो तो हमारे पृथ्वी का रहने वाला था, उसका पूरा नाम अक्षत सिंह था, वो दिल्ली के एक जाने माने उद्योगपति का बेटा था, लेकिन जब वो 5 साल का था, तब उसके माता-पिता की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई, और उसके सिर से उसके पैरेंट्स का हाथ चला गया ।

लेकिन उसके जीवन में यह दुख कम नहीं था, कि उसके खुद के सगे अंकल ने उसे भी उसे कार एक्सीडेंट में मृत दिखा कर उसके पिता की सारी प्रॉपर्टी हड़प ली, और उसे एक बेकार से अनाथालय में भेज दिया, ताकि कोई जान ही न पाए उसके बारे में ।

अक्षत बेचारा 5 साल का छोटा बच्चा, भला कर भी क्या सकता था, वो तो अपने माता-पिता के मरने का ढंग से शोक भी नहीं मना पाया, और उसे एक कबाड़ से अनाथालय में डाल दिया गया, जहां न खाने का कुछ ढंग का मिलता, न सोने और पहनने को, वहां के सारे बच्चे एकदम सूखे हुए से थे, कई बीमार से थे, जो ये दर्शा रहे थे की इस ऑर्फेनेज के मैनेजर ने इन सब के नाम का डोनेशन आपने जेब में रख लिया है ।

करीब 5 साल बाद

अक्षत वहां अनाथालय से भाग गया, और अनाथालय वालों ने भी उसे ढूंढने की कोशिश नहीं की, करते भी क्यों उन्हे उसके भागने से क्या ही फर्क पड़ रहा था ? उन्हे तब भी सरकार और लोगो की तरफ से डोनेशन्स तो उतने ही मिल रहे थे, जितना की पहले मिल रहे थे ।

वो अकेला 10 साल का लड़का सड़कों पर नंगे पांव घूमता, भूखा, प्यासा, तो उसकी हालत देख एक चाय वाले ने उसे अपने यहां रख लिया, ये कोई उस पर दया नहीं किया था, बल्कि चाय वाले ने उसमें फायदा देखा था ।

वैसे अक्षत काफी मेहनती था, उसे किताबे भी पढ़ना अच्छा लगता था, लेकिन शायद उसके नसीब में यह सब नहीं था, बस सब किस्मत का खेल था, भले ही वो एक अमीर परिवार में पैदा हुआ था, लेकिन उसकी जिंदगी तो गरीबी में ही कट रही थी ।

वो काफी मेहनत करता, उसकी लगन देख कर चाय वाले ने उसे स्कूल जाने की परमिशन दे दी, वो अब स्कूल जाने लगा था, और स्कूल से आकर चाय की स्टाल पर काम करता है, ऐसे ही वो अब क्लास 11th में आ गया और उसकी उम्र 16 साल थी ।

वो एक दिन अपने स्कूल से वापस आ ही रहा था, वो सड़क पार कर ही रहा था कि अचानक एक ट्रक बेकाबू होकर उसे टक्कर कर जाती है, उस समय उसके दिमाग में सिर्फ एक ही बात चल रही थी, क्या मैं मरने वाला हूं ? क्या मैं मरने वाला हूं? नहीं मैं मरना नहीं चाहता, नहीं मैं मरना नहीं चाहता ।

मैं अभी और जीना चाहता हूं, मैं मरना नहीं चाहता, अरे कल मेरा स्कूल में टेस्ट है, और मुझे क्लास में फर्स्ट आना है ।

लेकिन तब तक उसकी धड़कनें थम चुकी थी, और उसकी मौत हो चुकी थी, शायद उसके पूरे परिवार के नसीब में यही था, एक्सीडेंट में मौत ।

मरने के बाद उसे ऐसा लग रहा था, की वो जैसे एक काली अंधेरी जगह पर पहुंच गया हो, जहां न कुछ दिखाई दे रहा था, न कुछ सुनाई । वो बोलने की कोशिश भी करता है, पर कुछ बोल भी नहीं पा रहा था ।

तभी एक झटके के साथ वो अचानक से अपनी आंखें खोलता है, तो वो अपने आप को एक जंगल में लेटा पाता है, वो तुरंत उठ जाता है, और अपने हाथ पैर देखने लगता है, जो की सही सलामत थे, बस उसके कपड़े थोड़ा फटे पुराने थे ।

उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था, कि वो कहां है ? अभी अभी तो वो ट्रक के सामने था, और बस यही मनाये जा रहा था, कि उसकी मौत न हो और जब उसकी आंख खुलती है, तो वो अपने आप को इस जंगल में पाता है ।

तभी उसका सिर दर्द करने लगता है, उसे कुछ याद आने लगता है, ये यादें इस लड़के की थी, जिसके शरीर में अक्षत का रेनकार्नेसन हुआ था ।

दरअसल अक्षत रेनकार्नेट होकर एक दूसरी दुनिया में इस लड़के के शरीर में आ गया था, इस लड़के का शरीर थोड़ा कमजोर था, अक्षत को जो भी याद आ रहा था, उन सब में इस लड़के की भी हालत कुछ ठीक नहीं थी, बिल्कुल उसी की तरह ही थी एकदम बेकार या कहे की उससे भी बुरी, इसकी हालत इतनी खराब थी, कि ये कई कई दिनों से भूखा था और चलते चलते इस जंगल में आकर यही बेहोश होकर गिर गया और उसकी यही मौत हो गई ।

और उसके मरते ही अक्षत इसमें रेनकार्नेट यानी पुनर्जीवित हो गया, वैसे इस लड़के की भी उतनी ही उम्र थी जितनी उसकी थी, उसे अब इन यादों से समझ नहीं आ रहा था, कि आखिर उसे हुआ क्या है ? और वो यहां क्यों है ?

वो अपने हाथ पैर और बाकी के हिस्से देखने लगता है, तो उसे सब काफी बदला बदला लग रहा था, वैसे भी सभी को अपने शरीर के बारे में काफी अच्छे से पता होता है, तब जाकर उसे कुछ कुछ समझ आने लगा, उसने अपने यहां कई मूवीज़ देखी थी, जिसमे एक की आत्मा दूसरे में चली जाती है ।

लेकिन उसे तो इन सब बातों पर विश्वास नहीं था, लेकिन जब वो अपनी तरफ देख रहा था, तो उसे इन पर भरोसा करना ही पड़ा, वो इन सब से बहुत ही हैरान था ।

अब उसका पेट दर्द करने लगा, क्योंकि शरीर तो कई दिनों से भूखा था, अक्षत तो अपना पेट पकड़ लेता है, तभी उसे एक मधुर सी आवाज सुनाई देती है "अरे लड़के तुम उठ गए ।"

वो पीछे मुड़ कर देखता है, तो पीछे एक लड़की हाथ में कुछ फल लिए खड़ी थी, उसकी उम्र देखने से तो 25 से 26 की लग रही थी, वो काफी खूबसूरत दिख रही थी, उसकी आवाज में काफी मधुरता थी ।

वो अक्षत के पास आकर, उसे फल देते हुए बोली "पहले तो तुम यह सब खा लो, उसके बाद ही हम बात करेंगे ।"

अक्षय तुरंत ही उन फलों को खाने लगता है, वो लड़की कहती है "मैंने देखा कि तुम यहां ऐसे ही बेहोश पड़े थे, मैं तुम्हारी हालत देख कर समझ गई थी, कि तुम्हें भूख लगी होगी, तो बस तुम्हारे लिए फल लेने चली गई, अच्छा बताओ तुम्हारा नाम क्या है ?"

अक्षत वो सब खाते हुए ही कहता है "मेरा नाम अक्षत है ।"

उसे न जाने ऐसे अच्छे और स्वादिष्ट फल खाए, कितने साल हो गई थे ।

वो लड़की कहती है "अक्षत, काफी अच्छा नाम है तुम्हारा । वैसे तुम्हें देख कर तो ऐसा लग रहा है कि, तुम्हारा ख्याल रखने वाला कोई नहीं है, या फिर तुम इस जंगल में भटक गए हो ।"

अक्षत हां में सिर हिलाता है, वैसे भी उसे इस शरीर के पुराने मालिक के यादों में यही मिला था, कि वो भी एक अनाथ था, उसे ऐसे ही छोड़ दिया गया था ।

वो लड़की कहती है "क्या तुम मेरे साथ चलोगे ?" उस लड़की को अक्षत की ये हालत देख कर दया आ जाती है ।

अक्षत कुछ सोच कर हां में सिर हिला देता है, वैसे भी उसे यह लड़की काफी अच्छी लग रही थी दिल से ।

तभी तो एक अंजान लड़के की मदद करने के लिए, वो जंगल में जाकर फल लेकर आई थी, ये लड़की कोई और नहीं, भूमि ही थी ।

यह दुनिया मार्शल आर्ट और कल्टीवेशन की दुनिया है, यहां अगर कुछ चलता था तो पावर चलता था, और जो पावरफुल होता था वही राज करता है, यहां कुछ sect भी बने हुए है, जो अपने अपने क्षेत्र की देख रेख और सुरक्षा करते थे ।

यहां जो लोग कल्टीवेट करते थे, उन्हें कल्टीवेटर कहा जाता था, और वो बाहर से एनर्जी सोख कर अपना लेवल बढ़ते थे, यहां जो लोग कल्टीवेट नहीं कर सकते हैं, उन्हें मामूली मनुष्य ही समझा जाता है, और यहां उनकी ज्यादा इज्जत भी नहीं की जाती है, उन्हे बस कीड़े मकोड़े ही समझा जाता है, जिनके लाइफ की कोई वैल्यू नही है ।

किसी को कल्टीवेटर बनने के लिए उसे अपने अंदर स्पिरिचुअल पावर को जागृत करना पड़ता है, तभी वो बाहर से एनर्जी सोख कर अपना लेवल बढ़ा सकता है ।

भूमि, अक्षत को जंगल में बने एक छोटे से घर पर ले जाती है, जो की एकदम खाली था, वो पहले किसी बूढ़े आदमी का हुआ करता था, लेकिन उसके मरने के बाद से वह खाली ही पड़ा है ।

यहां कोई रहने ही नहीं आया, क्योंकि पूरा जंगल खतरनाक जंगली तरह तरह के बीस्टो से भरा पड़ा है, वैसे वह घर जिस जगह पर था, वहां थोड़ा कम खतरा है, पर आगे की पहाड़ियों में काफी खतरनाक खूंखार बीस्ट रहा करते हैं ।

भूमि उसे यहां ले आई थी, वो उससे बातें करती है, तो उसे पता चलता है कि इस लड़के को तो यहां के बारे में कुछ पता ही नहीं है, ना ही उसे पढ़ना आता है, ना ही लिखना, लेकिन वो यह भी समझ रही थी कि उसकी ये हालत क्यों थी ?

इसलिए वो उसे अब सब कुछ सीखना शुरू करती है, वैसे यहां की भाषा और पृथ्वी की भाषा बोलने में समान ही थी, लेकिन लिखने में थोड़ा अलग है, इसलिए ही शुरू में अक्षत को थोड़ा दिक्कत हो रही थी, लेकिन जल्द ही भूमि के समझाने पर वो सब समझने लगा और जल्द ही वो इन सबको पढ़ने लिखने में एक्सपर्ट हो गया ।

क्योंकि यहां की भाषा लिखावट में हमारे यहां की संस्कृत भाषा से काफी ज्यादा मिलती जुलती थी, और अक्षत को पढ़ाई करना, कितना पसंद है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, की मरते वक्त भी उसे अपने स्कूल में होने वाली टेस्ट की पड़ी थी ।

भूमि उसे कई सारी स्किल सीखने को कहती है ।

अक्षत वैसा ही करता है, क्योंकि उसे और कुछ करने को था भी नहीं यहां, ऐसे ही वो सीखते सीखते सब में उच्चतम बिंदु तक पर पहुंच गया, वो सब कुछ कर रहा था जो भी भूमि उसे करने को कहती, अब उसे यहां आए 3 साल हो गए थे, वो अब यहां क्या क्या होता है ? क्या चलता है ? सब समझ रहा था ।