वामिका सोचती है कि जिस आदमी ने इस जैसे मार्शल लेवल 9 के ऊपर के बीस्ट को पालतू बना रखा है, वो कितना पावरफुल होगा, यह सोचते ही वो अपनी पूरी जान लगा देती है खड़ा होने में ।
लेकिन जैसा की उस पर ईगल ने हमला किया था, उसकी हालत तो ठीक नही थी ।
उसे चोट काफी लगी थी, तो उसे दर्द भी हो रहा था, तभी वहां अक्षत आ जाता है, जो टॉमी को वहां बैठा देख कहता है "क्या हुआ टॉमी तुम यहां ऐसे क्यों बैठे हुए हो ?"
तभी उसकी नजर सामने खराब हालत में खड़ी वामिका पर पड़ती है, जिसे देखते ही उसके दिल के तार बजने लगते हैं, वो सोचने लगता है कि "अरे बाप रे ! ये कितनी सुंदर है! बिल्कुल किसी आसमान से उतरी परी की तरह ।"
वामिका उसे देख कर सोचने लगती है, कि मैं इनकी एनर्जी को महसूस ही नहीं नहीं कर पा रही हूं, और ना ही इनका कल्टीवेशन लेवल देख पा रही हूं, ऐसा लगता है कि इन्होंने उसे छिपा कर रखा है, एक एक्सपर्ट से यही उम्मीद थी ।
इसी के साथ वो घुटने पर आकर कहती है "सीनियर ! मेरी मदद करने के लिए... ।"
वो इतना ही कह पाई थी, कि उसकी आंखें बंद होने लगती है, वामिका सोचने लगती है ये मुझे क्या हो रहा है ? मुझे कुछ भी दिखाई क्यों नही दे रहा है, मेरी आंखे बंद क्यों हो रजाई हैं ?
ऐसा इसलिए था क्योंकि वो घायल थी, और उसका काफी सारा खून बह चुका था ।
अक्षत तो उसे अपने सामने घुटने पर आता देख चौंक जाता है, उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था, कि यह लड़की उसे देख कर ऐसे बर्ताव क्यों कर रही है ?
पर वो आगे कुछ और भी सोच पता, की वो देखता है कि वामिका तो बेहोश हो गई, वो तुरंत उसके पास जाकर उसे देखने लगता है, वो उसे उठाने की भी कोशिश करते हुए कहता है "मिस मिस क्या हुआ आपको ?"
पर उसको अपने सवालों का कोई भी जवाब नहीं मिलता, क्योंकि वामिका बेहोश जो पड़ी थी, वो वामिक के कंडीशन को देखता है, और कहता है "इनका तो काफी सारा खून बह गया है, लेकिन फिर भी इन्होंने इतनी देर तक अपने आप को बेहोश होने से रोक रखा था, इसका मतलब ये जरूर कोई कल्टीवेटर होगी, क्योंकि ऐसा सिर्फ वही लोग कर पाते हैं ।"
अक्षत अब भूमिका को उठा कर अपने घर की ओर चलने लगता है, और टॉमी को वो कह देता है कि "वो उस ईगल को लेकर आए ।"
टॉमी उसकी बातें सुन कर भाऊं भाऊं करता है, और उस ईगल के पंजे को अपने जबड़े में भरकर खींचते हुए, अक्षत के पीछे पीछे चलने लगता है ।
वैसे वो ईगल काफी बड़ा था, करीब 1 मीटर का और काफी भारी भी था, वैसे जब यह पैदा होते हैं, तब यह ऐसे नहीं होते लेकिन जैसे जैसे यह अपने लेवल को बढ़ाते हैं, तो इनकी साइज और स्ट्रैंथ भी बढ़ने लगती है, और साथ में इनकी बुद्धि भी बढ़ने लगती है, ये और भी चालक और खतरनाक, घमंडी होते जाते हैं ।
शायद तभी इनसे लड़ना, आसान नहीं होता है ।
अक्षत भूमिका को लाकर बेड पर लेटा देता है, और फिर वो कुछ जड़ी बूटियां को पीस कर उसका पेस्ट बनाकर भूमिका के घाव पर लगाने लगता है, पर यह करने के लिए उसने काफी हिम्मत जुटाइ थी ।
दरअसल उस ईगल ने भूमिका के पेट पर हमला किया था, और वहां वो जड़ी बूटियां वाला पेस्ट लगाने में अक्षत को शर्म आ रही थी, आज तक उसने किसी लड़की को छुआ नहीं था शायद इसलिए, या कहे कि अपनी मां के अलावा किसी लड़की को नहीं छुआ था ।
वो बेचारा अपनी दुनिया में भी सिंगल ही था, जबकि उसके कई फ्रेंड की गर्लफ्रेंड थी, और वो इस दुनिया में भी अभी तक सिंगल ही है ।
उसने उसको कुछ जड़ी बूटियां का रस वामिका के मुंह में भी डाल दिया, जिससे कि उसकी रिकवरी फास्ट हो सके, सब काम खत्म करने के बाद वो बड़बड़ता है "अब सब इनके ऊपर है, कि इन्हें कब होश आता है? मैं ने तो सब अपनी तरफ से कर ही दिया है ।"
वामिका के घाव अब काफी तेजी से भर रहे थे, ऐसा लग रहा था कि वो 2 घंटे में, उसके सारे घाव भर जाएंगे ।
अक्षत कहता है "हालांकि मैं ने मेडिसिन में मास्टरी तो की है, लेकिन वो सिर्फ मामूली इंसानों के लिए ही था, कल्टीवेटरों का तो पता नहीं की इन पर यह कैसे काम करेगा ? अगर मैं भी कल्टीवेशन कर सकता, तो शायद बात कुछ और होती ।"
यह कहते हुए, वो अपना हाथ देखने लगता है, उसके चेहरे पर थोड़ा उदासी भी आ जाती है, तभी वो बड़बड़ाने लगता है "मैं उड़ नहीं सकता, लेकिन सच में ऐसे आसमान में उड़ना, कितना मजेदार होता होगा ?"
तभी उसे कुछ बाहर से टकराने की आवाज आती है, तो उसे याद आता है कि उसका डॉगी टॉमी तो अभी बाहर ही मस्ती कर रहा है उस ईगल के बॉडी के साथ ।
इसलिए वो बाहर चला जाता है ।
करीब 2 घंटे बाद
वामिका को होश आता है, वो उठ कर बैठ जाती है, वो उठ कर अपने आस पास हैरानी से देखने लगती है, और बड़बड़ाती है "क्या मैं अभी तक जिंदा हूं, मैं कहां हूं ? यह कौन सी जगह है ?"
तभी उसे अपने चोटो का याद आता है, और जब वो उस तरफ देखती है, तो उसके तो होश ही उड़ जाते हैं, और वो हैरानी से अपने हाथों और उन घावों को देखने लगती है, वो इन्हें छूती भी है, ताकि यह कंफर्म कर सके कि वो जो देख रही है वह सच है ।
वो बड़बड़ाती है "अगर समय की बात की जाए, तो मुझे बेहोश हुए करीब 2 घंटे से 2: 30 घंटे हो चुके हैं ।"
क्योंकि वो एक कल्टीवेटर थी, तो वो अपने आसपास के माहौल और नेचर को देख कर समय का अंदाजा लगा सकती थी ।
वो आगे कहती है "मेरे चोट पूरा ठीक हो चुके हैं, इनमें तो उसके निशान तक नहीं है, ये किस प्रकार की मेडिसिन है ? जो इतनी तेज रिकवरी करती है ।"
उसे याद आता है, की बेहोश होने से पहले वो एक 19, 20 साल के लड़के से मिली थी, और उसके पास एक मार्शल लेवल 9 से ऊपर का बीस्ट था ।
वो कहती है "वो लड़का नहीं, सीनियर जरूर एक योगी होंगे, जो यहां इस जंगल में अकेले रह रहे होंगे ।"
[योगी उन कल्टीवेटरों को कहा जाता है, जो अपने कल्टीवेशन और अपनी समझ बढ़ाने के लिए अक्सर अकेले रह कर उनका अभ्यास करते रहते हैं, और अपनी कल्टीवेशन और समझ बढ़ते रहते हैं, यह लोग संसार के अन्य लोगों से अपने आप को अलग रखे रहते हैं, और बस अपने आप पर ही फोकस किए रहते हैं ।]
तभी भूमिका का ध्यान अपने लेटे हुए बेड पर जाता है, और वो उस पर लेटे लेटे ही घूमने लगती है, बिलकुल किसी साप की तरह और खुश होते हुए कहती "अरे यह बेड कितना मुलायम और आरामदायक है ।"
तभी उसकी नजर उस कंबल के सिले गए पैटर्न पर जाती है, तो वो तो इसे देख कर, बड़बड़ाती है "इसे देखकर ऐसा लग रहा है, कि इसे सिला नहीं गया है, बल्कि इस पर तो एक आर्ट की गई है, और इसमें कोई गलती नहीं है ।"
तभी वामिका का ध्यान कमरे में टांगे गए पेंटिंग पर जाता है, और वो बड़बड़ाती है "यह किस प्रकार की पेंटिंग है ?" वो कुछ इससे आगे भी बोल पाती की, उसकी चेतना उस पेंटिंग के अंदर खिंची चली जाती है ।
और जब वो अपने आप को देखती हैं, तो वो अपने आप को उस पेंटिंग के अंदर पाती है, उस पेंटिंग के अंदर मानो एक अलग ही दुनिया बसी हो, वहां झरने से पानी गिर रहा था, और पक्षी चहचहा रही थी, यह सब वामिका अपनी आंखों से देख रही थी, और वो झरने से पानी गिरने की आवाज भी सुन सकती थी ।
वो बड़बड़ाती है "क्या यह इस पेंटिंग की दुनिया है, आखिर यह पेंटिंग है किस लेवल की जिसमें एक अलग सारी दुनिया बसी पड़ी है ?"
वैसे उस पेंटिंग में वामिका की सिर्फ चेतना ही गई थी, उसकी बॉडी बाहर ही बेड पर बैठी हुई, ध्यान की मुद्रा में थी, और उसका शरीर आसपास की हवा में फैली एनर्जी को काफी तेजी से सोख रही थी ।
वामिका की चेतना अभी भी उस पेंटिंग में ही थी, वो अब सामने हवा में तैर रहे शब्दों को देखने लगती है, जो वहां हवा में ही एक अलग सी आभा मंडल बिखेर रहे थे ।
वो अब उन्हें पढ़ने लगती है:
"तुम निराश न हो, क्या तुमने यह देखा की कैसे यह नेचर तुम्हारी स्वागत कर रही है ।
यह झरने, यह पेड़, यह पक्षी सभी बस तुम्हारा ही स्वागत कर रहे हैं, अब तुम इन्हें अपने आप में महसूस करो और छोड़ दो यह निराशा, और अपने अंदर की एनर्जी को ऐसे ही खुले में बहने दो ।
जब तक वो उस रुकावट के द्वार को तोड़ न दे ।।"
इतना पढ़ते ही वामिका का लेवल बढ़ने लगता है, वह बढ़ते बढ़ते मार्शल लेवल 4 के पीक पर और एक झटके के साथ ही वो मार्शल लेवल 5 पर पहुंच जाती है, और इसी के साथ उसकी चेतना वापस से उसकी बॉडी में आ जाती है ।
वो अब अपनी आंखें खोल लेती है, और अपनी बढ़ी हुई ताकत को देखने लगती है, वो सच में मार्शल लेवल 5 की शुरुआती स्टेज पर पहुंच चुकी है, वो यह पावर और बदलाव अपने शरीर में महसूस कर सकती थी ।
उसे तो अभी तक यही यकीन नहीं हो रहा था, कि यह पेंटिंग इस लेवल पर है कि उसके अंदर एक छोटी सी अलग ही दुनिया है, उसमें बने सभी कैरेक्टर जिंदा है, और तभी उसे एक और झटका लगा की मात्रा कुछ शब्द पढ़ने से ही उसका मार्शल लेवल एक लेवल से बढ़ गया, जिसे बढ़ाने में शायद अभी उसे काफी समय लगता ।
लेकिन यह सिर्फ कुछ शब्दों के पढ़ने से ही हो गया था, तो यह हैरानी वाली बात तो थी ।
वामिका का सोचने लगती है कि आखिर ये सीनियर है कौन ? जिनकी पेंटिंग भी एक कीमती खजाने से कम नहीं है ।
तभी वहां अक्षत आ जाता है, वो वामिका को बैठे देख कहता है "ओह तो मिस आप उठ गई, चलिए अच्छी बात है, वैसे आपको काफी ज्यादा चोटे आई थी, फिर मैं ने आपका इलाज तो कर दिया है, पर मुझे नहीं पता कि वो सारी मेडिसिन आप पर काम करेगी भी की नहीं ।"
वामिका तो पहले ही अक्षत से काफी हैरान थी, उसने तो उसकी बात सुनी ही नहीं, उसके मुंह से सिर्फ इतना ही निकलता है कि "आखिर आप आए कहां से हैं, आप हैं कौन ?"
अक्षत एक बार के लिए उसका यह सवाल सुन कर चुप पड़ जाता है, फिर कहता है "शायद तुमने उसके बारे में सुना होगा ! उस जगह का नाम पृथ्वी है ।"