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Chapter 7 - Ch 7 - टॉप लेवल का हथियार ।

अगली सुबह

अक्षत सुबह सुबह ही पहुंच जाता है, उस जगह पर जहां वो हर रोज भूमि के साथ सभी चीजों की प्रेक्टिस किया करता है, वो अब भूमि का इंतजार करने लगता है, लेकिन सुबह से दोपहर हो जाती है ।

पर भूमि नहीं आती है, अब अक्षत को पूरा यकीन हो जाता है, की भूमि उसे छोड़ कर चली गई है, वो तो यहां ये सोच कर आया था, की शायद उससे कल भूमि मजाक कर रही थीं, लें न अब उसे अच्छे से समझ आ चुका है, की वो कोई मजाक नहीं कर रही थीं, बल्कि वो उसे छोड़ कर जा चुकी हैं ।

वो अपना बेकार सा चेहरा बना कर वापस आ जाता है, वो यहां वापस आने के अलावा कर भी क्या सकता था? क्योंकि मास्टर भूमि तो उसके बुलाने से आने वाली नही थीं ।

इधर स्पीति वैली सेक्ट में सेक्ट लीडर राजीव और भूमिका तैयार हो रहे थे, अक्षत से मिलने जाने के लिए, वो दोनो अब निकलने ही वाले थे कि राजीव कहते हैं "अगर तुमने जो भी कहा वह सब सच है, कि सीनियर किसी ऊपर के ऊंची दुनिया पृथ्वी से आए हुए हैं, तब तुमने उनके सामने अपने आप को कुछ ज्यादा ही आंक लिया था उनका स्टूडेंट बनने को कह कर ।"

वामिका कहती है "यह आपकी बेटी की नासमझी थी, वो तो यह अच्छा हुआ कि सीनियर बहुत अच्छे हैं, उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं कहा, नही तो अगर वो गुस्सा हो जाते तो हमारे पूरे सेक्ट को अंजाम भुगतना पड़ता ।"

वो दोनो ही अब जंगल में आ गए थे, वामिका कहती है "पिता जी हम पहाड़ों पर उड़ कर क्यों नहीं चल रहे हैं, उससे तो हम जल्दी वहां पहुंच जाएंगे ।"

राजीव थोड़ा सख्त होते हुए कहते हैं "तुम क्या जानती हो ? कुछ भी नहीं, हम ऐसे पैदल ही पहाड़ों पर चल कर उनको अपना रिस्पेक्ट दिखा रहे हैं, तुम्हें अभी दुनियादारी की बातें सीखनी होगी, हम ऐसे किसी से मिलने जा रहे हैं, जो कि हमसे कई ज्यादा पावरफुल है, तो उड़ कर जाना उनके डिसरिस्पेक्ट करना हुआ समझ गई तुम ।"

"अगर हम उड़ कर गए तो उन्हे बुरा भी लग सकता है, क्योंकि ये उन्हे इंसल्ट फील करा सकता है ।"

वामिका एक झूठी स्माइल करते हुए कहती है "हां समझ गई ।"

वो सोचती है यह अच्छा हुआ कि मैं ने यह नहीं बताया कि मैं कल सीनियर के घर से उड़ कर ही आई थी, नहीं तो उसके लिए पिताजी न जाने मुझे कितनी डांट लगाते ।"

तभी राजीव कुछ हाथ में लिए वामिका से कहते हैं "अच्छा यह बताओ कि क्या तुम यह हमारे फैमिली की प्रेशियस खजाना गोल्डन लेखनी को सीनियर को, अपने लाइफ बचाने के लिए, उन्हें दे सकती हो ।"

ये कहते हुए राजीव बड़े ही आशा भरी नजरो से वामिका को देख रहे थे, ऐसा लग रहा था की जैसे कोई छोटा बच्चा अपने पैरेंट्स से किसी चीज के लिए परमिशन ले रहा हो ।

वामिका थोड़ा नाराज होते हुए कहती है "हालांकि यह गोल्डन लेखनी हमारे शर्मा फैमिली की बहुमूल्य खजाने में से एक है, पर फिर भी आपकी बेटी यह सीनियर को देने में डर रही है, कि वो इसे पसंद भी करेंगे की नहीं ।"

राजीव उस गोल्डन लेखनी को बड़े निराशा से देखते हुए कहते हैं "सीनियर की नजरों में यह शर्मा फैमिली की गोल्डन लेखनी स्वाभाविक रूप से बेकार ही होगी, लेकिन हम अपनी रिस्पेक्ट को दिखाने के लिए अपने बहुमूल्य खजाने में से एक तो उन्हें दे ही सकते हैं ।"

वो ये कल रात से ही सोच रहे थे, कि अगर वो कल सीनियर से मिलने जाएंगे, तो खाली हाथ जाना ठीक नहीं होगा इसलिए उन्होंने बहुत सोचा तब उन्हें एक इस गोल्डन लेखनी की याद आइ ।

वैसे भी उन्हें वामिका से पता चला था कि सीनियर को पेंटिंग और कैलीग्राफी में भी रुचि है, तो शायद वो इस गोल्डन लेखनी को भी पसंद कर ले ।

राजीव सोचते हैं की हालांकि वह सियांग बीस्ट और बीस्ट ग्रुप अभी के लिए मेरी बेटी से डर कर चले गए हैं, लेकिन उनका कुछ कहा नहीं जा सकता है, वो जल्द ही कुछ ना कुछ करके हम पर फिर से अटैक कर सकते हैं ।

ऐसे में हमें किसी ऐसे पावरफुल व्यक्ति का सपोर्ट चाहिए होगा, जो हमारी मदद कर सके, जैसा कि सीनियर हैं, वो जरूर हमारी मदद कर सकते हैं ।

क्योंकि जैसी पावर वामिका उनके बारे में बता रही थी, वो जरूर ही काफी पावर फूल होंगे ।

वैसे ये बीस्ट ग्रुप पहले ऐसे स्पीति वैली सेक्ट पर अटैक नही कर रहे थे, ऐसा उन सब ने अभी हाल ही में करना शुरू किया है, पहले स्पीति वैली सेक्ट की रक्षा उनसे दो पीढ़ी ऊपर के एक पूर्वज कर रहे थे, जो की मार्शल लेवल 9 पर थे, लेकिन उनकी मृत्यु दो महीने पहले ही हो गई, जिसके जानकारी जैसे ही बीस्ट ग्रुप को लगी, तब से वो अब जब मन करता तब स्पीति वैली सेक्ट पर अटैक कर देते ।

दोनों चलते चलते अब अक्षत के घर के करीब आ गए थे, वामिक राजीव को हाथ से इशारा करते हुए कहती है "पिताजी वो देखिए, वो रहा सीनियर का घर, वो यहीं रहते हैं ।"

राजीव वो घर देख कर अपनी आंखें बड़ी कर लेते हैं, उनके मुंह से निकलता है "अरे बाप रे बाप यह क्या है ?"

अक्षत ने अपने घर के चारों ओर एक पतली सी नहर बनाई थी, जिससे कि दूर की नदी के पानी आता रहे, इस नहर से ही वो अपने यहां के सभी जरूरत को पूरा करता था, और उस पर उसने एक पुल भी बना रखा था ।

अरे वो बार-बार इस नहर से थोड़ी ना होकर अपने घर जाएगा, राजीव उस पुल को छूते हैं, तो उसमें से एक एनर्जी का कण निकलकर उनके शरीर में जाने लगती है ।

वो बड़बड़ाते हैं "अरे यह पुल भी एनर्जी से पूरा भरपूर है ।" और उनकी नजर उस नहर पर जाती है, और वो कहते हैं "ये ये तो अपने साथ काफी मात्रा में एनर्जी लेकर बह रही है, यह पूरी जगह ही एनर्जी से भरी पड़ी है ।"

"ऐसी जगह तो कल्टीवेशन करने के लिए बहुत ही अच्छी है, यहां की एनर्जी बहुत ही शुद्ध और अच्छी है ।"

वो दोनों पुल पार करते हैं, और तभी राजीव की नजर किसी चीज पर पड़ती है, और उनके तो होश ही उड़ जाते हैं, उनके मुंह से निकलता है "यह क्या है, क्या यह वही हजारों साल पुराना सूर्य मंडल पेड़ नहीं है, जो कहा जाता है कि सभी पेड़ों का पूर्वज है ।"

"और यह इस पर लिपटी हुई लताएं वही अमरबेल लताएं हैं, जिसके की हजारों साल पहले दो देवताओं में जब बैटल चल रहा था, तब एक देवता ने इसके एक शाखा से दूसरे देवता को बांध दिया था ।"

"और यहां इस पर बैठा हुआ कौआ, गोल्डन फ्लेम कौआ नही है ।"

तभी उन्हें वो कौआ देखने लगता है, जिसके देखने मात्र से ही राजीव की आत्मा हिल जाती है, और वो नीचे गिर जाते है, वो अब काफी डर गए थे, अगर वो गोल्डन फ्लेम कौआ उसे कुछ देर तक और ऐसे ही देखता रहता, तो तब तो उनकी आत्मा ही जल कर खत्म हो जाती ।

वामिका राजीव को इतना डरा हुआ और नीचे गिरा देख, कहती है "पिताजी, पिताजी क्या हुआ है, आप ऐसे जमीन पर क्या कर रहे हैं ?"

राजीव बड़बड़ाते हैं "ये पृथ्वी से आए सीनियर का घर तो काफी ज्यादा डरावना है ।"

दरअसल अभी तक राजीव ने जो भी सब देखा था, वो सब उसने अपने सेक्ट की लाइब्रेरी में पढ़ा था, जो उसके सेक्ट के कई पूर्वज ने लिखा था, तभी उन्हें इन सब चीजों का पता था, हालांकि उन्होंने यह कभी भी नहीं सोचा था कि जिनको उसने अपने सेक्ट की लाइब्रेरी में पढ़ा था, वो कभी उन सभी चीजों को अपनी जिंदगी में सच में देख पाएगा ।

ऐसा तो उसके कई पूर्वज को भी मौका नहीं मिला था, और यह सब बातें तो वामिका को पता ही नहीं थी, उसे इन सब चीजों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, हां वो यहां के फैली हुई साफ एनर्जी को अच्छे से महसूस कर पा रही थी ।

इधर घर के अंदर आंगन में अक्षत आराम फरमा रहा था, और टूथपिक से अपने दांत साफ कर रहा था, उसने अभी कुछ देर पहले ही तो खाना खाया था, तभी कोई डोर नॉक करता है ।

वो बड़बड़ाता है "कोई आया है क्या यहां पर ?" इतना कह कर वो अपना दरवाजा खोलता है, और सामने वो वामिका को खड़े हुए देखता है ।

जो मुस्कुराते हुए कहती है "सीनियर अक्षत माफ कीजिए, आपको फिर से परेशान करने के लिए ।"

अक्षत तो वामिका को देखते ही रह गया, आज वो कल से कई गुना ज्यादा खूबसूरत लग रही थी, कल तो उसकी हालत कुछ ठीक नहीं थी, पर आज वो तैयार होकर आई थी, जिससे कि वो बहुत खूबसूरत लग रही थी, और उसकी इस मुस्कान में तो जैसे अक्षर खो सा जाता है ।

तभी वो अपने होश में आता है, और कहता है "अरे वामिका तुम और यह कौन है तुम्हारे साथ, जिन्हें तुम यहां लेकर आई हो ?"

वामिका राजीव को आगे करते हुए कहती है "ये मेरे पिताजी हैं, इन्हें जब यह पता चला कि आपने मुझे बचाया था, तो इन्होंने मुझसे कहा की आपसे पास लाने को, ताकि आपको धन्यवाद कर सके ।"

अक्षत राजीव को ध्यान से देखने लगता है, वो सोचता है यह अंकल तो पसीने से भीगे हुए हैं, और इनका पैर भी कमजोर लग रहा है, जो थोड़ा कांप भी रहा है, यह जरूर मेरी तरह ही मामूली इंसान होंगे, यह जरूर डर रहे होंगे तलवार पर उड़ कर आने में ।

पर अक्षत को कौन बताएं, कि राजीव इसलिए नहीं डरा हुआ था जैसा वो सोच रहा था, वो तो उसके सामने आने से थोड़ा नर्वस और डर गए थे, इसलिए ही उन्हें पसीने भी आ रहे थे और पैर भी कांप रहा था ।

और ये कोई मामूली इंसान नहीं थे, वो भी एक कल्टीवेटर ही थे मार्शल लेवल 5 की ।

राजीव अक्षत के मुंह में लिए गए टूथपिक को देखने लगते हैं, जिसे अक्षत मुंह में ही इधर उधर कर रहा था, वो उस टूथपिक को देख कर हैरान हो जाते हैं, वो सोचते हैं "यह यह वास्तव में एक टॉप लेवल का हथियार है ।

और इसी के साथ उनका मुंह हैरानी में खुल जाता है, और वो सोचते हैं कि मेरे स्पीति वैली सेक्ट कि यह गोल्डन लेखनी भी टॉप लेवल के हथियार से नीचे आती है, अरे इसकी तो इस टूथपिक से तुलना भी नहीं की जा सकती है, कहां मेरी यह खजाना मिडिल ग्रेड और यह टूथपिक हाई ग्रेड की है ।

अक्षत राजीव को उसका टूथपिक देखेते देख सोचने लगता है कि अरे मैं कैसे किसी का स्वागत अपने मुंह में टूथपिक लिए हुए कर सकता हूं, मैं ऐसा कैसे कर सकता हूं, यह तो गेस्ट का डिसरिस्पेक्ट करना हुआ ।

इतना सोच कर वो उसे बाहर बगल में ही थूक देता है, और भूमिका और राजीव दोनों आंखें फाड़ फाड़ कर उसे ऐसा करते देखने लगते हैं, उनके मुंह से एक शब्द तक नहीं निकलता और राजीव तो भूमिका का हाथ पकड़ लेते हैं ।