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Chapter 4 - Ch 4 - पृथ्वी के बारे में सुना है ।

वामिका अक्षत के मुंह से पृथ्वी नाम सुन कर सोचने लगती है, पृथ्वी यह जरूर वही दुनिया होगी, जैसा उस पेंटिंग में थी, लेकिन मैं ने कभी भी ऐसी जगह के बारे में नहीं सुना, लेकिन मैं एक ऐसे सीनियर को सामने मना भी नहीं कर सकती, नहीं तो शायद उन्हें बुरा भी लग सकता है ।

अगर कोई पृथ्वी के बारे में जानता होगा, तो मैं जरूर इसका पता लगा सकती हूं, मुझे तो वो पेंटिंग वाली दुनिया किसी ऊपर के ऊंचे दुनिया के जैसे लग रहा है ।

वामिका कहती है "सीनियर मैं ने पृथ्वी के बारे में सुन रखा है ।"

यह सुन कर तो अक्षत की आंखों में चमक आ जाती है, वो थोड़ा उत्साहित होते हुए कहता है "क्या सच में तुम उसके बारे में सुना है ?"

वामिका बताने लगते हैं कि "पृथ्वी एक ऊंची दुनिया है, जो हमारी दुनिया है वो निचली के कैटेगरी में आती है, और वो एक ऐसे कल्टीवेशन की दुनिया है, जहां हमारे पूर्वज रहते होंगे, जो कि ऐसे लेवल पर होंगे कि हमारी इस दुनिया को ऐसे ही हिला कर रख सकते हैं, वहां की एनर्जी की शुद्धता बहुत ज्यादा होती है ।"

"और एनर्जी काफी गाढ़ी भी होती है, वहां के बीस्ट भी इतनी पावरफुल होते हैं, कि वो एक ही अटैक में यहां के लाखों कल्टीवेटरों को खत्म कर सकते हैं, वहां के साधारण लोग भी हमारे यहां के सबसे हाई लेवल के लोगों से ऊपर के होते हैं, सच में वो जगह ऐसी है कि जहां जाने की सपना तो यहां के अनगिनत कल्टीवेटर करते रहते हैं ।"

अक्षत उसकी यह बड़ी बड़ी बातें सुन कर सोचने लगता है, क्या सच में मेरी पृथ्वी ऐसी है क्या ? इतना अच्छा ! क्या ये यकीन से कह रही है कि ये उसी पृथ्वी के बारे में बात कर रही है, जहां से मैं आया हूं, पर ऐसा तो लग नहीं रहा है ।

वहां तो ऐसे लोग नहीं हुआ करते हैं, वहां तो साइंस चलती है टेक्नोलॉजी चलती है, वहां ये कल्टीवेटर होते हैं, मैं तो कहीं भी नहीं सुना, हां ! ये जरूर किसी दूसरी ही पृथ्वी के बारे में बात कर रही होगी, जो यहां के लिए एक दूसरी ऊंची दुनिया है, जहां लोग जाना चाहते हैं ।

लेकिन मुझे तो अपनी पृथ्वी पर जाना है, वहां की वो हवा, पानी, खाना, टेक्नोलॉजी, मुझे सब याद आ रहा है, वहां के मसाले तो, यह सोच कर तो मुंह में पानी भर आता है, वहां कितने वैरायटी के खाने, मजा ही आ जाता था ।

अक्षत कहता है "वैसे क्या आप जानती हैं ? कि वह पृथ्वी कहां है जिसकी आप बात कर रही हैं ?"

अक्षत ने सोचा कि हो सकता है कि वो वही पृथ्वी हो जहां से वह आया हो, या हो सकता है कि उसी के जैसा ही हो इसलिए ही उसने यह प्रश्न किया था ।

वामिका सोचने लगती है कि शायद जो मैं कह रही हूं, वो सच हो और सीनियर सच में वहीं से आए हैं, इस जगह पर एक महान पावर के साथ ।

वो थोड़ा उत्साहित होते हुए कहती है "सीनियर पृथ्वी काफी मिस्टीरियस जगह है, और उसके बारे में इस पूरे कॉन्टिनेंट में कुछ ही लोग जानते हैं, और उनके लोकेशन के बारे में भी शायद वही सब जानते हैं, मैं अभी इस लायक नहीं हुई हूं, कि इतनी बड़ी रहस्य की चीज पता हो मुझे ।"

उसे इस तरह देख कर अक्षत सोचता है कि कहीं इस लड़की के दिमाग में कुछ दिक्कत तो नहीं आ गई है, जो ये ऐसी हरकतें कर रही है ।

तभी वामिक अपने घुटने पर आ जाती है, और उसके सामने झुकने लगती हैं, तो अक्षत तो उसे ऐसे देख कर चौंक जाता है, और कुछ पीछे चला जाता है ।

वो कहता है "यह आप क्या कर रही है ? आप ऐसे मेरे सामने झुक क्यों रही है ?"

वामिका कहती है "Please ! आप इस वामिका को अपना स्टूडेंट बना लीजिए, मैं आपकी सेवा अपने जीवन भर करती रहूंगी, मेरी जिंदगी को बचाने के लिए ।"

अक्षत तो उसे ऐसा करते देख सोचने लगता है कि ये लड़की ! सच में इस लड़की के दिमाग में कुछ दिक्कत आ गई है, शायद इसके सिर में भी चोट लग गई थी, और मैंने देखा ही नहीं मुझे जरूर इसको ठीक करने का सोचना चाहिए, ये एक कल्टीवेटर है ।

और ये मेरे जैसे एक मामूली इंसान की स्टूडेंट बनकर सेवा करना चाहती है, कोई दिमाग का फिरा ही होगा जो इसके बारे में ऐसा सोचता होगा, भला कौन ही एक मेरे जैसे इंसान को अपना टीचर बनाएगा, जो इस दुनिया के बारे में ज्यादा कुछ जानता भी नहीं है, और ये बस थोड़ा सा इलाज करने के लिए पूरी जिंदगी मेरी सेवा करेगी ।

इधर वामिका के दिमाग में सवाल उठ रहे थे, वामिक शर्मा वामिक शर्मा तुम यह क्या कर रही हो ? तुम कैसे एक अनजान को अपना टीचर बनने को कह सकती हो ?

वामिका ही अपने आप को जवाब देती है "सीनियर ने मुझे बचाया, मुझे ठीक किया यहां तक कि मेरी लेवल बढ़ाने में भी मदद की, उन्होंने पहले ही इतना सब कुछ मेरे ऊपर एहसान कर दिया है, इसलिए ही मैं उनकी स्टूडेंट बन कर उनकी सेवा करना चाहती हूं, क्या यह कम है उन्हें अपना टीचर बनने के लिए ।"

"अगर उन्होंने मेरी जान न बचाई होती, तो शायद ही मैं अब तक जिंदा होती ?" ये जवाब वो खुद के ही दिमाग को दे रही थी ।

तभी अक्षत तो उसके पास आकर, उसके ही जैसे घुटने पर बैठ जाता है, उसे देख कर भूमिका अपना सिर ऊपर कर लेती है, वो सोचती है सीनियर क्या करने जा रहे हैं ? क्या वो उस पर गुस्सा हो गए हैं ? सही भी है मुझ जैसी कमजोर लड़की को कौन ही अपना स्टूडेंट बनाएगा ? मैं तो उनका स्टूडेंट क्या ? मेड भी बनने के लायक नहीं हूं ।

तभी अक्षत वामिका के सिर के पीछे अपना हाथ रख देता है, वामिका अब अक्षत के आंखों में देख रही थी, उसके दोनों गाल टमाटर की तरह लाल पड़ गए थे, तभी अक्षत उसे अपनी ओर खींच लेता है, और उसके माथे से अपना माथा टच करा लेता है ।

वामिका तो अपनी आंखें बंद कर लेती है, और मुट्ठी कस लेती है, उसके दिल की धड़कनें बढ़ी हुई थी, सांस रुकी हुई थी, उसके दिमाग में तरह तरह के ख्याल चल रहे थे ।

अक्षय फिर से पीछे होते हुए, बोला "तुम्हें बुखार तो नहीं है ।"

वामिका उसकी यह बात सुन कर अपनी आंखें खोल लेती है, वो सोचती है कि मैं कितनी पागल हूं ! सीनियर तो मेरा बुखार चेक कर रहे थे और मैं तो कुछ और ही सोच रही थी, मुझे इस तरह किसी के बारे में नहीं सोचना चाहिए, वैसे उन्होंने ऐसी हरकतें ही की थी, कि किसी को भी लगता कि वो कुछ और ही करने वाले हैं ।

ओह हो मैं यह क्या सीनियर के बारे में ऊल जलूल सोच रही हूं, शायद यह सीनियर का कोई सीक्रेट तकनीक है बुखार चेक करने का ।

वो अपने आप को यह समझा रही थी, लेकिन फिर भी उसके गाल लाल पड़े थे, और धड़कने बड़ी हुई थी ।

अक्षत उठता है और उसके तरफ हाथ आगे करते हुए कहता है "चलिए आप उठ जाइए ।"

वामिका उसका हाथ पकड़ते हुए थोड़ा शरमा रही थी, उसके मुंह से निकलता है "सीनियर आप मुझे..... !"

अक्षत कहता है "मिस मैं एक मामूली सा इंसान हूं, तो आप मुझे यह कहना मत कि आप मेरे मास्टर हो, और मैं आपकी सेवा करूंगी, यह सब कहने और करने की कोई जरूरत नहीं है ।"

यह सुन कर तो वामिका को जैसे एक धक्का सा लगता है, उसके सपने टूट जाते हैं, जो उसने अभी अभी कुछ देर पहले ही देखा था ।

वो सोचती है कि सीनियर अपने आप को एक मामूली इंसान कह रहे हैं, क्या मैं ने उन्हें दुखी कर दिया है या फिर नाराज कर दिया है ? मैं ने कहीं उन्हें मुझे अपना स्टूडेंट बनाने को कह कर गलती तो नहीं कर दी, शायद वो मुझसे नाराज हो गए हो ।

तभी वो अपने आप को एक मामूली इंसान बता रहे हैं, वो फिर से अपने घुटने पर आ जाती है, और अपना से नीचे झुका लेती है ।

वो सोचने लगती है वामिका वामिका तुम किस तरह की इंसान हो ? तुम कैसे सीनियर को एक मामूली इंसान मात्र समझने के लिए फोर्स कर सकती हो, तुम तो उन्हें मास्टर या टीचर कहने के लायक भी नहीं हो, यहां तक कि तुम सीनियर के एक नौकरानी या स्लेव बनने के लायक भी नहीं हो ।

अक्षत उसे ऐसे देखता है फिर सोचता है कि लगता है इसे अभी काफी कमजोरी है, वो कहता है "तुम जाओ और कुछ देर आराम करो ।"

इतना कह कर वो वहां से चला जाता है, और वामिका उसे जाते हुए देखते रह जाती है, वो बड़बड़ाती है "सीनियर अपने आप को ऐसे मामूली इंसान क्यों कह रहे थे ? कहीं यह तो नहीं की सीनियर एक मामूली इंसान बन कर इस दुनिया में जी रहे हैं, ताकि वो अपने जीवन के अनुभव ले सके ।

ओह मैं समझ गई, अगर मैं उनकी स्टूडेंट बन गई, तो उनको अपनी इस मामूली जिंदगी को जीने में डिस्टर्ब होगा यहां पर, अच्छा तभी तो सीनियर थोड़ा निराश हो गए थे ।

वो तुरंत ही उठ जाती है, और बाहर जाने लगती है यह फुसफुसाते हुए कि "नहीं मुझे अब सब कुछ सही करना होगा ।"

वो बाहर जा ही रही थी, कि रुक जाती है और फिर सोचती है कि सीनियर ने मुझसे कहा कि मैं यहां आराम करूं, अगर मैं बाहर गई तो क्या यह अच्छा रहेगा ? नहीं यह ठीक नहीं रहेगा, मुझे उनकी बात मान लेनी चाहिए ।

इतना सोच कर वो फिर से उसी कमरे में आ जाती है, जहां वो पहले थी ।

वो वहां एक लकड़ी के बने खिलौने को देखती हैं, जिस पर काफी अच्छे से कसीदकारी की गई थी, और जैसे ही वो उसे छूती है, तो उसके छूटे ही लकड़ी की बनी खिलौने से काफी ज्यादा एनर्जी निकल कर भूमिका के शरीर में जाने लगती है ।

और वो आंखें बंद किए हुए हवा में तैरने लगती है, और उस लकड़ी के बने खिलौने से एनर्जी निकल कर काफी तेजी से उसके शरीर में जा रही थी, उसे देख कर ऐसा लग रहा था, कि मानो वो लकड़ी का खिलौना उसे पोषण दे रहा हो, लेकिन ऐसा हो भी रहा था, और एक झटके के साथ ही वो एक लेवल और भी ऊपर आ जाती है ।

यानी कि वो अब मार्शल लेवल 5 के शुरुआती स्टेज से मार्शल लेवल 6 की शुरुआती स्टेज पर आ गई थी, लेकिन अब भी वो एनर्जी वामिका के बॉडी में जा ही रही थी, वो तो जैसे रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी ।

अब वामिका को पसीने आने लगते हैं, वो तो अपनी चेतना को वापस लाई नहीं पा रही थी, और अगर ऐसा ही रहा तो कुछ ही देर में उसका शरीर ये इतना सारा एनर्जी झेल नहीं पाएगा ।

और उसका शरीर किसी ऐसे गुब्बारे की तरह फट जाएगा जिसमें बहुत ज्यादा हवा भर दिया गया हो ।

वामिका कोशिश तो कर रही थी, उस एनर्जी को अपने शरीर में आने से रोकने की लेकिन सब फेल हो रहा था ।