आखिर प्यार में सोवी को इंतिहान से गुजरना ही पड़ा ! आखिर सोवी चाहता ही क्या था जियान के खुशी के अलावा ? बचपन से आज तक उसने बस अपने सोलमेट से ही प्यार किया था जो कि जियान के रूप में उसे मिला था आज जियान के लिए खुद को खोना पड़ता तो शायद सोवी वो भी कर गुजरता! सोवी के त्याग को दुनियां समझे या ना समझे लेकिन सच्चा प्यार शायद त्याग ही मागता है । और जो एक दुखद अंत के साथ ही खत्म होता है।
शिन जुई अपने मास्टर और जियान के होश आने का इंतज़ार कर रही थी ३ घंटे के आस पास जियान को होश आ गया उसने देखा कि उसे शिन जुई और साथ में कई लोग घेर कर खडे है!
जियान को कुछ समझ नहीं आ रहा था वो उठ कर बैठ गया और शिन जुई से बोला मुझे ऐसा क्यों लग रहा है यहां बहुत कुछ हो चुका है? मुझे तो बस इतना याद है कि उस रात मैं लीं के साथ बाहर गया था और पीछे से किसी ने हमला कर दिया था! इसका मतलब लीं, चैंग से मिली हुई थीं।
जियान सवाल पर सवाल किए जा रहा था और शिन जुई बुत की तरह उसे देख रही थी जियान ने आराम से पूछा शिन जुई सब ठीक तो है न? तुम्हारे मास्टर कहा है?
शिन जुई बिना कुछ कहे जियान के गले लग गई और फूट, फूट कर रोने लगी। और वहा उपस्थित राजकुमारी, बूढ़ी मां और स्वान कबीले के दो अन्य विधार्थी के आंखो में आसू थे ये कैसा कठिन माहौल था जहां जियान के होश में आने की ख़ुशी थी तो दूसरी तरफ सोवी को कुछ दिन में खो देने का दुख था।
जियान ने कहा बस भी करो बच्चों की तरह रोना! तुम्हारे मास्टर ने तुमको यही सिखाया है? तभी जियान को सोवी कि याद आई वो तुरंत बोला सोवी कहा है?
उसके सवालों पर सब शान्त थे कोई जियान के सवालों का जवाब नहीं दे रहा था जियान गुस्से में चिल्ला दिया ! कोई मुझे बता क्यो नही रहा सोवी कहा है?
शिन जुई ने हिम्मत करके कहा चैंग से लड़ाई के समय मास्टर थोड़ा घायल हो गए हैं।
जियान ने पूछा "वो अभी कहा है? मैने पूछा सोवी कहा है?
शिन जुई डरते हुए बोली _मास्टर सामने वाले कछ में सो रहे हैं , वास्तव में शिन जुई झूठ बोल रही थी क्युकी सोवी को अभी तक होश नहीं था। जियान बिना शिन जुई की पूरी बात सुने जल्दी से उठ कर सामने वाले कमरे में गया जहा सोवी लेटा हुआ था जियान के पीछे बाकी लोग भी वहा पहुंच गए। जियान ने सोवी के सर पर हाथ रखते हुए कहा तुम ठीक तो हो?
और फिर वो गुस्से में बोला मैं चैंग को जिंदा नहीं छोडूंगा फिर उसने शिन जुई से पूरी बात सुनी। शिन जुई ने स्पिरिट वाली बात को छोड़ कर जियान को सब बता दिया कि कैसे उन लोगों ने चैंग से जीत हासिल की और स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक को सुरक्षित किया ।
जियान को बहुत दुख हो रहा था सोवी को ऐसे घायल देख कर उसके आंख से आसू निकलने लगे और वो अफसोस करते हुए बोला मैं तुम्हारा साथ नही दे सका। तो फिर मेरे होने या न होने का फायदा ही क्या है? मै कभी भी वो नही कर पाता हूँ जो मै चाहता हूँ! इस बार मै चाहता था कि इस सफर में हर कदम मै तुम्हारे साथ रहूँ लेकिन अंतिम चरण में ही मै तुम्हारा साथ नही दे सका!
थोड़ी देर में सोवी को भी होश आ गया उसने देखा सभी लोग उसके पास है और जियान भी उसके हाथ को पकड़ कर बैठा था! सोवी को होश में आते देख जियान ने कहा , तुम ठीक तो हो? दर्द तो नहीं हो रहा है ? जियान ने यकायक कई सवाल कर लिया। लेकिन सोवी को कुछ समझ नहीं आ रहा था वो जियान को पहले जैसा बोलता देख कर बस उसमे खो गया।
जियान ने गुस्से में उसके हाथ को झटकते हुए कहा अब घूरना बंद करो मुझे पता है मैं खुबसूरत हूं!
जियान की बात सुन कर सोवी का मन भर आया उसने मुश्किल से अपने आसुओं को जियान से छिपाया।
सोवी ने जियान के सर पर हाथ फेरते हुए कहा कि मै बिल्कुल ठीक हूं लेकिन वास्तव मे सोवी ठीक नहीं था ,आध्यात्म शक्ती निकल जानें के बाद वो बहुत कमज़ोर महसूस कर रहा था और उसे पता था कि यही कमजोरी धीरे धीरे उसे खोखला कर देगी। अब अपने पास बचे चंद लम्हों में जियान के मुसकुराते हुए चेहरे को आंखो में भर लेना चाहता था, अब वो जियान को देख कर बची जिन्दगी को पूरी जिन्दगी मान कर जी लेना चाहता था। जियान सबसे बात कर के खिलखिला कर हंस रहा था उसे क्या पता था कि सबकी हसी के पीछे इतना दुख है।
बूढ़ी मां ने कहा "बाते हो गई हो तो ये औषधि पी लो! उनकी आवाज़ सुन कर जियान की नजर अब उन पर गई! जियान ने उठ कर खुशी से कहा मां आप यहां और वो बेबाकी से उनके गले लग गया । वो भी जियान को बहुत प्यार करती थी जियान को बिठा कर प्यार से दवा दिया। जियान ने पूछा क्या सोवी के लिए कोई औषधि नही है वो तो बहुत चोटिल है?
जियान के मासूमियत भरे सवाल ने एक बार फिर उदासी का माहौल उत्पन्न कर दिया । सोवी ने बात को टालने के लिए कहा कि मै सोने से पहले औषधि ले चुका हूं । हालंकि सोवी को अच्छे से पता है स्पिरिट निकल जानें के बाद दुनियां की कोई औषधि उसे बचा नही सकती थीं।
जियान ने शिन जुई से कहा "तुम्हारे मास्टर ने तुमको कुछ नहीं सिखाया है क्या? जो तुम अपने मास्टर की रक्षा नहीं कर पाई।
शिन जुई बोली "और तुम बेवकूफ? तुम तो उस लीं के खुबसूरती के आगे पीछे लट्टू होकर ख़ुद ही साजिश का शिकार हो गए।
जियान ने कहा अरे हां! लीं कहा है? वो वाकई में बहुत आकर्षक थी।
शिन जुई ने तुरंत जवाब दिया वो कैद खाने में है क्या तुमको भी वही जाना है ।
शिन जुई और जियान की बंदर बिल्ली की नोक झोंक फिर शुरू हो गई थी और सोवी थोड़ा अच्छा महसूस कर रहा था।
शिन जुई ने कहा_ मास्टर हम स्वान कबीले के लिए वापस कब जा रहे हैं?
जियान ने उससे सवाल करते हुए कहा! हम का मतलब क्या? क्या तुम भी स्वान कबीले जाओगी? तुम्हे अपने कबीले वापस नही जाना है?
शिन जुई ने कहा" मैं स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक को सुरक्षित पहुंचाने के लिए साथ चलूंगी और वैसे भी अब से मै मास्टर के साथ रहूंगी! तुम अपना देखो। हालांकि सच ये बात थी कि शिन जुई भी अब सोवी के साथ रह कर उसका ख्याल रखना चाहती थी!
जियान ने कहा "क्या मतलब तुम उसके साथ रहोगी ? जियान को फिर पहले जैसा महसूस होने लगा था कि शिन जुई और सोवी कुछ ज्यादा ही पास है और वो चुप हो गया।
सोवी ने कहा कल सुबह हम स्वान कबीले के लिए निकलेंगे ! और जुई तुम चाहो तो अपने कबीले जा सकती हो।
शिन जुई ने बच्चों की तरह रोते हुए कहा_मास्टर मुझे आपके साथ रहना है।
इसी नोक झोंक में रात हो चुकी थी राजकुमारी ने सभी के लिए भोजन का इंतजाम किया ,पूरे कबीले वालो को भोजन कराया गया और एलान करवा दिया की चैंग का शासन खत्म और पुराने असली राजवंश का शासन शुरू हो गया है ,जिसका जश्न और राजकुमारी की ताजपोशी अगले महीने होगी ! पूरे कबीले वाले बहुत खुश थे और सब सोवी और शिन जुई और, जियान को दुआए दे रही थे आखिरकार इन लोगों की वजह से लावोमेन में बुराई के शासन का अंत हुआ।
रात के भोजन के बाद जियान, सबके साथ बैठ कर चैंग से विजय के बारे में बाते कर रहा था और जियान ने राजकुमारी और स्वान कबीले के दोनो विद्यार्थी से भी बात की। सोवी चुपचाप बैठा सबकी बातें सुन रहा था। आधी रात तक सब सो चुके थे उस कमरे में बस सोवी और शिन जुई जग रहे थे ! जियान भी सोवी के पास बैठे बैठे सो गया था ।
शिन जुई ने पूछा! मास्टर आप अब जियान को बता दोगे कि वो आपका सोलमेट है ?
सोवी ने कहा, नही, मै नही बताउगा । मै नही चाहता मेरे जानें के बाद वो मुझे याद करे । मै बस चाहता हूं वो खुशी खुशी अपनी जिन्दगी में आगे बढ़े । अब इन सब बातो का कोई फायदा नही है!
शिन जुई ,सोवी के गले लग कर भभक भभक कर रोते हुए बोली कही जाने की बात मत करों मास्टर, मैं आपको कहीं नहीं जानें दूगी , शिन जुई सोवी के लिए बच्चे की तरह थी सोवी ने उसे समझाते हुए कहा एक बात हमेशा याद रखना, हर इंसान को एक दिन इस दुनियां को छोड़ना पड़ता है और इस दुनियां को छोड़ने के बाद भी वो इंसान अपने लोगो के यादों में हमेशा रहता है, मैं तुम लोगों को छोड़ कर तो चला जाऊंगा लेकिन मुझे यकीन है तुम मुझे आपनी यादों में बसा कर रखोगी। और रोना मत वरना मुझे उस दुनियां में भी सुकून नहीं मिलेगा, हमेशा खुश रहना ओर जियान का ख्याल रखना। शायद ऊपर वाले ने मुझे इतनी ही जिन्दगी दी थी । शिन जुई की आवाज़ से जियान उठ गया उसने शिन जुई को सोवी के इतने करीब देख कर बहुत अजीब महसूस किया।
जियान ने कहा_तुम रो क्यों रही हो?लेकिन क्यो!
जियान को उठते देख कर शिन जुई ने अपने आसू साफ किए और बात को संभालते हुए कहा , मै तो बस सर दर्द के कारण रोने लगीं थी।
जियान ने गुस्से में कहा " सिर्फ सर दर्द था तो तुम अपने मास्टर के गले लग कर रो क्यो रही थी? या फिर कोई ऐसी बात है तुम दोनो मे जो मुझे नही बताई जा सकती हैं! फिर जियान चुप हो गया क्युकि
जियान को कुछ अच्छा महसूस नही हो रहा था, वो उठ कर जाने लगा तो सोवी ने पुछा कहा जा रहे हो वो भी इतनी रात को?
जियान ने कहा "मेरा मन नहीं लग रहा है मै बाहर जा रहा हूं।
सोवी ने उठते हुए कहा रुको मैं साथ चलता हूं लेकिन कमजोरी की वजह से वो लड़खड़ा गया! जियान ने भाग कर सोवी को संभाला और कहा देख कर उठा करो। और मैं कही नही जा रहा हूं । तुम इतने कमजोर कैसे हो गए? सिर्फ चोट से एक अध्यात्म ज्ञान रखने वाला योद्धा इतना कमजोर तो नही हो सकता है!
शिन जुई और जियान ने सोवी को लिटा दिया और दोनों वही बैठ गए सोवी के आंख लग जाने के बाद जियान ने शिन जुई से कहा मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि कुछ तो है जो ठीक नहीं है? क्या तुम लोग मुझसे कुछ छिपा रहे हो?