जियान की बात सुन कर शिन जुई दंग थी क्युकी न तो वो जियान को सच बता सकती थी और न ही अपने मास्टर को ऐसी हालत में देख सकती थी! जियान ने फिर पूछा, जियान का चेहरा गुस्से में लाल होता जा रहा था इससे पहले उसका गुस्सा बढ़ता, शिन जुई बोल पड़ी ,,,, नही ऐसी कोई बात नही है मास्टर चोटिल है शायद इसी वजह से वो कमज़ोर महसूस कर रहे होगे !
जियान ने फिर कहा "सोवी एक योद्धा है इतने से चोट से ऐसी हालत तो नही होनी चाहिए!
शिन जुई ने कहा "मुझे बहुत नींद आ रही है, तुम्हे भी आराम करना चाहिए कल सुबह से वापसी का सफर शुरु करना है!
शिन जुई जल्दी से वहा से उठ कर चली गई शिन जुई के जाने के बाद जियान, सोवी के करीब बैठ गया और उसके हाथ को पकड़ लिया! सोवी के चेहरे को देखते हुए उसने कहा मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि सब लोग मुझसे कुछ छिपा रहे है?मुझे ऐसा क्यों लगता है कि तुम मुझसे दूर जा रहे हो! कही शिन जुई को तुम पसन्द तो नही करते हो फिर जियान हंसते हुए बोला वैसे तुम भी बहुत खुबसूरत हो लेकिन मुझसे ज्यादा नही! जियान को लग रहा था कि सोवी सो रहा है लेकिन सोवी की नींद बहुत कच्ची थी उसने जियान की बातो को सुन लिया।
जियान वही बैठें बैठे सो गया लेकिन सोवी के आंखो में दूर दूर तक नींद नहीं थी ,वो बस अपनी किस्मत से नाराज़ था इससे ज्यादा बुरा किसी के साथ क्या ही होगा जब इंसान जीना चाहता हो लेकिन उसके पास जीने के लिए बहुत कम दिन बचे हो!
अगली सुबह सोवी की आंख खुली तो उसने देखा जियान अभी भी वही बैठें बैठे सो रहा है सोवी ने जियान के चेहरे पर आ रहें लम्बे बालों को सही किया और कहा जियान तुम हमेशा मुसकुराते रहना! इतने में शिन जुई वहा आ गई और जोर से बोली मैं आ गई मास्टर! शिन जुई की तेज आवाज़ से जियान भी उठ गया। इसके बाद उन्होने वापस जाने के लिए लावोमेंन कबीले की राजकुमारी और कबीले के लोगो को अलविदा कहा और सभी लोगो ने जियान और सोवी का आभार व्यक्त किया!
वापस का सफर इतने अधिक समय का नही था क्योंकि मार्ग चिन्हित थे 10दिन के अंदर ही वे लोग स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक को लेकर पहुंच गए, शिन जुई और बूढ़ी मां भी उनके साथ ही आए थे, स्वान कबीले में सभी का स्वागत जोर शोर से किया गया! कबीले वालो ने अपने राजकुमार सोवी और अन्य लोगो का शुक्रिया किया आखिरकार इन लोगो की वजह से ही स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक की रक्षा हो पाई थी , प्राचीन पुस्तक को स्वान कबीले में पुनः स्थापित किया गया और स्वान कबीले के सुरक्षा कवच को फिर से मजबूत कर दिया है! लेकिन सभी चिंतित भी थे क्युकी सोवी अब तक काफी बीमार हो चुका था , स्वान कबीले के लोग राजकुमार सोवी के ठीक होने की प्रार्थनाएं कर रहे थे , जियान को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर सोवी को हुआ क्या है!
स्वान कबीले में पहुंचने के दो दिन बाद ही सोवी की हालत और अधिक बिगड़ गई और उधर सोवी के पिता ने जियान के चाचा को स्वान कबीले बुलवा लिया ताकि वो जियान को वापस भेज सके वो नही चाहते थे कि जियान स्वान कबीले में रूके क्युकी उन्हे तो पता था कि जियान ही सोवी का सोलमेट है वो चाहते थे कि सोवी के ठीक हो जानें के पश्चात वो किसी राजकुमारी से सोवी की शादी कर देगे। इसी तरह कई दिन निकल गए और दिन प्रतिदिन सोवी की हालत और बिगड़ती ही जा रही थी!
दूर कबीले के वैध जी सोवी के इलाज के लिए आए सभी लोग वहां थे जियान ने कहा वैध जी सोवी को क्या हुआ है?
वैध ने कहा" मर्ज मेरे पकड़ में नहीं आ रहा है ।
जियान सोवी के हाथ को पकड़ कर बैठ गया, वो सोवी के लिए रो रहा था सोवी की हालत उससे देखी नही जा रही थी ! शिन जुई सब जानती थी लेकिन उसके पास बोलने के लिए कुछ नही था। वो बस अपने मास्टर को देख कर रो सकती थीं ।
इतने में जियान को सभा में उपस्थित होने के लिए बुलाया गया जियान वहा से उठ कर सभा में चला गया सोवी वही लेटा रहा क्युकी सोवी बहुत कमज़ोर हो चुका था वो चल भी नहीं सकता था। वैध द्वारा सोवी का इलाज किया जा रहा था और शिन जुई बस अपने मास्टर के अंतिम पलो में सेवा करना चाहतीं थी।
शिन जुई, ने सोवी के बुखार की पट्टी को बदलते हुए बोली क्या हुआ मास्टर?
सोवी ने बहुत धीरे से पूछा , जियान कहा है?
शिन जुई ने बताया "जियान को पिता गुरु ने सभा में उपस्थित होने के लिए कहा है वो शायद जियान के चाचा के साथ उसको वापस भेजना चाहते है। क्या आप जियान को रोकना चाहते हैं?
सोवी ने कहा "नही मैं नहीं चाहता जियान मुझे ऐसे और देखे! लेकिन मै ये जरूर चाहता हूं कि मेरे चले जाने के बाद जियान स्वान कबीले में रहे ,और मेरी जगह वो कुलप्रमुख बने । क्योंकि जियान ही मेरा इकलौता हकदार है।
सोवी ने एक और बात शिन जुई से कहा कि उसके चले जाने के बाद वो जियान से शादी कर ले!
शिन जुई ने हैरानी से कहा "लेकिन मास्टर मैं कैसे शादी कर सकती हूं! जियान तो आपका सोलमेट है! ये आप कैसी बाते कर रहे हैं मास्टर!
सोवी ने शिन जुई को चेहरे को पकड़ कर समझाते हुए कहा "तुम्हे भी तो अपना घर बसाना है तो तुम क्या चाहती हो मरने के बाद मेरी आत्मा अशांत रहे, ये सोच कर तुम किस हाल में हो! तुम मेरे बच्चे की तरह हो मै तुम्हे खुश देखना चाहता हूं! तुम्हारा घर बस जायेगा तो शायद मै तुम दोनो के लिए बेफिक्र हो जाऊ!
सोवी की बात शिन कर शिन जुई बस रो रही थी उससे बोला भी नहीं गया लेकिन उसने अपनी हामी भर दी वो नही चाहती कि उसके मास्टर इस हालत में ज्यादा चिंतित रहे!
इतने में जियान वहा आ गया उसका चेहरा गुस्से से लाल हो चुका था सोवी समझ गया था कि जियान को सभा में उपस्थित पिता गुरु अन्य पुरखो ने कुछ कहा है!
जियान सोवी के पास आकर बोला क्या तुमने सबको बोला है कि मै वापस अपने कबीले जाऊ? मै नही जाऊंगा जब तक तुम ठीक नही हो जाओगे!
सोवी चुप होकर बस जियान को सुन रहा था वो कुछ भी समझाने या बताने के हालत में नहीं था!