शिन जुई ने तुरंत कहा "भला मास्टर तुम्हे जाने के लिए क्यो बोलेंगे? और तुम यहां रुक कर क्या करोगे, तुम्हे शिक्षा की आवश्यकता नहीं है तुम पहले से ही एक निपुण योद्धा हो , वैसे भी तुम तो स्वान कबीले से जानें वाले थे तो जाओ अब अपने कबीले! इतना जो कुछ हुआ है वो सब तुम्हारी वजह से ही हुआ है !न तुम यहां के नियम को तोड़ते और न सीमा सुरक्षा कवच कमज़ोर होता! और न मास्टर कि आज ये हालत होती! शिन जुई के बातो में दर्द था और वो दर्द उसके मास्टर के लिए था!
जियान, शिन जुई की बात सुन कर स्तब्ध था वो सोच रहा था कि शिन जुई सच ही तो बोल रही थी ,स्वान कबीले की पुस्तक जियान की गलती की वजह से ही चोरी हुई थी आज उसे पहली बार अपने शैतानी हरकतों पर पछतावा हो रहा था वो चुप चाप सोवी के पास बैठ कर बोला "मै तुम्हे छोड़ कर नही जाना चाहता हूं तुम यहां के होने वाले कुलप्रमुख हो तुम मना कर दोगे तो मुझे यहां रुकने की अनुमति मिल जायेगी ! मै तुम्हारे पास रहना चाहता हूं जब तक तुम ठीक नही हो जाते तुम्हारे ठीक होते ही मैं यहां से चला जाऊंगा!
सोवी इससे पहले कुछ बोलता कि उससे पहले वैध वहा आ गए उन्होने सोवी की हालत का मुआयना किया ,जियान वैध को देख कर समझ गया कि कुछ खास सुधार नहीं हुआ है बल्कि हालत और खराब है।
सोवी के पिता गुरु और अन्य पुरखो में बस इसी बात की चिंता थी कि आखिर सोवी को हुआ क्या है ?वही स्वान कबीले का इकलौता वारिस है कुछ ही दिन में सोवी कि ताजपोशी होने वाली थी और परिस्थिया इतनी चिंतनीय बनी हुई है सभी सभा में इसी बात पर बहस कर रहे थे कि सिपाही ने आकर कहा राजकुमार की हालत बहुत बिगड़ गई !उन्होने पिता गुरु व अन्य पुरखो को बुलाया है, ये खबर सभी के लिए बहुत डराने वाली थी सभी सोवी के पास पहुंचे, वैध ने कह दिया कि कुछ सुधार नहीं है बल्कि और हालत गंभीर है, पिता गुरु अपने इकलौते राजकुमार के लिए तड़प रहे थे । जियान और शिन जुई भी वही थे।
पिता गुरु ने अपने बेटे के सर पर हाथ रखते हुए बताओ मुझे, तुम्हे क्या हुआ है, अगर मेरी जान देकर भी तुम्हे ठीक किया जा सकता है तो मै तैयार हू मेरे बेटे!
। सोवी ने मुश्किल से ही कहा कि मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं है और मुझे मेरे वसीयत में परिवर्तन करना है मुझे मेरा अगला वारिस चुनना है।
सभी अन्य गुरु तो अचंभित थे क्युकी सोवी की तो अभी शादी भी नहीं हुई है वो अपना वारिश आखिर किसे चुनेगा। लेकिन पिता गुरु समझ गए थे कि सोवी किसके बारे मे बात कर रहा है।
सोवी ने कहा मेरे चले जाने के बाद मेरा अगला वारिस जियान होगा उसे मेरी जगह स्वान कबीले का कुलप्रमुख घोषित किया जाय। सभी ये सुन कर हैरान थे कि आखिर जियान का नाम सोवी ने क्यो लिया? जियान भी उतना ही हैरान था जितना की अन्य लोग।
पिता गुरु ने कहा ऐसी बातें मत करों राजकुमार मैं कुछ नहीं होने दुगा मेरे बच्चे!.
सोवी बस जियान के लिए बोल रहा था उसने कहा जियान के कबीले में उसका कोई परिवार नही है आप सभी लोग जियान को एक परिवार का प्यार देना।
नही रहना है मुझे, जियान ने चिल्ला कर और रोते हुए कहा, जब तुम नही रहोगे तो मेरे लिए किसी भी चीज़ का कोई मूल्य नहीं है और तुमको कुछ हुआ तो मै सब कुछ बर्बाद कर दुगा । जियान के गुस्से में बहुत दर्द था उसने तो अभी तक सोवी से इतना भी नही कहा था कि वो उसे दोस्त मानने लगा है ।
रात का पहर सन्नाटे से भरे दुख को चीर रहा था ,हर किसी के जुबान पर सोवी के लिए प्रार्थनाएं थी! पूरा स्वान कबीला अपने राजकुमार के लिए दुआए किए जा रहा था और महल में सभी सोवी के पास मौजूद थे, दूर दूर के चिकित्सकों ने जवाब दे दिया था ।
सोवी की अंतिम चाहत यही थी कि जियान को उसका अगला कुलप्रामुख घोषित किया जाय। ये संभव नहीं था लेकिन हालात ऐसे नही थे कि कोइ इससे इंकार कर पाता।
मुझे जियान से अकेले में बात करनी है सोवी ने कहा तो सभी ने उन्हे अकेला छोड़ दिया हालाकि शिन जुई को भी सोवी ने वहा रोक लिया। पुरे महल में शोक पसरा हुआ था, जिस राजकुमार को सब बचपन से स्वान के महलों में घूमते, खेलते देखते आ रहे हैं आज उसी राजकुमार को ऐसे हालत में देख कर राजपरिवार के लोगो लिए बहुत कष्टदायक और पीड़ा देने जैसा था। पिता गुरु की तबियत भी खराब हो चुकी थी किस पिता से बर्दास्त होता भला इकलौते बेटे को ऐसे देख कर!
जियान , सोवी के पास बैठ गया उसने कहा! मुझे माफ कर दो! मेरी वजह से स्वान कबीले की पुस्तक चोरी हुई और इतना कुछ हो गया। लेकिन मै तुम्हे कुछ नहीं होने दुगा, मै मर जाऊंगा तुम्हारे बिना! मैं तुमको अब दोस्त मानता हूं और तुम्हारे अलावा मेरे पास कोई नही है जिसे मेरी परवाह हो। मुझे ऐसा क्यों लगता है तुम लोग मुझसे कुछ छिपा रहे हों अगर कोई बात है तो मुझे बता दो ताकि मैं तुम्हे फिर से ठीक कर सकू।
सोवी ने कांपते हाथो से जियान के चेहरे को पकड़ा और कहा तुम तो योद्धा हो, रोना बंद करो, और तुम्हारी वजह से कुछ नहीं हुआ है तुम खुद को दोष देना बंद करो। मेरी जिन्दगी बस इतनी ही थी और तुम्हारी परवाह मेरे बाद शिन जुई करेगी! तुम दोनो शादी कर लेना और एक दुसरे का खयाल रखना, कितना मुश्किल था सोवी के लिए जियान से बोलना कि वो किसी और से शादी करे। लेकिन वो जानता था कि शिन जुई और जियान एक दुसरे का ख्याल रख सकते है । मेरे बाद तुम यहां के कुल प्रमुख बनोगे, अपनी बचकानी हरकत को नजर अंदाज करके स्वान कबीले के लोगो के कल्याण के लिए काम करना! और खुद से पहले अपने कर्तव्य को आगे रखना और अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना! मुझे तुम्हारी परवाह है तो मेरे आत्मा की शांति के लिए तुम खुद को कभी अकेला मत समझना। हमेशा तुम्हारे साथ हूं सोवी ऐसे बोले जा रहा था जैसे उसके पास वक्त बहुत कम हो! और शिन जुई अमूर्त बन कर बस अपने मास्टर अपने को सुन रही थी।
जियान ने कहा" तुम ऐसे मत बोलो मुझे दर्द हो रहा है!