Chereads / एक दायरा ऐसा भी ?(BL in Hindi) / Chapter 45 - अंतिम वचन (पार्ट 45)

Chapter 45 - अंतिम वचन (पार्ट 45)

सोवी ने जियान के मुंह पर हाथ रख दिया और कहा !

मैने कहा न तुम एक योद्धा हो और योद्धा ऐसे रोते नही है! "तुम बस मुझे वचन दो की मेरे बाद यहां के कुलप्रमुख तुम बनोगे और स्वान कबीले की रक्षा करोगे!

जियान चुप था वो कैसे हा बोल सकता था ! जियान ने कहा मुझे कुछ नहीं पता और तुम ऐसे मत बोलो। तब सोवी, जियान के सर पर हाथ फेरने लगा और अगले ही पल उसके हाथ ढीले हो गए। हवाओ की सरसराहट में एक अजीब सी शांति छा गई । वो परिंदा जो अभी तक दूसरो के लिए जीता रहा सब को छोड़ कर जा चुका था ! जियान की सांस अटक गई उसने सोवी के हाथ को जोर से पकड़ कर कहा देखो मजाक करना बंद करो! तुम्हारी आंखे अभी भी मुझे देख रही है फिर तुम्हारे हाथ इतने ढीले क्यों है?! मैने कहा न मुझे घूरना बंद करो! जियान शिन जुई से चिल्लाते हुए बोला , शिन जुई बोलो अपने मास्टर से कि मुझे घूरना बंद करे और मुझसे बात करे ! जियान ने पागलों कि तरह चिल्लाते हुए बोला " मैने कहा बोलो अपने मास्टर से कि मुझसे बात करे!

शिन जुई , के हाथ कांप रहे थे उसके जुबान पर एक शब्द नही था ! वो जमीन पर बेतहाशा गिर पड़ी और बोली मास्टर नही रहे!

उसकी आवाज़ सुनते ही बाहर खड़े सोवी के पिता और अन्य गुरुओं ने सोवी का नाम पुकारा! ! सबका दिल बैठ गया वो दौड़ते हुए अंदर आय तो उन्होने देखा , सोवी सबको छोड़ कर दूसरी दुनियां में जा चुका था और जियान पत्थर की तरह बैठ कर उसे देख रहा था! उसके आंख में आसू थे वो आसू जो चिल्ला चिल्ला कर सोवी के जानें का दुख जता रहे थे!

पुरे राजपरिवार के साथ साथ स्वान कबीले तथा अन्य कबीले के लोगो में ये खबर हो गई कि राजकुमार सोवी अब नही रहे! पुरे स्वान कबीले में सोवी के जाने का शोक था वहां की जनता ने एक ऐसे इंसान को खोया था जो सिर्फ दुसरो को प्यार करना जानता था! वही हाल जियान का भी था जियान ने भी एक ऐसे इंसान को खोया था जो दुनियां में इकलौता था! जो जियान की परवाह करता था।

जियान को बहुत दर्द हो रहा था वो कही न कही अब महसूस कर पा रहा था कि कुछ तो ऐसा था जो वो आज तक समझ नहीं पाया था !और कोई तो ऐसी बात थी जो सोवी हमेशा जियान से कहना चाहता था! जियान को आज ऐसा लग रहा था किसी ने उसके सर से वो छाव छीन लिया हो जिसके बिना वो रह नही सकता था! भले ही 3 महीने जियान, सोवी के साथ रहा लेकिन इन 3 महीनो में उसने अपने पूरे जीवन का सुख प्राप्त कर लिया था , जियान बस सोवी के चेहरे को देखे जा रहा था !ये वो आख़िरी पल थे जिसे जियान अपनी आंखो में भर लेना चाहता था । सभी अपने राजकुमार के लिए दुख था लेकिन जियान की पीड़ा को कौन समझने वाला था ? शायद कोई नही! क्युकी हमे दुनियां में हमसफर के रूप में एक ही ऐसा इंसान मिलता है जिसकी कमी दुनियां की कोई दूसरी चीज पूरी नहीं कर सकतीं हैं और न कोई दूसरा इंसान! फिर भले वो इंसान मिले न मिले लेकिन उसके लिए दिल में जो पाक जगह रहती है वो हमेशा बरकरार रहती है! वक्त हमे कहा ले जाता है ये तो कोई नहीं जान पाया है लेकिन वक्त के साथ जो अहसास हमे मिलते जाते है वो जीवन भर हमारे साथ रहते है! और इन्ही यादों के सहारे हमे अपने ज़िंदगी गुजारनी पड़ती हैं!

जियान के आंखो में पीड़ा थी और आसू के साथ साथ पछतावा भी था ! पछतावा इसलिए था कि क्यों नहीं वो पल वो जी पाया सही से !जब सोवी उसके साथ था ! उसने हमेशा सोवी का दिल दुखाया था लेकिन वो हमेशा कल पर सब छोड़ देता था! काश वो उस ज़िंदगी को खुल कर जी लेता! भविष्य किसी ने नहीं देखा है लेकिन जो हमारे पास होता है वो है हमारा आज! इसी आज को ही सत्य मान कर हमे ज़िंदगी के हर पहलुओं को समझना चाहिए! जियान सोवी की विरह में तड़प रहा था जबकि उसे अभी तक ये भी नही मालूम था कि वो ही सोवी का सोलमेट है और उन दोनो के बीच जो भी था वो और कुछ नहीं बल्कि प्यार था!

शिन जुई भी अपने मास्टर को खोने के दुख में थी उसे याद आ रहा था कि कैसे बचपन में सोवी उसे युद्ध कला सिखाता था आज उसकी आंखो में अपने मास्टर के लिए आसू थे !

और सोवी कई राज को अपने अंदर छिपाए उस दुनियां में जा चुका था जहां से बस यादें ही रह जाती है! और अपने पीछे वो बहुत से ऐसे लोगो को छोड़ गया था जो उसके बिना कुछ नही था, !

पूरा स्वान कबीले रो रहा था किसी को कुछ सुध नहीं था और जियान बस सोवी के पास पत्थर की तरह बैठा रहा!

आज कि रात सभी के लिए इतनी दर्दनाक थी जिसकी टीस ज़िंदगी भर रहने वाली थी और ये रात इतनी लंबी और डरावनी थी कि सभी का दिल दहल रहा था ! पूरी रात जियान सोवी के पार्थिव शरीर के पास बैठा रहा वो बहुत टूट चुका था और बाकी सभी लोग भी सोवी के लिए द्रवित थे! सभी को अभी तक यही लग रहा था कि सोवी स्वान कबीले की प्राचीन पुस्तक वापस लाते समय अधिक चोटिल हो गया था इसलिए वो ज्यादा दिन नहीं रह सका लेकिन वास्तविकता तो ये थी कि सोवी अपनी स्पिरिट देने के कारण इस दुनिया में नही है ,और ये बात वहा मौजूद सिर्फ शिन जुई और बूढ़ी मां को पता था !उनको भी सोवी ने वचन दे रखा था कि वो कभी जियान को न बताए कि उसने अपनी स्पिरिट जियान को दी!

सुबह तक सोवी के अंतिम दफन कि विधि विधान को पूरा करने की तैयारी की जाने लगी! जियान के चाचा, जिनको वो पिता बोलता था वो भी आ चुके थे। पूरा स्वान कबीला और अन्य कबीले के लोग सोवी के आख़िरी बार देखने आ रहे थे और सब सोवी के लिए तड़प रहे थे , जियान अभी भी वही पर पत्थर की तरह बैठ कर सोवी को देख रहा था!

पीड़ा, तड़प, यादों के सिवा उसके पास कुछ नहीं बचा था!

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