Chereads / My Poem's & Shayris (Hindi) Vol 1 / Chapter 37 - Shairy No 37

Chapter 37 - Shairy No 37

अर्ज़ कुछ यूँ किया हैं जरा गौर फरमाइयेगा

दुनिया के चमक धमक में तुम यूँ ही खो गई

दुनिया के चमक धमक में तुम यूँ ही खो गई

यह भी ना देखा मेरा दिल हैं खिलौना नहीं

तुम तो खुश होगी अपनी उस दुनिया में

टूटे हुए दिल लेकर रोता हुआ रह गया मैं